जय, जय गुरु महाराज गुरू! जय, जय परब्रम्ह सद्गुरू! सृष्टी की रचना, याने की उत्पत्ती और लय सब परब्रम्ह की माया से ही होती आरही हैं, ऐसा वेदशास्त्रो से पढने को मिलता हैं! धन्यवाद !
Sarir khud 5tatav ka bana he or jo Beitha he vo hi ko jane Bhade ka Ghar ko kiyu khoj rahe jab kush he vohi he use Ghar jag mag rahe he jo vo nahi toa kush nahi prakruti ka Niyam he sada chalata rahta hai or privatan hota raheta he use kiya Khoj kare khud ko khoj me kon hu jo Chetan he vo kon he khud ko jakho jo jinda hu vaise mahesush hota he sarir Nashawat he or prakruti ke Niyaman se jo jaha he vaha jayega pani pani me puthawi puthawi me vayu vayu me Agani Agani me Aakash Aakash me 5 tatav ka pijara bana tha vo sab thik thak chala jayega ye pijara chhod ke chala jayega vo kon he jo 100salo Tak sambhal ke sath rakhate he jo Nikal Gaya vo 24 ghanata he khrab ho jayega vo kon he khud ko khoj me raho
कबीर जी ही इस सारी सृषि्ट के रचनहार और चलाने वाले है क्योकि कबीर जी जिन जिन महात्माओ को मिले उन्होने अपनी अपनी बाणी में लिखा है उदाहरण के लिए संत गरीबदास जी महाराज ने अपनी बाणी मे कहा हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया जाति जुलाहा भेद न पाया काशी में आया कबीर हुआ
ज्ञान सब से लेना चाहिए जो हमारे भीतर है वही सबके भीतर हैं जब हम कहते हैं कि आप सही कह रहे हो इसका अर्थ है सत्य हमारे भीतर पहले से ही था आपने हमें बताया तो हमारा सिर हां में हिलने लगा। वह सत्य जो मुझमें पहले से विराजमान है आपके बताने से निखार आया यही तो श्री हनुमान जी के साथ हुआ था जामवंत ने हनुमान जी को उनकी शक्ति का आभास कराया था। और अपनी शक्ति को पहचान कर श्री हनुमान जी ने जो किया वह सबके सामने है। अतः हम ज्ञान गुरु से ग्रहण करते हैं और वह गुरु हमें हमारे भीतर छुपे हुए ज्ञान को निखारते हैं जो हम सुनते हैं उससे भी लाखों गुना सत्य हमारे भीतर है जब हम अपने को योग्य बनाते हैं तो इसका आभास होता है। और तो आप ज्ञानी ही हैं
Sant kabir se bada koi aur sant nahi hue jisne is jiv jad chetan aatma permatma ka sahi rup mei matlab samjhaya hai.jisne sant kabir ki baato ka samah liya samjho uski duvidha samapt ho gayi
कबीर साहब ने ना ही किसी ईश्वर को स्थापित किया है और ना ही किसी जड़ को उन्होंने तो सिर्फ इसका ज्ञान दिया है की जड़ और चैतन्य दो सत्ता नित्य है इसे समझो ,🙏🌺🙏
@@AaradhyaJivan आपके पिछले वीडियो में बोला की दसरथ वाले राम नही उस अनंत प्रभु राम को कबीर ने अंतरात्मा से bhajte थे ठीक है अलग वीडियो में अलग बात बोले पर उस ईश्वरीय सत्ता का तो सदा गुणगान किया
Kabir Ne Sirf Gyan Aur Vaani dwara Jagat ko Jagaya hai Kabir Ishwer Nahin Hai Gorkh Nanak Aur Bahut Se Sant Mahatma Huey Hai Duniya Ko murkh Mat Bao Ki Kabir Ishwer Hai Aap yeh Bharam Mat Palo Apne Man Mein Thanks
कबीर ने कभी नहीं कहा कि मैं ईश्वर हूं उनकी किसी भी पुस्तक में यह नहीं लिखा कि वही एकमात्र ईश्वर है उनका कहना है कि जीव ही परम सत्ता है और जीव आत्मा ही परम ज्ञान के बाद परमात्मा बन जाता है प्यारे मित्र किसी के बहकावे ज्ञान में अपने को अज्ञानी मत बनाओ पहले सत्य को धैर्य से समझो हमारे मन मस्तिष्क में सत्य बातें शीघ्र ही समझ में नहीं आती क्योंकि असत्य ज्ञान पहले से ही भरा हुआ है जब तक हम अपने खुद के विवेक को जागृत नहीं करेंगे या सत्य को जानने की इच्छा नहीं रखेंगे तब तक हमें सत्य और सत्य में भेद नजर नहीं आएगा 🙏🌺🙏
@@AaradhyaJivan आप फिर झूठ बोल रहे है सदगुुरु कबीर साहेब ही गुरु सदगुरु है। पूर्णब्रह्म, परमेश्वर है सृष्टि के सृष्टा है।इस सत्य को सर्वश्री परम पूज्य परमश्रद्धेय गुरु नानक देव जी साहेब ने, धर्मदास जी साहेब ने,पलटू साहेब, मलूकदास जी साहेब ने, दरिया दास जी ने,गरीब दास जी साहेब ने, घीसादास जी साहेब न जाने और भी अनेकानेक संत है जिन्होने सदगुरु कबीर साहेब को सृष्टि का सृष्टा परब्रह्म परमेश्वर जाना और माना भी है। आप के शरीर की सृष्टि को रचने वाले,आपको पैदा करने वाले पहले उपस्थित है। फिर आप कैसे कह रहे है कि जड या प्रकृति अनादि है आप बिल्कुल झूठ और व्यर्थ की इम्प्रेक्टिकेबल बात कह रहे है।
भंगी का अर्थ होता है जो खुद के अहंकार को भंग कर दे और मृदु हो जाये तभी तो वह समाज का सबसे महान कार्य कर सकता है भाई जिसे अहंकार रहेगा वो अच्छा, बड़ा कहने विले काम करेगा लेकिन बुरा और छोटा कहने वाले काम नहीं कर सकता । अतः जो अपने अहंकार को मिटा दे जो अपने मन को संसार के राग द्वेश से भंग कर लें वही भंगी है और साथ ही साथ हरि ब्रह्मा को प्यारा है जो सात्विक विचार रखे, हमेशा हरि सुमिरन करे वही हरिजन है।अब आप के ऊपर निर्भर है आप इन शब्दों का क्या अर्थ लगाते हैं। 🙏🙏👍🙏👍👍
ਬਿੱਲਕੁੱਲ ਸਹੀ ਕਹਿ ਰਹੇ ਹੋ । ਇਸ ਖੋਜ਼ ਨਾਲ ਕੋਈ ਭੱਲਾਈ ਜਾ ਸੁਧਾਰ ਦਾ ਸਬੰਧ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵੀ ਕਿਤਾਬੀ ਗਿਆਂਨ ਲਿੱਖਿਤ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਹੈ । ਉਸ ਨਾਲ ਝੱਗੜ੍ਹਿਆਂ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਜ਼ਰੂਰ ਹੋਇਆ ਹੈ । ਸੁੱਧਾਰ ਨਹੀਂ ਵਿਉਪਾਰ ਵਧਿਆ ਹੈ । ਮਨੁੱਖਤਾ ਦਾ ਸੁਧਾਰ ਕੇਵਲ ਇਮਾਂਨਦਾਰੀ ਅਤੇ ਸ਼ੁੱਧ ਕਰਮ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਹੈ । ਉਸ ਉੱਤੇ ਸ਼ਾਤਿਰ ਸੋਚ ਨੇ ਭਰਮ ਜਾਲ ਵਿਛਾ ਰੱਖਿਆ ਹੈ । ਜਿਸ ਝੂਠ ਵੱਧ ਫੁੱਲ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਸੱਚ ਸੁੰਗੜ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਇਮਾਂਨਦਾਰੀ ਸ਼ੁੱਧ ਕਰਮ ਨੇਕ ਨੀਅਤ ਹਰੇਕ ਮਨੁੱਖੀ ਜੀਵ ਦਾ ਭੱਲ੍ਹਾ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਈ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਪਾਸੇ ਧਿਆਂਨ ਦੇਂਣ ਦੀ ਅਧਿਕ ਲੋੜ੍ਹ ਹੈ । ਫੇਰ ਹੀ ਸਮਾਜਿਕ ਬੁਰਾਈਆਂ ਤੋਂ ਬਚਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਸੱਚਾ ਗਿਆਂਨ ਵੀ ਇਮਾਂਨਦਾਰੀ ਸ਼ੁੱਧ ਕਰਮ ਨੇਕ ਨੀਅਤ ਦਾ ਪ੍ਰੇਰਨਾਂ ਸਰੋਤ ਹੈ ।
परमपिता परमेश्वर कबीर साहेब सत्पुरुष सतलोक के निवासी
Sir aap itne acche se saral sabdo mei ba
ta rahin hai ki her baat ispast ho rahi hai.thank you sir
સૃષ્ટિ અલોકિક છે કોઈ ન જાણી શકે ❤❤ રાજ
Sat saheb g
Shab se pahale 17 .18.Hava buddth the🙏Namaha Buddhay 🙏
प्रकृति ईश्वर है और जहां जहां हमारी आपकी सोच पहुंच नहीं सकती दुनिया देख नहीं सकती वही ब्रह्मांड है
Om namah shivay om om 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉
सब धरती कागज करूं लेखनी सब बनराय ,सात समुद्र की मासई करूं तो भी हरि गुण लिखा न जाय।सब ईश्वर की महिमा है।ईश्वर इस जगत का निमार्ण किए हैं।
जय, जय गुरु महाराज गुरू! जय, जय परब्रम्ह सद्गुरू! सृष्टी की रचना, याने की उत्पत्ती और लय सब परब्रम्ह की माया से ही होती आरही हैं, ऐसा वेदशास्त्रो से पढने को मिलता हैं! धन्यवाद !
वेद शास्त्रों को किसने लिखा है 🙏🌺🙏
Kabir Ji Ne
Sat kabir saheb ji ki jai
જય શ્રીગુરુદેવ
Kabir sahib ji
Kaprir❤🎉🎉🎉
Good very very nice
Many many thanks 🌺🙏🌺
Pun sant rampal Maharaj ji ki Jai ho
राम को किसने देखा. देखा उसनें देखा किन्तु आज के कालखंड मे किसी ने भी राम को नहीं देखा हैं।ज्ञानी हो चाहे विप्र या विज्ञानी सबका राम अर्थशास्त्र हैं
Saty kabir
100%right
Mere parmeshwar sant Rampal Ji Maharaj, the greatest Kabir.
अपने आप को जानने से सारे उतर मिल जाऐंगे
Sarir khud 5tatav ka bana he or jo Beitha he vo hi ko jane Bhade ka Ghar ko kiyu khoj rahe jab kush he vohi he use Ghar jag mag rahe he jo vo nahi toa kush nahi prakruti ka Niyam he sada chalata rahta hai or privatan hota raheta he use kiya Khoj kare khud ko khoj me kon hu jo Chetan he vo kon he khud ko jakho jo jinda hu vaise mahesush hota he sarir Nashawat he or prakruti ke Niyaman se jo jaha he vaha jayega pani pani me puthawi puthawi me vayu vayu me Agani Agani me Aakash Aakash me 5 tatav ka pijara bana tha vo sab thik thak chala jayega ye pijara chhod ke chala jayega vo kon he jo 100salo Tak sambhal ke sath rakhate he jo Nikal Gaya vo 24 ghanata he khrab ho jayega vo kon he khud ko khoj me raho
सबसे पहले पुरुष कबीर
कबीर जी ही इस सारी सृषि्ट के रचनहार और चलाने वाले है क्योकि कबीर जी जिन जिन महात्माओ को मिले उन्होने अपनी अपनी बाणी में लिखा है उदाहरण के लिए संत गरीबदास जी महाराज ने अपनी बाणी मे कहा
हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया
जाति जुलाहा भेद न पाया काशी में आया कबीर हुआ
👏👏👏👏👏👏👏🌺🙏🌺
क्या बात वेद मनुष्य ने लिखे है लेकिन विचार ब्रम्ह का है सतगुरु बिन वेद पढ़े जो प्राणी समझे ना सार रहे अज्ञानी हम सवाल करें तभी मनुष्य है
Mne yaesva aajse pnch vrs phe pucha fsbhuk pr us smyae m ni jatakiseene utrni diyaa
Purnparmatmakabisaheb
किसीके जानने से मानना सही नहीं स्वंय जानो
पहले प्राकृतिक आया कि मानव दूसरा अंडा आया कि मुर्गी मेरे मेरे समझ से एक सिक्का का दो पहलू जीत है और पट सभी एक ही बातें हैं
Geeta man Bhagwan Shri Krishna bhajan
Pani ki bhudhse end end se pind bsaprki jo sab badhm hoaa
કમલ પહેલે આયા યા કબીર
Prakuti.inda.atma sabse pahle ye teen
satay
Sabse pahle Aaya purush
संत पिरया दास जी आप के प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा
Sab ek sath aye
Sant rampal ji Maharaj ko sampurna jankari hai
फिर आप को क्यों नहीं 🙏🌺🙏
Aap Osho ko jrur sunte hai यह अनुमान सही है
ज्ञान सब से लेना चाहिए जो हमारे भीतर है वही सबके भीतर हैं
जब हम कहते हैं कि आप सही कह रहे हो इसका अर्थ है सत्य हमारे भीतर पहले से ही था आपने हमें बताया तो हमारा सिर हां में हिलने लगा।
वह सत्य जो मुझमें पहले से विराजमान है आपके बताने से निखार आया यही तो श्री हनुमान जी के साथ हुआ था जामवंत ने हनुमान जी को उनकी शक्ति का आभास कराया था। और अपनी शक्ति को पहचान कर श्री हनुमान जी ने जो किया वह सबके सामने है। अतः हम ज्ञान गुरु से ग्रहण करते हैं और वह गुरु हमें हमारे भीतर छुपे हुए ज्ञान को निखारते हैं जो हम सुनते हैं उससे भी लाखों गुना सत्य हमारे भीतर है जब हम अपने को योग्य बनाते हैं तो इसका आभास होता है। और तो आप ज्ञानी ही हैं
Kabir alah akbar hai
Sant kabir se bada koi aur sant nahi hue jisne is jiv jad chetan aatma permatma ka sahi rup mei matlab samjhaya hai.jisne sant kabir ki baato ka samah liya samjho uski duvidha samapt ho gayi
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Is sri sapta ko kavir sharma's fifty
संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सुनो उसमें सृष्टि रचना सब बताई गई है
सत साहेब भगत जी
ना मैं जप में
Kis ne kaha he ki kabir hi paramatma he....kabir paramatma hoi hi nehi sakta...iska koi praman he ....
FemalKoPurushkikh0jarutehe
उस ईश्वरीय सत्ता को कबीर साहेब ने स्थापित किया और आप जड़ पथार्थ में बाट रहे एक दूसरे का विरोध हुआ फिर
कबीर साहब ने ना ही किसी ईश्वर को स्थापित किया है और ना ही किसी जड़ को उन्होंने तो सिर्फ इसका ज्ञान दिया है की जड़ और चैतन्य दो सत्ता नित्य है इसे समझो ,🙏🌺🙏
@@AaradhyaJivan आपके पिछले वीडियो में बोला की दसरथ वाले राम नही उस अनंत प्रभु राम को कबीर ने अंतरात्मा से bhajte थे ठीक है अलग वीडियो में अलग बात बोले पर उस ईश्वरीय सत्ता का तो सदा गुणगान किया
Kabir is supreme god
Kabir Ne Sirf Gyan Aur Vaani dwara Jagat ko Jagaya hai Kabir Ishwer Nahin Hai Gorkh Nanak Aur Bahut Se Sant Mahatma Huey Hai Duniya Ko murkh Mat Bao Ki Kabir Ishwer Hai Aap yeh Bharam Mat Palo Apne Man Mein Thanks
कबीर ने कभी नहीं कहा कि मैं ईश्वर हूं उनकी किसी भी पुस्तक में यह नहीं लिखा कि वही एकमात्र ईश्वर है उनका कहना है कि जीव ही परम सत्ता है और जीव आत्मा ही परम ज्ञान के बाद परमात्मा बन जाता है प्यारे मित्र किसी के बहकावे ज्ञान में अपने को अज्ञानी मत बनाओ पहले सत्य को धैर्य से समझो हमारे मन मस्तिष्क में सत्य बातें शीघ्र ही समझ में नहीं आती क्योंकि असत्य ज्ञान पहले से ही भरा हुआ है जब तक हम अपने खुद के विवेक को जागृत नहीं करेंगे या सत्य को जानने की इच्छा नहीं रखेंगे तब तक हमें सत्य और सत्य में भेद नजर नहीं आएगा 🙏🌺🙏
@@AaradhyaJivan
आप फिर झूठ बोल रहे है सदगुुरु कबीर साहेब ही गुरु सदगुरु है।
पूर्णब्रह्म, परमेश्वर है सृष्टि के सृष्टा है।इस सत्य को सर्वश्री परम पूज्य परमश्रद्धेय गुरु नानक देव जी साहेब ने, धर्मदास जी साहेब ने,पलटू साहेब, मलूकदास जी साहेब ने, दरिया दास जी ने,गरीब दास जी साहेब ने, घीसादास जी साहेब न जाने और भी अनेकानेक संत है जिन्होने सदगुरु कबीर साहेब को सृष्टि का सृष्टा परब्रह्म परमेश्वर जाना और माना भी है। आप के शरीर की सृष्टि को रचने वाले,आपको पैदा करने वाले पहले उपस्थित है। फिर आप कैसे कह रहे है कि जड या प्रकृति अनादि है आप बिल्कुल झूठ और व्यर्थ की इम्प्रेक्टिकेबल बात कह रहे है।
N o, o n e, K n o w S, t h e, m y S t r y
No, o n e K n o w S ,t h e, m y S t r y
satay hi pooorus h
Mai bhangi hu
Kya tum bhi bhangi ho
भंगी का अर्थ होता है जो खुद के अहंकार को भंग कर दे और मृदु हो जाये
तभी तो वह समाज का सबसे महान कार्य कर सकता है भाई जिसे अहंकार रहेगा वो अच्छा, बड़ा कहने विले काम करेगा लेकिन बुरा और छोटा कहने वाले काम नहीं कर सकता ।
अतः जो अपने अहंकार को मिटा दे जो अपने मन को संसार के राग द्वेश से भंग कर लें वही भंगी है और साथ ही साथ हरि ब्रह्मा को प्यारा है जो सात्विक विचार रखे, हमेशा हरि सुमिरन करे वही हरिजन है।अब आप के ऊपर निर्भर है आप इन शब्दों का क्या अर्थ लगाते हैं।
🙏🙏👍🙏👍👍
Kabir. Ko koi gyan nahi tha.
Ap ne kaise jana ki yan nahin tha
@@rameshkumar-ov2gm sristi rachana se jo kabir sagar me hai.