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Krishna's Divine Teachings
Индия
Добавлен 27 июн 2012
Radhe Radhe!!! Cultivating devotion and love for Krishna in heart of His devotees and guide them on path that leads to liberation. This channel is dedicated to exploring the timeless wisdom of the Bhagavad Gita.
Here, we dive deep into the sacred dialogues between Lord Krishna and Arjuna, uncovering profound spiritual teachings that transcend time and culture.
Our channel offers insightful commentary on the verses of the Bhagavad Gita, bringing Krishna's divine wisdom to life for a modern audience. Whether you're seeking spiritual growth, inner peace, or a deeper understanding of life's purpose, our videos provide guidance and inspiration rooted in ancient truths.
Join us on this spiritual journey as we explore the eternal messages of Krishna, illuminating the path to enlightenment and self-realization. Subscribe to Krishna's Divine Teachings and embark on a transformative journey with us.
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ईश्वर को जानकर, पहचान कर, प्राप्त करने का मार्ग | Bhagavad Gita
आंतरिक शांति और आत्मविश्वास का मार्ग: क्या आप जीवन में शांति, स्थिरता और आत्मविश्वास की तलाश में हैं?
भगवद गीता के अध्याय 6 से 9 में श्रीकृष्ण ने ध्यान, भक्ति, और अपने परम स्वरूप को समझने के गहरे रहस्य बताए हैं। ये अध्याय हमें सिखाते हैं कि कैसे हम ध्यान और भक्ति के माध्यम से जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
इस वीडियो में जानें कि कैसे आप कर्म, भक्ति और ज्ञान के माध्यम से अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान सकते हैं। जीवन को नए दृष्टिकोण से देखने के लिए इसे जरूर देखें। यह आपके आत्म-विकास के सफर का अहम कदम हो सकता है।
राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श...
भगवद गीता के अध्याय 6 से 9 में श्रीकृष्ण ने ध्यान, भक्ति, और अपने परम स्वरूप को समझने के गहरे रहस्य बताए हैं। ये अध्याय हमें सिखाते हैं कि कैसे हम ध्यान और भक्ति के माध्यम से जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
इस वीडियो में जानें कि कैसे आप कर्म, भक्ति और ज्ञान के माध्यम से अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान सकते हैं। जीवन को नए दृष्टिकोण से देखने के लिए इसे जरूर देखें। यह आपके आत्म-विकास के सफर का अहम कदम हो सकता है।
राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श...
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प्रकृति के तीन गुणों का मनुष्य पर प्रभाव | Shree Krishna Teachings
Просмотров 1007 часов назад
राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। भगवद गीता अध्याय 17 में श्रीकृष्ण ने श्रद्धा, भोजन, यज्ञ, तप, और दान को तीन गुणों - सात्विक, राजसिक और तामसिक में ...
किस प्रकार कर्म करके हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते है ?
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जीवन में अक्सर हमें मुश्किल फैसले, तनाव और असमंजस का सामना करना पड़ता है। भगवद गीता के अध्याय 2, 3 और 4 में श्रीकृष्ण ने इन समस्याओं के स्थायी समाधान बताए हैं। आत्मज्ञान, कर्म की समझ, और जीवन में संतुलन कैसे बनाए रखें, ये सब यहां जानें। इस वीडियो में आपको वह दृष्टिकोण मिलेगा, जो न केवल आपके मानसिक अवरोधों को दूर करेगा, बल्कि आपको आत्मविश्वास और शांति से हर परिस्थिति का सामना करने की शक्ति भी दे...
जीवात्मा, परमात्मा और प्रकृति का संबंध
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राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। भगवद गीता अध्याय 13 - क्षेत्र, क्षेत्रज्ञ और परमात्मा का रहस्य में श्रीकृष्ण ने शरीर (क्षेत्र) और आत्मा (क्षेत्रज्...
दैवीय और आसुरी प्रकृति | Shree Krishna Teachings
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राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। भगवद गीता अध्याय 16 में श्रीकृष्ण ने दैवी और आसुरी गुणों का वर्णन किया है। यह अध्याय सिखाता है कि दैवी गुण मनुष्य ...
सात्विक राजसिक और तामसिक गुण
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राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। भगवद गीता अध्याय 14 - गुणत्रय विभाग योग में श्रीकृष्ण ने सत्व, रजस और तमस नामक तीन गुणों का ज्ञान दिया है। यह अध्य...
परम पुरुषोत्तम ईश्वर का रहस्य | Shree Krishna Teachings
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राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। भगवद गीता अध्याय 15 - पुरुषोत्तम योग में श्रीकृष्ण ने संसार रूपी अश्वत्थ वृक्ष और आत्मा की वास्तविकता का गहन ज्ञान...
प्रकृति के तीन गुण | Krishna's Divine Teachings
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राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। भगवद गीता अध्याय 14 - गुणत्रय विभाग योग में श्रीकृष्ण ने सत्व, रजस और तमस नामक तीन गुणों का ज्ञान दिया है। यह अध्य...
प्रकृति, पुरुष और परमात्मा का रहस्य | Shree Krishna Teachings
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राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। भगवद गीता अध्याय 13 - क्षेत्र, क्षेत्रज्ञ और परमात्मा का रहस्य में श्रीकृष्ण ने शरीर (क्षेत्र) और आत्मा (क्षेत्रज्...
भक्ति योग से ईश्वर प्राप्ति | Shree Krishna Teachings
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राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। भगवद गीता अध्याय 12 - भक्ति योग में श्रीकृष्ण ने भक्ति के महत्व और भगवान से प्रेमपूर्ण संबंध का ज्ञान दिया है। इसम...
ईश्वर की दिव्य विभूतियों का विवरण | Krishna's Divine Teachings
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राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। यह अध्याय भगवान के सर्वव्यापी स्वरूप और उनके चमत्कारिक शक्तियों को समझाने पर केंद्रित है। भगवद गीता अध्याय 10 - वि...
आदर्श आध्यात्मिक जीवन कैसा होता है? | Krishna's Divine Teachings
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राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। दिव्य चेतना में स्थित व्यक्ति का आचरण संसार में कैसा होता है? श्रीकृष्ण द्वारा कर्मयोगी मुनि के स्वभाव का अद्भुत व...
ज्ञान और भक्ति का संगम | Krishna's Divine Teachings
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राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। यह अध्याय भक्ति मार्ग की महिमा को दर्शाता है। भगवद गीता अध्याय 9 - राजविद्या राजगुह्य योग में श्रीकृष्ण ने अर्जुन ...
ईश्वर प्राप्ति का मार्ग | Bhagavad Gita Chapter 8
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राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। भगवान का ध्यान करके मृत्यु के समय परम धाम प्राप्त किया जा सकता है। श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 8 - अक्षर ब्रह्म योग...
आध्यात्मिक ज्ञान - विज्ञानं योग | Bhagavad Gita As It is Chapter 7
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राधे राधे। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 7 में भगवान कृष्ण "ज्ञान-विज्ञान योग" का उपदेश देते हैं। इस अध्याय में वे अपनी ईश्वरीय ...
ध्यान योग से ईश्वर प्राप्ति | Bhagavad Gita Chapter 6
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ध्यान योग से ईश्वर प्राप्ति | Bhagavad Gita Chapter 6
सच्ची शांति की ओर : योगी का आचरण | Bhagavad Gita As It is Chapter 5
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सच्ची शांति की ओर : योगी का आचरण | Bhagavad Gita As It is Chapter 5
दिव्य ज्ञान और कर्म संन्यास का रहस्य | Bhagavad Gita Chapter 4 in Hindi
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भगवद गीता निष्काम कर्म योग | Gita Chapter 3
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सांख्य योग और कर्म योग | Bhagavad Gita As It is Chapter 2
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आत्मा की प्रकृति और कर्म योग | Bhagavad Gita As It is Chapter 2
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दुर्योधन का अहंकार और अर्जुन का विषाद | Bhagavad Gita As It is Chapter 1
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ध्यान योग से ईश्वर प्राप्ति | Bhagavad Gita As It is Chapter 6
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सच्ची शांति की ओर : योगी का आचरण | Bhagavad Gita Chapter 5 in easy Hindi
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अर्जुन ने श्री कृष्ण से मार्गदर्शन की प्रार्थना की | Bhagavad Gita Chapter 2 Part 1
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दिव्य ज्ञान और कर्म का रहस्य | Bhagavad Gita Chapter 4 in easy Hindi
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भगवद गीता निष्काम कर्म योग | Bhagavad Gita Chapter 3
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भगवद गीता कर्म योग | Bhagavad Gita As It is Chapter 2 Part 3
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भगवद गीता आत्मा की प्रकृति | Bhagavad Gita Chapter 2 Part 2 In easy Hindi
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भगवद गीता आत्मा की प्रकृति | Bhagavad Gita Chapter 2 Part 2 In easy Hindi
Krishna rath ko dono sena ke madhya me le aaye
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Krishna rath ko dono sena ke madhya me le aaye
Radhey Radhey ❤❤
स्वयं का भला सोचे वो स्वार्थी। जो सबका भला सोचे, वो परमार्थी। अध्याय ४ सुंदर लगे तो शेयर अवश्य करे। अंत तक ध्यान से देखे। लोक कल्याण की भावना से भगवद गीता सभी से शेयर करें। राधे राधे 🙏। ruclips.net/video/CEmS3HIYDAY/видео.html
So easy to understand, nice translation of Bhagavad Gita!
भगवत गीता को एक कृष्णा रूपी धागे के समान समझिए। और इस धागे को बिल्कुल नहीं छोड़ना है। और इस धागे को पकड़ कर, इसके आरंभ से लेकर अंत तक, एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक, धीरज रखते हुए, कृष्ण को थामकर रखना है, और कृष्ण पर ध्यान केंद्रित करके, दूसरे छोर तक पहुंच जाना है। कृष्ण को जानने का, उसे समझने का प्रयास करना है। तो भगवत गीता से हमें यह समझना है की कृष्ण का चरित्र कैसा है कृष्ण का स्वभाव कैसा है? कृष्ण खुद हमें यह सब बताते हैं। ताकि हम उसी के जैसे बन जाए, और उसी में समा जाए। गीता का आत्मसात करे। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके देखे। अपने परिवार और मित्र संग भी देखें। ruclips.net/video/PlRijDvKBUg/видео.html&ab_channel=Krishna%27sDivineTeachings
Radhe Radhe 🙏
Jay Shri Krishna ❤❤❤❤
Hare Krishna ❤❤❤
Radhey Radhey ❤❤
@@ricd2846 आत्मा और परमात्मा में क्या अंतर है? वहीं जो आटा और आटे से बनी एक रोटी में है। जैसे समंदर की एक बूंद और महासागर। आत्मा आप ही हैं। स्वयं अपने होने में बने रहिए, परमात्मा पाया हुआ ही है। आत्मा का स्वरूप परमात्मा ही है। परमात्मा को जानकर आत्मा को भी जान लिया जाता है। आत्मा में रहना परमात्मा में रहने जैसा ही है। परमात्मा को खोजने कहीं और जाने की जरूरत नहीं। स्वयं अपने ही होने में प्रवेश कीजिएगा। ruclips.net/video/qyw4mrPWvE4/видео.html
हरे कृष्णा 🙏🙏🙏🙏
@@swetabartwal1436 राधे राधे 🙌
Hare Krishna ❤❤❤
@@harekrishnakusum8958 जीवन है तो कर्म है। कर्म किए बिना कोई भी व्यक्ति एक पल के लिए भी नहीं रह सकता। शरीर, वाणी या मन से प्रत्येक मनुष्य कर्म करता ही रहता है। कर्म करने से उत्पन्न होने वाला कर्म फल, बंधन उत्पन्न कर सकता है। और मुक्ति भी प्रदान कर सकता है। कैसे??? यह समझना बहोत ज़रूरी है। श्री कृष्ण श्रीमद भगवद गीता के अध्याय २ और ३ में इसी के रहस्य को समझाना शुरू करते है। परिवार संग देखे। ध्यान से सुने और समझे। लोक हित के भावना से, श्री कृष्ण के अमृत वचनो को लोगो तक पहोंचाए। सभी से शेर करे। राधे राधे। ruclips.net/video/kn_Sf4jSF8w/видео.html
RadheRadhe Guruji
@@BhaitiDoley-ec6kr जीवन है तो कर्म है। कर्म किए बिना कोई भी व्यक्ति एक पल के लिए भी नहीं रह सकता। शरीर, वाणी या मन से प्रत्येक मनुष्य कर्म करता ही रहता है। कर्म करने से उत्पन्न होने वाला कर्म फल, बंधन उत्पन्न कर सकता है। और मुक्ति भी प्रदान कर सकता है। कैसे??? यह समझना बहोत ज़रूरी है। श्री कृष्ण श्रीमद भगवद गीता के अध्याय २ और ३ में इसी के रहस्य को समझाना शुरू करते है। परिवार संग देखे। ध्यान से सुने और समझे। लोक हित के भावना से, श्री कृष्ण के अमृत वचनो को लोगो तक पहोंचाए। सभी से शेर करे। राधे राधे। ruclips.net/video/kn_Sf4jSF8w/видео.html
Hare krishna 🙏😊
Hare krishna 🙏
@@AmanKumar-pu5rv श्रीमद भगवद गीता को पढ़ने का उद्देश्य कृष्ण को जानने और समझने का होना चाहिए। कृष्ण ने गीता के उपदेश इसी कारण कहे थे, ताकि हम उसे जान सके। समझ सके कि हम उसी के अंश है, हमेशा से थे, और हमेशा रहेंगे। उसी की प्रकृति हमारी वास्तविक प्रकृति है। और भक्ति की भावना से अपने कर्म करके हम उसे पा सकते है, उससे एक हो सकते है। अगर आप जिज्ञासा से, ध्यान से गीता को सुनेंगे, देखेंगे और समझेंगे, तो आपको इसका आत्मसात होने लगेगा, और कृष्ण के प्रकृति को समझ लेंगे। और चूँकि वो ही सबसे पवित्र है, हमारे चेतना और अस्तित्व का स्त्रोत है, जब हमारा मन उसमे लगा रहेगा, तो हम भी अपने अस्तित्व को उसी की तरह पवित्र कर लेंगे। गीता का आत्मसात करे। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके देखे। अपने परिवार और मित्र संग भी देखें। ruclips.net/video/PlRijDvKBUg/видео.html&ab_channel=Krishna%27sDivineTeachings
हरे कृष्णा 🙏
@@swetabartwal1436 श्रीमद भगवद गीता को पढ़ने का उद्देश्य कृष्ण को जानने और समझने का होना चाहिए। कृष्ण ने गीता के उपदेश इसी कारण कहे थे, ताकि हम उसे जान सके। समझ सके कि हम उसी के अंश है, हमेशा से थे, और हमेशा रहेंगे। उसी की प्रकृति हमारी वास्तविक प्रकृति है। और भक्ति की भावना से अपने कर्म करके हम उसे पा सकते है, उससे एक हो सकते है। अगर आप जिज्ञासा से, ध्यान से गीता को सुनेंगे, देखेंगे और समझेंगे, तो आपको इसका आत्मसात होने लगेगा, और कृष्ण के प्रकृति को समझ लेंगे। और चूँकि वो ही सबसे पवित्र है, हमारे चेतना और अस्तित्व का स्त्रोत है, जब हमारा मन उसमे लगा रहेगा, तो हम भी अपने अस्तित्व को उसी की तरह पवित्र कर लेंगे। गीता का आत्मसात करे। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके देखे। अपने परिवार और मित्र संग भी देखें। ruclips.net/video/PlRijDvKBUg/видео.html&ab_channel=Krishna%27sDivineTeachings
Hare Krishna ❤❤❤❤❤
@@harekrishnakusum8958 श्रीमद भगवद गीता को पढ़ने का उद्देश्य कृष्ण को जानने और समझने का होना चाहिए। कृष्ण ने गीता के उपदेश इसी कारण कहे थे, ताकि हम उसे जान सके। समझ सके कि हम उसी के अंश है, हमेशा से थे, और हमेशा रहेंगे। उसी की प्रकृति हमारी वास्तविक प्रकृति है। और भक्ति की भावना से अपने कर्म करके हम उसे पा सकते है, उससे एक हो सकते है। अगर आप जिज्ञासा से, ध्यान से गीता को सुनेंगे, देखेंगे और समझेंगे, तो आपको इसका आत्मसात होने लगेगा, और कृष्ण के प्रकृति को समझ लेंगे। और चूँकि वो ही सबसे पवित्र है, हमारे चेतना और अस्तित्व का स्त्रोत है, जब हमारा मन उसमे लगा रहेगा, तो हम भी अपने अस्तित्व को उसी की तरह पवित्र कर लेंगे। गीता का आत्मसात करे। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके देखे। अपने परिवार और मित्र संग भी देखें। ruclips.net/video/PlRijDvKBUg/видео.html&ab_channel=Krishna%27sDivineTeachings
राधे राधे। क्या हम अपने जीवन साथी का, माता पिता का, भाइयों का, बहनो का, दोस्तों का, रिश्तेदारों का, जॉब में अन्य लोगों का स्वभाव समझने का प्रयत्न नहीं करते? उन्हें क्या पसंद है, किन चीज़ो से परहेज़ है, कौनसी चीज़ नापसंद है? कौनसी चीज़ो से उन्हें ख़ुशी मिलती है, और किन चीज़ो से घृणा है? क्या कभी रुक कर आपने कभी सोचा है कि कृष्ण को क्या पसंद है, और क्या नापसंद? कौनसी चीज़ो से उसे ख़ुशी और संतोष मिलता है? कैसा है कृष्ण का स्वभाव ? सोचा है क्यों उसे कुछ चीज़े पसंद है, और कुछ नापसंद ? क्यों वो सत्य, न्याय, नीति और धर्म स्थापना के लिए अवतार लेता है ? उसकी प्रकृति कैसी है ? कैसे वो सृष्टि की प्रत्येक जीव और तत्व का आधार है ??? कृष्ण खुद यह सब भगवद गीता के माध्यम से हमें बताते है। समझाते है कैसे उन्हें प्राप्त किया जा सकता है। गीता का आत्मसात करे। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके देखे। और अन्य भक्तों से शेर भी करे। राधे राधे। ruclips.net/video/PlRijDvKBUg/видео.html&ab_channel=Krishna%27sDivineTeachings
Hare Krishna ❤❤❤❤
जीवन में भगवद गीता और अध्यात्म का आत्मसात होना आवश्यक है। इससे जीवन में संतोष, शांति और सुख मिलता है। मानसिक डिप्रेशन और अन्य कठिनाईयो से छुटकारा मिलता है। आध्यात्मिकता मनोरंजन के लिए नहीं होता। ज्ञानी इसका बुद्धि से विश्लेषण करते है। श्री कृष्ण बताते है सच्ची शांति कैसे प्राप्त होती है, अध्याय ५ में। लिंक पर क्लिक करके देखे और समझे। ruclips.net/video/qJ1kRh0srVk/видео.html
ईश्वर ही सब कुछ है। और ईश्वर से ही सब कुछ है। पुरे ब्रह्माण्ड में केवल उनकी ही सत्ता है। फिर भी वो परमेश्वर किसी भी शुध्द अंतःकरण वाले भक्त की और से केवल एक फल, एक फूल, एक पत्ती, या थोड़ा सा जल प्रेम और भक्ति से अर्पण करने पर, प्रसन्न चित से भक्त के भेंट को स्वीकार कर लेते है। भक्त का कल्याण करते है। भक्त की रक्षा करते है। भक्त का ख्याल रखते है। और अंत में भक्त को स्वयं से एक भी कर लेते है। कृष्ण खुद बताते है कैसे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। ruclips.net/video/eNfP0IpaY8g/видео.html
Jay Shri Krishna 🙏 ♥️
ईश्वर ही सब कुछ है। और ईश्वर से ही सब कुछ है। पुरे ब्रह्माण्ड में केवल उनकी ही सत्ता है। फिर भी वो परमेश्वर किसी भी शुध्द अंतःकरण वाले भक्त की और से केवल एक फल, एक फूल, एक पत्ती, या थोड़ा सा जल प्रेम और भक्ति से अर्पण करने पर, प्रसन्न चित से भक्त के भेंट को स्वीकार कर लेते है। भक्त का कल्याण करते है। भक्त की रक्षा करते है। भक्त का ख्याल रखते है। और अंत में भक्त को स्वयं से एक भी कर लेते है। कृष्ण खुद बताते है कैसे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। ruclips.net/video/eNfP0IpaY8g/видео.html
Jay shree Krishna
ईश्वर ही सब कुछ है। और ईश्वर से ही सब कुछ है। पुरे ब्रह्माण्ड में केवल उनकी ही सत्ता है। फिर भी वो परमेश्वर किसी भी शुध्द अंतःकरण वाले भक्त की और से केवल एक फल, एक फूल, एक पत्ती, या थोड़ा सा जल प्रेम और भक्ति से अर्पण करने पर, प्रसन्न चित से भक्त के भेंट को स्वीकार कर लेते है। भक्त का कल्याण करते है। भक्त की रक्षा करते है। भक्त का ख्याल रखते है। और अंत में भक्त को स्वयं से एक भी कर लेते है। कृष्ण खुद बताते है कैसे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। ruclips.net/video/eNfP0IpaY8g/видео.html
Radha radha ❤
@@Neetu-pu9fw प्रेम और भक्ति से कृष्ण सहज ही भक्त के वश में आ जाते है। भक्त की ओर खींचे चले जाते है। फिर भगवान और भक्त के बीच कोई दुरी नहीं रहती। दोनों एक हो जाते है। कृष्ण ने खुद बताया है के एक सच्चा भक्त वास्तव में कैसा होता है। कैसा भक्त कृष्ण को प्रिय होता है ? लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। ruclips.net/video/zNuWjmBwCsI/видео.html
Jay Shri Krishna Jay Radhe 🙏🙏
@@Radhe_krishn_90 आत्मा और परमात्मा में क्या अंतर है? वहीं जो आटा और आटे से बनी एक रोटी में है। जैसे समंदर की एक बूंद और महासागर। आत्मा आप ही हैं। स्वयं अपने होने में बने रहिए, परमात्मा पाया हुआ ही है। आत्मा का स्वरूप परमात्मा ही है। परमात्मा को जानकर आत्मा को भी जान लिया जाता है। आत्मा में रहना परमात्मा में रहने जैसा ही है। परमात्मा को खोजने कहीं और जाने की जरूरत नहीं। स्वयं अपने ही होने में प्रवेश कीजिएगा। ruclips.net/video/21wVmAnlulo/видео.html
Hare krishna 🙏
@@AmanKumar-pu5rv स्वयं का भला सोचे वो स्वार्थी। जो सबका भला सोचे, वो परमार्थी। अध्याय ४ सुंदर लगे तो शेयर अवश्य करे। अंत तक ध्यान से देखे। लोक कल्याण की भावना से भगवद गीता सभी से शेयर करें। राधे राधे 🙏। ruclips.net/video/CEmS3HIYDAY/видео.html
Radhey Radhey ❤❤
@@ricd2846 जीवन है तो कर्म है। कर्म किए बिना कोई भी व्यक्ति एक पल के लिए भी नहीं रह सकता। शरीर, वाणी या मन से प्रत्येक मनुष्य कर्म करता ही रहता है। कर्म करने से उत्पन्न होने वाला कर्म फल, बंधन उत्पन्न कर सकता है। और मुक्ति भी प्रदान कर सकता है। कैसे??? यह समझना बहोत ज़रूरी है। श्री कृष्ण श्रीमद भगवद गीता के अध्याय २ और ३ में इसी के रहस्य को समझाना शुरू करते है। परिवार संग देखे। ध्यान से सुने और समझे। लोक हित के भावना से, श्री कृष्ण के अमृत वचनो को लोगो तक पहोंचाए। सभी से शेर करे। राधे राधे। ruclips.net/video/kn_Sf4jSF8w/видео.html
Hare Krishna ❤❤❤❤❤
@@harekrishnakusum8958 स्वयं का भला सोचे वो स्वार्थी। जो सबका भला सोचे, वो परमार्थी। अध्याय ४ सुंदर लगे तो शेयर अवश्य करे। अंत तक ध्यान से देखे। लोक कल्याण की भावना से भगवद गीता सभी से शेयर करें। राधे राधे 🙏। ruclips.net/video/CEmS3HIYDAY/видео.html
Bahut hi saral bhavarth!!! Sabse aasan hai samajhne me. Thanks for posting!!!❤❤❤
Beautiful and simple explanation of Bhagavad Gita!!! ❤❤😮 Bahut sundar!!! Jai shree Krishna ❤
भगवत गीता को एक कृष्णा रूपी धागे के समान समझिए। और इस धागे को बिल्कुल नहीं छोड़ना है। और इस धागे को पकड़ कर, इसके आरंभ से लेकर अंत तक, एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक, धीरज रखते हुए, कृष्ण को थामकर रखना है, और कृष्ण पर ध्यान केंद्रित करके, दूसरे छोर तक पहुंच जाना है। कृष्ण को जानने का, उसे समझने का प्रयास करना है। तो भगवत गीता से हमें यह समझना है की कृष्ण का चरित्र कैसा है कृष्ण का स्वभाव कैसा है? कृष्ण खुद हमें यह सब बताते हैं। ताकि हम उसी के जैसे बन जाए, और उसी में समा जाए। गीता का आत्मसात करे। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके देखे। अपने परिवार और मित्र संग भी देखें। ruclips.net/video/PlRijDvKBUg/видео.html&ab_channel=Krishna%27sDivineTeachings
Best Bhagavad Gita on RUclips!!! Bahut sundar aur saral bhavarth!!!❤❤❤ Hare Krishna ❤❤❤
Best Bhagavad Gita on RUclips!!!
Very nice!!! Beautiful!!!❤❤❤
📿🦚hare Krishna 📿🦚
@@kartikeysoni6416 राधे राधे। जिसने कृष्ण को नहीं जाना, उसने क्या जाना ? और जिसने कृष्ण को जान लिया उसने सब कुछ जाना। लोक कल्याण की भावना से भगवद गीता सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। www.youtube.com/@krishnasdivineteachings गीता के उपदेश श्री कृष्ण की वाणी है। सुंदर लगे तो शेयर अवश्य करे। अंत तक ध्यान से देखे। लोक कल्याण की भावना से भगवद गीता सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। www.youtube.com/@krishnasdivineteachings
Kya baat hai jai shree krishnA
@@abhilashbhattacharya8100 श्री कृष्ण को कहीं मत ढूंढो। केवल पहचानो। वे सर्वज्ञ है। सारी सृष्टि में वही व्याप्त है। इस अध्याय को ध्यान से सुने और समझे। अन्य भक्तों से शेर करे। राधे राधे। ruclips.net/video/D7DbuWiJ7tQ/видео.html
क्या ईश्वर से सीधे संबंध जोड़ा जा सकता है? क्या ईश्वर में स्थित हो जाने का कोई मार्ग है? क्या ऐसी कोई स्थिति होती है, जहाँ मन में दुःख, क्लेश, बेचैनी के लक्षण, शून्य हो जाए? क्या इसी शरीर में रहकर, गहरी दिव्य शांति का अनुभव कर पाना संभव है ? ईश्वर से एक हो जाने का अहसास संभव है ? संभव है। और इस पर एक भक्त का पूर्ण अधिकार होता है। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कैसे। ईश्वर के साथ संबंध हो जाना, यही सबसे खूबसरत संबंध है। इस बात का अहसास हो जाना, कि ईश्वर हमेशा आपके साथ थे, एक मित्र और सहयोगी की तरह, यही सबसे सुन्दर अहसास है। जानने और समझने के लिए, भगवद गीता का आत्मसात होना ज़रूरी है। इसे सुनना और समझना, कृष्ण की उपासना करने के बराबर है। कृष्ण को समझने का प्रयास करे। कृष्ण खुद चलकर आपको अपना संपूर्ण ज्ञान दे देंगे। और आपको अनुभूति हो जाएगी, कि इस अनुभूति से पवित्र, संसार में और कुछ भी नहीं। कोई और चीज़ आवश्यक नहीं। यही देखने और जानने, और दुसरो को बताने योग्य है। इस लिंक पर क्लिक करके पूरा सुने। अन्य सभी लोगो से शेर करे। परिवार संग देखें। कृष्णमय हो जाए। अधिक समय भी नहीं लगता। राधे राधे। ruclips.net/video/PlRijDvKBUg/видео.html&ab_channel=Krishna%27sDivineTeachings
क्या ईश्वर से सीधे संबंध जोड़ा जा सकता है? क्या ईश्वर में स्थित हो जाने का कोई मार्ग है? क्या ऐसी कोई स्थिति होती है, जहाँ मन में दुःख, क्लेश, बेचैनी के लक्षण, शून्य हो जाए? क्या इसी शरीर में रहकर, गहरी दिव्य शांति का अनुभव कर पाना संभव है ? ईश्वर से एक हो जाने का अहसास संभव है ? संभव है। और इस पर एक भक्त का पूर्ण अधिकार होता है। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कैसे। ईश्वर के साथ संबंध हो जाना, यही सबसे खूबसरत संबंध है। इस बात का अहसास हो जाना, कि ईश्वर हमेशा आपके साथ थे, एक मित्र और सहयोगी की तरह, यही सबसे सुन्दर अहसास है। जानने और समझने के लिए, भगवद गीता का आत्मसात होना ज़रूरी है। इसे सुनना और समझना, कृष्ण की उपासना करने के बराबर है। कृष्ण को समझने का प्रयास करे। कृष्ण खुद चलकर आपको अपना संपूर्ण ज्ञान दे देंगे। और आपको अनुभूति हो जाएगी, कि इस अनुभूति से पवित्र, संसार में और कुछ भी नहीं। कोई और चीज़ आवश्यक नहीं। यही देखने और जानने, और दुसरो को बताने योग्य है। इस लिंक पर क्लिक करके पूरा सुने। अन्य सभी लोगो से शेर करे। परिवार संग देखें। कृष्णमय हो जाए। अधिक समय भी नहीं लगता। राधे राधे। ruclips.net/video/PlRijDvKBUg/видео.html&ab_channel=Krishna%27sDivineTeachings
क्या ईश्वर से सीधे संबंध जोड़ा जा सकता है? क्या ईश्वर में स्थित हो जाने का कोई मार्ग है? क्या ऐसी कोई स्थिति होती है, जहाँ मन में दुःख, क्लेश, बेचैनी के लक्षण, शून्य हो जाए? क्या इसी शरीर में रहकर, गहरी दिव्य शांति का अनुभव कर पाना संभव है ? ईश्वर से एक हो जाने का अहसास संभव है ? संभव है। और इस पर एक भक्त का पूर्ण अधिकार होता है। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कैसे। ईश्वर के साथ संबंध हो जाना, यही सबसे खूबसरत संबंध है। इस बात का अहसास हो जाना, कि ईश्वर हमेशा आपके साथ थे, एक मित्र और सहयोगी की तरह, यही सबसे सुन्दर अहसास है। जानने और समझने के लिए, भगवद गीता का आत्मसात होना ज़रूरी है। इसे सुनना और समझना, कृष्ण की उपासना करने के बराबर है। कृष्ण को समझने का प्रयास करे। कृष्ण खुद चलकर आपको अपना संपूर्ण ज्ञान दे देंगे। और आपको अनुभूति हो जाएगी, कि इस अनुभूति से पवित्र, संसार में और कुछ भी नहीं। कोई और चीज़ आवश्यक नहीं। यही देखने और जानने, और दुसरो को बताने योग्य है। इस लिंक पर क्लिक करके पूरा सुने। अन्य सभी लोगो से शेर करे। परिवार संग देखें। कृष्णमय हो जाए। अधिक समय भी नहीं लगता। राधे राधे। ruclips.net/video/PlRijDvKBUg/видео.html&ab_channel=Krishna%27sDivineTeachings
Loved it!!!😍🥰🥰🥺🥺🥺❤❤❤
क्या ईश्वर से सीधे संबंध जोड़ा जा सकता है? क्या ईश्वर में स्थित हो जाने का कोई मार्ग है? क्या ऐसी कोई स्थिति होती है, जहाँ मन में दुःख, क्लेश, बेचैनी के लक्षण, शून्य हो जाए? क्या इसी शरीर में रहकर, गहरी दिव्य शांति का अनुभव कर पाना संभव है ? ईश्वर से एक हो जाने का अहसास संभव है ? संभव है। और इस पर एक भक्त का पूर्ण अधिकार होता है। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कैसे। ईश्वर के साथ संबंध हो जाना, यही सबसे खूबसरत संबंध है। इस बात का अहसास हो जाना, कि ईश्वर हमेशा आपके साथ थे, एक मित्र और सहयोगी की तरह, यही सबसे सुन्दर अहसास है। जानने और समझने के लिए, भगवद गीता का आत्मसात होना ज़रूरी है। इसे सुनना और समझना, कृष्ण की उपासना करने के बराबर है। कृष्ण को समझने का प्रयास करे। कृष्ण खुद चलकर आपको अपना संपूर्ण ज्ञान दे देंगे। और आपको अनुभूति हो जाएगी, कि इस अनुभूति से पवित्र, संसार में और कुछ भी नहीं। कोई और चीज़ आवश्यक नहीं। यही देखने और जानने, और दुसरो को बताने योग्य है। इस लिंक पर क्लिक करके पूरा सुने। अन्य सभी लोगो से शेर करे। परिवार संग देखें। कृष्णमय हो जाए। अधिक समय भी नहीं लगता। राधे राधे। ruclips.net/video/PlRijDvKBUg/видео.html&ab_channel=Krishna%27sDivineTeachings
Beautifully explained!!! Easy to understand!!!
Hare Krishna ❤❤❤❤❤❤
@@harekrishnakusum8958 श्री कृष्ण को कहीं मत ढूंढो। केवल पहचानो। वे सर्वज्ञ है। सारी सृष्टि में वही व्याप्त है। इस अध्याय को ध्यान से सुने और समझे। अन्य भक्तों से शेर करे। राधे राधे। ruclips.net/video/D7DbuWiJ7tQ/видео.html
Kya baat hai madhav ki vaani me
@@abhilashbhattacharya8100 श्री कृष्ण को कहीं मत ढूंढो। केवल पहचानो। वे सर्वज्ञ है। सारी सृष्टि में वही व्याप्त है। इस अध्याय को ध्यान से सुने और समझे। अन्य भक्तों से शेर करे। राधे राधे। ruclips.net/video/D7DbuWiJ7tQ/видео.html
Hare krishna 🙏
@@AmanKumar-pu5rv कृष्ण के नाम अनंत है। उनकी गाथा अनंत है। वही सर्वस्व है। सर्वज्ञ है। हज़ारो मुखों से भी उनका वर्णन संभव नहीं। फिर भी अर्जुन के अनुरोध पर, उन्होंने अपने कुछ विभूतियों के विषय में बताया। और अध्याय १० हुआ - ईश्वरीय दिव्य विभूतियों का वर्णन। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। ruclips.net/video/HzpXL4dk3Sk/видео.html राधे राधे।
Hare Krishna
कृष्ण के नाम अनंत है। उनकी गाथा अनंत है। वही सर्वस्व है। सर्वज्ञ है। हज़ारो मुखों से भी उनका वर्णन संभव नहीं। फिर भी अर्जुन के अनुरोध पर, उन्होंने अपने कुछ विभूतियों के विषय में बताया। और अध्याय १० हुआ - ईश्वरीय दिव्य विभूतियों का वर्णन। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। ruclips.net/video/HzpXL4dk3Sk/видео.html राधे राधे।
Jai shree krishna
@@abhilashbhattacharya8100 कृष्ण के नाम अनंत है। उनकी गाथा अनंत है। वही सर्वस्व है। सर्वज्ञ है। हज़ारो मुखों से भी उनका वर्णन संभव नहीं। फिर भी अर्जुन के अनुरोध पर, उन्होंने अपने कुछ विभूतियों के विषय में बताया। और अध्याय १० हुआ - ईश्वरीय दिव्य विभूतियों का वर्णन। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। ruclips.net/video/HzpXL4dk3Sk/видео.html राधे राधे।
Jai shree radhe Krishna 🙏 💖 ✨️
@@ASR-2111 कृष्ण के नाम अनंत है। उनकी गाथा अनंत है। वही सर्वस्व है। सर्वज्ञ है। हज़ारो मुखों से भी उनका वर्णन संभव नहीं। फिर भी अर्जुन के अनुरोध पर, उन्होंने अपने कुछ विभूतियों के विषय में बताया। और अध्याय १० हुआ - ईश्वरीय दिव्य विभूतियों का वर्णन। श्री कृष्ण ने खुद बताया है कि श्रीमद भगवद गीता के अमृत उपदेशो को पढ़ना, सुनना या देखना श्री कृष्ण की पूजा और उपासना करने के ही समान है। प्रतिदिन गीता के माध्यम से उनका श्रवण करे, भक्ति करे। लोक कल्याण की भावना से, यह वीडियो और चैनल सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। ruclips.net/video/HzpXL4dk3Sk/видео.html राधे राधे।
Radhe Radhe ❤
जीवन में भगवद गीता और अध्यात्म का आत्मसात होना आवश्यक है। इससे जीवन में संतोष, शांति और सुख मिलता है। मानसिक डिप्रेशन और अन्य कठिनाईयो से छुटकारा मिलता है। आध्यात्मिकता मनोरंजन के लिए नहीं होता। ज्ञानी इसका बुद्धि से विश्लेषण करते है। श्री कृष्ण बताते है सच्ची शांति कैसे प्राप्त होती है, अध्याय ५ में। लिंक पर क्लिक करके देखे और समझे। ruclips.net/video/qJ1kRh0srVk/видео.html
Radhe Radhe 🦚🙏🙇♂️
गीता के उपदेश श्री कृष्ण की वाणी है। सुंदर लगे तो शेयर अवश्य करे। अंत तक ध्यान से देखे। लोक कल्याण की भावना से भगवद गीता सभी तक पहुंचाए। यह बड़े पुण्य का काम है। www.youtube.com/@krishnasdivineteachings