@@AmanKumar-pu5rv श्रीमद भगवद गीता को पढ़ने का उद्देश्य कृष्ण को जानने और समझने का होना चाहिए। कृष्ण ने गीता के उपदेश इसी कारण कहे थे, ताकि हम उसे जान सके। समझ सके कि हम उसी के अंश है, हमेशा से थे, और हमेशा रहेंगे। उसी की प्रकृति हमारी वास्तविक प्रकृति है। और भक्ति की भावना से अपने कर्म करके हम उसे पा सकते है, उससे एक हो सकते है। अगर आप जिज्ञासा से, ध्यान से गीता को सुनेंगे, देखेंगे और समझेंगे, तो आपको इसका आत्मसात होने लगेगा, और कृष्ण के प्रकृति को समझ लेंगे। और चूँकि वो ही सबसे पवित्र है, हमारे चेतना और अस्तित्व का स्त्रोत है, जब हमारा मन उसमे लगा रहेगा, तो हम भी अपने अस्तित्व को उसी की तरह पवित्र कर लेंगे। गीता का आत्मसात करे। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके देखे। अपने परिवार और मित्र संग भी देखें। ruclips.net/video/PlRijDvKBUg/видео.html&ab_channel=Krishna%27sDivineTeachings
@@BhaitiDoley-ec6kr जीवन है तो कर्म है। कर्म किए बिना कोई भी व्यक्ति एक पल के लिए भी नहीं रह सकता। शरीर, वाणी या मन से प्रत्येक मनुष्य कर्म करता ही रहता है। कर्म करने से उत्पन्न होने वाला कर्म फल, बंधन उत्पन्न कर सकता है। और मुक्ति भी प्रदान कर सकता है। कैसे??? यह समझना बहोत ज़रूरी है। श्री कृष्ण श्रीमद भगवद गीता के अध्याय २ और ३ में इसी के रहस्य को समझाना शुरू करते है। परिवार संग देखे। ध्यान से सुने और समझे। लोक हित के भावना से, श्री कृष्ण के अमृत वचनो को लोगो तक पहोंचाए। सभी से शेर करे। राधे राधे। ruclips.net/video/kn_Sf4jSF8w/видео.html
@@swetabartwal1436 श्रीमद भगवद गीता को पढ़ने का उद्देश्य कृष्ण को जानने और समझने का होना चाहिए। कृष्ण ने गीता के उपदेश इसी कारण कहे थे, ताकि हम उसे जान सके। समझ सके कि हम उसी के अंश है, हमेशा से थे, और हमेशा रहेंगे। उसी की प्रकृति हमारी वास्तविक प्रकृति है। और भक्ति की भावना से अपने कर्म करके हम उसे पा सकते है, उससे एक हो सकते है। अगर आप जिज्ञासा से, ध्यान से गीता को सुनेंगे, देखेंगे और समझेंगे, तो आपको इसका आत्मसात होने लगेगा, और कृष्ण के प्रकृति को समझ लेंगे। और चूँकि वो ही सबसे पवित्र है, हमारे चेतना और अस्तित्व का स्त्रोत है, जब हमारा मन उसमे लगा रहेगा, तो हम भी अपने अस्तित्व को उसी की तरह पवित्र कर लेंगे। गीता का आत्मसात करे। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके देखे। अपने परिवार और मित्र संग भी देखें। ruclips.net/video/PlRijDvKBUg/видео.html&ab_channel=Krishna%27sDivineTeachings
@@harekrishnakusum8958 श्रीमद भगवद गीता को पढ़ने का उद्देश्य कृष्ण को जानने और समझने का होना चाहिए। कृष्ण ने गीता के उपदेश इसी कारण कहे थे, ताकि हम उसे जान सके। समझ सके कि हम उसी के अंश है, हमेशा से थे, और हमेशा रहेंगे। उसी की प्रकृति हमारी वास्तविक प्रकृति है। और भक्ति की भावना से अपने कर्म करके हम उसे पा सकते है, उससे एक हो सकते है। अगर आप जिज्ञासा से, ध्यान से गीता को सुनेंगे, देखेंगे और समझेंगे, तो आपको इसका आत्मसात होने लगेगा, और कृष्ण के प्रकृति को समझ लेंगे। और चूँकि वो ही सबसे पवित्र है, हमारे चेतना और अस्तित्व का स्त्रोत है, जब हमारा मन उसमे लगा रहेगा, तो हम भी अपने अस्तित्व को उसी की तरह पवित्र कर लेंगे। गीता का आत्मसात करे। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके देखे। अपने परिवार और मित्र संग भी देखें। ruclips.net/video/PlRijDvKBUg/видео.html&ab_channel=Krishna%27sDivineTeachings
Hare krishna 🙏😊
Hare krishna 🙏
@@AmanKumar-pu5rv श्रीमद भगवद गीता को पढ़ने का उद्देश्य कृष्ण को जानने और समझने का होना चाहिए। कृष्ण ने गीता के उपदेश इसी कारण कहे थे, ताकि हम उसे जान सके। समझ सके कि हम उसी के अंश है, हमेशा से थे, और हमेशा रहेंगे। उसी की प्रकृति हमारी वास्तविक प्रकृति है। और भक्ति की भावना से अपने कर्म करके हम उसे पा सकते है, उससे एक हो सकते है।
अगर आप जिज्ञासा से, ध्यान से गीता को सुनेंगे, देखेंगे और समझेंगे, तो आपको इसका आत्मसात होने लगेगा, और कृष्ण के प्रकृति को समझ लेंगे। और चूँकि वो ही सबसे पवित्र है, हमारे चेतना और अस्तित्व का स्त्रोत है, जब हमारा मन उसमे लगा रहेगा, तो हम भी अपने अस्तित्व को उसी की तरह पवित्र कर लेंगे।
गीता का आत्मसात करे। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके देखे। अपने परिवार और मित्र संग भी देखें।
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RadheRadhe Guruji
@@BhaitiDoley-ec6kr जीवन है तो कर्म है। कर्म किए बिना कोई भी व्यक्ति एक पल के लिए भी नहीं रह सकता।
शरीर, वाणी या मन से प्रत्येक मनुष्य कर्म करता ही रहता है।
कर्म करने से उत्पन्न होने वाला कर्म फल, बंधन उत्पन्न कर सकता है। और मुक्ति भी प्रदान कर सकता है। कैसे??? यह समझना बहोत ज़रूरी है।
श्री कृष्ण श्रीमद भगवद गीता के अध्याय २ और ३ में इसी के रहस्य को समझाना शुरू करते है। परिवार संग देखे। ध्यान से सुने और समझे।
लोक हित के भावना से, श्री कृष्ण के अमृत वचनो को लोगो तक पहोंचाए। सभी से शेर करे।
राधे राधे।
ruclips.net/video/kn_Sf4jSF8w/видео.html
हरे कृष्णा 🙏
@@swetabartwal1436 श्रीमद भगवद गीता को पढ़ने का उद्देश्य कृष्ण को जानने और समझने का होना चाहिए। कृष्ण ने गीता के उपदेश इसी कारण कहे थे, ताकि हम उसे जान सके। समझ सके कि हम उसी के अंश है, हमेशा से थे, और हमेशा रहेंगे। उसी की प्रकृति हमारी वास्तविक प्रकृति है। और भक्ति की भावना से अपने कर्म करके हम उसे पा सकते है, उससे एक हो सकते है।
अगर आप जिज्ञासा से, ध्यान से गीता को सुनेंगे, देखेंगे और समझेंगे, तो आपको इसका आत्मसात होने लगेगा, और कृष्ण के प्रकृति को समझ लेंगे। और चूँकि वो ही सबसे पवित्र है, हमारे चेतना और अस्तित्व का स्त्रोत है, जब हमारा मन उसमे लगा रहेगा, तो हम भी अपने अस्तित्व को उसी की तरह पवित्र कर लेंगे।
गीता का आत्मसात करे। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके देखे। अपने परिवार और मित्र संग भी देखें।
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Hare Krishna ❤❤❤❤❤
@@harekrishnakusum8958 श्रीमद भगवद गीता को पढ़ने का उद्देश्य कृष्ण को जानने और समझने का होना चाहिए। कृष्ण ने गीता के उपदेश इसी कारण कहे थे, ताकि हम उसे जान सके। समझ सके कि हम उसी के अंश है, हमेशा से थे, और हमेशा रहेंगे। उसी की प्रकृति हमारी वास्तविक प्रकृति है। और भक्ति की भावना से अपने कर्म करके हम उसे पा सकते है, उससे एक हो सकते है।
अगर आप जिज्ञासा से, ध्यान से गीता को सुनेंगे, देखेंगे और समझेंगे, तो आपको इसका आत्मसात होने लगेगा, और कृष्ण के प्रकृति को समझ लेंगे। और चूँकि वो ही सबसे पवित्र है, हमारे चेतना और अस्तित्व का स्त्रोत है, जब हमारा मन उसमे लगा रहेगा, तो हम भी अपने अस्तित्व को उसी की तरह पवित्र कर लेंगे।
गीता का आत्मसात करे। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके देखे। अपने परिवार और मित्र संग भी देखें।
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