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कबीरा खड़ा बाज़ार में, सबकी मांगे खैर।|संत कबीर दास जी के दोहे-60|Sant Kabir ke Dohe|

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  • Опубликовано: 30 июн 2024
  • इस दोहे में संत कबीर यह संदेश दे रहे हैं कि जीवन में हमें सभी के लिए शुभकामनाएं करनी चाहिए, चाहे वे हमारे मित्र हों या शत्रु। कबीर खुद को बाजार में खड़ा दिखाते हैं, जो एक प्रतीकात्मक चित्रण है। वे कहते हैं कि उन्हें किसी से विशेष मित्रता या दुश्मनी नहीं है। उनके लिए सब बराबर हैं और वे सभी के लिए भलाई की कामना करते हैं। इस प्रकार, यह दोहा हमें निष्पक्षता, दयालुता और सभी के प्रति समान भावना रखने का संदेश देता है।
    कबीरा खड़ा बाज़ार में, सबकी मांगे खैर.
    ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर॥
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    Video Name-कबीरा खड़ा बाज़ार में, सबकी मांगे खैर।|संत कबीर दास जी के दोहे-60|Sant Kabir ke Dohe|
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