भगवद गीता अध्याय 1: धर्मक्षेत्र की यथार्थता | Eighth Purushottam

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  • Опубликовано: 19 сен 2024
  • Title:
    "भगवद गीता अध्याय 1: धर्मक्षेत्र की यथार्थता | Eighth Purushottam"
    Description:
    Dive deep into the first chapter of the Bhagavad Gita with this dynamic rap-style rendition on Eighth Purushottam. Witness the intense buildup to the Mahabharata's great battle in Kurukshetra, as Dhritarashtra, Sanjay, and the mighty warriors Bhishma, Drona, and Karna prepare for the ultimate clash. Experience Arjuna's inner turmoil and Krishna's divine counsel in a modern, impactful format. This video combines ancient wisdom with contemporary style, making the timeless teachings of the Gita resonate with today's audience. Don't forget to like, share, and subscribe for more spiritual and motivational content!
    Song Lyrics
    धर्मक्षेत्रे, कुरुक्षेत्रे, जमे हैं सारे योद्धा
    धृतराष्ट्र पूछें संजय से, बताओ क्या है नज़ारा?
    कौरवों की सेना में कौन-कौन हैं खड़े,
    पांडवों के साथ कौन सा योद्धा है अड़े?
    (Verse 1)
    धृतराष्ट्र की चिंता, समझ में आती है
    धर्म और अधर्म की सीमा पर जो सेना खड़ी है
    भीष्म पितामह, गुरु द्रोण, और कर्ण जैसे वीर
    पांडवों के सामने कौरवों का चीर
    दुर्योधन की सेना, देखे अपने मान को
    शकुनि मामा बोले, बचाओ अपने जान को
    दुर्योधन बोले, मेरे पास भी है बल
    भीष्म, द्रोण, कर्ण सब हैं मेरे संबल
    (Chorus)
    योद्धाओं की भीड़ में, धर्म की आवाज़
    पांडवों के पक्ष में है श्रीकृष्ण का राज
    कौरवों के दल में है माया का खेल
    इस महाभारत में कौन होगा निडर और बेल?
    (Verse 2)
    संजय बोले, अर्जुन का धनुष है थरथराया
    समर भूमि में उसका मन है विचलाया
    भीष्म, द्रोण, गुरुजन सामने खड़े हैं
    अर्जुन की आँखों में आंसू भरे हैं
    कृष्ण से बोले अर्जुन, कैसे करूंगा वार?
    अपने ही बंधु-बांधवों पर चलाऊं तलवार?
    धर्म की रक्षा में क्या ये सही है?
    जीवन के इस मोड़ पर क्या यही सही है?
    (Chorus)
    योद्धाओं की भीड़ में, धर्म की आवाज़
    पांडवों के पक्ष में है श्रीकृष्ण का राज
    कौरवों के दल में है माया का खेल
    इस महाभारत में कौन होगा निडर और बेल?
    (Bridge)
    कृष्ण बोले अर्जुन से, ये सब माया का खेल
    तेरा कर्तव्य है लड़ना, जो भी हो मेल
    धर्म-अधर्म का ये संग्राम है
    इस महायुद्ध में तेरा नाम है
    (Outro)
    धर्मक्षेत्रे, कुरुक्षेत्रे, समर की तैयारी
    अर्जुन ने सुनी कृष्ण की सच्ची वाणी
    धर्म की रक्षा में अपने कर्म को समझ
    अर्जुन ने उठाया गांडीव, किया युद्ध का प्रण

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