औरंगज़ेब अच्छा था या बुरा ? पूरी कहानी आसान भाषा में | Aurangzeb was good or bad Analysis by Pragya

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 11 сен 2024
  • #aurangzeb #pragya
    औरंगज़ेब अच्छा था या बुरा ? पूरी कहानी आसान भाषा में | Aurangzeb was good or bad Analysis by Pragya
    JOIN PRAGYA MISHRA NOW FREE-
    प्रज्ञा जी को TWITTER पर FOLLOW करें उनसे बात करें- / pragyalive
    प्रज्ञा जी के ब्लॉग पढ़िए VISIT TO WEBSITE - • CM HEMANT SOREN और MOD...
    प्रज्ञा जी से फेसबुक पर जुड़िए- / pragyamishralive
    PRAGYA MISHRA जी से इंस्टाग्राम पर जुड़िए- / pragyam96
    ----------------------------------------------------------------
    ABOUT-
    INDIA में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रहने वाली PRAGYA MISHRA जी अपनी अलग तरह की धारदार रिपोर्टिंग के लिए INDIA में जानी जानी जाती हैं..वो एंकरों की तरह टाई कोट..और सूट बूट नहीं पहनती हैं. प्रज्ञा मिश्रा जी सामान्य लोगों के बीच बेहद सामान्य तरीके से रहती हैं.. यूपी चुनाव और हाथरस कांड में पूरे भारत की मीडिया ने उनका लोहा माना है.. प्रज्ञा जी बिना किसी दबाव के सच्ची बात कहने दिखाने और सरकारों से सवाल करने के लिए जानी जाती हैं..सच को मीडिया के कॉर्पोरेट घराने कुचल ना पाएं इसलिए..प्रज्ञा मिश्रा जी PRAGYA KA PANNA नाम के इस यूट्यूब पेज पर बिना किसी मीडिया हाउस के दबाव के स्वतंत्रा से सच्चे विचार सबूतों के साथ रखती हैं..
    दोस्तों..प्रज्ञा मिश्रा जी का Ulta chasma uc नाम से एक और चैनल हैं जहां पर वो आम लोगों के विचार देश तक पहुंचाती हैं.. किसी भी मुद्दे पर सर्वे करती हैं..आप प्रज्ञा जी के साथ जुड़िए उनकी ताकत बनिए..सच को मजबूत कीजिए..
    -------------------------------------------------------------
    DISCLAMER- प्रोग्राम में दिए गए वक्तव्य का उद्देश्य किसी जाति धर्म संप्रदाय पार्टी दल समूह धर्म व्यक्ति या संस्था को बदनाम करने या ठेस पहुंचाने का नहीं है. सच को व्यंग्यात्मक या तथ्यात्मक तौर पर समाज के सामने लाने के पीछे प्रस्तोता का मक्सद पारदर्शिता कायम करना और समाज को शिक्षित करना है.

Комментарии • 8 тыс.

  • @vijayvishwakarma1002
    @vijayvishwakarma1002 Год назад +447

    तुमको पैसे का लालच नहीं दीदी तभी सच्चाई बोल रही हैं आपको दिल से शुक्रिया

    • @tirthankarmandal5101
      @tirthankarmandal5101 Год назад

      @Vijay Vishwakarma vai ap kahase ho

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय Vijayji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। चर्चा की खास प्रणाली निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि, और किसी भी जाति या धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित
      और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @GyanTvAmit
      @GyanTvAmit Год назад +4

      😂😂

    • @user-ub4ue6fq1p
      @user-ub4ue6fq1p Год назад

      तुम्हारी यही गलती है जो भी ब्राह्मण पत्रकार है उसी की सच्चाई मानते हो , आंधे बने हो 75 सालो से चमचे बने हो

    • @user-vo9og2rs4q
      @user-vo9og2rs4q Год назад +1

      Right aurangzeb ek ache badshah the

  • @kaishali8352
    @kaishali8352 Год назад +627

    इतिहास में ये भी दर्ज होगा भारत में जब मिडिया बिक गया था तब भी आप जैसे सच्चे सिपाही संघर्ष कर रहे थे ❤
    सलयूट जय हिन्द

    • @user-vx5ty9qb4w
      @user-vx5ty9qb4w Год назад +1

      Tere photo se gandagi dikh rahi

    • @gulzar20-pf8yf
      @gulzar20-pf8yf Год назад +2

      Kiya bat liki hai bro Dil khus ho gya

    • @amitsharma8181
      @amitsharma8181 Год назад +1

      खुद तो मरेगी पगली हमें भी मरवायेगी

    • @vengeance6465
      @vengeance6465 Год назад +1

      Powerful comment with Powerful profile 🇮🇳

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय Kaishaliji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। चर्चा की खास प्रणाली निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि, और किसी भी जाति या धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित
      और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @piyushsomani5018
    @piyushsomani5018 Год назад +2107

    300-400 सालों पहले मर चुके आदमी का सहारा लेकर अपनी राजनीति चमकाने वाले दल अंदर से कितने ज्यादा खोखले हैं... ये सोचने वाली बात है...

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +35

      आदरणीय Piyush Somaniji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @ismailpathan6329
      @ismailpathan6329 Год назад +14

      @@avadhutjoshi796 sir, बहुत बहुत धन्यावद,,आपकी से सहमत हूँ,

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +9

      @@ismailpathan6329 धन्यवाद सर. यह जानकारी सभीसे साझा करे और समर्थन करना ऐसी आपसे प्रार्थना है. 🙏. अवधूत जोशी

    • @roshankhatoon8948
      @roshankhatoon8948 Год назад +5

      Bilkul sahi kaha aapne

    • @roshankhatoon8948
      @roshankhatoon8948 Год назад +3

      Bahut bahut sukriya 🙏🙏 Aapka

  • @GufranKhan-jg5jq
    @GufranKhan-jg5jq Год назад +79

    हजरत ओरंग जेब रहमतुल्लाह आले बहुत ही ईमानदार थे

    • @anujvagre23
      @anujvagre23 3 месяца назад

      Wah re convert putra ek lutere akaranta ko hazrat bana diya

  • @ankitaupadhyay2649
    @ankitaupadhyay2649 Год назад +451

    हिन्दू मुस्लिम,सब राजनीति के लिए हैं,हम जनता को इन सब से कोई मतलब नहीं रहता है, नेता लोग जानबूझकर सबको भड़काते हैं,और अपना फायदा करते हैं,आप ने बहुत अच्छा विश्लेषण किया है 🙏🏻🙏🏻

    • @naushadansariansari8505
      @naushadansariansari8505 Год назад +6

      Good sister g. Aapko saloot krte hai.aapme ensaniyat h

    • @naushadansariansari8505
      @naushadansariansari8505 Год назад +1

      @@tarnummemon99 assalamualaikum

    • @AKHARYANA.
      @AKHARYANA. Год назад +3

      Acha hindu muslim rajniti or ko dharm ke nam par Pakistan Bangladesh le liya vo kya ... Tab konse muslim the jinho ne vote kiya tha Pakistan ke liye.... 😂😂😂😂 Andhe ho ya budhi nahi hai

    • @shonababu4113
      @shonababu4113 Год назад +1

      ऐ सब ईलेक्शन की तैयारी है पिसे गी गरीब जनता

    • @Ansu673
      @Ansu673 Год назад

      Janta ab aur murkh nahi banegi.karnatak ki janta ne pure desh ko rasta dikha diya hai.jago grahak jago.

  • @kjvaniya8087
    @kjvaniya8087 Год назад +1297

    आप एक ऐसी पत्रकार हो कि कोई खोफ,भय या डर नही रखती,आपकीं पत्रतारिकता को नमन।🙏❤️🙏👍🙏...

    • @maryaenterpriseschannel7935
      @maryaenterpriseschannel7935 Год назад +15

      Y jihalo ki reporter hii

    • @princemishra5747
      @princemishra5747 Год назад +12

      Ye Akhilesh ji ki media hai.

    • @hcgey.yktggdv
      @hcgey.yktggdv Год назад +8

      ​@@princemishra5747ha ye brahman ke naam pr kalank hai

    • @princemishra5747
      @princemishra5747 Год назад +6

      @@hcgey.yktggdv isko itihass ka knowledge nahi hai. Aur itihass pe gyan de rahi hai. Jodhabai naam ki koi biwi thi hi nahi. Lekin Bollywood dekh kar isne Akbar se jazia khatam bhi karwa dia. Isko anpadh gawar hone ka certificate milna chaihe.

    • @kailashpandit4366
      @kailashpandit4366 Год назад

      जब भी कोई नालायक भाजपायी ये कहता है की मन्दिरों को तोर्ड्कर मस्जिदें बनाई गई तो तुरंत अंधभक्तो के गोबर दिमाग में ये climex बन जाता है की कैसे तोर्डा होगा? जैसे मानो, मुघ्ल अपने घोर्डे लेकर जबर्दस्ती मन्दिरों में घुस जाते हैं और मन्दिर के पुजारी पण्डितो के सर काट देते हैं महिलाओ का बलात्कार करते हैं,,ऐसे विचार आते ही तुरंत एक अंधभक्त अपने पर्डॉसे मैं रहने वाले सलीम को भी नफरत की नज़र से देखने लगता है । पर सच आधा अधूरा है,जो शायद ये हरामखोर संघी कभी बताएँगे नही ,एक समय ऐसा था जब भारत में बहुत सी मन्दिरे हुआ करती थी। और लोगो की जनसंख्या भी ज्यादा नहीं थी इसलिये लोग के लिए सारी मन्दिरो की देख भाल करना शायद उतना सम्भव नही था । उस समय लोगो को घर, जगह,जमीन, मन्दिर इसका महत्व पता ही नही था। और ठीक से देखभाल ना होने के कारण कई मन्दिर,घर,,हवेली,, बहुत पुरानी होजाती थी बहुत से मन्दिरो मैं लोगो का आना जाना भी बहुत कम होगया था। बहुत सी मन्दिरे तो ऐसीए थी जहा कोई आता जाता भी नही था । देखते देखते कई मन्दिरे खंडरो का रुप ले चुकी थी ।ऐसे खंडर मन्दिरो के पास से तो अक्सर लोग आने जाने से भी डरते थे ।लोगो मैं विब्भिन धारणायें बन चुकी थी जैसे मन्दिरो का श्रापित होना,,मन्दिर मैं देवी का प्रकोप होना,,भुत पिशाच का होना,,पर विदेशी मुसलमान चाहे लोदी हो,,या खिलजी हो,,या मुघल हो,,जो भी हो वो इन सब बातो पर विश्वास नही करते थे वो जब कभी ऐसे रास्तो से गुजरते तो अक्सर ऐसी ही जगो पर अपने घोर्डे बान्कर वहा विश्राम किया करते थे । और उन मैं कोई नमाज़ि होता तो वो वहीं थोर्डा साफ सफाई करके नमाज पर्ड लिया करता था। अब जब मुसलमानो ने देखा की ये जगह उन्के बहुत काम आरही है और कोई इस जगह पर अपना दावा भी नही कर रहा किसी हिन्दू को कुच पडी ही नही है तो उन्होँने अपनी सुविधा उनुसार उस मन्दिर के खंडर को मस्जीद मैं परिवर्तित कर लिया।आज जब उनकी मस्जीदे आबाद होगई,,मस्जीद में और आस पास में आना जाना शिरू होगया।आस पास मैं घर और बाज़ार बन गए विदेसी परेटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई मस्जीदे तो इन संघीयो के पेट में दर्द होने लगा नजाने कोन कोन से भगवान मस्जीदो मैं पैदा होने लगे।सच यही है कि कोई भी मस्जीद मन्दिर को जबर्दस्ती तोर्ड्कर नही बनाई गई ये सब बकवास है और नाही किसी हिन्दू की जबरदस्ती हत्या की गई और ना ही उनका धर्म परिवर्तन किया गया। ये केवल और केवल देश के बहुसम्पयक समुदाय के लोगो को मूर्ख बनाकर उनका वोट बटोरने की योजना है।

  • @chaljhootha7334
    @chaljhootha7334 Год назад +141

    पिछले 70 साल मे कभी भी मुगल बादशाहों को इतना याद नही किया गया जितना आज कीया जा रहा है ।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @whatsappstatus8781
      @whatsappstatus8781 Год назад +5

      ​@@avadhutjoshi796 सभी धर्म अच्छाई सिखाते हैं राष्ट्र के विकास में कभी कोई धर्म आड़े नहीं आएगा नेताओं को चाहिए कि वह गड़े हुए मुर्दे न उखाड़े अगर ऐसा कर रहे हैं तो जनता को जागरूक होना चाहिए

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      @@whatsappstatus8781 धन्यवाद भाईसाब. मैं भी जागरुकता बढा रहा हूं. मुलतः क्या समस्या है वह बता कर ऊसके समाधान की बात कर रहा हूं देशव्यापी चर्चा से... वह भी हमेशा के लीये समाधान. आप जैसे जागरूक लोगों से ईसका समर्थन चाहता हूं. आप समर्थन करे और देशव्यापी चर्चा की बात लोगों के साथ साझा करे ऐसी आपसे प्रार्थना है. 🙏. अवधूत जोशी

    • @shanuyok615
      @shanuyok615 Год назад +1

      @@whatsappstatus8781 sabhi mazhab acchayi nahi sikhate , pahle dharam ka matlab to jaan lo
      Aur koran aur bible puri padh lena pata chal jayega

    • @whatsappstatus8781
      @whatsappstatus8781 Год назад +2

      @@shanuyok615 kuraan aur bilbe padh Li h ab aap bhi padh lo ha uske sath मनुस्मृति bhi padh lena

  • @shakeelkhan-hq6sd
    @shakeelkhan-hq6sd 10 месяцев назад +49

    सच्ची पत्रकारिता आज भी जीवित हैं, इसीलिए उम्मीद की एक किरण आज भी जिंदा हैं कि वक्त जरूर बदलेगा।

  • @ganeshbanerjee9841
    @ganeshbanerjee9841 Год назад +1612

    औरंगजेब ने बचपन से ही सैनिक सेवा की थी। इसी कारण वह एक कुशल सेनानायक था, और कभी कोई युद्ध नहीं हारा।

    • @chikuyadav3485
      @chikuyadav3485 Год назад +102

      हा तो अपने घर मे। इश्का तस्वीर लगा कर रोज़ पूजा करना और अपने बच्चो को इश्के जैशा बनना

    • @monotheist1.0
      @monotheist1.0 Год назад +45

      @@chikuyadav3485 😂😂😂kahen bhadak rahe ho Bhai

    • @chikuyadav3485
      @chikuyadav3485 Год назад

      @@monotheist1.0 भाई सिख और हिन्दू बच्चओ का सर काट कर अपने भालो मे लगाने वाले को प्रज्ञा फातिमा मैडम उसको हिन्दू का हितेषी हीरो बनाने पे तुली हे

    • @kailashpandit4366
      @kailashpandit4366 Год назад

      जब भी कोई नालायक भाजपायी ये कहता है की मन्दिरों को तोर्ड्कर मस्जिदें बनाई गई तो तुरंत अंधभक्तो के गोबर दिमाग में ये climex बन जाता है की कैसे तोर्डा होगा? जैसे मानो, मुघ्ल अपने घोर्डे लेकर जबर्दस्ती मन्दिरों में घुस जाते हैं और मन्दिर के पुजारी पण्डितो के सर काट देते हैं महिलाओ का बलात्कार करते हैं,,ऐसे विचार आते ही तुरंत एक अंधभक्त अपने पर्डॉसे मैं रहने वाले सलीम को भी नफरत की नज़र से देखने लगता है । पर सच आधा अधूरा है,जो शायद ये हरामखोर संघी कभी बताएँगे नही ,एक समय ऐसा था जब भारत में बहुत सी मन्दिरे हुआ करती थी। और लोगो की जनसंख्या भी ज्यादा नहीं थी इसलिये लोग के लिए सारी मन्दिरो की देख भाल करना शायद उतना सम्भव नही था । उस समय लोगो को घर, जगह,जमीन, मन्दिर इसका महत्व पता ही नही था। और ठीक से देखभाल ना होने के कारण कई मन्दिर,घर,,हवेली,, बहुत पुरानी होजाती थी बहुत से मन्दिरो मैं लोगो का आना जाना भी बहुत कम होगया था। बहुत सी मन्दिरे तो ऐसीए थी जहा कोई आता जाता भी नही था । देखते देखते कई मन्दिरे खंडरो का रुप ले चुकी थी ।ऐसे खंडर मन्दिरो के पास से तो अक्सर लोग आने जाने से भी डरते थे ।लोगो मैं विब्भिन धारणायें बन चुकी थी जैसे मन्दिरो का श्रापित होना,,मन्दिर मैं देवी का प्रकोप होना,,भुत पिशाच का होना,,पर विदेशी मुसलमान चाहे लोदी हो,,या खिलजी हो,,या मुघल हो,,जो भी हो वो इन सब बातो पर विश्वास नही करते थे वो जब कभी ऐसे रास्तो से गुजरते तो अक्सर ऐसी ही जगो पर अपने घोर्डे बान्कर वहा विश्राम किया करते थे । और उन मैं कोई नमाज़ि होता तो वो वहीं थोर्डा साफ सफाई करके नमाज पर्ड लिया करता था। अब जब मुसलमानो ने देखा की ये जगह उन्के बहुत काम आरही है और कोई इस जगह पर अपना दावा भी नही कर रहा किसी हिन्दू को कुच पडी ही नही है तो उन्होँने अपनी सुविधा उनुसार उस मन्दिर के खंडर को मस्जीद मैं परिवर्तित कर लिया।आज जब उनकी मस्जीदे आबाद होगई,,मस्जीद में और आस पास में आना जाना शिरू होगया।आस पास मैं घर और बाज़ार बन गए विदेसी परेटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई मस्जीदे तो इन संघीयो के पेट में दर्द होने लगा नजाने कोन कोन से भगवान मस्जीदो मैं पैदा होने लगे।सच यही है कि कोई भी मस्जीद मन्दिर को जबर्दस्ती तोर्ड्कर नही बनाई गई ये सब बकवास है और नाही किसी हिन्दू की जबरदस्ती हत्या की गई और ना ही उनका धर्म परिवर्तन किया गया। ये केवल और केवल देश के बहुसम्पयक समुदाय के लोगो को मूर्ख बनाकर उनका वोट बटोरने की योजना है।

    • @Histrypedia
      @Histrypedia Год назад +18

      Bhai you are Indian first' 🇮🇳 ❤

  • @arvindpatel5751
    @arvindpatel5751 Год назад +1538

    अब चुनाव होगा विकास पर औरंगजेब पर नहीं

    • @RoboRhythms198
      @RoboRhythms198 Год назад +18

      Chunao toh bikwas par hoga magar.... secular party ka admi jitne ka bad Pakistan jindabad ka desh bakti bala nara vi lageyga.....😂😂😂

    • @iu7177
      @iu7177 Год назад +13

      Gajab bro good job 👌👍

    • @SufiyaNaaz-l9u
      @SufiyaNaaz-l9u Год назад +57

      काश हर एक भारतीय के दिमाग़ मै यही बात आ जाएं तो सरकारें भी विकास ही करेंगी बजाए लोगो को लड़ाने के

    • @iu7177
      @iu7177 Год назад +20

      @@SufiyaNaaz-l9u Good 👍 absolutely right

    • @rashidkhan-to4ut
      @rashidkhan-to4ut Год назад +13

      Good bro

  • @mohdnaushad9632
    @mohdnaushad9632 Год назад +101

    हकीकत बयान करने के लिए छोटी बहन सलाम

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Mohdnaushadji 🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @RajKumar-ee5bv
      @RajKumar-ee5bv 3 месяца назад

      प्रज्ञा मिश्रा पहले यह तो बता तू उसकी पूजा करती क्या लाखों हिंदुओं को मरवाया हिंदुओं के ऊपर जजिया कर लगाया हिंदुओं को मुसलमान बनाया कोई पार्टी हिंदुओं की हित की बात नहीं करता मैं किसी पार्टी को उम्मीद नहीं करता चाहे कांग्रेस हो चाहे सपा को मैं खुद यादव हूं लेकिन किसी से समर्थन नहीं करता पार्टी का हिंदुओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया है सब ने मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीतिक खेल करके मुसलमान का साथ दिया है यह बात कांग्रेस सरकार ने 5000 ब्राह्मण को मरवाया था महात्मा गांधी की हत्या हुई

  • @VivekPathak-w1i
    @VivekPathak-w1i 22 дня назад +7

    सही यह है कि औरंगज़ेब एकं अच्छा योद्धा था। और भारत की सीमाओं के विद्रोह नष्ट किए।

  • @prahri.I.N.D.I.A1797
    @prahri.I.N.D.I.A1797 Год назад +258

    सभी बातों का एक ही सार है कि मणिपुर के बाद अब महाराष्ट्र की बारी, दंगाई मानसिकता वाले जीतने के लिए कुछ भी कर सकते हैं सावधान रहें इनसे।

    • @jainullah5802
      @jainullah5802 Год назад

      DALAAL MODI NOUTANKI MODI KAPAT JHOOTA DHOKEBAAZ JUMLEBAAZ MODI KAATIL GOONDA AATANKI, PULVAAMA SAINIKONKA KO HATYAKAAND JAANBOOJKAR KARVAAYA MODI , BJP MODIBJP KO HATAO DESH BACHAO

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +2

      आदरणीय Paarkhiji🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @newssafarindia
      @newssafarindia Год назад +1

      सही कहा आपने

    • @AnilSharma-rb4ns
      @AnilSharma-rb4ns Год назад

      @@avadhutjoshi796 Bhai shab apko kis ne bola ki Jo BJP ko support karta hai bo he Hindu hai ...Baki jo other party'ko support karta hai bo Hindu Dharm ko nhi manta..

    • @shanuyok615
      @shanuyok615 Год назад +2

      aurangzeb accha admi tha to Sikho ne bhi uske sath Jung kyu ki ?
      Thoda dimag se socho ese log jo mugal ko promote karte unko jawab Dena aur Virodh karna zaroori kyu hai pahle ye toh jaan Lo paarkhi ji.

  • @amankalsi7427
    @amankalsi7427 Год назад +298

    #मैं हिन्दू हूँ मुर्ख नहीं, बहुत हुआ हिंदू मुस्लिम, महामूर्ख व्यक्ति को क्या कहेंगे ?अगर वोट डालना है तो महंगाई और बेरोजगारी के नाम पर डालो Kabhi BJP ko vote mat dena.. aur kisi bhi party ko de dena..

    • @kamina_hu_me_13
      @kamina_hu_me_13 Год назад +6

      Mai general caste se hu kisi party ko vote dena to durki baat hai mene aapna voter id card hi fek diya
      General caste ke liye kisi party ne kuch Kiya hoto bata Dena ise mai vote dunga 🤷🤷🤷
      Or rahi baat mahegai, berojgari ki to ise koi party khatam nahi kar sakti😂😂😂

    • @ravinwdkr
      @ravinwdkr Год назад +5

      @@kamina_hu_me_13 samj gya tum Mulla ho

    • @jagdishnarola5293
      @jagdishnarola5293 Год назад +2

      Aman ab khtana BHI karawa lo Matalab lulli katawa lo

    • @kamina_hu_me_13
      @kamina_hu_me_13 Год назад +1

      @@ravinwdkr Jay shree ram ❤️Jay mataji ❤️ Jay Dwarkadhish 💖
      Aab iske aalava kaya kahu🤔🤔

    • @hemendrachouhan6803
      @hemendrachouhan6803 Год назад

      तुम्हारे जैसे कुछ हिन्दुओ के कारण ही हिन्दु मुर्ख समझे जाते है।

  • @sujauddinmohammed7863
    @sujauddinmohammed7863 Год назад +40

    मेरे प्यारे दोस्तों आपके लिए एक विशेष जानकारी ये है कि औरंगजेब के ट्रेजरर (treasurer) जो है एक ब्राह्मण ता। उसका नाम चंद्रभान ब्राह्मण। अगर ब्राह्मण को विरोध करने वाला अपना कोषाधिकारी क्या ब्राह्मण रखेगा। ये तो सोंचने वाली बात है भाई 🙏

  • @samarsiddique782
    @samarsiddique782 10 месяцев назад +13

    नमन औरंगजेब & your पत्रकारिता

  • @smtariq8046
    @smtariq8046 Год назад +47

    इंसाफ़ पसंद बादशाह औरंगज़ेब आलमगीर भारतीय इतिहास की अज़ीम शख़्सियतों में सबसे आला मुक़ाम रखते हैं 😊

  • @Zaina939
    @Zaina939 Год назад +202

    औरंगजेब ऐसा बादशाह था जो खुदा के डर से थर्रा जाता था अपने धर्म के साथ दूसरों के धर्म की भी इज्जत करता था। ❤

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +6

      आदरणीय Zainabkhanji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @mansur4599
      @mansur4599 Год назад

      🤫

    • @mdnoman938
      @mdnoman938 Год назад +1

      Ryt

    • @shahajanmulani9779
      @shahajanmulani9779 Год назад +1

      पुरानी ऐतिहासिक बातों का सहारा लेकर जो राजनीतिक पार्टी बहेस करवाती है उसे एहमियत देना ही गलत है आज के हालात पर कौन क्यों नहीं सोचता?

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      @@shahajanmulani9779 कैसे नहीं देंगे अहमियत? ईतनी मेजारीटी लेकर सत्तामें आये है. ऊस बातको भी तो सोचिये.

  • @tanviralam1490
    @tanviralam1490 Год назад +46

    Sach ko bolne ki takat sirf aap jese logo me h

    • @shifashaikh8599
      @shifashaikh8599 Год назад

      Madam auranjeb ki deth ahmedabad me nahi ahmednagar maharatra me hui hai

  • @sadaffatma7257
    @sadaffatma7257 Год назад +91

    As a upsc history optional aspirant i know its completely true
    well done prgya mam ❤❤❤

    • @charagheabululai9654
      @charagheabululai9654 7 месяцев назад

      Upsc aspirant??

    • @MOHAMMAD_07866
      @MOHAMMAD_07866 5 месяцев назад +1

      Yes 😊 happy 😊 Ramdan ❤️ u form ❤️❤️😊

    • @vedicculture_
      @vedicculture_ Месяц назад

      Bhai as a upac aspirants you should also know that indian history isn't based on truth

  • @jbboss3683
    @jbboss3683 Год назад +30

    धर्म के नाम पर कब तक सत्ता की मलाई खाते रहेंगे। अंत तो होगा ही ।

  • @suhelbhayji4522
    @suhelbhayji4522 Год назад +111

    इतिहास को समझना आसान नहीं है और अंधभक्त तो जो भी वॉट्सएप्प यूनिवर्सिटी मे आता है उसको सच मान लेता है उसके दिमाग मे इतनी ताकत ही नहीं की इतिहास की सच्चाई क्या है समझ सके।
    आपने बहुत अच्छे से बताया।

    • @user-kk4ot3or5t
      @user-kk4ot3or5t Год назад +1

      Maratho ne bend baja rakhi thi 😮 isko bata khud maratha mansudar kitne the Aurangzeb ke darbar me

    • @dilshadahmad6166
      @dilshadahmad6166 Год назад +1

      Tu bata teri sena me kitne pakistani h. Vidrohiyo aur dushmano ko koi apni sena m nahi rakhta.
      Mentos khao dimag ki batti jalao😂

    • @tajalliyat-e-madani8212
      @tajalliyat-e-madani8212 Год назад +2

      आपने औरंगजेब पर बेहतरीन खुलासा किया है यही सच्चाई है आपके हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी

    • @SkSelimPegionLaver
      @SkSelimPegionLaver Год назад +1

      Tum sahi kere ho lekin a jo kuche bhas ha na ya andhbhakt in logo ko kon samjhaya ga😂😂😂 Itihas kiy ha .

    • @user-kk4ot3or5t
      @user-kk4ot3or5t Год назад +1

      @@dilshadahmad6166 abe chungooooo , andhbhakt 🙆😂
      Mentosh tu kha👅 pajeet
      Pakistan afganistan ye sab pahele hindustan me hi ata tha 🤷samza
      Or hindustan ki shan mughal se hi badhi he aaj bhi hindustan Mughlo or musalmano ki banai hui chijo se hi itna femus he Taj mahel lal kila kutub minar dilli bengaluru agra surat ahmedabad heydara bad bade bade saher mughalo or muslim ne hi banae he chimkandi 😂🙆💁♈

  • @shoilshaikh1179
    @shoilshaikh1179 Год назад +116

    सच्ची पत्रकारिता और सच्ची बात करने के लये आज़ के दौर मे बड़ी हिम्मत की बात है
    🌹🌹🌹🌹🌹👍👍👍👍👍👌👌👌👌👌

    • @Missioncomplete-pc1ty
      @Missioncomplete-pc1ty Год назад +1

      😂😂😂😂😂😂

    • @mdtaslimlyl7891
      @mdtaslimlyl7891 Год назад

      ​@@Missioncomplete-pc1ty kyA huwa Bhai has kyun rhee

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय shoilshaikhji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। चर्चा की खास प्रणाली निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि, और किसी भी जाति या धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित
      और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @AftabAlam-ho1uo
    @AftabAlam-ho1uo 10 месяцев назад +22

    V good Masha allah

  • @press1440
    @press1440 Год назад +634

    I am a Hindu but I respect Aurangzeb. Because he also did not do any casteism like Shivji. I respect Aurangzeb. Aurangzeb did what was right at that time which our Hindus of today cannot understand

    • @greatmahatmagandhi4713
      @greatmahatmagandhi4713 Год назад +72

      Aurengzeb jo bhi thaa lekin usne India ko world me number one banaya tha

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +11

      आदरणीय 🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @dipalishintre4572
      @dipalishintre4572 Год назад +14

      Respect the person who know humanity .....don't you know how aurangzeb brutally killed sambhaji maharaj

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      @@dipalishintre4572 Dipaliji! 🙏!
      I do agree with you. However we have equal responsibility of changing this situation. What should we do?
      I have one good idea for such problems. I am sharing it with you. Pl support it.
      भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
      हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है।
      इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

    • @dipalishintre4572
      @dipalishintre4572 Год назад +1

      You are right 👍

  • @ASHWANIKUMAR-hk2px
    @ASHWANIKUMAR-hk2px Год назад +89

    इतिहास की सच्चाई सामने ले आई कुछ की तो आंखें खुलेंगी

    • @contryface3429
      @contryface3429 Год назад

      Hava main bate karne ka matlab itihas padhana nahin hota. Kya koi ek bhi tarikh, jagah sahit kuchh bat ki hain. Kya inhe pata bhi hain ki aurangjeb 1680 main dilli chhod kar Maharashtra main kyon aaya tha. Kya yeh bhi pata hain ki usane apni jindagi ka aham hissa - 27 sal aurangabad main bitaye voh bhi keval marathon se ladate huye uski jindagi yahin par khak ho gayi? Chhatrapati shivaji maharaj ki 1680 main mrityu ke bad usne marathon ko harana bada asan samjha tha lekin marathe voh hain jinhone use lagatar 27 sal tak keval unse ulzayen rakha. Baki to kuchh bhi soch nahin paya voh. Na hi vapis dilli ja paya. Aurangjeb ki agar asli history hain to voh keval aur keval marathon se hain. Usne shivaji maharaj ko agra ki kile main kaid karvaya tha, unke suptr chhatrpati sambhaji maharaj ki nrushyans hatya kar di. Baki to karname gine nahi jate. Aur fir use achha kam karne ki fursat kab mili?

  • @afatab1614
    @afatab1614 Год назад +30

    Aapki sachhi patrakarita ke liye AAPKO tahe dil se DHANYAVAD

  • @Salikshaikh-tt3lw
    @Salikshaikh-tt3lw 10 месяцев назад +12

    Apna khayal rakhe Mam. You are real journalist.

  • @userIamIndian
    @userIamIndian Год назад +244

    I am a history student and I can rightly say that the whole analysis is based on fact and figures. Thank You Pragya. You reveal some of the interesting facts which even I was not aware of.

    • @user-di4ib7qs4u
      @user-di4ib7qs4u Год назад +6

      😂 feeling sorry for U
      You are reading Manipulated History

    • @userIamIndian
      @userIamIndian Год назад +10

      @@user-di4ib7qs4u Yes bcoz you wrote it.

    • @roopashekhawat2026
      @roopashekhawat2026 Год назад

      Hai bahan tu hi history ki student hai baki to PhD wale chutiya the

    • @ainulhaquemazumder3985
      @ainulhaquemazumder3985 Год назад

      The British historians twisted the truth of mediaeval history of India & assassinated the character of Muslim rullers of that period. Thanks Pragya for revealing the fact.

    • @anmolsanjaynigam7759
      @anmolsanjaynigam7759 Год назад

      @@user-di4ib7qs4u😂

  • @s.ashahid9083
    @s.ashahid9083 Год назад +22

    آپ نے تاریخی حقائق بہت اچھے سے بتائی ہے بہت خوب

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @dekhterabaapaaya2668
    @dekhterabaapaaya2668 Год назад +94

    मुगल का खौफ अभी भी आर एस एस बजरंग दल हिंदू विश्व परिषद और बीजेपी के दिल में कूट-कूट के भरा हुआ है जब रात में सोता होगा तो जरूर सपना देखता होगा कल यही मुगल पैदा तो नहीं हो जाएगा😂😂😂😂

    • @ramnathfunde7587
      @ramnathfunde7587 Год назад +1

      तू मुग्ल है क्या.😂मा को पूछ😂😂😘

    • @dabanggmiya6654
      @dabanggmiya6654 Год назад

      ​@@ramnathfunde7587 chup sale niyog vidhi se jalme

    • @dekhterabaapaaya2668
      @dekhterabaapaaya2668 Год назад

      @@ramnathfunde7587 Tu hanuman bandr ka oulad ha ya siv ling ke ling ka oulad ha tu apni maa se puch tera papa kon ha abdul ya sivling 😆😆😆😆

  • @SirajKhan-wv4ox
    @SirajKhan-wv4ox 3 месяца назад +14

    बहन सच में आप एक बहुत अच्छी जानकारी और पटकर्ता करती हो। ईश्वर आपको और हिम्मत दे।

    • @sagarshingare2423
      @sagarshingare2423 2 месяца назад

      दख्खन जितने जब औरंगजेब आया था तब अफजल खान से डर के भाग गया था तुमहारा ओंरगजेब ईतना बाहादुर था😂😂😂लेकिन जब छत्रपती शिवाजी महाराज का अफजल खानसे सामना हूवा तब फाड दिया था शिवाजी महाराजने😂😂😂

  • @Sangh47
    @Sangh47 Год назад +109

    आप खुद का खयाल रखिये देश को आप जैसे राष्ट्रभक्त , और ईमानदार पत्रकारों की जरूरत है।

    • @Allnewsmarathi2.0
      @Allnewsmarathi2.0 Год назад

      नहीं 😂

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय Shortstories9547🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @bhanugupta391
      @bhanugupta391 Год назад +1

      Bhai ye kaha se rastra bhakt ho gya ye to सपा bhakt hai

    • @Allnewsmarathi2.0
      @Allnewsmarathi2.0 Год назад

      @@bhanugupta391 yes

    • @user-ep2tf3xw5k
      @user-ep2tf3xw5k 4 месяца назад

      बहुत ज्यादा ही ईमानदार है ये।

  • @Avr22
    @Avr22 Год назад +77

    अब चुनाव शिक्षा, बेरोजगारी, विकास पर होगा, नकी किसी जाति, धर्म भाषा में ❤

  • @AftabKhan-cr2ln
    @AftabKhan-cr2ln Год назад +130

    49 sal main 176 crore ,400,000 lakh itna to hamare desh ki Abadi nahin tha 😂😅😅😂😂😂

    • @jack20short10
      @jack20short10 Год назад +6

      Sahi kha😂

    • @user-qw5tr9qi7g
      @user-qw5tr9qi7g Год назад +6

      17cr 64lac😅😅😅😅😅😂😂😂😂

    • @MohdUsman-mk1hr
      @MohdUsman-mk1hr Год назад +6

      Aor bhai sahab yh v to soch lo k aj musalmano par nas bandi lg rhi h to mugloo k tim hindu bhaioo pr itna zulm hone k bad bacche kaise paida ho rhe the aor abadi kitni rhi hogi

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @cogentenglish2976
      @cogentenglish2976 8 месяцев назад

      ​@@MohdUsman-mk1hr​ In Mughal era Hindu princess would happily marry Muslim rulers but today Muslim husband and Hindu wife is seen derogatory whereas it has always been the culture of the Sanatanis to marry at least one girl of the family in the Muslim fold and this is how Islam spread, today Hindus have forgotten their own culture.

  • @SanjayShakyawar-dx6yk
    @SanjayShakyawar-dx6yk 2 дня назад

    बहुत ही शानदार व्याख्या, तुलना, अर्थ और खुबसूरती से प्रस्तुत किया गया है 🎉

  • @KamleshYadav-sx9gq
    @KamleshYadav-sx9gq Год назад +69

    प्रज्ञा जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद!
    आपने इतिहास न पढ़ने वाले लोगों को बहुत ही सराहनीय जानकारी दी है। औरंगजेब के बारे में अच्छी जानकारी दी है आपने बहुत बहुत आभार आपका!🎉🎉

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Kamlesh Yadavji🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @ismailpathan6329
    @ismailpathan6329 Год назад +61

    बहन जी को बहुत बहुत धन्यावद,,,नफ़रत के माहौल में मोहब्वत कई हवा चलाने के लिए,,,फडणवीस की भाषा,,किसी राजनेता की तरह नही ,किसी गुंडे मवालियों की तरह है ,देश प्रेम ,मोहब्बत और भाई चारे से चलेगा,, हाँ अब वोट भी नफ़रत फैलाकर नही मिलेंगे,,देश के लोग आपस में मिलजुलकर ही रहना चाहते,,है,,

    • @IIMASPIRANT_24
      @IIMASPIRANT_24 Год назад +1

      ACHHA TO GURU TEGH BAHADUR AUR CHHATRAPATI SAMBHAJI MAHARAJ KO DHOKHE SE AGWA KR KE KISNE MARA THA

    • @truthlover313
      @truthlover313 Год назад

      ​@@IIMASPIRANT_24 wah gyani aya 😂😂😂

    • @ismailpathan6329
      @ismailpathan6329 Год назад

      @@IIMASPIRANT_24 जो गुज़र गया उसे भूलों, क्या सही क्या गलत,,न तुम जानो न हम,, वर्तमान और भविष्य को बेहतर करने पर विश्वाश करो,,

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय ! 🙏
      भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @Indian_Boy14399
    @Indian_Boy14399 Год назад +139

    कुछ लोग मामा को #मामू, चाचा को चच्चू कहते हैं,
    वैसे ही कुछ लोग
    पापा को #पप्पू कहते हैं।
    😋(AndhBhakt) 😂

  • @toortoor6118
    @toortoor6118 Год назад +11

    Very very good discussion

  • @shriram2762
    @shriram2762 Год назад +57

    सच्चाई की जानकारी देने के लिए धन्यवाद, प्रज्ञा बिटिया

    • @Faizibhai999
      @Faizibhai999 Год назад

      Bhai sbko smjhna chahiye ke vote abhi ko dekh kr de ye chutiya party h jhut or sb jhut hi bolta h modi vote rozgar pe do or mahgai pe do Hindu Muslim bhai pahle bhi the aj bhi h aage bhi rahege

  • @Lucky.man.13
    @Lucky.man.13 Год назад +103

    औरंगजेब ऐसे बादशाह थे जो अपनी मेहनत का खाते थे टोपी बुनाई करके न कि आज के नेताओं जैसे जनता का ख़ून पसीने की कमाई खातें हैं

    • @adi.s9204
      @adi.s9204 11 месяцев назад +1

      😊sach kaha bhai aapne

    • @ishikarao2577
      @ishikarao2577 8 месяцев назад

      Topi silakar apana kharcha chalane vale gulam vans ke sasak nasiruddin the jo ki balban ke damad the n ki aurangjeb ok bhai aur mandir devdasi pratha ki vjh se todte the muslim usame chhoti ladkiyo ka pandit sosad karate the 🥺🥺🥺🥺🥺🥺

    • @cogentenglish2976
      @cogentenglish2976 8 месяцев назад

      ​@@ishikarao2577In Mughal era Hindu princess would happily marry Muslim rulers but today Muslim husband and Hindu wife is seen derogatory whereas it has always been the culture of the Sanatanis to marry at least one girl of the family in the Muslim fold and this is how Islam spread, today Hindus have forgotten their own culture.

  • @MerajAhamad
    @MerajAhamad Год назад +26

    मैं एक पत्रकार हूं, "यह हमारा नया न्यूज़ प्लेटफार्म है", आप सब के सहयोग की आवश्यकता है, हम सत्य के साथ हैं 🙏 jai hind🙏🙏🤲

    • @DUST175
      @DUST175 Год назад

      Karnataka me hue chunav pr is bar jo Pakistan jindabad ka nara laga hai us per video banawo

    • @walideenkhan5481
      @walideenkhan5481 Год назад

      ​@@DUST175 मैंने देखा वो वीडियो और उस में तुम सबसे आगे खड़े हो और पूरे हाथ ऊपर करके नारे पाकिस्तान के हक में लगा रहे हो क्या ये सच नहीं है 😂😂😂😂😂

    • @DUST175
      @DUST175 Год назад

      Sachai sun k tumhare pichhwade me jalan hui n😁😁😁

  • @Sparkle478
    @Sparkle478 7 месяцев назад +10

    Great journalism mam ❤

  • @akani8592
    @akani8592 Год назад +220

    नेता को मालूम है कि जनता चाहती क्या है

    • @MerajAhamad
      @MerajAhamad Год назад +6

      मैं एक पत्रकार हूं, "यह हमारा नया न्यूज़ प्लेटफार्म है", आप सब के सहयोग की आवश्यकता है, हम सत्य के साथ हैं 🙏🙏 jai hind🙏🤲🙏

    • @chaljhootha7334
      @chaljhootha7334 Год назад

      नेता को यह मालूम है कि आम जनता की नाक मे निकेल कैसे डालनी है, बस फिर जिस तरफ मर्ज़ी हांक ले

    • @alokKumar0100
      @alokKumar0100 Год назад +1

      Mera man ki bat suno...?

    • @ShahidAnsari-qs5yi
      @ShahidAnsari-qs5yi Год назад +6

      Rahul Gandhi best leader

    • @kattarhindu93694
      @kattarhindu93694 Год назад

      हा सही बोले पप्पू है गधा।

  • @kmskms2165
    @kmskms2165 Год назад +12

    Karnataka चुनाव मे बजरंग बली ने साथ नही दिया इसलिए अब औरंगजेब मे आस्था बढ़ गयी है संघियों की😉

  • @AjayKumar-ci9zw
    @AjayKumar-ci9zw Год назад +389

    Zabardast journalism...
    Zabardast analysis...
    Matchless Pragyaji🙏...

    • @RoboRhythms198
      @RoboRhythms198 Год назад +1

      Delhi ki incident par vi report karne ko kaho ji.... Hasrat Mai jab hote hai toh pure din rote rehete hai....or Bihar ka jo pul gira uspar vi report karne ko kaho.... bro 😂😂

    • @sutharsahul5425
      @sutharsahul5425 Год назад +4

      ​@@RoboRhythms198 Ha bhai ye sab pragya Chachi ke agende me fit nhi ho Raha isliye vo Delhi par video nahi bana sakti😊

    • @RoboRhythms198
      @RoboRhythms198 Год назад +1

      @@sutharsahul5425 ehi toh bat hai.... Secularism ki name par ek side ka reporting karte hai magar hum hindu lok ise secularism man lete.... bolna hai toh dono side ka bolna chaiye....nehi bolte or dusro ko andhabhakat or godi media bolte hai bro... Magar kud piddi media hai...ar sabse bara andhabhakat hai....😂😂😂

    • @rockybalboa3079
      @rockybalboa3079 Год назад +1

      Waah madam, PM Modi ke against bolte bolte Aurangzeb ki taarif bhi shuru kar di. Cheap juornalism mam. Kya Ye Rahul Gandhi 30rs. Petrol bikwaenge ya LPG price 250rs. Per cylinder ho jaaega. Satya par patrakarita karo anti BJP nai.

    • @ManishaVishwakarma-je9kn
      @ManishaVishwakarma-je9kn Год назад +1

      ​@@RoboRhythms198 you are right
      delhi ke incident pr bhi report kariye..
      ...Or ek pujaari jiski already ek biwi thi usne apni gf ka murder kiya usko pregnant karke ...uspar bhi vedio banni chaiye
      ....or ek hindu ladke mumbai me hindu ladki ko kaatkar ubaal diya uspar bhii banni chaiye

  • @A.A.1842
    @A.A.1842 14 дней назад +1

    Aurangjeb हिंदू विरोधी था तो उसका का सेनापति हिंदू जयसिंह क्यों था
    इसी जयसिंह ने शिवाजी को गिरफ्तार भी किया था

  • @alokKumar0100
    @alokKumar0100 Год назад +19

    जब धर्म राजनीति से मिल जाता है तो देश बर्बाद हो जाता है।🔥

  • @moeeniqbal9516
    @moeeniqbal9516 Год назад +115

    सच में दिल से दुआ निकलती है आप जैसे ईमानदार पत्रकारों के लिए
    दिल से सलाम प्रज्ञा जी
    May Allah bless you Dost

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @sorabhr979
      @sorabhr979 Год назад

      Is jise patkare ko murda bade bolte he ok jai Shri ram 🚩🚩

    • @moeeniqbal9516
      @moeeniqbal9516 Год назад

      @@sorabhr979 अंड भक्तों अंड भक्त इसी लिए कहा जाता है क्यू कि गोबर खार और मूत्र विसर्जन करके उनका दिमाग तो बिल्कुल खराब हो चुका है और कोई बात समझ नहीं आती क्या सही और क्या गलत, यही तो है अंड भक्त.

    • @user-ub4ue6fq1p
      @user-ub4ue6fq1p Год назад

      भाई ये पत्र कर जन्नत में होगी या जहन्नुम में जलेगी

    • @ShankarSangpal-dm5zz
      @ShankarSangpal-dm5zz 11 месяцев назад

      Allah does not bless kaafir she is hindu born by halalaa

  • @satwindersingh370
    @satwindersingh370 Год назад +44

    आज‌ से ठीक सौ साल बाद जब इतिहास लिखा‌ जाऐगा तो इस बात का जिक्र विशेष तौर पर होगा कि जब मोदी काल में गोदी मीडिया पूरी तरह बिकाऊ होकर तलवे चाट कर चाटुकारिता कर रहा था तो उस समय परगया मिश्रा जैसे महान लोग अपनी जान तली पर रखकर सच्ची पत्रकारिता कर रहे थे। मैडम जी आप की सच्ची पत्रकारिता को दिल से नमन ।

    • @zoyakhanvlog5135
      @zoyakhanvlog5135 Год назад +1

      Right Sir 👌💯

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @AasifMohammad-bs5qc
    @AasifMohammad-bs5qc 5 дней назад +1

    मुगल आक्रांता थे अंग्रेज धर्मात्मा थे .
    मुगल अत्याचारी थे अंग्रेज परोपकारी थे
    मुगल विदेशी थे .अंग्रेज अखंड भारत में जन्में थे.मुगल धन सम्पत्ति ले गये .अंग्रेज धन.सम्पत्ति छोड़ गये 😊

  • @rajaramkushwaha6607
    @rajaramkushwaha6607 Год назад +59

    प्रज्ञा जी आपको कोटि कोटि धन्यवाद आपने बहुत अच्छी जानकारी दी लेकिन आज एक विशेष पार्टी इस पर झूठ फैलाकर सत्ता का सुख भोगना चाहती है

  • @rajanijani7223
    @rajanijani7223 Год назад +171

    Well explained. Pragya take care of yourself and get well soon. You are an important and commendable journalist for the country.❤

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय Rajanijaniji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @shanuyok615
      @shanuyok615 Год назад

      Sharam ani chahiye apko itihas ka kuch nahip

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      @@shanuyok615 भाईसाब किसको शरम आनी चाहीये? और क्यों? थोडा विस्तारसे बताना तो समझने के लीये आसान होगा. 🙏. अवधूत जोशी

    • @shanuyok615
      @shanuyok615 Год назад +1

      @@avadhutjoshi796 @Rajani jani ye comment likhne Walen

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      @@shanuyok615 धन्यवाद

  • @rahulmule1752
    @rahulmule1752 Год назад +122

    KON KON 2024 MAIN BJP SARKAR GIRANA CHAHTA HAI...
    AUR PURE INDIA SE KON KON BJP KO KHATAM KARNA CHAHTA HAI ...
    🎉🎉✨✨❤️🙏🇮🇳🙏❤️✨✨🎉🎉

    • @nashimikbal4819
      @nashimikbal4819 Год назад

      Jo log desh ki bala cahte hy, apni baccho ki ujjal bhabiswa k liye sochte hy... Desh pe sirf piyar mohabbat ki baat karte hy..
      Sirf wohi log hi bjp ko hatana cahte hy.. jis tara karnatak pe abam ne bjp ko saaf kar diya

    • @vikashyadav-jk1rz
      @vikashyadav-jk1rz Год назад +4

      Koi nhi .. mulle

    • @vijaypalsager7714
      @vijaypalsager7714 Год назад +5

      Kuch neta or kuch pattarkar .modi ko harana chanhti hai
      Janta to modi ke sath hai

    • @lovleshsharma8353
      @lovleshsharma8353 Год назад

      .
      Tum girane ki baat kar rahe ho
      2024 mein bahut bada surprise hone wala hai.
      Modi ki jagah Yogi ko pm
      Tab kya karoge Rahul mulle bhaijaan.
      Bahut bada sadma lagega
      😂😂😂😂

    • @sriniwasdasari3069
      @sriniwasdasari3069 Год назад +2

      Kya iska matlab hame congress ko jitana to nahi na 😁....hame koi thisra option dundna hoga jo india ko sahi mahine me grow karega....

  • @Kalimuddin-wt9dg
    @Kalimuddin-wt9dg Год назад +7

    You are very good

    • @HumsheeraSayyed
      @HumsheeraSayyed 5 месяцев назад

      Ama 49 sal me 17crore 64lakh brahmar ko mara jabki janta 15 crore socho aese musalman ko badnam karte hain

  • @mnbharat4615
    @mnbharat4615 Год назад +12

    *जब अंतरिक्ष 🌒 में भेजे गये यान को पृथ्वी से कन्ट्रोल किया जा सकता है*
    तो *#EVM* कौन से खेत की मूली है भाई 🙄🤷*
    EVM हटाओ देश बचाओ.

  • @Reverb-trip
    @Reverb-trip Год назад +164

    ऐसे नाज़ुक दौर में हक़ की आवाज़ है प्रज्ञा जी, God Bless You💚❤️

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @ayubshaikh6087
      @ayubshaikh6087 Год назад

      Very nice
      Jay Hind

  • @Indian_Boy14399
    @Indian_Boy14399 Год назад +7

    कमाने की सबसे #बेहतरीन #चीज़ "इज़्ज़त" है,
    और ख़र्च करने की सबसे #बेहतरीन #चीज़ "इल्म" है,

  • @ansarahmedkhan7437
    @ansarahmedkhan7437 8 месяцев назад +7

    Very Good Infoarmation

  • @shaikhfm5955
    @shaikhfm5955 Год назад +95

    आपने औरंगजेब बादशाह के बारे में जो सत्य पर आधारित जानकारी प्रस्तुत की है, इसलिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद

    • @amittt007
      @amittt007 Год назад

      मेरा लैंड बादशाह था

    • @ShankarSangpal-dm5zz
      @ShankarSangpal-dm5zz 11 месяцев назад

      Kya tumhara baap aurangzeb hai

  • @armanahmad642
    @armanahmad642 Год назад +17

    प्रज्ञा दीदी आप इतिहास बहुत अच्छा से समझाती है।

  • @iqbalsir1255
    @iqbalsir1255 Год назад +163

    बहुत अच्छा प्रज्ञा मैडम, keep up with the good work! God Bless!

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    •  7 месяцев назад

      टुकड़े टुकड़े गेंग के पपु मीडिया का एक ही काम ठगबंधन की चमचागिरी से पैसे कमाओ

  • @MaazAli313
    @MaazAli313 5 месяцев назад +3

    Sultan E Hind Muhi Uddin Mohammad Aurangazeb Alam

  • @mrindian7970
    @mrindian7970 Год назад +173

    कौन कौन मानता है दोस्तों जब तक के चुनाव में हिंदू मुस्लिम नहीं होता तब तक के इलेक्शन लड़ने में मजा ही नहीं आता❤

    • @rahulmule1752
      @rahulmule1752 Год назад +14

      Hindu-Muslim ki rajniti khatam honi chahiye ......

    • @ismailpathan6329
      @ismailpathan6329 Год назад +12

      अब नही होगा मेरे दोस्त,सब जीना चाहते है,,वह भी सुकून से शांति से,,सबको चाहिए कि देश में आपसी सद्भावना पैदा करे,,

    • @maryaenterpriseschannel7935
      @maryaenterpriseschannel7935 Год назад

      Y katwa krta hii

    • @hcgey.yktggdv
      @hcgey.yktggdv Год назад

      ye rondi kha se aa gai

    • @kailashpandit4366
      @kailashpandit4366 Год назад

      जब भी कोई नालायक भाजपायी ये कहता है की मन्दिरों को तोर्ड्कर मस्जिदें बनाई गई तो तुरंत अंधभक्तो के गोबर दिमाग में ये climex बन जाता है की कैसे तोर्डा होगा? जैसे मानो, मुघ्ल अपने घोर्डे लेकर जबर्दस्ती मन्दिरों में घुस जाते हैं और मन्दिर के पुजारी पण्डितो के सर काट देते हैं महिलाओ का बलात्कार करते हैं,,ऐसे विचार आते ही तुरंत एक अंधभक्त अपने पर्डॉसे मैं रहने वाले सलीम को भी नफरत की नज़र से देखने लगता है । पर सच आधा अधूरा है,जो शायद ये हरामखोर संघी कभी बताएँगे नही ,एक समय ऐसा था जब भारत में बहुत सी मन्दिरे हुआ करती थी। और लोगो की जनसंख्या भी ज्यादा नहीं थी इसलिये लोग के लिए सारी मन्दिरो की देख भाल करना शायद उतना सम्भव नही था । उस समय लोगो को घर, जगह,जमीन, मन्दिर इसका महत्व पता ही नही था। और ठीक से देखभाल ना होने के कारण कई मन्दिर,घर,,हवेली,, बहुत पुरानी होजाती थी बहुत से मन्दिरो मैं लोगो का आना जाना भी बहुत कम होगया था। बहुत सी मन्दिरे तो ऐसीए थी जहा कोई आता जाता भी नही था । देखते देखते कई मन्दिरे खंडरो का रुप ले चुकी थी ।ऐसे खंडर मन्दिरो के पास से तो अक्सर लोग आने जाने से भी डरते थे ।लोगो मैं विब्भिन धारणायें बन चुकी थी जैसे मन्दिरो का श्रापित होना,,मन्दिर मैं देवी का प्रकोप होना,,भुत पिशाच का होना,,पर विदेशी मुसलमान चाहे लोदी हो,,या खिलजी हो,,या मुघल हो,,जो भी हो वो इन सब बातो पर विश्वास नही करते थे वो जब कभी ऐसे रास्तो से गुजरते तो अक्सर ऐसी ही जगो पर अपने घोर्डे बान्कर वहा विश्राम किया करते थे । और उन मैं कोई नमाज़ि होता तो वो वहीं थोर्डा साफ सफाई करके नमाज पर्ड लिया करता था। अब जब मुसलमानो ने देखा की ये जगह उन्के बहुत काम आरही है और कोई इस जगह पर अपना दावा भी नही कर रहा किसी हिन्दू को कुच पडी ही नही है तो उन्होँने अपनी सुविधा उनुसार उस मन्दिर के खंडर को मस्जीद मैं परिवर्तित कर लिया।आज जब उनकी मस्जीदे आबाद होगई,,मस्जीद में और आस पास में आना जाना शिरू होगया।आस पास मैं घर और बाज़ार बन गए विदेसी परेटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई मस्जीदे तो इन संघीयो के पेट में दर्द होने लगा नजाने कोन कोन से भगवान मस्जीदो मैं पैदा होने लगे।सच यही है कि कोई भी मस्जीद मन्दिर को जबर्दस्ती तोर्ड्कर नही बनाई गई ये सब बकवास है और नाही किसी हिन्दू की जबरदस्ती हत्या की गई और ना ही उनका धर्म परिवर्तन किया गया। ये केवल और केवल देश के बहुसम्पयक समुदाय के लोगो को मूर्ख बनाकर उनका वोट बटोरने की योजना है।

  • @sukhdevsharma2497
    @sukhdevsharma2497 Год назад +10

    प्रज्ञा जी अपने orengzeb के बारे में सही जानकारी दी मुगल बादशाह ने मंदिर saray, बनवाया, धरम गुरुओ का सम्मान करते थे

    • @chikuyadav3485
      @chikuyadav3485 Год назад

      अच्छा तवी सभी मंदिर के ऊपर gummat रहता था और सिख और हिन्दू को हलवा पूड़ी खिलाया करता था छी कैसा शर्मा हो अपने बच्चू को मुगलो पे होवे अत्याचार को बताना कि कैसे मस्जिद तोड़ कर मंदिर बनाया

  • @abdulwadood6183
    @abdulwadood6183 Год назад +16

    महिला पत्रकार में सबसे अधिक पसंदीदा आप हो जो निस्पक्छ पत्रिकता करती है साथ में महंगाई ,बेरोजगारी ,देश में हो रहे कार्पसन पे आवाज और,सविधान को रौंदने वाले को उजागर करती रहती है , सलाम है आप को जो बिना डरे बिना थके हम सब को अहम जानकारी उपलब्ध कराती रहती है।

    • @elsalvadorthesaviour5021
      @elsalvadorthesaviour5021 Год назад

      जाएगी ये भी जन्नत नही। इस्लाम अपना ले बुर्का पहन लें और घर मे रहे वहाँ से पट्टलकरिता करे जन्नत मिलेगी।

    • @abdulwadood6183
      @abdulwadood6183 Год назад

      @@elsalvadorthesaviour5021 झूठ बोलना दूसरे धर्म को नीचा दिखाना ,ये सनातन धर्म का परिभाषा नहीं, अगर इसी तरह चलता रहा तो एक दिन हिंदू धर्म भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा या तो कोई बौद्धिक विचार धारा में जाएगा या मुस्लिम में ,हिंदू धर्म आप जैसे लोगो के वजह से एक गाली बन कर रह जाएगा।

    • @elsalvadorthesaviour5021
      @elsalvadorthesaviour5021 Год назад

      @@abdulwadood6183 धर्म? कौन सा? मज़हब बोल भाई। और इस मजहब की बुराई कोई करता भी नही। तुम सोशल मीडिया पे इतना ज्ञान बाटते हो और तुम्हारा ही कोई सगा वाला ओला उबेर कह के फट जाता है निर्दोषों को मार देता है।
      सनातन धर्म को तुम सब पिछले 1300 साल से खत्म करना चाहते हो खुद खत्म होगये। 3 हिस्सो में बट गए। आज जिस हिस्से में सबसे शांति से हो वही के खिलाफ गद्दारी करते रहते हो।

    • @elsalvadorthesaviour5021
      @elsalvadorthesaviour5021 Год назад

      @@abdulwadood6183 और कौन गाली है और कौन नही? इसकी जांच करनी है तो किसी भी विकसित देश के एयरपोर्ट पे ओला उबेर और जय श्री राम बोल के देख ले।
      बाकी नबी के परिवार को कर्बला में मारने वाले कहते है कि गाली बन गया है। अरे अपने मजहब को देख।

    • @elsalvadorthesaviour5021
      @elsalvadorthesaviour5021 Год назад

      @@abdulwadood6183 बाकी जवाब दे मिलेगा इस लडक़ी को जन्नत? और ये काफिर है या नही?

  • @RamKrishan-ru8nd
    @RamKrishan-ru8nd 6 месяцев назад +3

    कोई जन्म से इंसान अच्छा बुरा नहीं होता हर आदमी अपने किरदार से ही भला बुरा कहलाता है

  • @ismailpathan6329
    @ismailpathan6329 Год назад +20

    प्रज्ञा,जी आपने मुगल काल का अच्छा विश्लेषण किया है,,औरंगज़ेब ने मंदिरों को दरगाह को भी ज़मीन ज़ायदाद भी खूब दी हैं,, ब्रह्ममण को सम्मानित किया,,सबके सनद दी,,

    • @gagandeepgilhotra4409
      @gagandeepgilhotra4409 Год назад

      Hahaha wah re mullo

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @painkiller8661
      @painkiller8661 Год назад

      Aur kashi vishwanath mandir ko bhi toda

  • @dhananjaydhananjaytiwari7056
    @dhananjaydhananjaytiwari7056 Год назад +16

    जय हिंद जय भारत माता की जय हो एकता जिदाबाद है और रहेगा अब समय आगया है अपने बच्चों के भभीष के लिए प्रेम के साथ शांति के साथ बिकास के साथ दे जागो भारत जागो बहुत ही सुदर सत्य हैं सर रखासब आगे

  • @amjadnoor9117
    @amjadnoor9117 Год назад +94

    प्रज्ञा जी आपके इस सच्ची पत्रकारिता को मेरा सलाम, आप ऐसे ही अपनी पत्रकारिता जारी रखें, ईश्वर से आपके लंबी उम्र की कामना करता हूँ I और ईश्वर का भी शुक्रिया अदा करता हूँ जो उन्होंने आप जैसा पत्रकार पैदा किया जो हमेशा लोगों को सचचाई बताने की कोशिश करती हैं I

    • @GG-561
      @GG-561 Год назад

      Aurangzeb ki najayaz aulad itni sacchai lag rahi hai tuze isme chutiye us Aurangzeb ne baccho tak Ko nahi chhoda tha Guru Gobind Singh ji ke
      Gadhe history padh school se madrase se nahi

    • @anujtripathi6019
      @anujtripathi6019 Год назад +1

      Ase hi jari rakhe. Abhi hath tuta he Inka aage pata ni kya or tutega

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय amjadnoorji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। चर्चा की खास प्रणाली निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि, और किसी भी जाति या धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित
      और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @bhimakokare8417
      @bhimakokare8417 11 месяцев назад

      ​@@anujtripathi6019सही कहा.😅😂❤

  • @nazirlaskar9792
    @nazirlaskar9792 Год назад +3

    Thanks for her outmost try to brings the trouth in the light.

  • @mohdislamkhan1128
    @mohdislamkhan1128 Год назад +155

    Great and imandar reporting ....salute u Pragya....

    • @deepakmanna7128
      @deepakmanna7128 Год назад +3

      Jo kuch nahi jannta sirf one side dekhta hai wahi ea bolta hai. Humara target hai BJP ko hatana eska matlab ea nahi ki sach ko jhut sabit karne main lage rahe💀💀

    • @danish5244
      @danish5244 Год назад +1

      ​@@deepakmanna7128.... Bhai Sach kiya hain aap batav please ❤❤❤❤❤❤❤❤....

    • @kailashpandit4366
      @kailashpandit4366 Год назад

      जब भी कोई नालायक भाजपायी ये कहता है की मन्दिरों को तोर्ड्कर मस्जिदें बनाई गई तो तुरंत अंधभक्तो के गोबर दिमाग में ये climex बन जाता है की कैसे तोर्डा होगा? जैसे मानो, मुघ्ल अपने घोर्डे लेकर जबर्दस्ती मन्दिरों में घुस जाते हैं और मन्दिर के पुजारी पण्डितो के सर काट देते हैं महिलाओ का बलात्कार करते हैं,,ऐसे विचार आते ही तुरंत एक अंधभक्त अपने पर्डॉसे मैं रहने वाले सलीम को भी नफरत की नज़र से देखने लगता है । पर सच आधा अधूरा है,जो शायद ये हरामखोर संघी कभी बताएँगे नही ,एक समय ऐसा था जब भारत में बहुत सी मन्दिरे हुआ करती थी। और लोगो की जनसंख्या भी ज्यादा नहीं थी इसलिये लोग के लिए सारी मन्दिरो की देख भाल करना शायद उतना सम्भव नही था । उस समय लोगो को घर, जगह,जमीन, मन्दिर इसका महत्व पता ही नही था। और ठीक से देखभाल ना होने के कारण कई मन्दिर,घर,,हवेली,, बहुत पुरानी होजाती थी बहुत से मन्दिरो मैं लोगो का आना जाना भी बहुत कम होगया था। बहुत सी मन्दिरे तो ऐसीए थी जहा कोई आता जाता भी नही था । देखते देखते कई मन्दिरे खंडरो का रुप ले चुकी थी ।ऐसे खंडर मन्दिरो के पास से तो अक्सर लोग आने जाने से भी डरते थे ।लोगो मैं विब्भिन धारणायें बन चुकी थी जैसे मन्दिरो का श्रापित होना,,मन्दिर मैं देवी का प्रकोप होना,,भुत पिशाच का होना,,पर विदेशी मुसलमान चाहे लोदी हो,,या खिलजी हो,,या मुघल हो,,जो भी हो वो इन सब बातो पर विश्वास नही करते थे वो जब कभी ऐसे रास्तो से गुजरते तो अक्सर ऐसी ही जगो पर अपने घोर्डे बान्कर वहा विश्राम किया करते थे । और उन मैं कोई नमाज़ि होता तो वो वहीं थोर्डा साफ सफाई करके नमाज पर्ड लिया करता था। अब जब मुसलमानो ने देखा की ये जगह उन्के बहुत काम आरही है और कोई इस जगह पर अपना दावा भी नही कर रहा किसी हिन्दू को कुच पडी ही नही है तो उन्होँने अपनी सुविधा उनुसार उस मन्दिर के खंडर को मस्जीद मैं परिवर्तित कर लिया।आज जब उनकी मस्जीदे आबाद होगई,,मस्जीद में और आस पास में आना जाना शिरू होगया।आस पास मैं घर और बाज़ार बन गए विदेसी परेटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई मस्जीदे तो इन संघीयो के पेट में दर्द होने लगा नजाने कोन कोन से भगवान मस्जीदो मैं पैदा होने लगे।सच यही है कि कोई भी मस्जीद मन्दिर को जबर्दस्ती तोर्ड्कर नही बनाई गई ये सब बकवास है और नाही किसी हिन्दू की जबरदस्ती हत्या की गई और ना ही उनका धर्म परिवर्तन किया गया। ये केवल और केवल देश के बहुसम्पयक समुदाय के लोगो को मूर्ख बनाकर उनका वोट बटोरने की योजना है।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @drgajaisinghkardam5194
    @drgajaisinghkardam5194 Год назад +13

    सत्य को आज स्थान नही है। आप सत्य के साथ है।साधुवाद

  • @pathanjunedkhan6482
    @pathanjunedkhan6482 Год назад +18

    I Have No Words Pragya Ji Jab History Likhi Jayegi Tab Bahadur & Nidar Patrakar Ke Roop Mai Aap Ka Naam Sunehre Aksharo Se Likha Jayega..❤❤

  • @user-kb2wj6tq6o
    @user-kb2wj6tq6o 5 месяцев назад +2

    Aurangzeb ne tulja bhavani mata ka mandir toda tha ye sach hai usne bahut si jagah क्रूरता भी फैलाई है

  • @MeraBharatMahan_
    @MeraBharatMahan_ Год назад +108

    जबरदस्त पत्रकारिता इमानदार पत्रकारिता प्रज्ञा मिश्रा जी को 🙏🙏🙏❤️❤️💐

    • @Devendra_singh55555
      @Devendra_singh55555 Год назад +1

      Log isko patrakaar kah rahe h, thuuuuuuuu h unke gyan pr

    • @Vikash_Kumar_yadav1
      @Vikash_Kumar_yadav1 Год назад +2

      Gb रोड की है पत्रकार 🤣😂😅

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @VickyKumar-ks5go
      @VickyKumar-ks5go Год назад

      ​@@Devendra_singh55555 😂😂

  • @smtariq8046
    @smtariq8046 Год назад +21

    औरंगज़ेब अलरहमा पर अल्लाह की
    सलामती हो 😊

  • @KaptanSingh-ke8zh
    @KaptanSingh-ke8zh Год назад +56

    प्रज्ञा मैडम हाथ में चोट कैसे लग गई? आपकी सच्ची पत्रकारिता के फैन हैं हम

  • @aliazad-948
    @aliazad-948 6 месяцев назад +3

    Thanks madam, explain over facts

  • @Indian_Boy14399
    @Indian_Boy14399 Год назад +27

    राणासांगा के 28 #पत्नियां थी,
    राणासांगा के बेटे उदय सिंह के 22 पत्नियां और पोते #महाराणा प्रताप के 14 पत्नियां थी
    लेकिन #अय्याश अकेला शाहजहां था!!!🎅

    • @azramehtab8927
      @azramehtab8927 Год назад

      👏👏

    • @mohdkhaleel8455
      @mohdkhaleel8455 Год назад

      Kya khoob kaha 👏👍👌👍

    • @aishasiddiqui2365
      @aishasiddiqui2365 Год назад

      Correct

    • @Shahnawaz_1408
      @Shahnawaz_1408 Год назад

      Right bro 👍

    • @cogentenglish2976
      @cogentenglish2976 8 месяцев назад

      ​@@mohdkhaleel8455​ In Mughal era Hindu princess would happily marry Muslim rulers but today Muslim husband and Hindu wife is seen derogatory whereas it has always been the culture of the Sanatanis to marry at least one girl of the family in the Muslim fold and this is how Islam spread, today Hindus have forgotten their own culture.

  • @fojifoji4692
    @fojifoji4692 Год назад +9

    वाह मैडम जी कितने अच्छे से समझाया है सलाम है आपकी पत्रकारिता को

  • @virangnaonlineclasses2.087
    @virangnaonlineclasses2.087 Год назад +36

    ऐसी पत्रकारिता को निरंतर जारी रखना मैम
    निडर पत्रकारिता को दिल से धन्यवाद।

    • @goatfarming258
      @goatfarming258 Год назад

      Bilkul dubne m smay nhi lgega 😂😂😂

  • @sadeqshaikh5680
    @sadeqshaikh5680 Месяц назад +1

    सच्चाई बात करने के लिए आप ही में ताकत है आप गोदी मिडिया जैसी अंधभक्त नहीं है आपको हजार बार सेल्यूट मेरा प्रज्ञा मैडम जी❤❤❤❤

  • @fitnessbyaryan
    @fitnessbyaryan Год назад +6

    और जब औरंगज़ेब थे उस टाइम भारत सबसे अमीर देश था पूरी दुनिया का

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @roopnarayansingh8868
    @roopnarayansingh8868 Год назад +59

    वाह प्रज्ञा जी अतिउत्तम ज्ञान के लिए बहुत बहुत धन्यवाद , बीजेपी के अंधों की आखें खोलने का काम किया है अगर इस ज्ञान को थोड़ा कुछ समझ आने पर इन अंधभक्तों का भविष्य बन जावेगी

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Roopnarayansinghji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @GG-561
      @GG-561 Год назад

      😂😂😂😂

    • @shamshoddinshaikh247
      @shamshoddinshaikh247 Год назад

      @@avadhutjoshi796 andhabhakt ho tum

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      @@shamshoddinshaikh247 मैं अंधभक्त नहीं हूं. मैं भारत का अकेला ईन्सान हूं जिसकी आंखे खुली है. और मैं किसीभी व्यक्ती का भक्त नहीं हूं...बस भगवान की भक्ती करता हूं.

  • @ahmadsaakib2875
    @ahmadsaakib2875 Год назад +20

    Thank you प्रज्ञा जी
    जब व्यक्ति अपने दिमाग से सोचना बंद कर देता है तब ही अंध भक्त बनता है

  • @zeenatraziya4352
    @zeenatraziya4352 4 месяца назад +3

    Excellent mam.

  • @-lq6xl
    @-lq6xl Год назад +18

    अंग्रेजो के जमाने में कही क्रांतिकारी हुए । पर आज के क्रांतिकारी लोगोमे से है ,, प्रज्ञा मैडम ,, जो भारत को बचाने में लगी हुई है। सारे खतरे उठाके ,, सलाम आपकी देश भक्ति को । ग्रेट जॉब,,,,जय हिंद

  • @bablukhankhan7497
    @bablukhankhan7497 Год назад +39

    पत्रकार महोदय आपकी सच्ची पत्रकारिता ने भगवाधारी अंध भक्तों के पिछवाड़े में आग लगा दिया है बिना पेट्रोल-डीजल डाले पत्रकार महोदय आप ऐसे ही सच्ची पत्रकारिता करते रहे जनता आपके साथ मजबूती से खड़ी रहेगी

    • @hinduswastika9754
      @hinduswastika9754 Год назад +2

      Andh bhakt hi kyon Safedhadi Andhnamazi bhi ho sakta hein

  • @qausainumar9667
    @qausainumar9667 Год назад +15

    सब धर्म एक हो जाओ खुद नेता लोग रोड पे आ जाएगा हम को देश बदलना है

  • @AnitaBidkar-e9s
    @AnitaBidkar-e9s 8 месяцев назад +4

    बहनजी आपने छत्रपति संभाजी राजे की मृत्यू के बारे मे एक भी शब्द नही बोला ? जरा उस मानवता को शर्मनाक करनेवाली दरिंदगी से भरी घटना को पढनेकी‌ तकलीफ उठाइएगा.

    • @ketanjadhav4794
      @ketanjadhav4794 2 месяца назад

      अस्सल में छत्रपती संभाजी महाराज को धोखा देकर औरंगजेब से हात मिलाकर भडकाकर अपनोंने ही उन्हें मार दिया इसलिए धोखेबाज मुस्लिम नहीं उनके रिश्तेदार खुद है

    • @RajeshKumar-rh6sp
      @RajeshKumar-rh6sp 2 месяца назад

      😢😢

    • @ashupatil5356
      @ashupatil5356 26 дней назад

      Agar usne Raje Sambhaji ka itihas padha hota to aisa vaisa kuch nahi bolti ye to muglon ki tarafdaari kr rhi hai🤐

    • @javedshaikh9411
      @javedshaikh9411 9 дней назад

      Raje ko kisne marwaya tha who bhi batao ...........mai batata hu wo log kon the wo log the is desh ke dushman..... brahman hai

  • @hansrajmeena7637
    @hansrajmeena7637 Год назад +18

    प्रज्ञा जी आप की सच्ची इमानदार पत्रकारिता को मैं सेल्यूट करता हूं।
    आपके हाथ में चोट लग गई है क्या किस वजह से
    जयभीम जयजोहार जयसंविधान
    ❤❤❤❤

  • @rajeshgawali9914
    @rajeshgawali9914 Год назад +51

    मॅडम आप को सुने मे हमे अच्छा लगता है 🙏🙏आप शेरनी आहे.हाम मराठा आपके साथ हैं जय महाराष्ट्र 🚩

    • @mohdjaweed3528
      @mohdjaweed3528 Год назад

      Kabhi bhi kisi Neta ke pahnana Bano Neta To Har Dharm ko ladwate Hain kya Shivaji ke sath musalmanon Ne yuddh Nahin sath mein Lada

    • @mohdjaweed3528
      @mohdjaweed3528 Год назад

      Shivaji ke sath kitne musalmanon Ne Aurangzeb se Lada aur kitne hi musalmanon ne apni Jaan Di Panipat ki yuddh mein Ham kahan kar diya aapka Sansar Mein Lade

  • @thesunofblacktiger123
    @thesunofblacktiger123 Год назад +25

    Aurangzeb mahan tha ❤

    • @deeptivimal9377
      @deeptivimal9377 Год назад +1

      Kaise mahaan ho gya sharm karo jo hazaro mandir tode hindu ko mare wo mahaan kaise ho gya?

    • @DEEP_THINKING_666
      @DEEP_THINKING_666 Год назад +4

      ​@@deeptivimal9377 mandir tud raha tha tho Raja man Singh aur Tulsi dass
      Kya honey moon bana rahe the

    • @thesunofblacktiger123
      @thesunofblacktiger123 Год назад +2

      Isliye kehte hai ki padhai karni chahiye or tum jeyse C lo padhai chorke watsapp University se gyan lete ho to yehi hoga

    • @gabbygill1315
      @gabbygill1315 Год назад

      ​@@deeptivimal9377 guru gobind singh ke bacho ko jinda neev me chin dia haram ki aulad ne

    • @ayazshaikh42
      @ayazshaikh42 Год назад +2

      ​@@deeptivimal9377 video me kya bata rhi hai vo sun le pehle fir comment kar
      Hamare liye to aurangzaib almgir mahan hai

  • @NeeleshSaxena0
    @NeeleshSaxena0 2 месяца назад +1

    सच में जो कांग्रेस की चमचागिरी start कर देता है भगवान उसकी बुद्धि हर लेता है

  • @bappumagare5632
    @bappumagare5632 Год назад +15

    सही बात कही गई है इस लिए तहे दिल से शुक्रिया आपका

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय bappumagareji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। चर्चा की खास प्रणाली निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि, और किसी भी जाति या धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित
      और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @mateen006
    @mateen006 Год назад +46

    Mashaallah.......all you said about Aurangzeb Alamgir are true, you are unbiased❤. At last you said yeh Ladne ka vishay nahi Padhne ka vishay hai was just Wowww. You are a true Indian.

    • @BengaliManfromWB
      @BengaliManfromWB Год назад +2

      I support all Mughals except Aurangzeb. He treated his father badly. Not considering how he treated Hindus.

    • @jeeaspirant_0083
      @jeeaspirant_0083 Год назад +2

      bcoz his father was wasting too much money in makin monuments like black Taj mahal, Aurangzeb was very honest and he did not want his kingdom's money being wasted on monuments and so he arrested his father @@BengaliManfromWB

    • @BengaliManfromWB
      @BengaliManfromWB Год назад

      @@jeeaspirant_0083 Aurangzeb did not even give water to his father during his last days. Is this the way someone treats his parents?

  • @asr7419
    @asr7419 Год назад +8

    वोट दो विकास के ऊपर

  • @merabharatmahanjaymulnivas7729
    @merabharatmahanjaymulnivas7729 4 месяца назад +1

    मुगलों को खुश करने लिए अल्लाह उपनिषद ब्राह्मणों ने लिखा