महाराज जवाहर सिंह ने अटूट वीरता का प्रदर्शन किया, और जयपुर ने भी वीरता से सामना किया । इस युद्ध में दोनों ही राजाओं ने अपना कुछ कुछ हिस्सा खोकर एक अलग से अलवर राज्य की स्थापना करवा दी ।
@@gyandarpan अब तो ऐसा नहीं हैं, रणोही की बात बचपन से सुनी थी मम्मी से।, चिंचडोली में एक लक्ष्मण जी की डूंगरी हैं , जहां तलहटी पर एक विशाल पत्थर हैं, जिस पर घोड़े के टांप का निशान हैं, किंतु यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण में संभव नहीं हैं कि, एक घोड़े के tanp से पत्थर पर निशान बन जाएं।
मैंने भी मंडोली में ग्राम पंचायत चुनाव करवाए। मंडोली में एक यादव बीएलओ जी हैं उनकी पत्नी सरपंच बनी थी। उसी वर्ष मंडोली को गोड़ावास ग्राम पंचायत से अलग किया गया था। हम दो दिन रुके थे एक बार मावंडा भी गया था एक मित्र की शादी में।
जिस जगह युद्ध हुआ वहां पर कोई पहाड़ी दर्रा नहीं है।दूले राव जी की तीन पिढिया इस युद्धमें एक साथ बलिदान हुई थी। जिनकी छतरी बनी हुई है। तवर सरदारों ने भी इस युद्ध में जयपुर का साथ दिया था।
@@drharisharan5018 डॉक्टरसाहब दो पहाड़ियों के बीच में जो शंकड़ा रास्ता होता है उसको दर्रा कहते हैं। मैं इस युद्ध स्थल के पास का ही रहने वाला हूं मांवडाखुर्द 1 कि मी दक्षिण में खुले मैदान में युद्ध लड़ा गया था। धूला राव जी के तीन पीढ़ी शहीदों की छतरी बनी हुई है।
राजपूत एक बहादुर जाती हे... लेकीन वो कभी एक होकर लढे नहीं...ओर नाही उनमे भविष्य की दूरदृष्टी थी...वो अकेले अकेले लढते थे ... अगर सारे राजपूत राजा एक होकर लढते तो देश की परिस्थिती कूच्छ ओर होती... फिर भी राजपूत जाती का देश में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा हे...
तो फिर 712 में महमुद क़ासिम के हमले से लेकर 1192 में पर्थविराज चौहान के हारने तक 480 साल तक राजपुत एक तरफ़ा जीत रहे थे जो आज तक भारत में किसी जाती ने इतने लंबे समय तक नहीं कर पायी है पढ़ाई कर लो पहले
@@lokendrarathore5694 मोहमद घोरी.. महमद गझनी... लूट लूट कर चले गये...तब उन्हे जाने क्यू दिया...कोई एक राजा ही विरोध करता था.. बाकी के राजा सिर्फ दूर से देखतें थे...यही हाल राजपूत राजा वो का था...अगर महाराणा प्रतापसिंह मुघल के खिलाफ लढते थे तो बाकी राजपूत राजा शांत रहते थे...राजपूत राजा अकेले क्यू लढते थे... ये मेरा मुल प्रश्न था... मेरा माणना ये हे की सारे राजपूत बहादुर थे लेकीन एक क्यू नहीं हूये... आकेले आकेले क्यू लढे...
Abdali kaha Jaipur aaya tha Who toh Haryana West up mai aaya tha Uska muqabla wha ke logo ko kar a chahiye tha Jab Alauddin ne Jaisalmer Chittorgarh Barmer Jalore par hamla kiya tha tab kaha they yeh West up Haryana waale
सारे राजपूत राजाओं ने जवाहर सिंह पर हमला किया था कारण था जवाहर सिंह ने माता किशोरी को सोने से तोला कोई राजपूत अपनी माँ को सोने से नहीं तोल सका ये जलन थीं आप गलत खबर दे रहे हों
Bharatpur rajya ki neem Rakhi thi Churaman jaat ne jinhone Mughals ko harakar Delhi darbar ko aatankit kar diya tha aur raja jaisingh ko bhi hara diya tha jiske baad Jaisingh ne jaaton me phoot daal di aur Churaman ke bhatije Badan Singh ki madat se Churaman ko hara diya
हाँ ! सही कहा आपने ! पर बदन सिंह जी की मदद से चुडामन जी को नहीं, उनके पुत्र को हराकर बदनसिंह जी को राजा बनाया गया था | चुडामन जी से पहले भी गोकुला और राजाराम जैसे कई जाट योद्धा हुए हैं |
Which chittaurgarh fort door does allahudin take, chittaurgarh fort has 1000s door, any refrence Or just low life fantasy to do hollow chest thumping...
राजस्थान का मतलब ही राजाओं का स्थान अगर राजपूत एक होकर लड़ते तो आज भारत का नक्शा ही कुछ और होता लेकिन छोटी छोटी गलतियों ने सबकुछ मिटा दिया फिर भी राजस्थान के राजाओं का स्वर्णिम इतिहास रहा है जो की हमें सही ओर पूरा नही पढ़ाया गया इनमे दयाभाव क्षमाभाव ज़्यादा था मुगलों में छल कपट क्रूरता ज़्यादा थी
Aap galat itihaas Bata rahe hain Bharatpur ka Bharatpur ke Raja apni Mata Ji ko lekar Pushkar snan ke liye ja rahe the tabhi sare Rajput rajaon ne unke upar hamla kar Diya aur Jaat Raja apni Bahadur se lade aur unko Hara kar wapas Apne erajya mein aaya aur Pushkar mein Jaat gaat banaya Gaya aur Jaipur ke Raja to shuru se hi mugalon ke sath the
Khandelwal Vaisya Pariwaar ke bhi bahut log iss Yudh mein kaam aaye the. Iss Yudh ke baad Jaipur ke Kai rasto ka naamakarn unke gotra ke naam se jana jata hein
यह युद्ध जयपुर और माधौसिंह के लिए बहुत हानि कर सिद्ध हुआ था माधौसिंह घबरा कर मर गया था और ढूॅंढार के टुकड़े हो गए और ढूंढार शेखावाटी के अधिकांश सामंत युद्ध भूमि में मर गए थे
माधोसिंह बीमार थे, बीमारी से मरे, घबराकर नहीं | हाँ दोनों पक्षों की जनहानि बहुत हुई, जयपुर के बहुत से सामंत मारे गए यह बात सही है| ढूॅंढार के कोई टुकड़े नहीं हुए,
हर इतिहासकार का अपना नजरिया होता है उसी अनुरूप वह वर्णन करता है | पर घटना सही होती है | इस युद्ध में राजपूत इतिहासकार अपने वालों के गीत गायेंगे और जाट अपने वालों की वीरता के गायेंगे | पर यह सच है कि युद्ध हुआ था, और दोनों पक्षों को भारी जनहानि झेलनी पड़ी, जवाहर सिंह जी को मैदान छोड़ना पड़ा. बाकी कोई किसी के भी वीरता के गीत गाये क्या फर्क पड़ता है |
@@gyandarpan बाबा क्यों झूठ फैला रहे हो आप कभी एक समाज की प्रशंसा करने से हि नही धापते बकी इतिहास कारो को निष्पक्ष होना चाहिए पर आप मे कोई निष्पक्षता नही है। ओर याद रखना महाराजा सुरजमालजी ने जयपुर को बगरू के युद्ध मे जीत दिलाई थी वो तो आप भूल गये ओर सामंत की बात कर रहे हो उन राजाओं से जिसने मुगलो ओर अंग्रेजो तक को नही घुसने दिया आपने किले मे ओर ओर वीर गोकुला जाट के वंसज है भरतपुर वाले ओर आप अपनी जलन बरकरार रखो बाबाजी
जाटों की फौज जयपुर इलाके से गुजर गई ये बर्दाश्त नहीं हुआ और अहमद शाह अबदाली आसपास के इलाके को लूट गया, मंदिरों को तोड़ गया इसे चुपचाप देखते रहे जयपुर वाले, यही इतिहास है हमारा
@@gyandarpanमहाराजा भारतेंद्र जवाहर सिंह जी ने अहमदशाह अब्दाली से भी बल्लभगढ़ और चोमुहा में जमकर लोहा लिया था। पठानों से चारों तरफ से घिर जाने पर भी घनघोर युद्ध किया देश,धर्म की रक्षा के लिए।
@@suhga3300 आक्रमण तो शिवाजी ने भी नहीं किया था लेकिन मिर्जा राजा जयसिंह ने उन्हें संधी के लिए मजबूर किया और आगरा लेकर आये। आक्रमण तो इन जाटों ने भी नहीं किया था जिनसे मांवड़ा मंडोली का युद्ध लड़ा
Is bandey ka main maksad sirf apni jaati ga gungaan karna or dusro ko sirf lootera batana tha tatti aa jaati thi tumharey bahut sey Raja --o o ko jab (Jawar singh) yeh bol deta tha ki mujsey lad lo.Ab sirf yeh apno ko Mahaan batayega or is duniya main sab bekaar thay.👎👎👎👎
Acchi comedy krta h tu 😂 Madho Singh ka naam sun kr bharatpur wale rajayi me chipte the or baat krte ho ladne ki 😂 17th century se pahle kyu nhi lade?? Marathon ne jab Mughals ko kamjor kiya or fir angrezo se kamjor huyi delhi ko lootna bahaduri nhi hoti Talwar to looters bhi leke chalte h iska matlab vo rulers ho gye?
पहली जंग में राजपूतों ने गांव जीत लिए थे पर सैनिक उनके ही ज्यादा मारे गए थे। दूसरी जंग में भरतपुर का सेनापति मारा गया , जिस पर जवाहर सिंह ने मालवा (पंजाब) से सिख जाट भाई बुला लिए जिसे सुनकर माधो सिंह ने समझौता कर लिया व 3 दिन तक दस्त लगने के साथ ही गुजर गाया।
@@ApSingh08 भरतपुर और जयपुर के बिच संबंधों के सबसे पुराना व विश्लेषित तीन ही तथ्य है पहला जयपुर का इतिहास, दुसरा जादुनाथ सरकार द्धारा लिखित इतिहास और तीसरा बगरू की वो टोपे जो सेखावटी में है
Pl read read historical accounts of this battle. Jats were defeated in the most convincing manner in this battle. Jawahar who was a Chakar and Farmer had doubts that he can callenge and defeat the mighty Kacchawa Rajputs. All his doubts were cleared and he ran from the battle like a whimpering dog.
Pehli baat Jaipur waalon jo thode bhut relation the vo Badan Singh ji ke the. Maharaja Surajmal ji ke bagdu ki ladaai ke baad sare relation khatam ho gye. Dusri baat Is per mene video banaaya to tumhari kirkiri ho jaayegi. Kiyuki tum log un kitabon ko as a source use kerte ho jinke lekhak mostly rajput hote hai. Koi contemporary sources use hi nahi kerte ho. Baaki jaipur waalon ne to Jaton ki aapsi foont ka laabh liya tha. Jab tak badan singh ji Churaman ji aur mokham Singh ji ke khilaaf nahi hue the tab tak Jaipur haartaa hi raha tha aur is baat ke mere paas contemporary sources hai jinke lekhak na to Jat hai na rajput. 🤣🤣🤣
Young man read Jadunath Sarkar and the accounts of Madek, who was a European military officer hired by Jawahar and their description of the battle of Mandoli and thereafter the battle of Kama. You will realize that Jats and theirs hired mercenaries were deafeated by Jaipur forces in both battles so badly that all fled from battle and his Jat commander Dan Shan was badly wounded and fled from battle. Jawahar then never came out of Bharatpur and used to send Nazrana to Maharaja Amer twice a year. Don't get too exited and do not do the hilarious mistake of comparing with the Rajput clan which has been ruling and protecting Bharat for last 3000 yrs. Jats were farmers and will remain so. Jats were never warriors or rulers. British accounts describe Jats and Gujjars as dacoits and thugs. Merely taking up a sword does not make you a warrior. Even dacoits wielded swords but that did not make them warriors. When you are a ruler and responsible for your land and subjects and take the Sword to protect Dharma, women honour, cow and brahmin- then you are called a RAJPUT. WAKE UP FROM YOUR DREAMS
@@hamirsinghrathore6796point is that , keep aside 3000 years , there wasn't a single term as rajput even in 10 th century, and secondly those who could not protect their own women from others can't protect other fellows , and just calling themselves kshatri multiple times a day doesn't make you so , Jats are an ethnic group which migrated into India Subcontinent and hence like other tribes we sustained ourselves through farming and attacking , capturing fellow regions . That's why you'll see Jat Areas in fertile plains not in some arid desert , secondly you people were never rulers , establishing relationships with most powerful sovereign in the area by giving away your women and daughters to them doesn't make you ruler, you were a mere middleman and that too in arid and semi arid deserts of Thar ,and as far as Jats are concerned.... we physically uprooted Mughals through military power and established our Riyasatts in heartland of foreign invaders, read about Ballabhgarh, about Jind State about Patiala, Nabha , About Lahore you'll find who are real warriors. Our history isn't based on some fantasy stories which were written in 15-16 th centuries and have no evidencial basis . We don't correlate ourselves to some fantasy lunar clan , solar clan , fire clan , snake clan , nevla clan and what not..😂...
@@SangwanJat young man you can be happy with your Jatland fiction. Wish jats were as responsive when the invaders came. Tab to koi Jat ladne nahi aaya. When there was time to defend your motherland you were nowhere to be seen. Today when there is peace Jats have suddenly developed voice. Rajput resistance for our motherland starts as early as the Greek invasion, not some Sikh resistance which started just 400 yrs back. Pl read Arab invasion under the Ummaid chaliphate in the 6th century. If it was not for Rajput confederacy and it's battles for 350 years under Bappa Rawal, including Chalukya and Pratihar rajputs, India like Iran, Iraq, Afghanistan, North Africa etc would have been converted to Islam and you would have been called Mohammed Sangwan. So boy the least the Jats and Indian people can do is be grateful to Rajputs that beacause of them they are still Hindus and are able to enjoy the fertile land as you mentioned.
😂 khud ki juthi khaniya 😂 ek raja golo k ilake s nikl gya jo pushkar snan krne gye the yudh ki tyari krke nhi or golo n tbhi s tyari krni suru krdi or vapis m sare golo n ektha hokr jat sena pr hamla kiya fir bi apne sare jagirdar mrwa lie apne hi ilake m socho agr btakar samne s ladte to kya hota 😂 jat mar mar k bhus bhr dete golo ka fr bi jat sena sahi slamat apne rajy m vapis aa gyi or gole sab mare gye khud jaipur ka raja mar gya
@@gyandarpan राजपुत भी कोई जाती मतलब नसल नहीं है.... ये तो हुणो ने जब भारत पर आक्रमण किया तब देश में अव्यवस्था फ़ेल गयी तब 13वी सदी में माउंट आबू में यग्य किया था जिसमे हुणो के साथ साथ भारत की दूसरी शासक जातियो को राजपुत शब्द दिया.... इनमे ज्यादातर हुण हे... बाकी भारत की सारी जातिया राम राम बोलती है ओर ये लोग जय माता की बोलते हैं.... भारत की प्राचीन आर्या जाती ज्यादातर शाकाहारी थी जबकी ये मान्शाहारी हे..... आर्यो का मुख्य व्यवसाय खेती पशुपालन था ओर ये मान्स ओर दारु में लिन थे... .. इनके वेवाहिक रिश्ते विदेशी लोगों से ही हुये हमेशा... ...
राजपुतो की जितनी भी गोत्र है वो अधिकत्र दूसरी जातियो से मिलते हैं.... जयपुर का पुराना नाम ढुढाड था ओर वहा मिणाओ का राज था... अजमेर को मेरवाडा कहते ओर वहा मेर जाती (रावत) का शासन था..... बीकानेर का नाम जान्गल प्रदेश था ओर वहा गोदारा ओर सारण जाटो का राज था... .. मेवाड में भीलो का राज हुआ करता था तो.... अचानक राजा के पुत्र आये कहा से बीना कीसी राज के...... ये सब हुण जाती के ही लोग हे ज्यादातर ओर कुछ भारत की प्राचीन आर्या जाती जेसे जाट गुजर अहिर बाकी आदिवासी जनजाति के लोगों को मिलाकर राजपुत नाम दिया गया..... इनकी गोत्र भी अलग अलग जातियो से भी मिलती है जबकी इनका कोई निश्चित भोगोलिक सेत्र भी नहीं भारत में.... जाट सेत्र हरियाणा पंजाब उतरी राजस्थान पश्चिम up है... मीणाओ का जयपुर दोसा का सेत्र हे... गुजरो का सवाई माधोपुर mp ओर up मे हे..... अजमेर मे मेर जाती के लोग हे.... मेवाड में भील जाती ज्यादातर हे ओर इन सब जातियो के अपने राजघराण होते थे..........
Bahut acha kiya muglu se tou lad n sake or aps m hi ladne lage Kass sabi n maratu ka saath diya hota tou aaj des m muslim hi n hote. Kaise vidmna h muglu Ko tou karr de diya karte the or unki tarf se youdh bi Kiya karte the .Kass maratu ka saath diya hota tou ajj des m hindu hi hote or sambvat angrej bi n hote. Jai hindu.
Bhai to bahot saalo tak lde lekin aap sab kaha the or dusri baat Marathas ne Rajasthan ki janta ko bahot loota or pindari bhi loot te or fasal jala dete the isiliye angrezo se sandhi ki thi
@@gyandarpan 1. प्रथ्वीराज चौहान का कातिल मारा जाटा ने (वो रामलाल खोखर जाट था जिसे मोहम्मद गोरी ठोका था) 2. वो राजाराम जाट था जो तुम्हारे जीजा अकबर ओर जहांगीर की कब्र खोदी और उस मे आग लगा दी थी। तभी तो जाटों को देवता और तुम लोगों को गोला कह्ते है। यह याद रखो जाटों से भिड़ोगे तो मुँह की खाओगे। अपना इतिहास बड़ा बताने के लिए दूसरों को नीचा दिखाना छोड़ दो अपनी लाइन बड़ी करो। जाटों का नाम लेने से पहले सोच लिया करो की कहीं कोई गलत तो नहीं बोल दिया। हमे पता है तुम्हारे इतिहास के बारे में 😂 अगर नहीं सुधरे तो फिर हमे कुछ करना पड़ेगा।
@@gyandarpan तुम कभी जाटों को अपना बाप बनाते हो 😂 कभी सूरजमल जाट को बाप बनाते हो की महाराज सूरजमल राजपूत था कभी रामलाल खोखर जाट को बाप बनाते हो 😂 । अबकी बार तो fast indian ufc पूजा तोमर जो जाट है बिजनौर की उसके बाप को अपना बाप बना लिया 😂।
@@gyandarpan अब नया बाप है अनिरुद्ध भरतपुर 😂 जो अपने आप को राजपूत कहता है और राजपूतों ने उसे अपना बाप बना लिया है 😂 पर मुर्ख यह नहीं समझते अनिरुद्ध भरतपुर राजपूत बनने से जाटों को कोई दिक्कत नहीं 😂 दिक्कत तो राजपूतो को होनी चाहिए कि उन्हें नए बाप मिल गए अनिरुद्ध भरतपुर जो रहेगा तो जाट ही तुम लोग और अनिरुद्ध भरतपुर खुद कह रहा हैं तो भी वो जाट है 😂
@@jagrammoond9319 यह इतिहासकार नहीं है मुग़लपुत है इतिहासकार कभी एक तरफ की कहानी नहीं बताता जहां गलत है वो गलत कहता और लिखता है इतिहासकार की कोई जाति नहीं होती ।
मुग़ल पुतो को दुसरे के अडचले डालने में ही मजा आता है.... अनिरुद जाट का बेटा हे लेकिन राजपुतनी से उट्पन हुआ जिससे वो भुल गया मात्र पक्ष से नहीं बल्कि पित्र पक्ष से वंश होता है.... अनिरुद के बाप से पुच की वो कोन हे..........
@@GurpreetChahal-ib7yn tum log ek baat pr tike rho please.... itne dogle kaise ho skte h koi ki khud hi palti marte rhte h 😂 Kbhi bolte ho ki rajput 7th century me aaye to kbhi 12 th century me bolte ho kbhi Mahabharata period me kahte ho to bolte ho videshi h....fix kr lo yrr please 🙏
Lagta hai app aone baap ko mama bolte hai jaat gujjar ahir rajputo ke das the jo caha kam karte the or sari jati ise nikli jese surjmal ke purvaj karuli ke thakur the 😅 yeh baat batana kese bhul gaye
@@tusharsinghtomar4952आ भरतपुर में जवाहर बुर्ज पर पूरी वंशावली का उल्लेख है टॉर्च लगाकर देखना तू बताना फिर किस करौली के राजा का नाम अंकित है। छोटी सी रियासत करौली जिसने कभी करौली से बाहर निकलकर कोई युद्ध नहीं लड़ा राज्य का विस्तार नहीं किया,बयाना किला हारने के बाद कभी दोबारा उसे ले नहीं पाए उनसे दिल्ली तक को जीतने वाले बृज के शूरमाओं की तुलना तुम्हारी ओछी मानसिकता को दर्शाती है।
@@tusharsinghtomar4952 tum jodhaba kei batije ho isliye apne dada ko mama bol rahe ho .tumhara koi charitra nahi sirf satta chahiye ,beti dekar satta lete ho. Tumhari vajah se hindu kamjor huye kyonki dusre hinduo ko tum neecha dekhate ho aur khud neech ho
@@tusharsinghtomar4952राजपुतानिओ द्वारा पैसे के बदले में जिस्मपरोसी:- (1) 1841 में प्रकाशित the sessional papers printed by Order of the house of Lords के volume 15 में यह सिद्ध किया गया है की राजपूत औरतें prostitute का काम करती थी अर्थात पैसे के बदले अपना जिस्म नीलाम करती थी। (2) 1989 में sk Ghosh द्वारा प्रकाशित किताब में उन्होंने 1982 में कलकत्ता से 10,000 वैश्याओं का जिक्र किया है जो आगरा के एक गांव की राजपुतानिया थी। (3) सदर दीवानी अदालत के द्वारा प्रकाशित "report of cases heard and determined" में यह वर्णित है की एक राजपूत पिता ने 12 रूपियों के लिए अपनी बेटी वैश्यावृति हेतु बेच दी थी। (4) "Rusticus,loquitor or,the old light and the new in the Punjab Village" नाम से प्रकाशित एक लेख में हमीरपुर के एक सामान्य नागरिक ने बताया की वहां के राजपूत अपनी बेटियों को 500 रुपए में बेच देते थे।
@@JitendraSingh-rb1yt datt jaa bhai.... chaudhary title kaise mila h btana thoda?? Angrezo ki rakhaile tumhari wali hi thi isiliye tumhe marshal caste ki list me angrezo me rkha or jameen de Mahfil me tumhari wali hi nachti h or Delhi me salwar tumhari waliyo ke hi utre h or aaj tak utar hi rhe h.... salwar kameez to Muslims ki den h jo tumhara culture ban gya to soch lo ki Mughals hrm me kitni jaatniya rhi hogi 🤣 Or Brijbhushan singh to aaj tak parampra ko chalate aa rhe h
To mahashay aap ko doosre channels par apna time Dena chahiye, Ye video to sirf gyanvardhak hi malum hota hai, ki veerta apna parichay baato or khayalo me nahi, ..ranbhoomi me deti hai.
इसमें जाट राजपूत कहाँ से आ गए। वीडियो में बताया भी गया है कि संयोग से राजा जाट राजपूत थे। ये इतिहास की एक घटना है और उसे उसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।
Legacy hona achi baat hai,but ab samay democracy or capitalism ka hai,mahol bahut compititive hai..ranbhoomiya badal gaye hai..or appko bat galat lagi too sorry
Ha 7,50pr suno kayero ne kaise dhoke se phado ke bich me jato pr hamla kiya jab jat sena lambhi ktharo me line me phado se gujjar rhi thi kyuki amne samne himmat nhi huyi thi unki jwahermal k samne ane ki 😂
@@devendrasinghrajawat8531 वो मिक्स bread है यहि तो जाट कह रहे हैं 😂 राजपूत भोले हैं उसे सिर पर चढ़ा रहे हैं और अपनी बेटी जाटों को दे रहे हैं 😂 जो अपने बाप का नहीं हुआ, जो जाटों का नहीं हुआ वो राजपूतों का कैसे होगा 🤔 करनी सेना उसे support कर रहीं हैं जाटों को नीचा दिखाने के लिए और जाट मौजमस्ती में है कि अनिरुद्ध भरतपुर को राजपूत बनने दे 😂 काग़ज़ों में और इतिहास में अनिरुद्ध भरतपुर को जाट ही कहेगे 😂 बेचारे राजपूत 😂
महाराज जवाहर सिंह ने अटूट वीरता का प्रदर्शन किया, और जयपुर ने भी वीरता से सामना किया । इस युद्ध में दोनों ही राजाओं ने अपना कुछ कुछ हिस्सा खोकर एक अलग से अलवर राज्य की स्थापना करवा दी ।
Yes
इस युद्ध में भरतपुर की तोपें छीन ली थी जो कि आज भी सुलताना के गढ़ में पड़ी है।
मेरा गांव चिंचड़ोली मावंडा से 12 km दूर हैं। मेरे गांव में मान्यता हैं कि, रात को गांव के आस पास रणोही जगने जैसी आवाजे आती हैं।
जिस दिन युद्ध हुआ था। उसी दिन रणोही जागती थी। क्या अब भी लोग आवाज़ सुनने की बात करते हैं।
एक दिन यहाँ आना भी है।
@@gyandarpan अब तो ऐसा नहीं हैं, रणोही की बात बचपन से सुनी थी मम्मी से।, चिंचडोली में एक लक्ष्मण जी की डूंगरी हैं , जहां तलहटी पर एक विशाल पत्थर हैं, जिस पर घोड़े के टांप का निशान हैं, किंतु यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण में संभव नहीं हैं कि, एक घोड़े के tanp से पत्थर पर निशान बन जाएं।
मैंने भी मंडोली में ग्राम पंचायत चुनाव करवाए। मंडोली में एक यादव बीएलओ जी हैं उनकी पत्नी सरपंच बनी थी। उसी वर्ष मंडोली को गोड़ावास ग्राम पंचायत से अलग किया गया था। हम दो दिन रुके थे एक बार मावंडा भी गया था एक मित्र की शादी में।
Ranohi kya ho ti h bhai
जिस जगह युद्ध हुआ वहां पर कोई पहाड़ी दर्रा नहीं है।दूले राव जी की तीन पिढिया इस युद्धमें एक साथ बलिदान हुई थी। जिनकी छतरी बनी हुई है। तवर सरदारों ने भी इस युद्ध में जयपुर का साथ दिया था।
दर्रा कहां है सबको पता है ❓
@@drharisharan5018 डॉक्टरसाहब दो पहाड़ियों के बीच में जो शंकड़ा रास्ता होता है उसको दर्रा कहते हैं। मैं इस युद्ध स्थल के पास का ही रहने वाला हूं मांवडाखुर्द 1 कि मी दक्षिण में खुले मैदान में युद्ध लड़ा गया था। धूला राव जी के तीन पीढ़ी शहीदों की छतरी बनी हुई है।
राजपूत एक बहादुर जाती हे... लेकीन वो कभी एक होकर लढे नहीं...ओर नाही उनमे भविष्य की दूरदृष्टी थी...वो अकेले अकेले लढते थे ... अगर सारे राजपूत राजा एक होकर लढते तो देश की परिस्थिती कूच्छ ओर होती... फिर भी राजपूत जाती का देश में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा हे...
तो फिर 712 में महमुद क़ासिम के हमले से लेकर 1192 में पर्थविराज चौहान के हारने तक 480 साल तक राजपुत एक तरफ़ा जीत रहे थे जो आज तक भारत में किसी जाती ने इतने लंबे समय तक नहीं कर पायी है पढ़ाई कर लो पहले
@@lokendrarathore5694 मोहमद घोरी.. महमद गझनी... लूट लूट कर चले गये...तब उन्हे जाने क्यू दिया...कोई एक राजा ही विरोध करता था.. बाकी के राजा सिर्फ दूर से देखतें थे...यही हाल राजपूत राजा वो का था...अगर महाराणा प्रतापसिंह मुघल के खिलाफ लढते थे तो बाकी राजपूत राजा शांत रहते थे...राजपूत राजा अकेले क्यू लढते थे... ये मेरा मुल प्रश्न था... मेरा माणना ये हे की सारे राजपूत बहादुर थे लेकीन एक क्यू नहीं हूये... आकेले आकेले क्यू लढे...
जोधा अक़बर 😂😂😂😂😂😂
@@tejpalsingh8650 mughal ardli shah quli cela ❤kukli jaatni
@@tejpalsingh8650 any source ?
जब अब्दाली लुट रहा था तब इनकी तलवारे नहीं निकली।
इनकी तलवारे अपनो पर ही चलती थी
Abdali kaha Jaipur aaya tha
Who toh Haryana West up mai aaya tha
Uska muqabla wha ke logo ko kar a chahiye tha
Jab Alauddin ne Jaisalmer Chittorgarh Barmer Jalore par hamla kiya tha tab kaha they yeh West up Haryana waale
गांवों में जो जोगी किस्से सुनाते हैं वो कहते हैं कि जवाहरसिंह से युद्ध करने के लिए राजा इक्कठे होकर एक साथ आए थे और दोनो तरफ काफी नुक्सान हुआ था
जयपुर के अधीन जो जागीरदार थे वे आये थे साथ में बूंदी और उदयपुर की सेना थी | जोधपुर के राठौड़ों की सेना जवाहर सिंह जी के पक्ष में लड़ने आई थी |
@@gyandarpanबूंदी और उदयपुर की फौज कहां पढ़ ली आपने? इस युद्ध में कछवाहों का साथ केवल तंवर राजपूतों ने दिया था। जाट फौज में सिख और फ्रांसीसी थे।
@@hansrajrathee06. ऐसा कुछ नहीं है। अकेले जयपुर की फौज ने रगड़ दिया था भरतपुर की फौज को
@@Yuvrai96bilkul
@@Yuvrai96जयपुर वाले मुगलों के साले
विषम परिस्थिति मे क्षत्रिय हमेशा सर्वश्रेष्ठ प्रदशन करते है
Great jat ❤warrior
Kamal hai tanwaron ke ilake me yudhh lada gaya aur unka koi jikar hi nhi kiya apne
और ये उदयपुर और बूंदी को कछवाहो की सहायता करने का श्रेय दे रहे हैं। जबकि कछवाहों की सहायता केवल तंवर राजपूतों ने की थी और जाट फौज को कूट डाला
एक वीडियो झूंझुनूं के शार्दूल सिंह शेखावत पर बना दीजिये
Bhut achi jankari ji
Uncle ji asli JAT blood hai . Itna bada koi nahi jisse dab jayein .
जवाहर सिंह, सेना लेकर नहीं गये थे,केवल 500 सैनिक साथ थे।
Good work
Sir bharatpur always be freedom not under the Jaipur
Har dasshare par najrana bhent karne aate the bharatpur ke rulers jaipur me.
लौड़ा भेजता था बदन सिंह अपना जयपुर को...तुम्हारे इतिहास में चमत्कार ओर फर्जीवाड़े के सिवा है ही क्या ?@@Sportsandfitness218
Is yudh me Shekhawat veero ne adbudh veerta dikhai or Jeet bhi hui
सारे राजपूत राजाओं ने जवाहर सिंह पर हमला किया था कारण था जवाहर सिंह ने माता किशोरी को सोने से तोला कोई राजपूत अपनी माँ को सोने से नहीं तोल सका ये जलन थीं आप गलत खबर दे रहे हों
Joker😂
गलत तरीके से पेश कर रहा है
100% sahi jaankari ❤
Jai Gopinath Ji ki sa
Pratap singh veer nhi gadar aadmi tha
इस युद्ध में राव राजपुताना भी सामिल हुए थे क्या रतन सिंह जी हुकूम ज़रा बताना
हमारे क्षेत्र में राव राजपूत नहीं है। हमारे राजाओं की पदवी राव थी। जैसे राव शेखाजी, राव शिवसिंह आदि आदि।
Ye yudh bada bhishan yudh tha veer bhumi shekhawati me ak se badkar ak yodha hue h❤❤❤
Bharatpur rajya ki neem Rakhi thi Churaman jaat ne jinhone Mughals ko harakar Delhi darbar ko aatankit kar diya tha aur raja jaisingh ko bhi hara diya tha jiske baad Jaisingh ne jaaton me phoot daal di aur Churaman ke bhatije Badan Singh ki madat se Churaman ko hara diya
हाँ ! सही कहा आपने ! पर बदन सिंह जी की मदद से चुडामन जी को नहीं, उनके पुत्र को हराकर बदनसिंह जी को राजा बनाया गया था | चुडामन जी से पहले भी गोकुला और राजाराम जैसे कई जाट योद्धा हुए हैं |
Bharatpur aur Jaipur ki rajdhani ka sambandh bataiye kya tha
Yah yuddh khule maidan hua tha dulha Rao ji daler Singh ki unke bete aur pote teenon ki chhatriyan use maidan main hai
.Chittorgarh ka darwaja jo alauddin dehli laya tha veh ab bharatpur state ke pass hain ❤
Which chittaurgarh fort door does allahudin take, chittaurgarh fort has 1000s door, any refrence Or just low life fantasy to do hollow chest thumping...
Haa bhai Bharatpur ke tof Aaj bhi Jaipur ke gad mai hai 😂😂😂😂😂
9:51
राजस्थान का मतलब ही राजाओं का स्थान अगर राजपूत एक होकर लड़ते तो आज भारत का नक्शा ही कुछ और होता लेकिन छोटी छोटी गलतियों ने सबकुछ मिटा दिया फिर भी राजस्थान के राजाओं का स्वर्णिम इतिहास रहा है जो की हमें सही ओर पूरा नही पढ़ाया गया इनमे दयाभाव क्षमाभाव ज़्यादा था मुगलों में छल कपट क्रूरता ज़्यादा थी
Aisa kuch nai
Saare ek hote fer bhi Mughal hara dete
Naa Bhai Mughal ke paas tof thi
Aap alwar side Sai ho kya ?
Hukum ek video ghatwa ke yudh ke bare me bnawo raw shekha vs god rajput 🥰
हमारे इसी चैनल पर बना है देखें
Ise yudh mai ..hamre purvaj sahid hue...jis ke karna Hume Hamra gaanv jagiri mai milla
सारे रजवाङिये एक तरफ हो गए थे।
Aap galat itihaas Bata rahe hain Bharatpur ka Bharatpur ke Raja apni Mata Ji ko lekar Pushkar snan ke liye ja rahe the tabhi sare Rajput rajaon ne unke upar hamla kar Diya aur Jaat Raja apni Bahadur se lade aur unko Hara kar wapas Apne erajya mein aaya aur Pushkar mein Jaat gaat banaya Gaya aur Jaipur ke Raja to shuru se hi mugalon ke sath the
Ye yudh anirnayak rha tha Jaipur wale Gaddar or gidad the maharaja jawahar singh sher tha.
Khandelwal Vaisya Pariwaar ke bhi bahut log iss Yudh mein kaam aaye the. Iss Yudh ke baad Jaipur ke Kai rasto ka naamakarn unke gotra ke naam se jana jata hein
हुकुम, एक वीडियो मांडन युद्ध पर भी बनाइए । लेखक _ सुरजन सिंह झाझड़
शायद बना है। हमारी वेबसाइट पर लेख तो लिखा है। जल्द वीडियो भी बना देंगे।
Har Har Mahadev Jay Siyaram 🙏🚩⚔️
❤
यह युद्ध जयपुर और माधौसिंह के लिए बहुत हानि कर सिद्ध हुआ था
माधौसिंह घबरा कर मर गया था और ढूॅंढार के टुकड़े हो गए और
ढूंढार शेखावाटी के अधिकांश सामंत युद्ध भूमि में मर गए थे
माधोसिंह बीमार थे, बीमारी से मरे, घबराकर नहीं | हाँ दोनों पक्षों की जनहानि बहुत हुई, जयपुर के बहुत से सामंत मारे गए यह बात सही है| ढूॅंढार के कोई टुकड़े नहीं हुए,
Bolney ki tamich rakh bhai
Shreemaan ji mandhan ka youdh par bhi serial banaya yashpal singh village mandhan
ज़रूर बनायेंगे। आप अपना नंबर भी लिखें ताकि कभी मांडन आए तो आपसे मिल लें।
Samru ne ek indian mahila se saadi ki thi...fir us mahila ne Cristian dram apna kar north india me sabse bda girjaghar bnaya tha ....
I am from Bihar. Shershah kai bare mai
Dula Rao ji daler Singh ki khud bete aur pote teenon ki chhatriyan Bani Hui hai Hanuman Sharma dwara likha nathawat o o ka itihaas
Jermony ka tha samru jaipur wala aaya tha.
सुल्ताना में दो तोप है
युद्ध में जयपुर हारा,तब समझोता किया
Tanwar Rajputo ka koi jikr nhi kiya Hukum aapne yeh toh ilaaka hi torawati tha
यदि उन्होंने भाग लिया था और इतिहास में नाम है तो आपको लेख में मिलेगा। लेख का लिंक डिस्क्रिप्शन में है।
@ProudAtheist-b3w1517 ke bad se lekar aaj tak PATAN ke raja tanwar/tomar hi hain..
इतिहास एक ऐसा विषय है जिसे कभी भी सच नहीं बताया जा सकता ना बढ़ायाजा सकता
हर इतिहासकार का अपना नजरिया होता है उसी अनुरूप वह वर्णन करता है | पर घटना सही होती है | इस युद्ध में राजपूत इतिहासकार अपने वालों के गीत गायेंगे और जाट अपने वालों की वीरता के गायेंगे | पर यह सच है कि युद्ध हुआ था, और दोनों पक्षों को भारी जनहानि झेलनी पड़ी, जवाहर सिंह जी को मैदान छोड़ना पड़ा. बाकी कोई किसी के भी वीरता के गीत गाये क्या फर्क पड़ता है |
@@gyandarpan बाबा क्यों झूठ फैला रहे हो आप कभी एक समाज की प्रशंसा करने से हि नही धापते बकी इतिहास कारो को निष्पक्ष होना चाहिए पर आप मे कोई निष्पक्षता नही है। ओर याद रखना महाराजा सुरजमालजी ने जयपुर को बगरू के युद्ध मे जीत दिलाई थी वो तो आप भूल गये ओर सामंत की बात कर रहे हो उन राजाओं से जिसने मुगलो ओर अंग्रेजो तक को नही घुसने दिया आपने किले मे ओर ओर वीर गोकुला जाट के वंसज है भरतपुर वाले ओर आप अपनी जलन बरकरार रखो बाबाजी
जाटों की फौज जयपुर इलाके से गुजर गई ये बर्दाश्त नहीं हुआ और अहमद शाह अबदाली आसपास के इलाके को लूट गया, मंदिरों को तोड़ गया इसे चुपचाप देखते रहे जयपुर वाले, यही इतिहास है हमारा
अब्दाली के साथ जयपुर वालों ने क्या किया वह भी इतिहास में पढ़ना, जरा।
@@gyandarpanमहाराजा भारतेंद्र जवाहर सिंह जी ने अहमदशाह अब्दाली से भी बल्लभगढ़ और चोमुहा में जमकर लोहा लिया था। पठानों से चारों तरफ से घिर जाने पर भी घनघोर युद्ध किया देश,धर्म की रक्षा के लिए।
@@gyandarpan कौनसी पुस्तक में पढ़ना है नाम बतायें कृपया
@@gyandarpan जयपुर का राजा ईश्वरी सिंह भाग आया था अब्दाली के डर से मानू पुर की जंग 1748 से
@@suhga3300 आक्रमण तो शिवाजी ने भी नहीं किया था लेकिन मिर्जा राजा जयसिंह ने उन्हें संधी के लिए मजबूर किया और आगरा लेकर आये। आक्रमण तो इन जाटों ने भी नहीं किया था जिनसे मांवड़ा मंडोली का युद्ध लड़ा
Javar singh kee atam kaha parda mahar
Is bandey ka main maksad sirf apni jaati ga gungaan karna or dusro ko sirf lootera batana tha tatti aa jaati thi tumharey bahut sey Raja --o o ko jab (Jawar singh) yeh bol deta tha ki mujsey lad lo.Ab sirf yeh apno ko Mahaan batayega or is duniya main sab bekaar thay.👎👎👎👎
Acchi comedy krta h tu 😂
Madho Singh ka naam sun kr bharatpur wale rajayi me chipte the or baat krte ho ladne ki 😂
17th century se pahle kyu nhi lade??
Marathon ne jab Mughals ko kamjor kiya or fir angrezo se kamjor huyi delhi ko lootna bahaduri nhi hoti
Talwar to looters bhi leke chalte h iska matlab vo rulers ho gye?
Or tumhe lootere hmne nhi btaya angrezo ne btaya h 😂
@@shambhusingh4568
Jee bat sahi kahi aapne.
Jab Mughal turk Afghan majbut they tab yeh log kahi nazar nahi aate they
Jermony ka tha.
Jai Jaat
पहली जंग में राजपूतों ने गांव जीत लिए थे पर सैनिक उनके ही ज्यादा मारे गए थे। दूसरी जंग में भरतपुर का सेनापति मारा गया , जिस पर जवाहर सिंह ने मालवा (पंजाब) से सिख जाट भाई बुला लिए जिसे सुनकर माधो सिंह ने समझौता कर लिया व 3 दिन तक दस्त लगने के साथ ही गुजर गाया।
बस कर 😅 झूठ की भी सीमा होती है
Jawahar Singh ki chattrii reh gayi thi Thakuro ke pass.. vapas lene mahi aye vo 🤣🤣
@@suhga3300no brother this is the Truth and it is written in contemporary sources,i have that sources
@@ApSingh08 भरतपुर और जयपुर के बिच संबंधों के सबसे पुराना व विश्लेषित तीन ही तथ्य है पहला जयपुर का इतिहास, दुसरा जादुनाथ सरकार द्धारा लिखित इतिहास और तीसरा बगरू की वो टोपे जो सेखावटी में है
Dast tu saaf karne gaya tha ya tere pariwar wale😂
One sided information given , please come out the ill mentality to project ...... research perfectly first before broadcast
जो चार किताबें पढ़कर बताया गया है। आपको निष्पक्ष ना लगे तो क्या किया जा सकता है।
Ye kitabein kahin jaipur durbar pothikhana ki toh nahi thi... Aadarniya, Sanskriti ko badhwa Dene ke ke naam par tathyaheen jaankari aur mahimamadan aapko Shobha nahi deta. Aapko kunwar Natwar singh ji ki kitaab se facts cross check karana chahiye.
Is yudh ka mein villain Rao Pratap Singh tha. Jo Bharatpur state ke tukdo par pal raha tha. Jisne apne sawarth ke liye jaipur state ka vinash jaato ke hatho sunishchit karwaha. Is yudh mein Bharatpur state ko sirf kuch maali nuksan hua,jabki jaipur state ko apne sardaro ke vanshajo ko khokar iski kimat chukani padi.
Aur Bharatpur state kabhi bhi jaipur state ke aadhin nahi thi. Bharatpur state ne sabhi title /upadhiyan Delhi durbar se leen, jabki jaipur durbar ko mileen sevayo ke liye. So Please correct your information.
On Sun, 1 Sept, 2024, 10:58 am RUclips, wrote:

🌟 @gyandarpan replied to shalley thene's comment
मांवडा मंडोली युद्ध 24 Dec 1767 | Battle of Maonda Mandoli | Maunda Mandholi War

@gyandarpan
जो चार किताबें पढ़कर बताया गया है। आपको निष्पक्ष ना लगे तो क्या किया जा सकता है।
Reply
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Ye gola itni kyu fek rha hai 😂
Pl read read historical accounts of this battle. Jats were defeated in the most convincing manner in this battle. Jawahar who was a Chakar and Farmer had doubts that he can callenge and defeat the mighty Kacchawa Rajputs. All his doubts were cleared and he ran from the battle like a whimpering dog.
@@hamirsinghrathore6796 चार किताबों में पढ़ा है। पर वीडियो में मोटा मोटी ही बताया है।
Pehli baat Jaipur waalon jo thode bhut relation the vo Badan Singh ji ke the. Maharaja Surajmal ji ke bagdu ki ladaai ke baad sare relation khatam ho gye. Dusri baat Is per mene video banaaya to tumhari kirkiri ho jaayegi. Kiyuki tum log un kitabon ko as a source use kerte ho jinke lekhak mostly rajput hote hai. Koi contemporary sources use hi nahi kerte ho. Baaki jaipur waalon ne to Jaton ki aapsi foont ka laabh liya tha. Jab tak badan singh ji Churaman ji aur mokham Singh ji ke khilaaf nahi hue the tab tak Jaipur haartaa hi raha tha aur is baat ke mere paas contemporary sources hai jinke lekhak na to Jat hai na rajput. 🤣🤣🤣
Young man read Jadunath Sarkar and the accounts of Madek, who was a European military officer hired by Jawahar and their description of the battle of Mandoli and thereafter the battle of Kama. You will realize that Jats and theirs hired mercenaries were deafeated by Jaipur forces in both battles so badly that all fled from battle and his Jat commander Dan Shan was badly wounded and fled from battle. Jawahar then never came out of Bharatpur and used to send Nazrana to Maharaja Amer twice a year.
Don't get too exited and do not do the hilarious mistake of comparing with the Rajput clan which has been ruling and protecting Bharat for last 3000 yrs. Jats were farmers and will remain so. Jats were never warriors or rulers. British accounts describe Jats and Gujjars as dacoits and thugs. Merely taking up a sword does not make you a warrior. Even dacoits wielded swords but that did not make them warriors.
When you are a ruler and responsible for your land and subjects and take the Sword to protect Dharma, women honour, cow and brahmin- then you are called a RAJPUT. WAKE UP FROM YOUR DREAMS
@@hamirsinghrathore6796point is that , keep aside 3000 years , there wasn't a single term as rajput even in 10 th century, and secondly those who could not protect their own women from others can't protect other fellows , and just calling themselves kshatri multiple times a day doesn't make you so , Jats are an ethnic group which migrated into India Subcontinent and hence like other tribes we sustained ourselves through farming and attacking , capturing fellow regions . That's why you'll see Jat Areas in fertile plains not in some arid desert , secondly you people were never rulers , establishing relationships with most powerful sovereign in the area by giving away your women and daughters to them doesn't make you ruler, you were a mere middleman and that too in arid and semi arid deserts of Thar ,and as far as Jats are concerned.... we physically uprooted Mughals through military power and established our Riyasatts in heartland of foreign invaders, read about Ballabhgarh, about Jind State about Patiala, Nabha , About Lahore you'll find who are real warriors.
Our history isn't based on some fantasy stories which were written in 15-16 th centuries and have no evidencial basis . We don't correlate ourselves to some fantasy lunar clan , solar clan , fire clan , snake clan , nevla clan and what not..😂...
@@SangwanJat young man you can be happy with your Jatland fiction. Wish jats were as responsive when the invaders came. Tab to koi Jat ladne nahi aaya. When there was time to defend your motherland you were nowhere to be seen. Today when there is peace Jats have suddenly developed voice. Rajput resistance for our motherland starts as early as the Greek invasion, not some Sikh resistance which started just 400 yrs back. Pl read Arab invasion under the Ummaid chaliphate in the 6th century. If it was not for Rajput confederacy and it's battles for 350 years under Bappa Rawal, including Chalukya and Pratihar rajputs, India like Iran, Iraq, Afghanistan, North Africa etc would have been converted to Islam and you would have been called Mohammed Sangwan. So boy the least the Jats and Indian people can do is be grateful to Rajputs that beacause of them they are still Hindus and are able to enjoy the fertile land as you mentioned.
Is yuddh mein kam aaye yoddhaon ki shtriyon ki Aaj durdasha hai aap apni samaj aur Sarkar donon ko ine chhatron ko kya sanrakshan karne ke liye kahana
स्थानीय लोगों से इनकी देखरेख का अनुरोध करेंगे।
Main jab bhi udhar se jata shtriyon ki jarur jata hun vahan jaane per ek ajab romance ki Anubhuti hoti hai
हम भी दो वर्ष से जाने की प्लानिंग कर रहे हैं। पर जा नहीं पाए अब जल्द जाएँगे।
Rajput sab ek ho gaye pr jaat kabhi ek nhi huye agar ek ho jaate to aaj itihas kuchh alag hota
Maonda mandholi yudh isthal koi pahdi darra nahi jabki maindaan hai
What is use of this history rajput themselves compromise person they do not try to fight.
राजपूतों की आपसी लड़ाईयों की वजह से मुगलों ने भारत पर 1000 साल राज किया
Khud kachhwaha hmeaha se gulam rhe h ...aur tm sinsinwar ko jinhone delhi jiti muglo ko haraya ...aur aap konsi history gaa rhe ho bhai ..
Murakh prani marathon ki jasii ulti kahaani mat padho jay hindu hindusatan
सोचो अगर माधोसिंह आमने सामने चुनौती देकर युद्ध करता तो क्या हाल करते भरतपुर वाले
@@KapilKaler 😂 उस समय की बात कर रहे हो आज तो तुम्हारी जाटों से फटती है
@@shubhamlata3815 फिर तुम्हारे जीजा अनिरुद्ध भरतपुर कैसे आते तुम्हारे जीजा महाराज विश्वेंद्र सिंह जाट कैसे आते 😂
Useless bebet to spoiling relationship between two.
Mere mana hi mankri mi
Jawahar Singh kebich surajmal khan se agya
No
😂 khud ki juthi khaniya 😂 ek raja golo k ilake s nikl gya jo pushkar snan krne gye the yudh ki tyari krke nhi or golo n tbhi s tyari krni suru krdi or vapis m sare golo n ektha hokr jat sena pr hamla kiya fir bi apne sare jagirdar mrwa lie apne hi ilake m socho agr btakar samne s ladte to kya hota 😂 jat mar mar k bhus bhr dete golo ka fr bi jat sena sahi slamat apne rajy m vapis aa gyi or gole sab mare gye khud jaipur ka raja mar gya
Khush ho gya 😂😂
Abe YHI sacchai hai maanle
@ muhchodi s kch nhi hota mitr
आपस में 😂😂😂😂
Skakvt to Lara he nahei
Kyon jhooth fela rhe ho
Rajput na to martho se lade. Or muglo k yaha nokri karte the ye jato se najrana le ge jo khud chhori de kar nokri karte h.
Partap singh ne gaddari ki
Aapas me hi mar gye rajput
Mahabharat me ek rishi prasuram ne 21 baar chatri ko dharti se samul nas kiya phir brahman k najayaj aulad hone k bad balwan hua
मूर्ख व्यक्ति किसी को भी एक बार ख़त्म करने के बाद दुबारा ख़त्म करने के लिए बचता भी क्या है ?
बाक़ी मनोहर कहानियाँ खूब लिखो तुम।
@@gyandarpan bhagwan krishan ko nh mante ho kya jay krishan
@@gyandarpan राजपुत भी कोई जाती मतलब नसल नहीं है.... ये तो हुणो ने जब भारत पर आक्रमण किया तब देश में अव्यवस्था फ़ेल गयी तब 13वी सदी में माउंट आबू में यग्य किया था जिसमे हुणो के साथ साथ भारत की दूसरी शासक जातियो को राजपुत शब्द दिया.... इनमे ज्यादातर हुण हे... बाकी भारत की सारी जातिया राम राम बोलती है ओर ये लोग जय माता की बोलते हैं....
भारत की प्राचीन आर्या जाती ज्यादातर शाकाहारी थी जबकी ये मान्शाहारी हे.....
आर्यो का मुख्य व्यवसाय खेती पशुपालन था ओर ये मान्स ओर दारु में लिन थे... ..
इनके वेवाहिक रिश्ते विदेशी लोगों से ही हुये हमेशा... ...
राजपुतो की जितनी भी गोत्र है वो अधिकत्र दूसरी जातियो से मिलते हैं.... जयपुर का पुराना नाम ढुढाड था ओर वहा मिणाओ का राज था... अजमेर को मेरवाडा कहते ओर वहा मेर जाती (रावत) का शासन था.....
बीकानेर का नाम जान्गल प्रदेश था ओर वहा गोदारा ओर सारण जाटो का राज था... ..
मेवाड में भीलो का राज हुआ करता था तो.... अचानक राजा के पुत्र आये कहा से बीना कीसी राज के...... ये सब हुण जाती के ही लोग हे ज्यादातर ओर कुछ भारत की प्राचीन आर्या जाती जेसे जाट गुजर अहिर बाकी आदिवासी जनजाति के लोगों को मिलाकर राजपुत नाम दिया गया..... इनकी गोत्र भी अलग अलग जातियो से भी मिलती है जबकी इनका कोई निश्चित भोगोलिक सेत्र भी नहीं भारत में.... जाट सेत्र हरियाणा पंजाब उतरी राजस्थान पश्चिम up है... मीणाओ का जयपुर दोसा का सेत्र हे... गुजरो का सवाई माधोपुर mp ओर up मे हे..... अजमेर मे मेर जाती के लोग हे.... मेवाड में भील जाती ज्यादातर हे ओर इन सब जातियो के अपने राजघराण होते थे..........
Puri sahi bat nahi bta rahe ho. Salvar ki dhar wale muglon ke naukar the .
और तुम उनके
Bahut acha kiya muglu se tou lad n sake or aps m hi ladne lage Kass sabi n maratu ka saath diya hota tou aaj des m muslim hi n hote. Kaise vidmna h muglu Ko tou karr de diya karte the or unki tarf se youdh bi Kiya karte the .Kass maratu ka saath diya hota tou ajj des m hindu hi hote or sambvat angrej bi n hote. Jai hindu.
Bhai to bahot saalo tak lde lekin aap sab kaha the or dusri baat Marathas ne Rajasthan ki janta ko bahot loota or pindari bhi loot te or fasal jala dete the isiliye angrezo se sandhi ki thi
हमे पता है मुगल काल में आप कितने महान थे 😂
अपने मिया मिठु 😅
तुम क्या रहे थे क्यों नहीं लड़े बाबर और अकबर से ?
@@gyandarpan 1. प्रथ्वीराज चौहान का कातिल मारा जाटा ने (वो रामलाल खोखर जाट था जिसे मोहम्मद गोरी ठोका था)
2. वो राजाराम जाट था जो तुम्हारे जीजा अकबर ओर जहांगीर की कब्र खोदी और उस मे आग लगा दी थी।
तभी तो जाटों को देवता
और तुम लोगों को गोला कह्ते है।
यह याद रखो जाटों से भिड़ोगे तो मुँह की खाओगे। अपना इतिहास बड़ा बताने के लिए दूसरों को नीचा दिखाना छोड़ दो अपनी लाइन बड़ी करो।
जाटों का नाम लेने से पहले सोच लिया करो की कहीं कोई गलत तो नहीं बोल दिया।
हमे पता है तुम्हारे इतिहास के बारे में 😂
अगर नहीं सुधरे तो फिर हमे कुछ करना पड़ेगा।
@@gyandarpan तुम कभी जाटों को अपना बाप बनाते हो 😂 कभी सूरजमल जाट को बाप बनाते हो की महाराज सूरजमल राजपूत था कभी रामलाल खोखर जाट को बाप बनाते हो 😂 ।
अबकी बार तो fast indian ufc पूजा तोमर जो जाट है बिजनौर की उसके बाप को अपना बाप बना लिया 😂।
@@gyandarpan अब नया बाप है अनिरुद्ध भरतपुर 😂 जो अपने आप को राजपूत कहता है और राजपूतों ने उसे अपना बाप बना लिया है 😂
पर मुर्ख यह नहीं समझते अनिरुद्ध भरतपुर राजपूत बनने से जाटों को कोई दिक्कत नहीं 😂 दिक्कत तो राजपूतो को होनी चाहिए कि उन्हें नए बाप मिल गए अनिरुद्ध भरतपुर जो रहेगा तो जाट ही तुम लोग और अनिरुद्ध भरतपुर खुद कह रहा हैं तो भी वो जाट है 😂
Right😂😂😂
Galat jankari mat bolo sir.Bharatpur jaipur ki jagir nahi thi. Juth bolne ki bhi koi sima hoti hai.Aap ki patarkari jatiwad se prabhavit hai
@@jagrammoond9319 यह इतिहासकार नहीं है मुग़लपुत है इतिहासकार कभी एक तरफ की कहानी नहीं बताता जहां गलत है वो गलत कहता और लिखता है इतिहासकार की कोई जाति नहीं होती ।
@@baagiking5400 मुगल हमारे पूत है अकबर राणा वीरशाल सोढा के महल अमरकोट में पैदा हुआ था। और तुम हमारे कपूतों की नाजायज औलाद हो।
@@baagiking5400ये बड़े इतिहासकार ह तुम जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हो उसकी एक ही सजा 50 कोड़े लाल हो जायेगी ज्यादा गलत बोला तो
Kabhi shyamghar bhi aao hkm
वहाँ कौन मिलेगा ?
@@gyandarpan shyamghar fort ke guard rahte h waha pr
Enke pass jhuti kahaniyon ke shiva kuchh nahi hai😂😂😂
Tu jhuthi kahaniyaan sunne yaha kyo aaya tere ko kisi ne pille chawal diye the
ये तुम्हारी जलन बोल रही है।
तुम्हे तो ये झूठी कहानी ही लगेंगी
क्योंकि तुमने तो कूच किया नही
Maonda aur mandholi yudh me tanwar rajputon ne jaipur ka sahyog kiya tha aur bharatpur ki sena ko bhaga bhaga ke mara tha
गलत इतिहास बता रहे हो जोधा अक़बर याद करो यही तुम्हारा इतिहास है
बीकानेर वाला नया हिस्ट्री 😂
Tum batado Sahi
इतिहासकार महोदय यह तो बता देते की अनिरुद्ध भरतपुर राजपूत है 😂
आप अनिरुद्ध से ही क्यों नहीं पूछते | आजकल तो जाति प्रमाण पत्र बनता है वो देख लीजिये |
बाकी हमारी नजर में वह गौरवशाली जाट विरासत का वारिस है |
हां सारे 30 लाख सिनसिनवार तुम्हारे जीजा हैं।
मुग़ल पुतो को दुसरे के अडचले डालने में ही मजा आता है.... अनिरुद जाट का बेटा हे लेकिन राजपुतनी से उट्पन हुआ जिससे वो भुल गया मात्र पक्ष से नहीं बल्कि पित्र पक्ष से वंश होता है....
अनिरुद के बाप से पुच की वो कोन हे..........
वह तो खुल्लम खुल्ला कह रहा है कि हम करोली के राजपूतों से है
@@balrajsingh741उनकी मां परमार राजपुत है😂😅
काश करोली राजपूतो ने वा दिन घाघरा ना उठाया होता तो आज यु चर्चा नो होती 😂
@@veer3418 Mahabharat kaal m Brahmano n na uthaya hota to tere jaisa kabij Rajput bhi na paida hota
@@GurpreetChahal-ib7yn tum log ek baat pr tike rho please.... itne dogle kaise ho skte h koi ki khud hi palti marte rhte h 😂
Kbhi bolte ho ki rajput 7th century me aaye to kbhi 12 th century me bolte ho kbhi Mahabharata period me kahte ho to bolte ho videshi h....fix kr lo yrr please 🙏
Jaat, brahaman,ahir, gujjar seniko, samanto, rajao ki santane hain rajpoot jo ahnkar me aakar ek alag caste ban gayi❤
Lagta hai app aone baap ko mama bolte hai jaat gujjar ahir rajputo ke das the jo caha kam karte the or sari jati ise nikli jese surjmal ke purvaj karuli ke thakur the 😅 yeh baat batana kese bhul gaye
@@tusharsinghtomar4952आ भरतपुर में जवाहर बुर्ज पर पूरी वंशावली का उल्लेख है टॉर्च लगाकर देखना तू बताना फिर किस करौली के राजा का नाम अंकित है। छोटी सी रियासत करौली जिसने कभी करौली से बाहर निकलकर कोई युद्ध नहीं लड़ा राज्य का विस्तार नहीं किया,बयाना किला हारने के बाद कभी दोबारा उसे ले नहीं पाए उनसे दिल्ली तक को जीतने वाले बृज के शूरमाओं की तुलना तुम्हारी ओछी मानसिकता को दर्शाती है।
@@tusharsinghtomar4952 tum jodhaba kei batije ho isliye apne dada ko mama bol rahe ho .tumhara koi charitra nahi sirf satta chahiye ,beti dekar satta lete ho. Tumhari vajah se hindu kamjor huye kyonki dusre hinduo ko tum neecha dekhate ho aur khud neech ho
@@tusharsinghtomar4952राजपुतानिओ द्वारा पैसे के बदले में जिस्मपरोसी:-
(1) 1841 में प्रकाशित the sessional papers printed by Order of the house of Lords के volume 15 में यह सिद्ध किया गया है की राजपूत औरतें prostitute का काम करती थी अर्थात पैसे के बदले अपना जिस्म नीलाम करती थी।
(2) 1989 में sk Ghosh द्वारा प्रकाशित किताब में उन्होंने 1982 में कलकत्ता से 10,000 वैश्याओं का जिक्र किया है जो आगरा के एक गांव की राजपुतानिया थी।
(3) सदर दीवानी अदालत के द्वारा प्रकाशित "report of cases heard and determined" में यह वर्णित है की एक राजपूत पिता ने 12 रूपियों के लिए अपनी बेटी वैश्यावृति हेतु बेच दी थी।
(4) "Rusticus,loquitor or,the old light and the new in the Punjab Village" नाम से प्रकाशित एक लेख में हमीरपुर के एक सामान्य नागरिक ने बताया की वहां के राजपूत अपनी बेटियों को 500 रुपए में बेच देते थे।
@@JitendraSingh-rb1yt datt jaa bhai.... chaudhary title kaise mila h btana thoda??
Angrezo ki rakhaile tumhari wali hi thi isiliye tumhe marshal caste ki list me angrezo me rkha or jameen de
Mahfil me tumhari wali hi nachti h or Delhi me salwar tumhari waliyo ke hi utre h or aaj tak utar hi rhe h.... salwar kameez to Muslims ki den h jo tumhara culture ban gya to soch lo ki Mughals hrm me kitni jaatniya rhi hogi 🤣
Or Brijbhushan singh to aaj tak parampra ko chalate aa rhe h
कम जयपुर के रण क्षेत्र में नहीं है
Good effort to defame jat to hide rajpoot failure in history ❤❤
Sir app intelligent hai.. education or future ki baaten kare... itihash ke naam pe jat vs rajput na kare..tym changes
To mahashay aap ko doosre channels par apna time Dena chahiye,
Ye video to sirf gyanvardhak hi malum hota hai, ki veerta apna parichay baato or khayalo me nahi, ..ranbhoomi me deti hai.
इसमें जाट राजपूत कहाँ से आ गए। वीडियो में बताया भी गया है कि संयोग से राजा जाट राजपूत थे। ये इतिहास की एक घटना है और उसे उसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।
Legacy hona achi baat hai,but ab samay democracy or capitalism ka hai,mahol bahut compititive hai..ranbhoomiya badal gaye hai..or appko bat galat lagi too sorry
Ha 7,50pr suno kayero ne kaise dhoke se phado ke bich me jato pr hamla kiya jab jat sena lambhi ktharo me line me phado se gujjar rhi thi kyuki amne samne himmat nhi huyi thi unki jwahermal k samne ane ki 😂
Bahut bura hua bechare 10000 Parivar barbad Ho Gaye marathon se lekar mugalon Tak ne Rajasthan ko lootana Kai kam Kiya
Samaru ek European tha uski Niti kshtriya dhrm pr nhi chal kapat dhoka dhadi pr hoti thi jbki kshtriya dhrm se yudh krte the
Rajput ,rajput hi hota tha pr aaj kl k rajput fail ho chuke h purane rajput hote to aaj koi b bhundi shkl k neta khud ko mahan nhi Bta te
Bharatpur wale bhi kha jat the rajputo kse nikli mix bread hai
@@devendrasinghrajawat8531 वो मिक्स bread है यहि तो जाट कह रहे हैं 😂 राजपूत भोले हैं उसे सिर पर चढ़ा रहे हैं और अपनी बेटी जाटों को दे रहे हैं 😂 जो अपने बाप का नहीं हुआ, जो जाटों का नहीं हुआ वो राजपूतों का कैसे होगा 🤔 करनी सेना उसे support कर रहीं हैं जाटों को नीचा दिखाने के लिए और जाट मौजमस्ती में है कि अनिरुद्ध भरतपुर को राजपूत बनने दे 😂 काग़ज़ों में और इतिहास में अनिरुद्ध भरतपुर को जाट ही कहेगे 😂 बेचारे राजपूत 😂