अनामी नाम से न्यारा....परा वाणी...स्वर :बाबूलालखुडाणी

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  • Опубликовано: 12 ноя 2024

Комментарии • 25

  • @harjiramlilar2522
    @harjiramlilar2522 7 дней назад

    बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @jitendramarmatkabirbhajan8347
    @jitendramarmatkabirbhajan8347 2 года назад +1

    जय हो संत कबीर साहेब जी की

  • @viswkarmabhajansangrah64
    @viswkarmabhajansangrah64 Год назад +1

    सत साहेब जी 🌹🙏🙏🌹

  • @interestingofficialchenal9808
    @interestingofficialchenal9808 3 года назад +3

    very good

  • @atrisir8604
    @atrisir8604 4 месяца назад

    सप्रेम साहेब बंदगी सतनाम

  • @DineshKumar-pl7jm
    @DineshKumar-pl7jm 5 лет назад +4

    Nice

  • @DineshKumar-pl7jm
    @DineshKumar-pl7jm 5 лет назад +3

    I m hitesh Lahua

  • @मोहनसोलंकी-झ7झ
    @मोहनसोलंकी-झ7झ 3 года назад +1

    🙏🙏🙏🌹🌹🌹

  • @babulalkhudanibhajan
    @babulalkhudanibhajan  Год назад

    जयकबीरपरमेश्वर जयभगवानरविदास

  • @shivlalmaidakerwas2231
    @shivlalmaidakerwas2231 4 года назад +3

    Jay gurudev 🙏🙏

  • @kabirakabiraursatkabir5544
    @kabirakabiraursatkabir5544 Год назад +1

    ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @jagdishprajapat2194
    @jagdishprajapat2194 3 года назад +3

    यह भजन वापस साफ आवाज में सुनाइये, बड़ी कृपा होगी

    • @babulalkhudanibhajan
      @babulalkhudanibhajan  3 года назад

      8094793506 is mere WhatsApp pe message kre

    • @jagdishprajapat2194
      @jagdishprajapat2194 3 года назад +1

      गुरोंसा रिल मिल रेल हलाई भजन पूरा साफ आवाज में सुनाइये

  • @babulalkhudanibhajan
    @babulalkhudanibhajan  Год назад

    परमात्मा कबीर साहब जी की जय

  • @satyanarayan175
    @satyanarayan175 4 года назад +3

    Nice ❤️

  • @barjorsinghhindu4637
    @barjorsinghhindu4637 3 месяца назад

    आवाज़ साफ नही आई विडियो में

  • @thakurdasmeghwal5716
    @thakurdasmeghwal5716 3 года назад +1

    बाबूलाल जी परा किसको कहते हैं यह बता दो क्या राग है क्या स्वर है क्या टाइम है कहां से उठती है मैं जैसलमेर छपर पड़ा से ठाकुरदास

    • @babulalkhudanibhajan
      @babulalkhudanibhajan  3 года назад

      जो वाणी अपने निज स्वरूप का वर्णन करे, निजस्वरूप ही हमारा वास्तविक और अविनाशी स्वरूप है
      राग - आसावरी
      परा वाणी में शरीर से परे और चारों अवस्थाओं से परे अपने चेतन्य स्वरूप का वर्णन करती है परन्तु परा का स्थान नाभि बताया जाता है
      ऐसा संतों का अनुभव कहता है
      जयश्रीगुरूदेव 🌹🌷🌹 जयश्रीगुरुदेव 🌹🌹🌷🌹

    • @ganpatlalkumawat4232
      @ganpatlalkumawat4232 2 года назад +1

      वैसे परा वाणी इस तीन लोक यानि इस संसार की महिमा से न्यारी है यानि संसार से परे की बात कहती है
      लेकिन परमात्मा की वाणी बसंतवाणी है जो सदा एकरस चलती है
      ये चारों वाणी से परमात्मा को नहीं पाया जा सकता है
      परा वाणी से परमात्मा का ज्ञान को जान सकते हैं
      लेकिन परमात्मा का दिदार नहीं होता है
      यह भेद शब्द गुरु भेदी संतों से मिलता है
      चारों वाणी परमात्मा तक नहीं पहुंच पाती हैं
      नहीं चारों खाणी
      परमात्मा देही शरीर नहीं है वह विदेही है
      अजूनी है वह किसी भी जूण में नहीं आ ता है

  • @babulalkhudanibhajan
    @babulalkhudanibhajan  4 года назад

    धन्यवाद

  • @user-ek5
    @user-ek5 4 года назад +2

    Nice