पाप जगत मैं फैल गया और धर्म का दौर अलग हो ग्या/Paap Jagat Mein Fail Gaya Aur KPS -1988

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  • Опубликовано: 13 сен 2024
  • पाप जगत मैं फैल गया और धर्म का दौर अलग हो ग्या,
    भाई का गल भाई काटै कैसा पापी जग हो ग्या
    1. सतयुग में एक वीर सैन हुआ मगध देश रजधानी थी,
    नल पुष्गर दो भाई थे पर नल के कुछ बेईमानी थी,
    बेईमानी मैं राज हार गया खाक की जगत की छानी थी,
    आप रहा कित्ते बेटा-बेटी किते दमयन्ती राणी थी,
    भुने हुए तीतर नभ में उड़ गए, मृत्यु के लगभग हो ग्या,
    भाई का गल भाई काटै कैसा पापी जग हो ग्या,
    पाप जगत में फैल गया और धर्म का दौर अलग हो ग्या,
    भाई का गल भाई काटै कैसा पापी जग हो ग्या।।
    2. रावण-विभीषण दो भाई थे, ना आपस में विश्वास हुआ,
    मन फाटे एक दुश्मन बण गया एक रामचन्द्र का दास हुआ,
    सीता ठा ली पंचवटी तै रावण डाकू खास हुआ,
    आपस के इस हेर-फेर में लंका फुक कै नाश हुआ,
    जहां दो भाईयां में प्यार रहा ना, वहां लाखों कोस सुरग होग्या,
    भाई का गल भाई काटै कैसा पापी जग हो ग्या,
    पाप जगत में फैल गया और धर्म का दौर अलग हो ग्या,
    भाई का गल भाई काटै कैसा पापी जग हो ग्या।।
    3. अंधा-पाण्डु दो भाई थे, धृष्टराष्ट्र कुछ स्याना था,
    सगे भतीजे घर तै काढे जिन्हें छाती कै लाणा था,
    जैसी करणी वैसी भरणी करतब आगे आणा था,
    हस्तानपुर में काग बोलग्ये दुर्योधन के बेईमाना था,
    दोनों कुल का नाश हुआ जहां मामा शुगनी ठग होग्या,
    भाई का गल भाई काटै कैसा पापी जग हो ग्या,
    पाप जगत में फैल गया और धर्म का दौर अलग हो ग्या,
    भाई का गल भाई काटै कैसा पापी जग हो ग्या।।
    4. हिन्दू-मुस्लिम दो भाई थे ना आपस में प्यार हुआ,
    अंग्रेजों ने राज छीन लिया बहुत घणा तकरार हुआ,
    भारत मां के लाल खपे कुछ और भी अत्याचार हुआ,
    आगे कलम काम ना करती पीरू खुद लाचार हुआ,
    किते रेल कटी किते मोटर छूटी, ड्रईवर गार्ड अलग होग्या,
    भाई का गल भाई काटै कैसा पापी जग हो ग्या,
    पाप जगत में फैल गया और धर्म का दौर अलग हो ग्या,
    भाई का गल भाई काटै कैसा पापी जग हो ग्या।।
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