jhijhiya bihar focal dance 🩰

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  • Опубликовано: 6 фев 2025
  • झिझिया, भारत और नेपाल के मिथिला क्षेत्र का एक लोक नृत्य है. यह नृत्य देवी दुर्गा को समर्पित है और दशहरा के दौरान किया जाता है. यह नृत्य राजा चित्रसेन और उनकी रानी के प्रेम प्रसंगों पर आधारित है.
    झिझिया नृत्य की खासियतें:
    यह नृत्य महिलाओं द्वारा किया जाता है.
    इस नृत्य में महिलाएं अपने सिर पर मिट्टी का घड़ा रखती हैं.
    घड़े के अंदर एक दीपक रखा जाता है.
    घड़े पर कई छेद किए जाते हैं.
    यह नृत्य तेज़ गति वाला होता है.
    इस नृत्य में ढोल, शहनाई, और बांसुरी जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों का इस्तेमाल होता है.
    इस नृत्य में महिलाएं गोल घेरा बनाती हैं और बीच में मुख्य नर्तकी होती है.
    इस नृत्य में महिलाएं अपने आराध्य से समाज में व्याप्त कलुषित मानसिकता की शिकायत करती हैं.
    झिझिया नृत्य को लेकर कुछ और बातें:
    यह नृत्य घटस्थापना के दिन से लेकर विजयादशमी तक लगातार दस शामों तक किया जाता है.
    यह नृत्य नवरात्रि, सरस्वती पूजा, जन्माष्टमी, रामनवमी जैसे उत्सवों में किया जाता है.
    यह नृत्य बुरी नज़र से बचाव के लिए किया जाता है.
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