सकाम कर्म और निष्काम कर्म क्या? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)

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  • Опубликовано: 4 янв 2025

Комментарии • 47

  • @AP_Shastragyaan_Hindi
    @AP_Shastragyaan_Hindi  3 месяца назад +4

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  • @anuragsagar9883
    @anuragsagar9883 13 дней назад +1

    सादर प्रणाम आचार्य जी 🙏💐

  • @Rdx_dj_sachin
    @Rdx_dj_sachin 3 месяца назад +1

    Parnam sir ❤❤❤❤

  • @veenasharma436
    @veenasharma436 3 месяца назад +6

    आत्मज्ञान से सरलता,मैत्री, प्रेम, अहंकार का ज्ञान
    प्रतिक्रिया पर नियंत्रण,तन,मन कीस्थूल कामना का ज्ञान और मुक्ति की ओर अग्रसर होते हैं।

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 3 месяца назад +9

    हमारे सारे कर्म अहं की कामना और डर से ही आते हैं।
    हमारे सारे कर्म अहं से आते हैं इसलिए हमें तो विवेक की ज़रूरत है।
    -आचार्य प्रशांत

  • @sheelapandey3736
    @sheelapandey3736 3 месяца назад +4

    आत्म ज्ञान मुक्ति का मार्ग है।अहम खोखला है ये जान लेना ही मुक्ति है

  • @veenasharma436
    @veenasharma436 3 месяца назад +5

    सफ़र लंबा ,समय थोडा ❤❤

  • @HariShankar-ln5kx
    @HariShankar-ln5kx 3 месяца назад +3

    भगवत गीता के श्लोलो की वास्तविक व्याख्या आचार्य्यजी के द्वारा

  • @NeetuSiyag-jn9nb
    @NeetuSiyag-jn9nb 3 месяца назад +2

    गौर से देख लो sb pta chal jayega❤❤🙏🙏🙏🙏

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 3 месяца назад +6

    सहज कर्म वो जो सीधे आत्मा से उद्भूत होता है।
    और हर वो कर्म जो अहंकार द्वारा किया जा रहा है -असहज हो गया।
    -आचार्य प्रशांत

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 3 месяца назад +10

    मनुष्य की मूल समस्या
    कर्म की नहीं ज्ञान की है।
    -आचार्य प्रशांत

  • @RaviKumar-hd1yn
    @RaviKumar-hd1yn 3 месяца назад +4

    Dhanyawaad guruji

  • @Pranav-y3c
    @Pranav-y3c 3 месяца назад +3

    ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @Anjan-366
    @Anjan-366 3 месяца назад +8

    हमारे लिए कबीर जी की एक बात पर्याप्त है, हँस समझ-बूझ बन चरना।

  • @radhasengar3207
    @radhasengar3207 3 месяца назад +3

    आत्मा माने वोध की गहराई । सहज कर्म मतलब आत्मा से किया गया कर्म ।

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 3 месяца назад +7

    सहज कर्म की सुंदरता ये कि उसमें विवेक भी नहीं चाहिए।
    आत्मा क्या करेगी विवेक का?
    -आचार्य प्रशांत

  • @radhasengar3207
    @radhasengar3207 3 месяца назад +3

    जिसका कोई कारण नहीं हो सकता वही निष्काम कर्म है । जो कामना ज्ञान से आये वो निष्कामना है

  • @akhilendra123
    @akhilendra123 3 месяца назад +4

    कर्म कर्ता क्रिया सब अहम है।

  • @Pranav-y3c
    @Pranav-y3c 3 месяца назад +2

    ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @pinkiyadav4222
    @pinkiyadav4222 3 месяца назад +1

    आचार्य जी को सादर प्रणाम 🙏🏼

  • @Anjan-366
    @Anjan-366 3 месяца назад +5

    शास्त्र विहित कर्म हो सकता है, अगर शास्त्र से आशय उपनिषद' दर्शन' गीता हैं।

  • @sanjaybajaj3817
    @sanjaybajaj3817 3 месяца назад +2

    कामना ही कारण है।

  • @utkarshmishra1994
    @utkarshmishra1994 3 месяца назад +2

    Pranam aacharya ji ❤❤❤🙏🙏🙏

  • @kukdiyajagdish2343
    @kukdiyajagdish2343 3 месяца назад +4

    सकाम कर्म वो जिसमें अहम अपने आप को कर्ता जानकर श्रेय और अश्रेय लेता रहता है और दुख पाता रहता है,और निष्काम कर्म वो जो सहज ही उद्भूत होता है।उसमें कर्ता गायब होता है,माने होता ही नहीं,सिर्फ कर्म होता है।

  • @parimalmaji1391
    @parimalmaji1391 3 месяца назад +1

    Aacharya ji aapka Charan Mein कोटि-कोटि Pranam

  • @RenuRai-pg8pf
    @RenuRai-pg8pf 3 месяца назад +1

    कामना ही कारण होती हैं प्रणाम आचार्य जी❤❤❤❤

  • @Anjan-366
    @Anjan-366 3 месяца назад +2

    दूसरों को खिलाने से कितना सुख का अनुभव होता है, ये भी तो सकामना हुई न।

  • @apurvasoni4065
    @apurvasoni4065 3 месяца назад +3

    भाव माने वृत्ति।

  • @Manmi-t3b
    @Manmi-t3b 3 месяца назад +2

    ❤❤❤❤ good morning sir 🌄🌄🌄🌄🌄🌄🙏👍👌👍👌👍

  • @UmeshPandey-fp6zg
    @UmeshPandey-fp6zg 3 месяца назад +1

    अद्भुत प्रसंग

  • @sangeetbhaktitarapathak7377
    @sangeetbhaktitarapathak7377 3 месяца назад +1

    प्रणाम आचार्य जी🙏 r

  • @apurvasoni4065
    @apurvasoni4065 3 месяца назад +3

    Thought के पीछे tendency होती है।

  • @karamjitkaursidhu6622
    @karamjitkaursidhu6622 3 месяца назад +3

    🙏

  • @yogeshchaudhry2576
    @yogeshchaudhry2576 3 месяца назад +2

    ❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉

  • @Anjan-366
    @Anjan-366 3 месяца назад +2

    क्या नहीं हूँ? ये पूँछना पर्याप्त लगता है मुझे, क्या हूँ? पूँछने में बहकने लगता हूँ।

  • @maakalidiscobhangra7424
    @maakalidiscobhangra7424 День назад

    नमस्ते आचार्य जी❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @shivanikhemka336
    @shivanikhemka336 3 месяца назад +1

    atma he vishudh chetna bodh ki gehrayi gyan se karm khud hi udbhut hota he vichar karna nhi padta me kya kru yhi nishkam karm he

  • @apurvasoni4065
    @apurvasoni4065 3 месяца назад +2

    वृत्ति का कारण तुम्हारा होना।

  • @Anjan-366
    @Anjan-366 3 месяца назад +2

    आत्मा की बात हो नहीं सकती है तो फ़िर आप सहज कर्म की व्याख्या क्यों कर रहे हैं? अहम बहुत चालाक होता है वो तुंरत खुद को आत्मा मान लेता है, क़ायदे से अहम के कान में आत्मा शब्द पड़ना ही नहीं चाहिए था, बेहतरी पर्याप्त था।

  • @Anjan-366
    @Anjan-366 3 месяца назад +2

    4 दिनों से काफ़ी तनाव में हूँ, 10 वर्षों से एक ही पृश्न परेशान कर रहा है कि करूँ क्या?

    • @raghvendrakumar513
      @raghvendrakumar513 3 месяца назад +1

      Charaiveti, charaiveti ( keep moving, keep moving )

  • @JyotiDebi-v9o
    @JyotiDebi-v9o 3 месяца назад +2

    ❤❤❤

  • @Ronaldoedites007
    @Ronaldoedites007 3 месяца назад +3

    ❤❤❤❤❤

  • @leelathakur5
    @leelathakur5 3 месяца назад +2

    🙏

  • @Ajith3456
    @Ajith3456 3 месяца назад +1

    ❤❤