गुरुदेव तुम्हीं हो मेरे मीत ये मन खुशहाल तुम्हीं से है 👏👏👏मेरे जीवन का हर संगीत सभी सुर ताल तुम्हीं से है 🙏🌹🙏 तुमसे ही विद्या तुमसे ही बुद्धि तुमसे ही हर ज्ञान पाया 👏👏
गुरुदेव तुम्ही हो मेरे मीत❤ यह मन खुशहाल तुम्ही से ❤ मेरे जीवन का हर संगीत❤ सभी सुर ताल तुम्ही से है ❤ तुमसे ही विद्या तुमसे ही बुद्धि❤ तुमसे ही हर ज्ञान पाया❤ गुरुदेव भगवान जी आपने ही हमें जीना सिखाया❤😍😍🙏 🙏🏻👏👏👏👏👏
मेरे परम पूज्य कृपालु दयालु गुरुदेव भगवान आपके चरणों मे मेरा कोटि कोटि प्रणाम 🙏🌹🌺🤗🤗 अपना आशीर्वाद सदैव हम पर बनाए रखना 🙏🌹🌹 हे मेरे नाथ मैं आपको कभी भूलू ना🙏🙏
आचार्य जी इन कृपया कर के बिंदु पर प्रकाश डालिए । दीपावली की तिथि के निर्धारण में शास्त्र सम्मत परंपरा को समझने में मदद करते हैं। आपके द्वारा दिए गए प्रमाणों से यह स्पष्ट होता है कि: 1. 1963 में दीपावली 16 अक्टूबर को मनाई गई थी, जब अमावस्या का प्रारंभ 16 अक्टूबर को सायंकाल 16:15 पर हुआ था। 2. उस समय प्रदोष, अर्धरात्रि में अमावस्या का योग था, जो दीपावली के लिए आवश्यक है। 3. 2024 में भी अमावस्या का अंत और सूर्यास्त एक समान है, लेकिन प्रदोष और अर्धरात्रि में अमावस्या का योग 31 अक्टूबर को ही पूरा होता है। 4. यह परंपरा के अनुसार 31 अक्टूबर 2024 को ही दीपावली शास्त्रसम्मत है। दीपावली पर इस साल जैसी ही परिस्थिति 1963 में भी हुई थी, तब पिछले दिन ही दीपावली हुई थी। देश के पुराने श्री मद् बापूदेव शास्त्री पंचांग की 1963 की फोटो संलग्न है। ◆◆◆ सन् 1963 में ◆◆◆ 16 अक्टूबर 1963 में अमावस्या सायंकाल 16:15 पर प्रारंभ हो रही है एवं 17 अक्टूबर 1963 को अमावस्या सायंकाल 18:13 पर समाप्त हो रही है व सूर्यास्त 17:29 को है पर दीपावली 16 अक्टूबर को ही लिखी गई क्योंकि उस दिन ही पूरे प्रदोष व अर्धरात्रि में है। 1963 व 2024 में तो अमावस्या का अंत व सूर्यास्त एक समान है, 2024 में 1 नवंबर को सूर्यास्त 17:32 अमावस्या अंत 18:16 पर है। पर 1963 में पिछले दिन ही दीपावली की गई थी क्योंकि अगले दिन दूषित प्रदोष, प्रदोष में दर्श नहीं, रजनी में एक दण्ड अमावस्या का योग नहीं, प्रदोष में अमा व्याप्ति नहीं, अर्धरात्रि में अमावस्या नहीं थी, यह सब पिछले दिन पूरी तरह मिल रहा था, इस साल भी मिल रहा है। 1963 के इन प्रमाणों से स्पष्ट है कि परंपरा के अनुसार 31 अक्टूबर 2024 को ही दीपावली शास्त्रसम्मत है, अन्यथा क्या आज ज्यादा विद्वान हो गए हैं या पहले के आचार्य व पंचांगकार शास्त्र नहीं जानते थे
महाराज जी शंकराचार्य जी ने बताया कि निर्णय सिंधु में लिख तो है है दूसरे दिन की अमावस्या बनाने चाहिए पर वो तब की जब रजनी को स्पर्श करे और प्रदोष काल ओर रात काल दोनों समय चाहिए लक्ष्मी पूजा के लिए दूसरे दिन रजनी से स्पर्श क्या आशय है जो शंकराचार्य बता रहे है
Radhey radhey
Jai shree krishna
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राधे राधे महाराज जी 🙏🌹 आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🌹 है नाथ में आपको कभी ना भूलू 🙏🌹 जय गो माता जय गोपाल 🙏🌹
परम पूज्य परम गौ भक्त पुराण मनीषी सद्गुरु देव भगवान के पावन चरण कमलों मे मेरा कोटी कोटी नमन वंदन प्रणाम 🙏🙏🙏
राधे राधे गोविन्द गोविन्द जयहो गुरु जी कोटि कोटि नमन 🙏🙏 🙏🙏🙏 गुरु जी कोटि कोटि प्रणाम जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Radhe Radhe Guru Dev 🙏 👌 💯💯💯💯💯🕉🕉☘️☘️🌹🌹🎉🎉
🎉🎉 श्रीं महादेव जी के श्री चरणों में अनन्त जन्मों तक साष्टांग दंडवत प्रणाम करते हैं 🎉🎉
परम पूज्य नीय गुरुजी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
जय धनवन्तरी भगवान गुरुदेव सादर प्रणाम 🪔🌱👏🔱🌺🙏💐🌿🚩
Radha Krishna mahraj ji pranam
Jay Jay Prabhu Gurudev🙇🏻♀️🚩✨🔱❣️..Jay Shree Ram Jay Radhe Shyam🙏
ॐ श्रीधनवन्तरये नमः
राधे राधे जी🙏राधे राधे जी🙏राधे राधे जी🙏राधे राधे जी🙏राधे राधे जी🙏राधे राधे जी🙏राधे राधे जी🙏राधे राधे जी🙏राधे राधे जी🙏राधे राधे जी🙏राधे राधे जी🙏
Radha Radha guru dev ji
गुरुदेव तुम्हीं हो मेरे मीत ये मन खुशहाल तुम्हीं से है 👏👏👏मेरे जीवन का हर संगीत सभी सुर ताल तुम्हीं से है 🙏🌹🙏 तुमसे ही विद्या तुमसे ही बुद्धि तुमसे ही हर ज्ञान पाया 👏👏
Har har Mahadev 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🪔
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे गुरुदेव कोटी कोटी धन्यवाद गुरुदेव
Radhe Radhe ❤❤
गुरु जी जय श्री राधे कृष्णा जय श्री सिताराम ऊं नमः शिवाय हर हर महादेव शिव शम्भू हर
Jai shree radhe Krishn guru dev bhagvan ji 🙏 Jai Gau Mata Jai gopal 🙏 Jai shree radhe shyam mharaj ji 🙏 har har har Mahadev sambhu 🙏
राधे राधे महाराज जी🙏🙏 ऊँ नमः शिवाय🌺🙏 हर हर हर महादेव🔱 श्री शिवाय नमस्तुभ्यं🙏 🌹🌾🌺🌿🌱🌼🙏🏻🍈
गुरुदेव तुम्ही हो मेरे मीत❤ यह मन खुशहाल तुम्ही से ❤ मेरे जीवन का हर संगीत❤ सभी सुर ताल तुम्ही से है ❤ तुमसे ही विद्या तुमसे ही बुद्धि❤ तुमसे ही हर ज्ञान पाया❤ गुरुदेव भगवान जी आपने ही हमें जीना सिखाया❤😍😍🙏 🙏🏻👏👏👏👏👏
राधे राधे मेरे परम पूज्य मेरे गुरुदेव भगवान 👏👏आपके पावन चरणो मे 👏👏परिवार सहित 👏👏कोटि कोटि प्रणाम हे मेरे नाथ मैं आपको कभी ना भूलूं 👏👏👏🌹🌹
परम पूज्य महाराज जी के श्री चरणों में बारम्बार प्रणाम नमन वंदन🙏🏻🙏🏻🌺🌺
Radhe radhe guru ji aap ke shree charno me koti koti pranam 🙏🙏🌹
🌷🙏🙏 महाराज जी आपके श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🌹🙏🙏🌹🌹
Guru ji danteras aur Dipawali ki hardik shubhkamnaye 🙏🙏
राधे राधे गुरु जी चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🌹🙏❤️❤️हे मेरे पूज्य गुरुदेव भगवान मेरी प्रणाम स्वीकार कीजिए 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏❤️❤️
Radhe Radhe Jay Shri Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Jay Shri Radhe❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
प्रणाम गुरुदेव जी राधे राधे जी 🙏🙏🙆♀️ चरण वंदन 👏हे नाथ हम आपको कभी ना भूले👏👏
👏👏👏🪔👏👏👏👏🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🚩🌺❤️💐🙋🏻🙆 गोविंद बोला हरी गोपाल बोलो जय श्री राधे राधे कृष्णा कृष्णा हरे हरे राम जी कि जय हो 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🚩🌺❤️💐🙋🏻🙆🪔🪔🪔🪔🪔🪔👏👏👏👏
महाराज जी राधे राधे जय श्री राम🙏 🌺जय गौ माता जय राधे श्याम🙏 🌺 हर हर महादेव शम्भू काशी विश्वनाथ गंगे🔱🙏 🌺🙏🌺
हे मेरे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में जय राधे श्याम 🙏🙏🙏🙏
जय श्री कृष्णा जय सीताराम जय गौ माता जय राधे श्याम गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
राधे राधे गुरु जी महाराज आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Har har Mahadev Ghar ghar Mahadev
Guru ji Shree Radhe Radhe
🙏🙏🙏JAY SHREE KRUSHN
Jai shree radhe radhe Krishna Krishna hare hare 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹aapke shree Kamal charano main koti koti paranam guru ji 🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्री कृष्ण 🚩🚩🌹🙏
Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey guru ji ❤
जय गौ माता की महाराज जी 🙏
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम जी 🎉🎉🎉🎉
Jai Shree Krishna.......
Dahnbad guru ji Radhey Radhey
Om namo bhagvate vasudevaye 🚩 🙏🏻 🧡 ✨️
Jai shree Radhe Krishna Guru Ji 🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐🌺🌺🌺🌺🖼️🖼️🌻🪔
जय श्री राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा 🙏🙏
राधे राधे महाराजजी प्रणाम 🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻हर हर महादेव 🎉🎉घर घर महादेव 🎉🎉
Jai shree krishna
Jai siya ram
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Jai radhe shyam
Jai guru dev
Charan isparsh
Koti koti pranam
Jai shri krishna jai siyaram jai gaumata Jai radheshyam govind ji. Charan sparsh prabhuji
प्रणाम गुरु जी राधे राधे हरहर महादेव जय माता दी जी जय सियाराम जी🙏🙏
सारे तीरथ धाम आपके चरणों में 🙏🌹हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में🙏🌹हे मेरे नाथ आप मुझे भूले नहीं अब तो कृपा करो 🌹🙏हरि शरणम् 🌹🙏🤗
जय जय श्री राम🎉🎉🎉🎉🎉
Radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe guru dev ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹💐
Radhe Radhe Shyam
🪔🙇♂️जय श्री राधे कृष्ण जी🙏🌹
Radhay radhay ❤❤🎉🎉😅😅radhay radhay.....
Guruji -saadar pranaam 🙏🏻
Jai guru ji Maharaj
Hare Krishna ❤
राधे राधे गुरु देव जी महाराज मैं पूनम सिंह राधे राधे 🙏🙏
नमन प्रणाम गुरु जी 🙏🙏🙏🙏
Jay ho🙏🙏🙏
प्रणाम गुरुदेव 🙏🙏🌹
कोटि कोटि प्रणाम गुरु जी 🙏🙏🙏🙏
Guru ji ko koti koti pranam ❤ 1:12
Jayshriramramji jayhanumanjikijay namaste namaste
सादर प्रणाम महराज जी राधे राधे
Radhy radhy🙏🙏 guruji
Koti koti pranam gurudev ji
Jai Shree Krishna
Subh prabhat Acharya ji bhuma pranam bhuma pranam bhuma pranam 🌹🙏🙏🙏🌹
राधे राधे गुरुजी
जय जय श्री राधे राधे जी 💖💖💖💖💖
नमो नारायण जी
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Bhagvan ap ki umar lambi kare
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औम ंंधनवनतरी जी
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Vv
Redhe redhe
आचार्य जी इन कृपया कर के बिंदु पर प्रकाश डालिए ।
दीपावली की तिथि के निर्धारण में शास्त्र सम्मत परंपरा को समझने में मदद करते हैं।
आपके द्वारा दिए गए प्रमाणों से यह स्पष्ट होता है कि:
1. 1963 में दीपावली 16 अक्टूबर को मनाई गई थी, जब अमावस्या का प्रारंभ 16 अक्टूबर को सायंकाल 16:15 पर हुआ था।
2. उस समय प्रदोष, अर्धरात्रि में अमावस्या का योग था, जो दीपावली के लिए आवश्यक है।
3. 2024 में भी अमावस्या का अंत और सूर्यास्त एक समान है, लेकिन प्रदोष और अर्धरात्रि में अमावस्या का योग 31 अक्टूबर को ही पूरा होता है।
4. यह परंपरा के अनुसार 31 अक्टूबर 2024 को ही दीपावली शास्त्रसम्मत है।
दीपावली पर इस साल जैसी ही परिस्थिति 1963 में भी हुई थी, तब पिछले दिन ही दीपावली हुई थी। देश के पुराने श्री मद् बापूदेव शास्त्री पंचांग की 1963 की फोटो संलग्न है।
◆◆◆ सन् 1963 में ◆◆◆
16 अक्टूबर 1963 में अमावस्या सायंकाल 16:15 पर प्रारंभ हो रही है एवं 17 अक्टूबर 1963 को अमावस्या सायंकाल 18:13 पर समाप्त हो रही है व सूर्यास्त 17:29 को है पर दीपावली 16 अक्टूबर को ही लिखी गई क्योंकि उस दिन ही पूरे प्रदोष व अर्धरात्रि में है।
1963 व 2024 में तो अमावस्या का अंत व सूर्यास्त एक समान है, 2024 में 1 नवंबर को सूर्यास्त 17:32 अमावस्या अंत 18:16 पर है। पर 1963 में पिछले दिन ही दीपावली की गई थी क्योंकि अगले दिन दूषित प्रदोष, प्रदोष में दर्श नहीं, रजनी में एक दण्ड अमावस्या का योग नहीं, प्रदोष में अमा व्याप्ति नहीं, अर्धरात्रि में अमावस्या नहीं थी, यह सब पिछले दिन पूरी तरह मिल रहा था, इस साल भी मिल रहा है।
1963 के इन प्रमाणों से स्पष्ट है कि परंपरा के अनुसार 31 अक्टूबर 2024 को ही दीपावली शास्त्रसम्मत है,
अन्यथा क्या आज ज्यादा विद्वान हो गए हैं या पहले के आचार्य व पंचांगकार शास्त्र नहीं जानते थे
महाराज जी शंकराचार्य जी ने बताया कि निर्णय सिंधु में लिख तो है है दूसरे दिन की अमावस्या बनाने चाहिए पर वो तब की जब रजनी को स्पर्श करे और प्रदोष काल ओर रात काल दोनों समय चाहिए लक्ष्मी पूजा के लिए दूसरे दिन रजनी से स्पर्श क्या आशय है जो शंकराचार्य बता रहे है
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Guru ji ke charno me koti koti parnam Jai ho Dhanwantari devta ji ki🙏🏻🙏🏻🌹🌹
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Aawaz nhi aa rhe h aapki thoda volume tez kar dijiye