Here are some of the verses from the Vālmiki Rāmāyaṇa. The translations are from Vālmiki Rāmāyaṇa of Desiraju Hanumanta Rao & K. M. K. Murthy. You can also check out alternative translation at Rashtriya Sanskrit Vidyapeetha’s Vālmiki Rāmāyaṇa Translation project, which is based on six different commentaries. Verses implying that Rama ate meat: Ayodhya Kanda 2-52-102 तौ तत्र हत्वा चतुरः महा मृगान् | वराहम् ऋश्यम् पृषतम् महा रुरुम् | आदाय मेध्यम् त्वरितम् बुभुक्षितौ| वासाय काले ययतुर् वनः पतिम् || २-५२-१०२ Having hunted there four deer, namely Varaaha, Rishya, Prisata; and Mahaaruru (the four principal species of deer) and taking quickly the portions that were pure, being hungry as they were, Rama and Lakshmana reached a tree to take rest in the evening. Alternative translation: Being famished, Rama, Lakshmana hunted and killed a boar, a Rishya animal (a white footed male antelope), a spotted deer and a great deer with black stripes and quickly partaking the pure meat reached a tree by the evening to spend the night. Ayodhya Kanda 2-55-32/33 क्रोशमात्रम् ततो गत्वा भ्रातरौ रामलक्ष्मनौ || २-५५-३३ बहून्मेध्यान् मृगान् हत्वा चेरतुर्यमुनावने | Thereafter having travelled only a couple of miles the two brothers Rama and Lakshmana killed many consecrated deer and ate in the river-forest of Yamuna. Alternative translation: After travelling a distance of two miles further in the forest on the bank of Yamuna, those two brothers slew deers worthy for sacrifice for food and ate them. Ayodhya Kanda 2-96-1/2 तां तथा दर्शयित्वा तु मैथिलीं गिरिनिम्नगाम् | निषसाद गिरिप्रस्थे सीतां मांसेन चन्दयन् || २-९६-१ इदं मेध्यमिदं स्वादु निष्टप्तमिदमग्निना | एवमास्ते स धर्मात्मा सीतया सह राघवः || २-९६-२ Having shown Mandakini River in that manner to Seetha, the daughter of Mithila, Rama set on the hill-side in order to gratify her appetite with a piece of flesh. Rama, whose mind was devoted to righteousness stayed there with Seetha, saying; “This meat is fresh, this is savoury and roasted in the fire.” Alternative translation: Having shown to Sita the mountain-river Mandakini and gratifying her with meat, Rama sat on the mountain slope. Righteous Rama was seated in Sita’s company and remarked saying “This meat is sacred. This is savoury roasted in fire”. Aranya Kanda 3-44-27 निहत्य पृषतम् च अन्यम् मांसम् आदाय राघवः | त्वरमाणो जनस्थानम् ससार अभिमुखः तदा || ३-४४-२७ Raghava then on killing another spotted deer and on taking its flesh, he hurried himself towards Janasthaana. Alternative translation: Then Rama killed another deer, got the meat and quickly departed to Janasthana. Aranya Kanda 3-47-23 समाश्वस मुहूर्तम् तु शक्यम् वस्तुम् इह त्वया || ३-४७-२२ आगमिष्यति मे भर्ता वन्यम् आदाय पुष्कलम् | रुरून् गोधान् वराहान् च हत्वा आदाय अमिषान् बहु || ३-४७-२३ [Sita to Ravana] “Be comfortable for a moment, here it is possible for you to make a sojourn, and soon my husband will be coming on taking plentiful forest produce, and on killing stags, mongooses, wild boars he fetches meat, aplenty. Alternative translation: “Take rest for a while staying here. It is hoped that my husband will come and be getting from the forest plenty of meat of many kinds on killing deer, alligators and hogs.” Aranya Kanda 3-73-13/17 न उद्विजन्ते नरान् दृष्ट्वा वधस्य अकोविदाः शुभाः || ३-७३-१३ घृत पिण्ड उपमान् स्थूलान् तान् द्विजान् भक्षयिष्यथः | रोहितान् वक्र तुण्डान् च नल मीनान् च राघव || ३-७३-१४ पंपायाम् इषुभिः मत्स्यान् तत्र राम वरान् हतान् | निस्त्वक्पक्षानयसतप्तानकृशान्नैककण्टकान् - यद्वा - निः त्वक् पक्षान् अयस तप्तान् अकृशान् न अनेक कण्टकान् || ३-७३-१५ तव भक्त्या समायुक्तो लक्ष्मणः संप्रदास्यति | भृशम् तान् खादतो मत्स्यान् पंपायाः पुष्प संचये || ३-७३-१६ पद्म गन्धि शिवम् वारि सुख शीतम् अनामयम् | उद्धृत्य स तदा अक्लिष्टम् रूप्य स्फटिक सन्निभम् || ३-७३-१७ अथ पुष्कर पर्णेन लक्ष्मणः पाययिष्यति | [Kabandha to Rama] “Thereabout birds will be unflustered on seeing humans, because they are artless to avoid hunting, because none kills them, and you may savour them because those birds will be best and burley, similar to ghee-gobs. “Oh, Rama in that Pampa Lake there are best fishes, red-carps, and blunt-snouted small porpoises, and a sort of sprats, which are neither scraggy, nor with many fish-bones. Lakshmana will reverentially offer them to you on skewering them with arrow, and on broiling them on iron rod of arrow after descaling and de-finning them. While you eat those fishes to satiety, Lakshmana will offer you the water of Pampa Lake, which will be in the bunches of flowers of that lake, and which will be lotus-scented, pellucid, comfortably cool, shiny like silver and crystal, uncontaminated and that way pristine, by lifting it up that water with lotus leaf, making that leaf a stoup-like basin… [3-73-16b, 17, 18a] Alternative translation: “Not knowing what it is to be killed on those auspicious birds will not be scared of human beings. You both can kill those birds and eat those fat birds that are comparable to balls of butter-fat. Rama! There in the Pampa Lakshmana, by charging an arrow at the best of fish with a single bone, prawns and big fish crooked bodied fish, removing their skin and wings, piercing through skewers made of iron, cook and offer them with devotion. While you are delightedly eating fish Lakshmana can fetch you water in a lotus leaf from the Pampa tank. The waters of Pampa has a scent of lotuses being full of lotus, It is enjoyable, cool, healthy and crystal clearlike silver.”..8
*वाल्मिकी रामायण* --------------------------- *राम मांसाहारी थे या नही?* *अरण्यकांड* *सर्ग ४४:२७* *निहत्य पृष्टम् च अन्यमस्मं आदाय राघः।* *त्वरमाणो जनस्थानम् ससार अभिमुखः तदा* *॥**44:27**॥* *शब्दार्थ : **44:27* तदा = तब; राघवः = राघव; अन्यम् = दूसरा; प्रिसतम् निहत्या च = चित्तीदार हिरण, मारने पर भी; मामसं अदाय = उसका मांस, लेने पर; त्वरामानाः = खुद को जल्दी करना; जनस्थानं अभिमुखः ससार = जनस्थान की ओर, वह बह गया, आगे बढ़ गया। *अर्थ :* फिर राघव ने एक और चित्तीदार हिरण को मार डाला और उसका मांस लेने के बाद, वह तेजी से जनस्थान की ओर चला गया। *अरण्यकांड* *सर्ग ४७:२२-२३* *समश्वस कृष्णम् तु शाक्यम् वस्तुम् इह त्वया ॥**47:22**॥* *आग्मिष्यति मे भर्ता दर्शनम् आदय पुष्कलम्।* *रुरूं गोधन वराहन् च हत्वा अदाय अमिषान् बहु* *॥47:3॥* *शब्दार्थ : 22बी,23* मुहुहुर्तं समाश्वसा = एक क्षण के लिए, सहज हो जाओ; त्वया इह वस्तुं शाक्यम् = आपके द्वारा, यहां, विश्राम करना संभव है; मैं भर्ता = मेरा, पति; रुरुण = काली धारियों वाला हिरन; गोधन = नेवले जैसे [विवर्रिडे परिवार के सिवेट-जैसे स्तनधारी, विशेष रूप से। जीनस हर्पेस्टेस, मराठी मैंगुअस]; वराहन् च = जंगली सूअर भी; हत्वा = मारने पर; बहु अमीसाण अदाय = भरपूर, मांस, लेने पर; पुष्कलं वन्यं अदाय = प्रचुर मात्रा में, वनोपज, लेने पर; आगामिस्याति = आ रही होगी [शीघ्र] *अर्थ :* "एक पल के लिए निश्चिंत रहें, यहां आपके लिए प्रवास करना संभव है, और जल्द ही मेरे पति प्रचुर मात्रा में वन उपज लेकर आएंगे, और हिरन, नेवले, जंगली सूअर को मारकर वह प्रचुर मात्रा में मांस लाएंगे। *अरण्यकांड* *सर्ग ७३:१२-१६* *तत्र हंसाः प्लवाः क्रोङ्चाः कुराः चैव राघव ॥73:12॥* *वल्गु स्वरा निकुजन्ति पंपा सलिल गोचराः॥* *शब्दार्थ : 12बी-13ए* राघव = ओह, राघव; तत्र = वहाँ; पम्पा सलिला गोकारः = पम्पा, जल, निवास; हम्सअः = हंस; प्लावाः = सारस; क्रोङ्चाः = क्रौंका; कुरराः = मछली-बाज़; कैव = इस प्रकार भी; वल्गु स्वरा = सुर से, स्वर से; निकुजंती = झाँकना। *अर्थ :* "वहां पम्पा झील के पानी में रहने वाले, हे राघव, हंस, सारस, क्रौंच और मछली-बाज़ सुरीली आवाज़ में झाँक रहे होंगे...। *न उद्विजन्ते नारायण दृष्ट्वा वधस्य अकोविदाः शुभाः ॥73:13॥* *घृत पिण्ड उपमान् शूलान् तं द्विजान् भक्षयिष्यतः।* *शब्दार्थ : 13बी,14ए* वधस्य = हत्या के बारे में - शिकार के बारे में; अकोविदाः = नहीं, विशेषज्ञ - शिकार से बचने के लिए कलाहीन; शुभः = सर्वोत्तम - पक्षी; नाराण द्रिस्त्व = लोग, देखकर; न उद्विजान्ते = संयुक्त राष्ट्र, घबराया हुआ; घृतपिंड उपमान = घी, गोबर, उपमा में; स्थूलान तान द्विजान् = मोटे, उन्हें, पक्षी; भक्षयिष्यतः = आप स्वाद ले सकते हैं। *अर्थ :* "इसलिये पक्षी मनुष्यों को देखकर घबरा जायेंगे, क्योंकि उनमें शिकार करने की कला नहीं है, क्योंकि कोई भी उन्हें नहीं मारता है, और आप उनका स्वाद ले सकते हैं क्योंकि वे पक्षी अच्छे और मोटे होंगे, घी-गोब के समान...। *टिप्पणी :* राम के शाकाहार या अन्यथा के बारे में एक शब्द अंतनोट में शामिल किया गया है। *रोहितां वज तुंदं च नल मीनं च राघव* *॥73:14॥* *पमायम् इशुभिः मत्स्याण् तत्र राम वरण हतान् ।* *निस्त्वक्पक्षन्यासत्प्तानकृष्णन्नैकान्तकं - यद्वा -* *निः त्वक् पक्षान अयस तपतां आकर्षण न अनेक कन्टकन्* *॥73:15॥* *तव भक्त्या समाचारो लक्ष्मणः संप्रदस्यति।* *भृषम् तं खादतो मत्स्यान पमायाः पुष्प संग्रहे ॥73:16॥* *शब्दार्थ : 14बी, 15,16ए* राघव = ओह, राघव; राम = हे राम; तत्र पंपायम् = उसमें, पंपा झील में; इसुभिः हटान् = तीर से, तिरछा करने पर; वरण = श्रेष्ठ; निह त्वक पाकसां = बिना, त्वचा [तराजू,] पंख [पंख, डीस्केलिंग और डी-फिनिंग]; अयसा तपतान = लोहे की छड़ से, भूनने पर; एक कृ^ईशान च = नहीं, टेढ़ा, भी; न अनेका कंटकण = नहीं, बहुत, कांटों के साथ [मछली की हड्डियों के साथ]; मत्स्ययान = मछलियाँ; रोहितान = रेड-कार्प्स [साइप्रिनस कार्पियो]; वक्र तुंडन = कुंद, थूथन वाले [छोटे खाने योग्य पर्पोइज़]; नाला मिइनान सीए = एक प्रकार का स्प्रैट भी; लक्ष्मणः = लक्ष्मण; भक्तया समायुक्तः = श्रद्धा, सहित - श्रद्धापूर्वक; तव = तुम्हें; सम्प्रदाश्यति = अर्पण करूंगा। *अर्थ :* "हे राम, उस पंपा झील में बेहतरीन मछलियाँ, लाल कार्प और कुंद-थूथन वाले छोटे पोरपोइज़ और एक प्रकार के स्प्रैट हैं, जो न तो टेढ़े-मेढ़े होते हैं, न ही बहुत सारी मछलियों की हड्डियों वाले होते हैं। लक्ष्मण उन्हें आदरपूर्वक आपको अर्पित करेंगे उन्हें तीर से तिरछा करना, और उन्हें स्केलिंग और डी-फिनिंग करने के बाद तीर की लोहे की छड़ पर भूनना। *@ash, pune*
दुःखेष्वनुद्विग्नमनाः सुखेषु विगतस्पृहः । वीतरागभयक्रोधः स्थितधीर्मुनिरुच्यते ॥ दु:खों में (दु:खों के आने पर) जिसका मन व्याकुल नहीं होता और सुखों में (सुखों के आने पर) उनसे भोगजन्य सुख की कामना-लालसा नहीं करता, जिससे राग, भय और क्रोध दूर हो गये हैं वह स्थितप्रज्ञ मुनि कहा जाता है ।
शरद पवार चाहे तो जितेंद्र अवाड को रोख कर समझा सकते थे लेकिन उन्होंने भी कुछ नही किया.. देश का ना धर्म के तुम लोग.! छत्रपती शिवाजी महाराज होते तो घोर दण्ड दिया होता .! भारत मे रहकर कभी सेना के शौर्य पर, सुप्रीम कोर्ट पर, और अब प्रभु श्रीरामजी पर सवाल उठाते हो ..! जय सियाराम 🚩🙏🏼🇮🇳 जय भारत
Ram is Kshatriya King don't make him Bramhin. Being a King and Kshatriya, Ram is definitely not pure vegetarian. If you try to make him a Bramhin god it is an Insult to All of Bahujan samaj who are non vegetarian and consider Ram as their lord. This division of Vegetarian being pure than non vegetarian will hurt Hindu religion as same diversion is not their in other religions who want Hindus to convert into their religion. So mind it , what you oppose will bite you back.
चतुर्दश हि वर्षाणि वत्स्यामि विज्ने वने | मधु मूल फलैः जीवन हित्वा मुनिवद् अमिष्म् ||  मैं चौदह वर्ष तक ऋषियों की भाँति एकांत वन में भोग के सभी साधन त्याग कर कंद-मूल, फल और मधु के साथ जीवन व्यतीत करूँगा।”
चतुर्दश हि वर्षाणि वत्स्यामि विज्ने वने | मधु मूल फलैः जीवन हित्वा मुनिवद् अमिष्म् ||  मैं चौदह वर्ष तक ऋषियों की भाँति एकांत वन में भोग के सभी साधन त्याग कर कंद-मूल, फल और मधु के साथ जीवन व्यतीत करूँगा।”
@@Masteroogway1967 Asa pan liheliye ki shirak karun khalliye. Mi kai lihiley tyala mhavatva det nahi. Logical je aahe, je asnyacha jasti chances aahet te manto. Ram ha yodha, Kshatriya Raja houn Gela. Tar itka purava khoop zala.
@@Masteroogway1967 non veg mhantlyavar kon radtai? nai nai amhi pure veg tashe amche dev pan veg! saglikade Brahmanikaran karnyat dhanyatta vatat aahe kai? Bahujan apaman sahan kartait tumchakadun ajante pane. Ekkda ka tumcha game kalala ki sampla smaja! parat 70 kai 100 vasha pan yeche nahi. sattet
Ramayan me Dasharat ne hiran ko marne ke bajay shravam bal ko mara Laxman ne hiran piche baghe ravan sita ko uthakar le gaya Baba tu ye bata hiran marne ke chakar me ramayan gati hai
Both this person and ncp leaders are fool. One is making comments to heart sentiments. No need for that comment. One is threaten..ng like a gunda. Both are wrong.
@@theplmotivationofficial illiterate fellow... He is threatening.. Only if legal action will not be taken. What's wrong.. If it was other religion.. Jitendra could have been beheaded till now.
You’re so delusional and suffering from psychiatric issues 😭 you think yourself of lord ram? Kid, wake up from dreams. Amethi me betha abdul kya kha rha hai uska ghanta kisi ko fark nhi pdta 😭 I’m sorry if you felt bad but take either basic language course or get yourself a psychiatric evaluation done
ok..... but the topic is about spreading lies about our gods. If someone said anything about other religions, then you would be the first to protest. Stop being a clown and use your retarded brain, before its rots away.
Godman doesn't mean he is napunsak like you. "Dharm himsaa tathaiva ch" Dharm means to establish righteaoness violence is only the way. Mahabharata.. Ramayana teaches us to be violent to save sanatan dharm.
एक बात का जबाब दो ? क्या मीट को बिना किसी vegetable मतलब बिना veg के खा पाओगे? उसमें तेल लगता है जो , veg है , उसमें जो भी सामान use करते हो वह् सब veg है , अब आगे समझदार हो
जितेंद्र कुठे दिसेल तिथे चपलेने मारा,
Perfect 👍
Tujhya aai baba la pan chapli ne marayla pahije
जय श्री राम 🚩🪔🌹🙏
We support you🙏🙏
Ham aapse sahmat he babaji
शिवाजी महाराजांच्या अपमान राज्यपालांनी केला होता तेव्हा तुम्ही कुठे होता.
Amhi tychi gand marli hoti rajyapalachi. Jay Shri ram
Bravo aage badho. Jai shri ram
Jay Shree Ram
Jiten Awad is "BLACK LADVA"
😂😂😂😂😂😂😂🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🙏
If this happens one time.
Koi bhi bhagwan ko bura bhala nahi kahane ka sahas nahi karega
I support maharaj
Maharaj nahi actor hai opposition ka
Totally right sir
Totally right sir.
Here are some of the verses from the Vālmiki Rāmāyaṇa. The translations are from Vālmiki Rāmāyaṇa of Desiraju Hanumanta Rao & K. M. K. Murthy. You can also check out alternative translation at Rashtriya Sanskrit Vidyapeetha’s Vālmiki Rāmāyaṇa Translation project, which is based on six different commentaries.
Verses implying that Rama ate meat:
Ayodhya Kanda 2-52-102
तौ तत्र हत्वा चतुरः महा मृगान् |
वराहम् ऋश्यम् पृषतम् महा रुरुम् |
आदाय मेध्यम् त्वरितम् बुभुक्षितौ|
वासाय काले ययतुर् वनः पतिम् || २-५२-१०२
Having hunted there four deer, namely Varaaha, Rishya, Prisata; and Mahaaruru (the four principal species of deer) and taking quickly the portions that were pure, being hungry as they were, Rama and Lakshmana reached a tree to take rest in the evening.
Alternative translation: Being famished, Rama, Lakshmana hunted and killed a boar, a Rishya animal (a white footed male antelope), a spotted deer and a great deer with black stripes and quickly partaking the pure meat reached a tree by the evening to spend the night.
Ayodhya Kanda 2-55-32/33
क्रोशमात्रम् ततो गत्वा भ्रातरौ रामलक्ष्मनौ || २-५५-३३
बहून्मेध्यान् मृगान् हत्वा चेरतुर्यमुनावने |
Thereafter having travelled only a couple of miles the two brothers Rama and Lakshmana killed many consecrated deer and ate in the river-forest of Yamuna.
Alternative translation: After travelling a distance of two miles further in the forest on the bank of Yamuna, those two brothers slew deers worthy for sacrifice for food and ate them.
Ayodhya Kanda 2-96-1/2
तां तथा दर्शयित्वा तु मैथिलीं गिरिनिम्नगाम् |
निषसाद गिरिप्रस्थे सीतां मांसेन चन्दयन् || २-९६-१
इदं मेध्यमिदं स्वादु निष्टप्तमिदमग्निना |
एवमास्ते स धर्मात्मा सीतया सह राघवः || २-९६-२
Having shown Mandakini River in that manner to Seetha, the daughter of Mithila, Rama set on the hill-side in order to gratify her appetite with a piece of flesh. Rama, whose mind was devoted to righteousness stayed there with Seetha, saying; “This meat is fresh, this is savoury and roasted in the fire.”
Alternative translation: Having shown to Sita the mountain-river Mandakini and gratifying her with meat, Rama sat on the mountain slope. Righteous Rama was seated in Sita’s company and remarked saying “This meat is sacred. This is savoury roasted in fire”.
Aranya Kanda 3-44-27
निहत्य पृषतम् च अन्यम् मांसम् आदाय राघवः |
त्वरमाणो जनस्थानम् ससार अभिमुखः तदा || ३-४४-२७
Raghava then on killing another spotted deer and on taking its flesh, he hurried himself towards Janasthaana.
Alternative translation: Then Rama killed another deer, got the meat and quickly departed to Janasthana.
Aranya Kanda 3-47-23
समाश्वस मुहूर्तम् तु शक्यम् वस्तुम् इह त्वया || ३-४७-२२
आगमिष्यति मे भर्ता वन्यम् आदाय पुष्कलम् |
रुरून् गोधान् वराहान् च हत्वा आदाय अमिषान् बहु || ३-४७-२३
[Sita to Ravana] “Be comfortable for a moment, here it is possible for you to make a sojourn, and soon my husband will be coming on taking plentiful forest produce, and on killing stags, mongooses, wild boars he fetches meat, aplenty.
Alternative translation: “Take rest for a while staying here. It is hoped that my husband will come and be getting from the forest plenty of meat of many kinds on killing deer, alligators and hogs.”
Aranya Kanda 3-73-13/17
न उद्विजन्ते नरान् दृष्ट्वा वधस्य अकोविदाः शुभाः || ३-७३-१३
घृत पिण्ड उपमान् स्थूलान् तान् द्विजान् भक्षयिष्यथः |
रोहितान् वक्र तुण्डान् च नल मीनान् च राघव || ३-७३-१४
पंपायाम् इषुभिः मत्स्यान् तत्र राम वरान् हतान् |
निस्त्वक्पक्षानयसतप्तानकृशान्नैककण्टकान् - यद्वा -
निः त्वक् पक्षान् अयस तप्तान् अकृशान् न अनेक कण्टकान् || ३-७३-१५
तव भक्त्या समायुक्तो लक्ष्मणः संप्रदास्यति |
भृशम् तान् खादतो मत्स्यान् पंपायाः पुष्प संचये || ३-७३-१६
पद्म गन्धि शिवम् वारि सुख शीतम् अनामयम् |
उद्धृत्य स तदा अक्लिष्टम् रूप्य स्फटिक सन्निभम् || ३-७३-१७
अथ पुष्कर पर्णेन लक्ष्मणः पाययिष्यति |
[Kabandha to Rama] “Thereabout birds will be unflustered on seeing humans, because they are artless to avoid hunting, because none kills them, and you may savour them because those birds will be best and burley, similar to ghee-gobs. “Oh, Rama in that Pampa Lake there are best fishes, red-carps, and blunt-snouted small porpoises, and a sort of sprats, which are neither scraggy, nor with many fish-bones. Lakshmana will reverentially offer them to you on skewering them with arrow, and on broiling them on iron rod of arrow after descaling and de-finning them. While you eat those fishes to satiety, Lakshmana will offer you the water of Pampa Lake, which will be in the bunches of flowers of that lake, and which will be lotus-scented, pellucid, comfortably cool, shiny like silver and crystal, uncontaminated and that way pristine, by lifting it up that water with lotus leaf, making that leaf a stoup-like basin… [3-73-16b, 17, 18a]
Alternative translation: “Not knowing what it is to be killed on those auspicious birds will not be scared of human beings. You both can kill those birds and eat those fat birds that are comparable to balls of butter-fat. Rama! There in the Pampa Lakshmana, by charging an arrow at the best of fish with a single bone, prawns and big fish crooked bodied fish, removing their skin and wings, piercing through skewers made of iron, cook and offer them with devotion. While you are delightedly eating fish Lakshmana can fetch you water in a lotus leaf from the Pampa tank. The waters of Pampa has a scent of lotuses being full of lotus, It is enjoyable, cool, healthy and crystal clearlike silver.”..8
Jai shree Ram
*वाल्मिकी रामायण*
---------------------------
*राम मांसाहारी थे या नही?*
*अरण्यकांड*
*सर्ग ४४:२७*
*निहत्य पृष्टम् च अन्यमस्मं आदाय राघः।*
*त्वरमाणो जनस्थानम् ससार अभिमुखः तदा*
*॥**44:27**॥*
*शब्दार्थ : **44:27*
तदा = तब; राघवः = राघव; अन्यम् = दूसरा; प्रिसतम् निहत्या च = चित्तीदार हिरण, मारने पर भी; मामसं अदाय = उसका मांस, लेने पर; त्वरामानाः = खुद को जल्दी करना; जनस्थानं अभिमुखः ससार = जनस्थान की ओर, वह बह गया, आगे बढ़ गया।
*अर्थ :* फिर राघव ने एक और चित्तीदार हिरण को मार डाला और उसका मांस लेने के बाद, वह तेजी से जनस्थान की ओर चला गया।
*अरण्यकांड*
*सर्ग ४७:२२-२३*
*समश्वस कृष्णम् तु शाक्यम् वस्तुम् इह त्वया ॥**47:22**॥*
*आग्मिष्यति मे भर्ता दर्शनम् आदय पुष्कलम्।*
*रुरूं गोधन वराहन् च हत्वा अदाय अमिषान् बहु*
*॥47:3॥*
*शब्दार्थ : 22बी,23*
मुहुहुर्तं समाश्वसा = एक क्षण के लिए, सहज हो जाओ; त्वया इह वस्तुं शाक्यम् = आपके द्वारा, यहां, विश्राम करना संभव है; मैं भर्ता = मेरा, पति; रुरुण = काली धारियों वाला हिरन; गोधन = नेवले जैसे [विवर्रिडे परिवार के सिवेट-जैसे स्तनधारी, विशेष रूप से। जीनस हर्पेस्टेस, मराठी मैंगुअस]; वराहन् च = जंगली सूअर भी; हत्वा = मारने पर; बहु अमीसाण अदाय = भरपूर, मांस, लेने पर; पुष्कलं वन्यं अदाय = प्रचुर मात्रा में, वनोपज, लेने पर; आगामिस्याति = आ रही होगी [शीघ्र]
*अर्थ :* "एक पल के लिए निश्चिंत रहें, यहां आपके लिए प्रवास करना संभव है, और जल्द ही मेरे पति प्रचुर मात्रा में वन उपज लेकर आएंगे, और हिरन, नेवले, जंगली सूअर को मारकर वह प्रचुर मात्रा में मांस लाएंगे।
*अरण्यकांड*
*सर्ग ७३:१२-१६*
*तत्र हंसाः प्लवाः क्रोङ्चाः कुराः चैव राघव ॥73:12॥*
*वल्गु स्वरा निकुजन्ति पंपा सलिल गोचराः॥*
*शब्दार्थ : 12बी-13ए*
राघव = ओह, राघव; तत्र = वहाँ; पम्पा सलिला गोकारः = पम्पा, जल, निवास; हम्सअः = हंस; प्लावाः = सारस; क्रोङ्चाः = क्रौंका; कुरराः = मछली-बाज़; कैव = इस प्रकार भी; वल्गु स्वरा = सुर से, स्वर से; निकुजंती = झाँकना।
*अर्थ :* "वहां पम्पा झील के पानी में रहने वाले, हे राघव, हंस, सारस, क्रौंच और मछली-बाज़ सुरीली आवाज़ में झाँक रहे होंगे...।
*न उद्विजन्ते नारायण दृष्ट्वा वधस्य अकोविदाः शुभाः ॥73:13॥*
*घृत पिण्ड उपमान् शूलान् तं द्विजान् भक्षयिष्यतः।*
*शब्दार्थ : 13बी,14ए*
वधस्य = हत्या के बारे में - शिकार के बारे में; अकोविदाः = नहीं, विशेषज्ञ - शिकार से बचने के लिए कलाहीन; शुभः = सर्वोत्तम - पक्षी; नाराण द्रिस्त्व = लोग, देखकर; न उद्विजान्ते = संयुक्त राष्ट्र, घबराया हुआ; घृतपिंड उपमान = घी, गोबर, उपमा में; स्थूलान तान द्विजान् = मोटे, उन्हें, पक्षी; भक्षयिष्यतः = आप स्वाद ले सकते हैं।
*अर्थ :* "इसलिये पक्षी मनुष्यों को देखकर घबरा जायेंगे, क्योंकि उनमें शिकार करने की कला नहीं है, क्योंकि कोई भी उन्हें नहीं मारता है, और आप उनका स्वाद ले सकते हैं क्योंकि वे पक्षी अच्छे और मोटे होंगे, घी-गोब के समान...।
*टिप्पणी :* राम के शाकाहार या अन्यथा के बारे में एक शब्द अंतनोट में शामिल किया गया है।
*रोहितां वज तुंदं च नल मीनं च राघव*
*॥73:14॥*
*पमायम् इशुभिः मत्स्याण् तत्र राम वरण हतान् ।*
*निस्त्वक्पक्षन्यासत्प्तानकृष्णन्नैकान्तकं - यद्वा -*
*निः त्वक् पक्षान अयस तपतां आकर्षण न अनेक कन्टकन्*
*॥73:15॥*
*तव भक्त्या समाचारो लक्ष्मणः संप्रदस्यति।*
*भृषम् तं खादतो मत्स्यान पमायाः पुष्प संग्रहे ॥73:16॥*
*शब्दार्थ : 14बी, 15,16ए*
राघव = ओह, राघव; राम = हे राम; तत्र पंपायम् = उसमें, पंपा झील में; इसुभिः हटान् = तीर से, तिरछा करने पर; वरण = श्रेष्ठ; निह त्वक पाकसां = बिना, त्वचा [तराजू,] पंख [पंख, डीस्केलिंग और डी-फिनिंग]; अयसा तपतान = लोहे की छड़ से, भूनने पर; एक कृ^ईशान च = नहीं, टेढ़ा, भी; न अनेका कंटकण = नहीं, बहुत, कांटों के साथ [मछली की हड्डियों के साथ]; मत्स्ययान = मछलियाँ; रोहितान = रेड-कार्प्स [साइप्रिनस कार्पियो]; वक्र तुंडन = कुंद, थूथन वाले [छोटे खाने योग्य पर्पोइज़]; नाला मिइनान सीए = एक प्रकार का स्प्रैट भी; लक्ष्मणः = लक्ष्मण; भक्तया समायुक्तः = श्रद्धा, सहित - श्रद्धापूर्वक; तव = तुम्हें; सम्प्रदाश्यति = अर्पण करूंगा।
*अर्थ :* "हे राम, उस पंपा झील में बेहतरीन मछलियाँ, लाल कार्प और कुंद-थूथन वाले छोटे पोरपोइज़ और एक प्रकार के स्प्रैट हैं, जो न तो टेढ़े-मेढ़े होते हैं, न ही बहुत सारी मछलियों की हड्डियों वाले होते हैं। लक्ष्मण उन्हें आदरपूर्वक आपको अर्पित करेंगे उन्हें तीर से तिरछा करना, और उन्हें स्केलिंग और डी-फिनिंग करने के बाद तीर की लोहे की छड़ पर भूनना।
*@ash, pune*
दुःखेष्वनुद्विग्नमनाः सुखेषु विगतस्पृहः ।
वीतरागभयक्रोधः स्थितधीर्मुनिरुच्यते ॥
दु:खों में (दु:खों के आने पर) जिसका मन व्याकुल नहीं होता और सुखों में (सुखों के आने पर) उनसे भोगजन्य सुख की कामना-लालसा नहीं करता, जिससे राग, भय और क्रोध दूर हो गये हैं वह स्थितप्रज्ञ मुनि कहा जाता है ।
Jay shree Ram
Support maharaj
🙏🙏 jai Shre ram
शरद पवार चाहे तो जितेंद्र अवाड को रोख कर समझा सकते थे लेकिन उन्होंने भी कुछ नही किया..
देश का ना धर्म के तुम लोग.!
छत्रपती शिवाजी महाराज होते तो घोर दण्ड दिया होता .!
भारत मे रहकर कभी सेना के शौर्य पर, सुप्रीम कोर्ट पर, और अब प्रभु श्रीरामजी पर सवाल उठाते हो ..!
जय सियाराम 🚩🙏🏼🇮🇳 जय भारत
Jitendra should be arrested
Jai Siya Ram 🙏
जय श्रीराम
😂😂😂😂😂😂
Bas bombalat...
Nikl katwe
लीमीट ओलांडून पहा आव्हाड
Maulana jituddin awhad ko sar tan se juda
😂😂😂🤣🤣🤣🤣
he is right
Joker 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
🙏Jai Shree Krishna🙏Jai Shree Ram 🙏
Haa hi joker
Allah rapist😂
Teri ammy joker katwe gowbhakshak
Prison break
Ye konsa guru hai pahili bar dekha
Bhai we need answer what was he eating in jungle and dhanush se bhaji nahi kati jati shikar kiya jata hai
जय श्रीराम....
Mahatma to krodha me dikh rahe he😂
💯 Agree
Awhad peaceful religion ke baare bolta to sar tan se juda ho jaata
That awhad should be nullified💯
Sar tan se juda
Ram is Kshatriya King don't make him Bramhin. Being a King and Kshatriya, Ram is definitely not pure vegetarian. If you try to make him a Bramhin god it is an Insult to All of Bahujan samaj who are non vegetarian and consider Ram as their lord. This division of Vegetarian being pure than non vegetarian will hurt Hindu religion as same diversion is not their in other religions who want Hindus to convert into their religion. So mind it , what you oppose will bite you back.
चतुर्दश हि वर्षाणि वत्स्यामि विज्ने वने |
मधु मूल फलैः जीवन हित्वा मुनिवद् अमिष्म् ||
 मैं चौदह वर्ष तक ऋषियों की भाँति एकांत वन में भोग के सभी साधन त्याग कर कंद-मूल, फल और मधु के साथ जीवन व्यतीत करूँगा।”
चतुर्दश हि वर्षाणि वत्स्यामि विज्ने वने |
मधु मूल फलैः जीवन हित्वा मुनिवद् अमिष्म् ||
 मैं चौदह वर्ष तक ऋषियों की भाँति एकांत वन में भोग के सभी साधन त्याग कर कंद-मूल, फल और मधु के साथ जीवन व्यतीत करूँगा।”
@@Masteroogway1967 Asa pan liheliye ki shirak karun khalliye. Mi kai lihiley tyala mhavatva det nahi. Logical je aahe, je asnyacha jasti chances aahet te manto. Ram ha yodha, Kshatriya Raja houn Gela. Tar itka purava khoop zala.
@@arjun13Ten shakahari aslya che purave magta ani mag nantar tondavar padlyavar kahi pan radta🤣
@@Masteroogway1967 non veg mhantlyavar kon radtai? nai nai amhi pure veg tashe amche dev pan veg! saglikade Brahmanikaran karnyat dhanyatta vatat aahe kai? Bahujan apaman sahan kartait tumchakadun ajante pane. Ekkda ka tumcha game kalala ki sampla smaja! parat 70 kai 100 vasha pan yeche nahi. sattet
Baba g chauthi talvar kiske liye hoga
Good
🎉🎉
Jab awaghad bhagawaan RAAM KE UPPAR NEECH BAAT KARNEKO HIMMAT kaise huwaa ???
Sharad Pawar ke support se.
24 तो 48 घंटे हो गये क्या ट्रेन नहीं मिली क्या प्लेन उड नहीं रहा नहीं तो पैदल आ जाओ
गदा मा हा रा ज
Full support for Ram Temple
Full support for Hindus
These bhagwa clowns sitting in safety of UP is just like Dawood in Karachi 😂 Kuch bhi boldo... hoga kuch nahi kyunki sarkar toh apni hi hai.
Jitender ko dhamaki de raha hai...arrest him
Ramayan me Dasharat ne hiran ko marne ke bajay shravam bal ko mara
Laxman ne hiran piche baghe ravan sita ko uthakar le gaya
Baba tu ye bata hiran marne ke chakar me ramayan gati hai
File a case on this fake sadhu. May be he has violent history.
Chup re🗿
Ye hindustan nhi hai😂. Ye BHARAT hai INDIA hai😂
Ye bharat hai, Hindustan bhi invaders ka hi shabd hai😂
Isaka vadh karuga... Usaka Shir kapunga......lagta hai sasura maharaj bhi mansahari hai😂😂😂
😂😂😂😂😂 💯 correct
Mulla ki tarah 😂😂
Aur tu awhad ka chamcha hain 😂😂😂 mumbra ka rehne wala lagta hain tu bail ka mutton khata hain kya tu?
Tu Hindu nahi hai...Aisa comment Hindu virodhi hi kar sakta hai...tere katna hua lagta hai
😂😂😂😂
Ye pagal hai kya
Nahi woh tumhare jaisa hain pagal 😂😂😂
@@deepakb.277 tere jaisa hai oo dhongi lanbhakt
😅😅😅😅😅😅😂😂😂😂😂
What illiteracy does to a person:)
we are not like you who smiles when someone abuses your mother
Both this person and ncp leaders are fool.
One is making comments to heart sentiments. No need for that comment.
One is threaten..ng like a gunda.
Both are wrong.
@@theplmotivationofficial illiterate fellow... He is threatening.. Only if legal action will not be taken.
What's wrong.. If it was other religion.. Jitendra could have been beheaded till now.
@@theplmotivationofficialtera baap ko koi bolega na koi jungali tab samjhega
Award said wrong action need to taken. But this Jagat guru so funny 😂😂😂😂
Tera baap ke khilaf koi aisa bolta to yahi bolta na Tu ki uska tarif karta zhat ke baal……Najayaz alulad bc
Aap vadh mat karo bhagvan aayenge vadh karne uska
Aap pooja path karo maharaj
Bhagwan pehle iss dhongi baba ka band bajayenge
😂
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
😅😅😅😅😅
😂😂😂
Shree Ram was Kshatriya so non veg ka kya issue hai
Van waas mein kya khaya
He was said to be around 8ft tall so how did he sustain himself?
Ye joker dikh raha hai
Haan tere pitaji bhi wahi hain 😂😂😂 joker 😂
जोकर नहीं बेटा तेरे अम्मी के शोहर हैं दुसरे पूछ लेना तेरे अब्बू से लांडे😡😡
I love chicken and I am a proud non-vegetarian 😂. Stop all these vegetarian controversies.
Because you are not a Hindu
Not about vegitarian or non veg bro... But saying meaningless things about god is wrong..
You’re so delusional and suffering from psychiatric issues 😭 you think yourself of lord ram? Kid, wake up from dreams. Amethi me betha abdul kya kha rha hai uska ghanta kisi ko fark nhi pdta 😭 I’m sorry if you felt bad but take either basic language course or get yourself a psychiatric evaluation done
ok..... but the topic is about spreading lies about our gods. If someone said anything about other religions, then you would be the first to protest. Stop being a clown and use your retarded brain, before its rots away.
Hii abdul shaikh
How can this godman be so vindictive and violent? Just shocking
Ek aur napunsak spotted in comments 😂😂
Hindu virodhi gang member
Your daddy is a godman.
He is a guru.
@@arsenalf.c6443 😭😭
Godman doesn't mean he is napunsak like you.
"Dharm himsaa tathaiva ch"
Dharm means to establish righteaoness violence is only the way.
Mahabharata.. Ramayana teaches us to be violent to save sanatan dharm.
ये तो जोकर है
Profit nahi hai video me.
Just like sar tan se juda wali gang.... Joker jihadi
Mohammad aur aayesha ka majak udate tab sab mulle aisehi video banate samjha
Tera Allah joker hai lavde sabse bada Randi ka baccha
I love Meat 😋 and I am non- vegetarian I am proud of it. Have more tasty chicken 🤤
एक बात का जबाब दो ? क्या मीट को बिना किसी vegetable मतलब बिना veg के खा पाओगे? उसमें तेल लगता है जो , veg है , उसमें जो भी सामान use करते हो वह् सब veg है , अब आगे समझदार हो
@@civilupdate1 are bhai i love both vegetables and non veg food 😂
Yes yes lion also loves u🙌
@@ShreyaT1 yes they love me.
Even I love non veg food doesn't mean I'll stop licking your mom's and sisters pussy right?
Speech sahi diya hain koi galti nhi hain usme
Do not under istimate to common man..
..
इनमे कुछ बहुत ही ज्यादा येडे होते है....
जिन्हे लोग भगत सिंह कहते है.