सर्दी की रातें, गरम-गरम अहसास, पूरणपोली के संग, दिल को मिले आराम खास। घी की खुशबू, गुड़ की मिठास, सर्द हवाओं में, ये बने दिल का पास। चूल्हे पर सिकती, गर्मजोशी का पैगाम, पुरणपोली के संग, सर्दी का सलाम। स्वाद ऐसा, जो भुलाए हर ग़म, सर्दियों में इससे बेहतर, न कोई संगम। दोस्तों संग बांटो, या अकेले खाओ, सर्दी की हर शाम को यादगार बनाओ।
Bahut hi swadisht hai
सर्दी की रातें, गरम-गरम अहसास,
पूरणपोली के संग, दिल को मिले आराम खास।
घी की खुशबू, गुड़ की मिठास,
सर्द हवाओं में, ये बने दिल का पास।
चूल्हे पर सिकती, गर्मजोशी का पैगाम,
पुरणपोली के संग, सर्दी का सलाम।
स्वाद ऐसा, जो भुलाए हर ग़म,
सर्दियों में इससे बेहतर, न कोई संगम।
दोस्तों संग बांटो, या अकेले खाओ,
सर्दी की हर शाम को यादगार बनाओ।