तिवारी सर का तर्क सही है, प्रशासन को समझना होगा कि ग्रामीण निहत्थे है तो सुझबुझ, से काम लें, पुछताछ करें, सभी ग्रामीणो को नक्सलि ना समझे एवं उन्हें प्रताड़ित ना करें
आदिवासीयों के लिये बहुत बड़ी दिक्कत है, ना ईस पार ना उस पार । आदिवासी लोग दहशत मे जी रहे है मगर सरकार तो अपने ही देश मे अपने ही नागरिकों को दुश्मन समज रही है और माववादी भी अपने ही देश के जवानो को अंग्रेज सरकार समज रहे है । यह आंतरिक युद्ध बंद होना चाहिए और आदिवासीयो को अपनी जिंदगी परंपरागत तरीके से जीने देना चाहिए ।
बस्तर में आम जीवन जीने के लिए वास्तव में भारी संघर्ष कर रहे हैं अभी अभी मैं नारायण पुर गया था उन छोटे छोटे गांव को देख कर ऐसा लग रहा था कि जब माओवादी और सैनिकों में जब भिड़ंत होती होगी तो उन छोटे छोटे गांव वालों पर क्या बीतती होगी और उनके सहायता करने गांवों में कोई जाते भी होंगें की नहीं हम लोग सुविधा युक्त जगह में रह कर भी अपने लिए और सुविधा होने को सोचते हैं उन लोगों का जिंदगी बहुत ही संघर्ष मय है शासन प्रशासन को भी उन लोगों के लिए ध्यान देना चाहिए
मोहन भागवत को बोलो ये भी हिंदू है। Census, Voting, रैली, मुस्लिम नफरत में काम आयेंगे अब तो उनकी राष्ट्रवादी सरकार 3rd Term में है l फॉरेस्ट वालों की क्रूरता यहां एमपी में भी हाईएस्ट है
सही कह रहे है तिवारी सर जी, ग्रामीणों के दर्द को कौन समझे, निर्दोष ग्रामीण बीच मे पिसी जा रही है, वर्षो से, क्या होगा निर्दोष ग्रामीणों का भगवान ही जाने, भगवान से विनती है हमारे देश के मूल ढांचा ग्रामीणों की स्थिति ठीक हो जाये, जय हिंद जय भारत
ये मेरा बस्तर मेरा भारत । आप सभी से निवेदन है इस लड़ाई में सब चीज करिए। बस यहां के ग्रामीणों का खयाल रखिए । आप कभी जायेंगे और मिलेंगे आप पाएंगे बस्तर जैसा कही नहीं। 🙏
Heads-up to you bro, I like your strategy I humbly request you when the combing operation doesn't move in your home. Govt must solve this problem as soon as possible save the tribes.
● आदिवासी बहुल गाॅव मे ग्रामीणों को बहुत कष्ट पड रहा है. फौज के मन मे डर से हर ग्रामीण फोर्स दिखते ही भागने लगते या छुप जाते. ओर फोर्स इसी को नक्षली समजते. यही misunderstanding हो रहा. ओ अपने देश के नागरीक है सरकार ने कुछ इसके बारे मे अच्छा सोचना चाहीये.
जब माओवादी कुछ बनाने दे तो कुछ बने पुल को उड़ा देते हैं सड़क को आईईडी लगाकर उड़ा देते हैं काम करने वाले लोगो को मार दिया जाता हैं और वाहनों में आग लगा दी जाती हैं
आप की हर रिपोर्टिंग लगातार देखता हूं,आपकी गांव वालो की बातो से स्पष्ट है ग्रामीण समझते है तो ये संगठित हो कर नक्सलीयो का विरोध क्यों नही करते है,आपकी रिपोर्टिंग नक्सलियों को कवर फायरिंग की तरह है,
गांव वालों के मौत का कारण उन का डर ही है,और फोर्स इसी डर का फायदा उठाती होगी इन के डर का मजा लेने और डराती होगी,बेहतर है लोग किसी तरह डर छोड़ें फोर्स का ईमानदारी से सामना करें,संगठित हो कर अपनी बात प्रशासन तक आप लोगो के माध्यम से पहुंचाएं,,,
एक बात बताऊं विकाश भैया आदिवासी भाई को जितना लोग सीधे समझते है उतना बहुत चतुर और पैसे वाले हैं आज से दस साल पाहिली की घटना है बीजापुर एरिया में जो कहानी बता नही सकता बस बेवकूफ बनाने जानते है
तिवारी जी आप ने उस लड़के का शकल न दिखाने की कोई ठोस वजह नही बताई। इस लड़के की pic dikhanii चाहिए ताकि पुलिस को पता चले गांव वाले भी वहा से भागे थे। आगे से ऐसा न करे। इसको सच कैसे मानेंगे। 2:39
The force should show humanity. Request to them pls don't torture them in name of Maoist. So sorry for innocent Adivasi. Thank you reporter sir for this type of ground reporting.
बहुत अच्छी रिपोर्टिंग है 🎉 करते रहो लेकिन इस काम से हमारे आदिवासी विक्टिम्स को और नुकसान न हो ध्यान रखो अपने साथियों को बताओ l जो लोग जिस कम्युनिटी से है खुद सरकारी माफिया के शिकार है वे ज्यादा इस मामले को समझ सकते महसूस कर सकते l
Bhut na insafi ho raha hy ....grib lachar mulnivasi yo pr...... government ko ye bat smj me aana chahiye...phle agrenj the aabhi apne hi desh ke logo se khtra hy😢
Are Sir ji hr goan ka hr aadami ka adhar card photo se se pahchane kr le to or sarkar pahale g gaon ka exit jankari Le Lena chahiye pulish vibhag ko do FIR kaarvayi karo
भागने की क्या जरूरत थी आराम से वोही बैठना चाहिए और हाथ उठा के दिखाना चाहिए की हमारे पास कुछ नही है और हम लोग ग्रामीण है , ऐसा मुझे लगता है , हलाकि वहा की परिस्थिति कितनी कठिन है ये समझते हुए उनको कोशिश करना चाहिए
Mai up ka adivashi hu tivari ji jo kah rahe please pulice yese adivashi ko na mare jinake paas hathiyar na ho kiyuki wo bhi inashan he or app bhi inshaniyat ke nate
अपने AC के वाले कमरे मे बैठ कर कुछ लोग बहुत ही घाटियां और निहायती नीच किस्म के टिप्पणी करते है उन में से कोई भी अगर आदिवासी का जीवन जीने का प्रयास करता तब समझ में आता
एक चीज समझ नही आता कि कुछ लोग तो बोल रहे है कि हम तो गलत नही है इस लिए नही भगे और वो गांव में ही रूक गये और पुलिस बल कुछ नही कि, पर जब कोई मरता है तब वो अकेला ही क्यु भगता है बाकी और भी लोग है वो गांव मे ही रूक जाते है? कुछ लोग बोलते है फायरिंग का अवाज सुन कर भागे थे तो जिधर फायरिंग हो रहा है उधर अकेले ही क्यु भागे? अगर पुरे गाँव वाले ही भगते है तो अकेला ही नक्शलियो के साथ क्यु मरता है और भी ग्रामीण क्या साथ नही रहते?
ये डर से भागते हैं पुलिस घर में भी ठोक देती हैं बस्तर में रहोगे तो जान जाओगे मुह खोलोगे तो नक्सली मुखबिरी मे ठोक जायेंगे और फ़ोर्स के चक्कर मे पड़ तो भी मारे जाओगे जंगल मे कोई पूछने वाला नही
@@lalchandvaishnav3685यही तो मैं वर्षों से कहता आ रहा हूं। जब बात नक्सली/माओवादियों की आती है तो हर कोई मानवतावादी हो जाता है। उनमें से लगभग सभी इस बकवास नक्सली का रोमांटिककरण भी करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि नक्सली छत्तीसगढ़ के जल-जंगल और जमीन के लिए लड़ते हैं। तो ठीक है। वे जंगलमहल के लोगों के लिए सड़क, पुल, स्कूल, अस्पताल की मांग क्यों नहीं करते? इसके बजाय, वास्तव में वे जो करते हैं वह यह है कि वे सड़क/पुल निर्माण उपकरणों में आग लगा देते हैं, आईईडी लगाते हैं, मजदूरों का अपहरण कर लेते हैं। ये सभी तथ्य हैं। अब नक्सली क्या उम्मीद करते हैं? सरकार आयेगी, उनकी पीठ थपथपायेगी और कहेगी, "शाबाश साथियों, ऐसा करते रहो"। नहीं साहब। नक्सलियों का सफाया करना है. साथ ही, उन आम गरीब लोगों को विकासात्मक परियोजनाओं का अमृत प्रदान किया जाना है। सभी पत्रकारों से अनुरोध है कि वे इन गरीब लोगों से कहें कि जब सुरक्षा बल उनके गांवों में आएं तो वे जंगल की ओर न भागें। जय हिन्द।
तिवारी सर का तर्क सही है, प्रशासन को समझना होगा कि ग्रामीण निहत्थे है तो सुझबुझ, से काम लें, पुछताछ करें, सभी ग्रामीणो को नक्सलि ना समझे एवं उन्हें प्रताड़ित ना करें
अविश्वसनीय वर्णन, विकास तिवारी। इसे जारी रखें!!!
बहुत ही दुखद अपने ही जगह और घर मे सुरक्षित नहीं हैँ आदिवासी भाई
तिवारी भैया का बहुत अच्छा सन्देश
आदिवासीयों के लिये बहुत बड़ी दिक्कत है, ना ईस पार ना उस पार । आदिवासी लोग दहशत मे जी रहे है मगर सरकार तो अपने ही देश मे अपने ही नागरिकों को दुश्मन समज रही है और माववादी भी अपने ही देश के जवानो को अंग्रेज सरकार समज रहे है । यह आंतरिक युद्ध बंद होना चाहिए और आदिवासीयो को अपनी जिंदगी परंपरागत तरीके से जीने देना चाहिए ।
बस्तर में आम जीवन जीने के लिए वास्तव में भारी संघर्ष कर रहे हैं अभी अभी मैं नारायण पुर गया था उन छोटे छोटे गांव को देख कर ऐसा लग रहा था कि जब माओवादी और सैनिकों में जब भिड़ंत होती होगी तो उन छोटे छोटे गांव वालों पर क्या बीतती होगी और उनके सहायता करने गांवों में कोई जाते भी होंगें की नहीं हम लोग सुविधा युक्त जगह में रह कर भी अपने लिए और सुविधा होने को सोचते हैं उन लोगों का जिंदगी बहुत ही संघर्ष मय है शासन प्रशासन को भी उन लोगों के लिए ध्यान देना चाहिए
मोहन भागवत को बोलो ये भी हिंदू है।
Census, Voting, रैली, मुस्लिम नफरत में काम आयेंगे
अब तो उनकी राष्ट्रवादी सरकार 3rd Term में है l फॉरेस्ट वालों की क्रूरता यहां एमपी में भी हाईएस्ट है
सही कह रहे है तिवारी सर जी,
ग्रामीणों के दर्द को कौन समझे,
निर्दोष ग्रामीण बीच मे पिसी जा रही है, वर्षो से,
क्या होगा निर्दोष ग्रामीणों का भगवान ही जाने,
भगवान से विनती है हमारे देश के मूल ढांचा ग्रामीणों की स्थिति ठीक हो जाये, जय हिंद जय भारत
भागो मत भाई, बहनों। नहीं भागने वाले शायद ज़िंदा बच जाते होंगे। भागने वाले शायद ज़िंदा ना बच पाए।दुखद है।।।। नक्सली कभी मत बनिए। बेमौत मारे जाते हैं।
सरकारी माफिया पर सवाल करे तब देशद्रोही ??
नही भागे तो पुलीस जैल में डालती है
ये मेरा बस्तर मेरा भारत । आप सभी से निवेदन है इस लड़ाई में सब चीज करिए। बस यहां के ग्रामीणों का खयाल रखिए । आप कभी जायेंगे और मिलेंगे आप पाएंगे बस्तर जैसा कही नहीं। 🙏
Heads-up to you bro, I like your strategy I humbly request you when the combing operation doesn't move in your home. Govt must solve this problem as soon as possible save the tribes.
अब क्या कहें विषम परिस्थितियां लेकिन आप बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं
❤❤❤❤ behad hi khubsurat marmik reporting love you sir ❤❤❤
Very Important message given by u Mr. Tiwari..
दुःखद हालात पर बेहतरीन रिपोर्ट 🌹
Good work sir please help that innocent bastar tribes #cgpolice#crpf
Tiwari ka force ko accha message dya gya.
● आदिवासी बहुल गाॅव मे ग्रामीणों को बहुत कष्ट पड रहा है. फौज के मन मे डर से हर ग्रामीण फोर्स दिखते ही भागने लगते या छुप जाते. ओर फोर्स इसी को नक्षली समजते. यही misunderstanding हो रहा. ओ अपने देश के नागरीक है सरकार ने कुछ इसके बारे मे अच्छा सोचना चाहीये.
Tivari Ji इस क्षेत्र जनप्रतिनिधियों
सरपंच,जनपद,विधायक, सांसद से भी इस विषय पर बात कीजिए
bahut shandar report ranu dada 👍
धन्यवाद आपका
बहुत दुखद स्थिति है इसकी बचाव के लिए कुछ उपाय बताइए बस्तर के लिए तिवारी सर आप बहुत ग्राउंड रिपोर्ट भी किए हैं।बस्तर के लोग पुलिस से बहुत पीड़ित हैं।
जब माओवादी कुछ बनाने दे तो कुछ बने पुल को उड़ा देते हैं सड़क को आईईडी लगाकर उड़ा देते हैं काम करने वाले लोगो को मार दिया जाता हैं और वाहनों में आग लगा दी जाती हैं
आपकी आवाज और हिंदी बहुत अच्छी है सर
Bahut sahi baat bichare grameen log ko ky problem hogi kisise apne hi city k log unko pareshan karne jarhe h
आप की हर रिपोर्टिंग लगातार देखता हूं,आपकी गांव वालो की बातो से स्पष्ट है ग्रामीण समझते है तो ये संगठित हो कर नक्सलीयो का विरोध क्यों नही करते है,आपकी रिपोर्टिंग नक्सलियों को कवर फायरिंग की तरह है,
Aap to samjhdar h na aap ja kr sangathit kre logo ko aur kisi naxali ne aapke tang k upar goli na Mari to kahena 😂😂
Ap apna balod dekhiye
शहर में बैठ कर कहना बहुत आसान है
गांव वालों के मौत का कारण उन का डर ही है,और फोर्स इसी डर का फायदा उठाती होगी इन के डर का मजा लेने और डराती होगी,बेहतर है लोग किसी तरह डर छोड़ें फोर्स का ईमानदारी से सामना करें,संगठित हो कर अपनी बात प्रशासन तक आप लोगो के माध्यम से पहुंचाएं,,,
फोर्स अपने रिवार्ड, प्रमोशन के लिए कितने आदिवासियों को नक्सली बताकर कथित रेप, हत्या अरेस्ट कर जेल में डाल रही??
Conviction Rate कितना है पता कर लो l
Tiwari ji ek bar naxal samranpan karne wale se lag bhag कितने log होंगे ye puchhane ki koshis jarur karna
आप तो बहुत ही वह वह के लायक है सर मै आपकी किस तरह से तारीफ करू
विकास भाई आपको धन्यवाद सही बताने के लिए
बिल्कुल सही बात सर 🙏🙏🙏
Thanks sir ji bahot accha
Super sir roj dekha hu apka news
एक दम सही बात सर
सर हर गांव वाले ऐसे नहीं होते हैं एक एक गांव वाले नक्सलियों का सपोर्ट करते हैं कई गांव वाले नक्सलियों को सपोर्ट नहीं करते
Chintu tere ko bhut pata ha
एक बात बताऊं विकाश भैया आदिवासी भाई को जितना लोग सीधे समझते है उतना बहुत चतुर और पैसे वाले हैं आज से दस साल पाहिली की घटना है बीजापुर एरिया में जो कहानी बता नही सकता बस बेवकूफ बनाने जानते है
तिवारी भाई जी आपने सच दिखाया है
क्या बात है सर जी बहुत खराब स्थिति है
First like first coment
Very good
तिवारी जी आप ने उस लड़के का शकल न दिखाने की कोई ठोस वजह नही बताई।
इस लड़के की pic dikhanii चाहिए ताकि पुलिस को पता चले गांव वाले भी वहा से भागे थे।
आगे से ऐसा न करे।
इसको सच कैसे मानेंगे। 2:39
The force should show humanity.
Request to them pls don't torture them in name of Maoist.
So sorry for innocent Adivasi.
Thank you reporter sir for this type of ground reporting.
तिवारी जी बस्तर की असल हालात की रिपोर्टिंग आप ही कर रहे है, ग्रामीण बेचारे दोनो तरफ से फसे हुए है, सिक्योरिटी फोर्स को आपका ये रिपोर्ट देखना चाहिए।😢
बहुत अच्छी रिपोर्टिंग है 🎉
करते रहो लेकिन इस काम से हमारे आदिवासी विक्टिम्स को और नुकसान न हो ध्यान रखो अपने साथियों को बताओ l
जो लोग जिस कम्युनिटी से है खुद सरकारी माफिया के शिकार है वे ज्यादा इस मामले को समझ सकते महसूस कर सकते l
सर यह जो आपका वीडियो देख लिया पूरा जो लास्ट में बात बताए हैं प्रशासन को सोचना चाहिए
tiwari sir aap reporting video series me upload kijiye na
End ka 2 minat bahunt sahi baat bole sir
Good paji
सही, बात है सर,जी
🎉🎉🎉
Bhaiyaa ji namshkar
Very nice bat hai sir
Nice
Bhut na insafi ho raha hy ....grib lachar mulnivasi yo pr...... government ko ye bat smj me aana chahiye...phle agrenj the aabhi apne hi desh ke logo se khtra hy😢
बिल्कुल सही बात है
लाल सलाम
पहचान जारी हो
विकास तिवारी जी , प्रसाशन और माओवादी के बीच शांति वार्ता कहाँ तक पहुँच गयी, कृपया बताने का कष्ट करें
तिवारी जी आप मुख्य रुप से कहा के रहने वाले हैं
Are Sir ji hr goan ka hr aadami ka adhar card photo se se pahchane kr le to or sarkar pahale g gaon ka exit jankari Le Lena chahiye pulish vibhag ko do FIR kaarvayi karo
Yes sr
भागने की क्या जरूरत थी आराम से वोही बैठना चाहिए और हाथ उठा के दिखाना चाहिए की हमारे पास कुछ नही है और हम लोग ग्रामीण है , ऐसा मुझे लगता है , हलाकि वहा की परिस्थिति कितनी कठिन है ये समझते हुए उनको कोशिश करना चाहिए
Ye Gao wala nehe hai, I am 100%Sure he is a Maoist.
Because his Hindi have a Andhra Pradesh touch ...
Yes Telangana and Andhra Pradesh jaisa hindi hai iska Maoist hi hai ye
@@theamit2192 Exactly
Va tiwari ji va Mann na padega
Hello sir, i want to meet with u
Vikas ji paji en logo ke help Hum log kes trah kr sakte ha
Mic kon sa hai sir kitna price h,
I like naxli...❤
सर मुझे आप के साथ काम करने का मोका मिलेगा
ट्री नेस्ट
Right hai sir❤🙏
Paksh sahi rakhen hain twari ji
🎉🎉🎉❤❤❤❤🎉🎉🎉
Lgta h Bastar ka marg bhul gye h human rights commission wale
inhe sirf delhi mumbai jaise bde sahro me rhna psnd h well done #manavadhikarsangathan🎉
,,, गुणा माने घोंसला,,,
Sir inko boliye ghar pe rahe bina wajha dar kis baat ki
TIWARI JI YOU ARE REQUESTED TO TAILK WITH THE POLICE OFFICIALS NOT TO TEASE THE AADIVASI
2009 lag vag me mere sath vi yahi hal hua tha ,,,
सपोर्ट बंदूक का ही करते हैं भईया ये लोग कोई भी तरीके से
बहुत परेशानी
Mai up ka adivashi hu tivari ji jo kah rahe please pulice yese adivashi ko na mare jinake paas hathiyar na ho kiyuki wo bhi inashan he or app bhi inshaniyat ke nate
#vikastiwari❤
ख़ालिस्तानी उग्रबादियों, कश्मीरी उग्रबादियों व नक्सल बादियों मे क्या फर्क है?
क्या नक्सल बादी भारत को तोड़ कर अपना अलग देश बनाना चाहते हैँ?फिलहाल उनकी लड़ाई से तो यही लग रहा है।
बहुत दुःख घटना है सर
Are year per may chorne ke sicret nehi bolna chahi ye keu ki ap por 😂😂
अपने AC के वाले कमरे मे बैठ कर कुछ लोग बहुत ही घाटियां और निहायती नीच किस्म के टिप्पणी करते है उन में से कोई भी अगर आदिवासी का जीवन जीने का प्रयास करता तब समझ में आता
सही कहा आपने
🎉🎉
Hii
😢😢
पहले साबित करों - फिर कानुन चालाउ !?
Duke ki bat he
Ye sab trained person hai..
एक चीज समझ नही आता कि कुछ लोग तो बोल रहे है कि हम तो गलत नही है इस लिए नही भगे और वो गांव में ही रूक गये और पुलिस बल कुछ नही कि,
पर जब कोई मरता है तब वो अकेला ही क्यु भगता है बाकी और भी लोग है वो गांव मे ही रूक जाते है?
कुछ लोग बोलते है फायरिंग का अवाज सुन कर भागे थे तो जिधर फायरिंग हो रहा है उधर अकेले ही क्यु भागे?
अगर पुरे गाँव वाले ही भगते है तो अकेला ही नक्शलियो के साथ क्यु मरता है और भी ग्रामीण क्या साथ नही रहते?
ये डर से भागते हैं पुलिस घर में भी ठोक देती हैं बस्तर में रहोगे तो जान जाओगे मुह खोलोगे तो नक्सली मुखबिरी मे ठोक जायेंगे और फ़ोर्स के चक्कर मे पड़ तो भी मारे जाओगे जंगल मे कोई पूछने वाला नही
भोई ईस रिपोट्र्स की रोटी है.मिला है ।सफेदपोश बन रहा है।इनका ईनकाउनटर पहले करो
@@manojsinghsiddhi-xv9yx हर किसी का एनकाउंटर तो नही किया जा सकता है?
जिस तरह से आरोप लगते है?
@@manojsinghsiddhi-xv9yx तुम ही कर सकते हो ये काम दुनिया मे और किसी के बस का नही है
sahi bat bhai ji 👍
लाडो लड़ाई जारी रखो
उस सक्स का फोन नम्बर देना दादा हम भी उस गांव में देखने जायेंगे या गांव का नाम बताओ
Aap phle Oorcha aa kr dekh lijiyega sir ji.. aapko contact number mil jayega
@@Youtude756 टीक है आते है,न एक बार गया था बस कुतुल तक रात हो गया तो वापस हो गए, कुतुल से रास्ता है
जिस दिन ऐसी संवेदनशील गॉव मे शिक्षा स्वास्थ जैसे अन्य सुविधाएं सुनिश्चित होगा यकीनन माओवादी समाप्त हो जायेगा,,,
शिक्षा स्कुल नक्सली और ग्रामीण ही बनने नहीं देते सरकार क्या करें??
@@lalchandvaishnav3685भाई कोन बोलता है?
@@lalchandvaishnav3685यही तो मैं वर्षों से कहता आ रहा हूं। जब बात नक्सली/माओवादियों की आती है तो हर कोई मानवतावादी हो जाता है। उनमें से लगभग सभी इस बकवास नक्सली का रोमांटिककरण भी करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि नक्सली छत्तीसगढ़ के जल-जंगल और जमीन के लिए लड़ते हैं। तो ठीक है। वे जंगलमहल के लोगों के लिए सड़क, पुल, स्कूल, अस्पताल की मांग क्यों नहीं करते? इसके बजाय, वास्तव में वे जो करते हैं वह यह है कि वे सड़क/पुल निर्माण उपकरणों में आग लगा देते हैं, आईईडी लगाते हैं, मजदूरों का अपहरण कर लेते हैं। ये सभी तथ्य हैं। अब नक्सली क्या उम्मीद करते हैं? सरकार आयेगी, उनकी पीठ थपथपायेगी और कहेगी, "शाबाश साथियों, ऐसा करते रहो"। नहीं साहब। नक्सलियों का सफाया करना है. साथ ही, उन आम गरीब लोगों को विकासात्मक परियोजनाओं का अमृत प्रदान किया जाना है। सभी पत्रकारों से अनुरोध है कि वे इन गरीब लोगों से कहें कि जब सुरक्षा बल उनके गांवों में आएं तो वे जंगल की ओर न भागें। जय हिन्द।
Gave valonku kuch I'd cards dena o gale me dalko jangal me jane ka announcement dena
चलो पता तो चला जंगलों में लोग छिपते कैसे हैं, अबकी बार पचास पार।
आप कहना किया चाहते है मुझे बताने की कास्ट करेगे
Aadani or Ambani ko iron ore or mines ki jarurat h lag raha h.
Sir DRG hi katil hai
Aur kya Dete Hain Ki naxalite hai Nahin vahan Koi dekhne wala hai na koi samajhne wala
सही है....
सहीहै तो पुलिस को देखकर भागना नहींचाहिए
Police ke pass power ha pen ha paper ha kisi ko kitna inami naxlite ghosit kar de uske hath ma ha