@@beinwardshindi/अमरीत कलश शरीर मे कहा है /जिसकी वजह ये शरीर चल रहा है / और ये सृष्टि /ये मै आपसे कोई प्रश्न नहीं कररहा हूँ / आपका चैनल मै amarit बेला मै देखता हूँ /वाहे गुरूजी सत्यमशिवम्सुंदरम /जयहो अखण्ड सिंधु भारतीये
“वाह! सच में, श्री गुरु नानक देव जी की दृष्टि हमें एक अद्भुत संदेश देती है - जब हम उनकी आँखों को देखते हैं, तो मानो उनकी दृष्टि के माध्यम से हम भी परमात्मा को देख सकते हैं। उनके जीवन और शिक्षा से हमें यही प्रेरणा मिलती है कि सत्य और ईश्वर को हर जगह, हर रूप में पहचानें। जय माता दी और सतनाम वाहेगुरु।”
दस्वां द्वार अमृत बेला मे बिस्तरे को छोड़ना / अमृत bela/3से 5 बजेतक अमृत बेला होती है सबसे पहले अपनी अंतर गुरु को जगाओ उस गुरु का नाम है लगन / उससे बढ़कर है /लक्ष्य सूचना अलार्म मोबाईल मे नहीं dimag मे होना चाहिए उसके बाद त्याग ही दस्वां दवार है /जय हो अखंडसिंधु भारतीये
अपने बच्चों को पांच चीजे जरूर सिखाओ /आलस नहो /लालच naho/मनसे शांत /शरीर से एक्टिव /पाँचवा /देश धर्मका पक्का होना चाहिए /इतिहास मे उनका ही नमः /सत्यम शिवम् सुन्दर म
“अनहद नाद” (कोस्मिक ध्वनि) को लगातार सुनना एक गहन आध्यात्मिक स्थिति मानी जाती है। यह अक्सर “दशवें द्वार” (तसवीं चक्र) के खुलने की ओर एक कदम माना जाता है। हालांकि, इसे समझदारी और मार्गदर्शन के साथ आगे बढ़ाना आवश्यक है। दशवें द्वार का खुलना परम चेतना से जुड़ने का प्रतीक है, और यह संतुलित ध्यान, मन की पवित्रता और निरंतर आध्यात्मिक साधना की मांग करता है। इसे सुरक्षित और सही दिशा में अनुभव करने के लिए आप निम्न बातों का ध्यान रखें: 1. मार्गदर्शन लें: किसी अनुभवी आध्यात्मिक गुरु या मार्गदर्शक से संपर्क करें, जो इस यात्रा को भलीभांति समझते हों और आपको व्यक्तिगत सलाह दे सकें। 2. सिमरण/भजन पर ध्यान दें: नाम सिमरण या शब्द पर ध्यान केंद्रित करें, ताकि आपकी अनुभूति और गहरी हो और संतुलन बना रहे। 3. सद्गुणों को अपनाएं: विनम्रता, सत्य और करुणा जैसे गुणों को अपनाएं, जो आध्यात्मिक उन्नति के लिए आवश्यक हैं। 4. समर्पण और धैर्य रखें: ईश्वरीय प्रक्रिया पर विश्वास करें और आध्यात्मिक परिवर्तन को स्वाभाविक रूप से होने दें। आप अपने अनुभवों को किसी विश्वसनीय गुरु या आध्यात्मिक समुदाय के साथ साझा करें, ताकि आपको अधिक स्पष्टता और समझ मिल सके। ऐसी आध्यात्मिक यात्राएं अनूठी और गहन होती हैं। विश्वास बनाए रखें और अपने पथ पर पूरी भक्ति के साथ आगे बढ़ें।
Jay guru Deva sahib ji
Regards
धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा 🎉
Regards
Dhan dhan guru granth shaib ji
Regards
Waheguru ji ❤
Regards
Dan waheguru ji
Regards
Jai guru granth shib ji
Regards
Dan guru nanak dev ji ki jai ho ji
Regards
Nicely explained
Regards
Dun Dun Sri guru garunth sahib ji
Regards
@@beinwardshindi/अमरीत कलश शरीर मे कहा है /जिसकी वजह ये शरीर चल रहा है / और ये सृष्टि /ये मै आपसे कोई प्रश्न नहीं कररहा हूँ / आपका चैनल मै amarit बेला मै देखता हूँ /वाहे गुरूजी सत्यमशिवम्सुंदरम /जयहो अखण्ड सिंधु भारतीये
वाहेगुरु
Jay ma Kali jay ma durga
🙏
Thank you❤❤❤❤❤
Regards
Thanks mam aapne bahut acha samghaya 🎉🎉🎉🎉🎉 koshish karege
Regards
💐💐🌹🙏🌹💐💐
Regards
Thank You 🙏
Regards
Best my life ❤
Regards
श्री गुरु गुरनानक देव जी के चित्र मे एक खास चीज देखि आँखो की पुतलियाँ ऊपर है /इनके चित्र को देखकर सिख ली गुरजी ने रबको देखा /जय माँ bharti
“वाह! सच में, श्री गुरु नानक देव जी की दृष्टि हमें एक अद्भुत संदेश देती है - जब हम उनकी आँखों को देखते हैं, तो मानो उनकी दृष्टि के माध्यम से हम भी परमात्मा को देख सकते हैं। उनके जीवन और शिक्षा से हमें यही प्रेरणा मिलती है कि सत्य और ईश्वर को हर जगह, हर रूप में पहचानें। जय माता दी और सतनाम वाहेगुरु।”
आप का बोहत बोहत धन्यवाद
🙏🙏
Regards
Vah
Regards
दस्वां द्वार अमृत बेला मे बिस्तरे को छोड़ना / अमृत bela/3से 5 बजेतक अमृत बेला होती है सबसे पहले अपनी अंतर गुरु को जगाओ उस गुरु का नाम है लगन / उससे बढ़कर है /लक्ष्य सूचना अलार्म मोबाईल मे नहीं dimag मे होना चाहिए उसके बाद त्याग ही दस्वां दवार है /जय हो अखंडसिंधु भारतीये
सत्यम शिवम् सुंदरम
अपने बच्चों को पांच चीजे जरूर सिखाओ /आलस नहो /लालच naho/मनसे शांत /शरीर से एक्टिव /पाँचवा /देश धर्मका पक्का होना चाहिए /इतिहास मे उनका ही नमः /सत्यम शिवम् सुन्दर म
🙏🏻
Main 24 hour anhad naad sunta rahta hoo to kya mera dashwa dwar khulrahihai please margdarshan kare
“अनहद नाद” (कोस्मिक ध्वनि) को लगातार सुनना एक गहन आध्यात्मिक स्थिति मानी जाती है। यह अक्सर “दशवें द्वार” (तसवीं चक्र) के खुलने की ओर एक कदम माना जाता है। हालांकि, इसे समझदारी और मार्गदर्शन के साथ आगे बढ़ाना आवश्यक है।
दशवें द्वार का खुलना परम चेतना से जुड़ने का प्रतीक है, और यह संतुलित ध्यान, मन की पवित्रता और निरंतर आध्यात्मिक साधना की मांग करता है। इसे सुरक्षित और सही दिशा में अनुभव करने के लिए आप निम्न बातों का ध्यान रखें:
1. मार्गदर्शन लें: किसी अनुभवी आध्यात्मिक गुरु या मार्गदर्शक से संपर्क करें, जो इस यात्रा को भलीभांति समझते हों और आपको व्यक्तिगत सलाह दे सकें।
2. सिमरण/भजन पर ध्यान दें: नाम सिमरण या शब्द पर ध्यान केंद्रित करें, ताकि आपकी अनुभूति और गहरी हो और संतुलन बना रहे।
3. सद्गुणों को अपनाएं: विनम्रता, सत्य और करुणा जैसे गुणों को अपनाएं, जो आध्यात्मिक उन्नति के लिए आवश्यक हैं।
4. समर्पण और धैर्य रखें: ईश्वरीय प्रक्रिया पर विश्वास करें और आध्यात्मिक परिवर्तन को स्वाभाविक रूप से होने दें।
आप अपने अनुभवों को किसी विश्वसनीय गुरु या आध्यात्मिक समुदाय के साथ साझा करें, ताकि आपको अधिक स्पष्टता और समझ मिल सके। ऐसी आध्यात्मिक यात्राएं अनूठी और गहन होती हैं। विश्वास बनाए रखें और अपने पथ पर पूरी भक्ति के साथ आगे बढ़ें।
Sadhna kese kre
My next video is on this please watch
Kya bethkr hi hota h kya krna ptega dsvan dvar kholne ke lie
Watch our latest videos🙏
Vakt ke pure satguru melenge tad nam leke sumiran karne se dasva davar khulega
Kya hmare hath me h ye sb kuchh
Mehnat karna hamare hath main hai. Rehmat karna ooske
Thank you 🙏
🙏
@@beinwardshindi♥️se🙏🕉️