Arey waah Kitni intelligent hai aap bhagwaan aapko bahut tarakki De aur aap bade ho kar bahut acchhi chef bane meri dua hai😇 Ek meri choti behen hai aapke umar ki usko to kuch banana hi nahi aata.Keep it up😊❤❤
I love ur channel and ur all recipes are superb. Today i made Manchurian and it is liked by everyone in my family. Thanks a lot for sharing ur delicious recipe with us.
Thank you Bhaiya is recipe ke liye Maine ise try kiya tha bahut super tasty bani thi meri family ko bahut pasand aayi thi aur iski gravy Wow bilkul restaurant jaisi bani thi ... Thanks alot Bhaiya for this recipe 😊😊😊😊😇😇😇😇🥰🥰🥰🥰🥰
Lil bro, you are the cutest chef on RUclips. I have tried so many of your recipes and love the details and tips that you provide in all your videos.❤️❤️👍 Love your hindi too...😁
🌹सोच विचार 🌹 💐मानव की आवश्यकता शरीर की अलग है जीवन की अलग है शरीर की आवश्यकता सीमित है क्योंकि 🌷 शरीर भी सीमित इकाई है पर मानव के जीवन की आवश्यकता असीमित है क्योंकि जीवन असीमित इकाई है। 🌺अब मानव भ्रमवश शरीर को ही जीवन मानते हुए सीमित चीज़ों से असीमित प्यास को बुझाने की कोशिश करता है। 🌻चूंकि मानव की समझ अभी अधूरी है तो वह अपनीअसीमित आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए असीमित सुविधा संग्रह में लग जाता है 🌸फ़िर भी उसकी प्यास अधूरी ही बनी रहती है और वह ज़िंदा रहने के धरातल में ही अपनी सारी ज़िन्दगी गुज़ार देता है। 🌼बात आती है कि मानव की इस मानसिक थकान का कारण क्या है? 🍁इसका प्रमुख कारण है समाधान का न होना समाधान समझ पूर्वक ही होता है 🥀आस्वादन होना निरंतर सुख की आशा में मानव अपने मन में आस्वादन करता है। 🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं- रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान) मूल्य मूलक(संबंध प्रधान लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत) 🍂जब मानव की प्राथमिकता में समाधान और समृद्धि आ जाती है 🌿तो वह संबंधों को पहचानते हुए इन्द्रियों को भी नियंत्रित कर पाता है. 🌱हम मन से कैसे आस्वादन लेते हैं यह तीनों प्रकार के आस्वादन को हम कैसे पूरा कर सकते हैं 🌿मन किसे कहते हैं मन कहाँ होता है मन कैसे कार्य करता है मन कैसे तृप्त होता है 🌴ऐसे सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए जीवन को समझने के लिए समझ की यात्रा में हम सभी साथ चल सकते हैं. 😊धन्यवाद 😊
🌹सोच विचार 🌹 💐मानव की आवश्यकता शरीर की अलग है जीवन की अलग है शरीर की आवश्यकता सीमित है क्योंकि 🌷 शरीर भी सीमित इकाई है पर मानव के जीवन की आवश्यकता असीमित है क्योंकि जीवन असीमित इकाई है। 🌺अब मानव भ्रमवश शरीर को ही जीवन मानते हुए सीमित चीज़ों से असीमित प्यास को बुझाने की कोशिश करता है। 🌻चूंकि मानव की समझ अभी अधूरी है तो वह अपनीअसीमित आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए असीमित सुविधा संग्रह में लग जाता है 🌸फ़िर भी उसकी प्यास अधूरी ही बनी रहती है और वह ज़िंदा रहने के धरातल में ही अपनी सारी ज़िन्दगी गुज़ार देता है। 🌼बात आती है कि मानव की इस मानसिक थकान का कारण क्या है? 🍁इसका प्रमुख कारण है समाधान का न होना समाधान समझ पूर्वक ही होता है 🥀आस्वादन होना निरंतर सुख की आशा में मानव अपने मन में आस्वादन करता है। 🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं- रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान) मूल्य मूलक(संबंध प्रधान लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत) 🍂जब मानव की प्राथमिकता में समाधान और समृद्धि आ जाती है 🌿तो वह संबंधों को पहचानते हुए इन्द्रियों को भी नियंत्रित कर पाता है. 🌱हम मन से कैसे आस्वादन लेते हैं यह तीनों प्रकार के आस्वादन को हम कैसे पूरा कर सकते हैं 🌿मन किसे कहते हैं मन कहाँ होता है मन कैसे कार्य करता है मन कैसे तृप्त होता है 🌴ऐसे सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए जीवन को समझने के लिए समझ की यात्रा में हम सभी साथ चल सकते हैं. 😊धन्यवाद 😊
💐विचारणीय मुद्दे 💐 🌷हर मानव अपने महत्व को जानकर तृप्त होता है. 🌻मानव जाति के मूल में दो प्रश्न ही हैं, १) क्यों जीना है? २) कैसे जीना है? 🌺जिनके पास ये दोनों प्रश्न हैं वो है विद्यार्थी। 🌸जिनके पास इन दोनों प्रश्नों का उत्तर है वो है शिक्षक। 🌼जहां इन प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है वो जगह है विद्यालय। 🥀इन प्रश्नों का उत्तर सर्वसुलभ हो जाए, इसकी जिम्मेदारी समाज और व्यवस्था की है। 🌾हमारे बच्चों का मन पढ़ाई में क्यों नहीं लगता है? 🍁क्या हमने बच्चों को रुचिकर पाठ्यक्रम जो सार्वभौम भी हो ऐसा पाठ्यक्रम दिया है? 🌿बच्चा पढ़ना न चाहे, ऐसा हो सकता है, पर बच्चा समझना न चाहे, ऐसा नहीं हो सकता। 🍂क्योंकि हर बच्चा जन्म से ही जिज्ञासु है, हमारे पास उसके प्रश्नों का 🌻जवाब नहीं होता तो हम उनपर अपनी मनमानी करने लगते हैं। 🌺मानव के पास सोचने समझने की असीम ताकत है, और पूरी सृष्टि किसी नियम के साथ है। 🌷 पूरी सृष्टि कैसे नियम से चल रही है, यह समझने के लिए मानव अपनी सोचने की पूरी ताकत को लगा दे, ये काम शिक्षा का है। 🥀हमें ख़ुद या स्वयं पर ही विश्वास नहीं होने का प्रमुख कारण है, कि हमें नियमों का पता ही नहीं है. 🌸हमें नियमों का पता नहीं होने पर हमारे पास समाधान नहीं होता है । 🌻हमारे पास समाधान नहीं होने के कारण ही हमें कोई भी बात समस्या जैसी लगने लगती है. 🌺नियमों का पता होने पर ही हमारे पास हमेशा समाधान रहता है हम समाधानित रहते हैं. ☘️समाधान का मतलब है कि कोई बात यदि हमें समस्या जैसी लग रही है, तो उसे ठीक करने के लिए उपाय हमेशा हमारे पास होते हैं. 🥀और केवल एक नहीं, ऐसे अनेकों उपाय रहते हैं जिनसे हम किसी भी समस्या से जल्द ही मुक्त हो जाते हैं. 🍁हमारे सभी प्रयास केवल और केवल सुख के लिए है, सुखी होने के लिए ही हमें अपने सभी प्रश्नों के उत्तर पता होना जरूरी है. 🌼हमारे पास अपने सभी प्रश्नों के उत्तर होना ही जानना है, सब कुछ को समझना ही जानना है, जानकर ही जीना बनता है क्योंकि जानना ही जीना है. 😊बहुत बहुत धन्यवाद 😊
@@limedoes3d Satya hai bhaiji 🙏नमस्ते🙏 🌹विचारणीय मुद्दे🌹 💐हम गलतियों से नहीं सीखते हैं, 🌷हमें सही उपलब्ध होने पर या जब हमारे सामने सही 🌺का सन्दर्भ होता है , तब उसे हम स्वीकार करते हैं, 🌻और सही को स्वीकार करके सही जीने के प्रयास में 🌸गलती होती है, और किसी भी गलती को 🥀सही करने का क्रम हमारे साथ बना रहता है, 🌾और साथ में हम सही जीना हम सीखते रहते हैं. 🌼जिसे हम गलती मानते आए हैं, 🍃सही मायने में वे गलतियां नहीं हैं, 🍂वो तो समझने का क्रम है. 🍁हर परिवार अपनी आवश्यकताओं का 🌿 निर्धारण कर सकते हैं, और जब परिवार ☘️दूसरे परिवार से प्रभावित हुए बिना 🍀अपनी आवश्यकताओं का निर्धारण करते हैं, 🌳तभी परिवार की आवश्यकताओं का 🌴सही सही निर्धारण होता है. अपनों के साथ तृप्ति पूर्वक 🌲 जिया जा सकता है, हम सभी में ऐसी योग्यता है. 🌵हम ज़िंदा भी रहना चाहते हैं 🎄और जीना भी चाहते हैं. 💦 हम सभी अपनी पहचान पाना चाहते हैं 💧हम सभी सम्मान पाना चाहते हैं ❄️भ्रम वश हम अपने पहचान और सम्मान का 🌨️आधार रूप, बल, धन, पद को मानते हैं. 💐सम्मान व पहचान का आधार 🌷रुप, धन, पद, बल को 🌺मानने को भ्रम या गलती इसीलिये कह रहे हैं 🌸क्योंकि रूप, धन, पद, बल 🌻सभी परिवर्तन शील हैं 🥀जबकि सम्मान और पहचान हमें स्थायी रूप में चाहिए 🌼और निरन्तर चाहिए और असीम भी चाहिए. 🌱क्योंकि असलियत में अस्तित्व में पहचान व सम्मान 🌾निरन्तर, असीम व स्थायी है ही. 🍁इससे पता चलता है कि परिवर्तन शील चीजों से 🍂 स्थायी चीज़े नहीं मिल सकती। 🌿 इसी भ्रमित मानसिकता 🍃के कारण ही हम अपने को 🍀पूरा पहचान नहीं पाते हैं, 🌳और इसीलिए हम अपना पूरा सम्मान ☘️भी नहीं कर पाते हैं, और जब हम अपना 🌲सम्मान नहीं कर पाते तो हम किसी का भी 🎄सम्मान नहीं कर पाते हैं. इससे हमारा केवल 🌴जिंदा रहना हो पाता है, जीना तो नहीं हो पाता है. 🌱जब हम स्वयं में या अपने में सही मानसिकता होने पर ही 🍂विश्वास पूर्वक जीते हैं, जब हमारे अपने 🍁भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं, 🍀 तब हम दूसरों की कमी या अयोग्यता से ☘️प्रभावित नहीं होते हैं और दूसरों की कमी 💐या अयोग्यता से प्रभावित ना होना ही हमारी 🌷अपनी योग्यता बन जाती है, और हम दूसरों को भी भाव देकर 🌺 उनके भी विचारों के नियन्त्रण में सहयोगी हो जाते हैं. 🌸और अपनी उपयोगिता के साथ सार्थक जीते हैं. 🌻हमने अपने बच्चों की बेहतर ज़िन्दगी के लिए 🌸maths, science, physics, chemistry आदि के 🌼ट्यूशंस कराते हैं पर फ़िर कैरियर के 🌵रिजल्ट रूप में उनमें खुशियां 💐नज़र नहीं आती क्योंकि हमने ज़िन्दगी को 🌷प्यार से खुशी से कैसे बिताया जाए 🌺इसकी कोई ट्यूशन न हमने ली है और 🌸न ही बच्चों को दी है. और न ही तलाशने की 🌼 कोशिश की है। 🌻अब मानव में मानवीयता और खुशहाली 🌳कैसे आए इसे समझने के लिए 🌴हमारे पास मध्यस्थ दर्शन सहअस्तित्व वाद उपलब्ध है. 🍂जीवन विद्या के परिचय शिविर में 🌱ज़िन्दगी से जुड़े ऐसे तमाम प्रश्नों के 🌿 हमें सही सही जवाब मिलते है जो कि 🍃 हर स्थिति, पारिस्थिति, समय, स्थान 🍁सभी के अनुसार जांचने पर हमें 🥀 पता लगता है कि सही तो यही है. 😊धन्यवाद😊
🌹सोच विचार🌹. 💐जब हम मिट्टी पत्थर, पेड़ पौधे, पशु पक्षी आदि को देखते हैं, तो ये सब व्यवस्थित नज़र आते हैं, पर हम मानव व्यवस्थित नज़र क्यों नहीं आते? 🌺हम मानव भी व्यवस्थित हो सकते हैं, हम दुःखी क्यों दिखते हैं? हम सभी सुखी हो सकते हैं, हम अपने से नियंत्रित कैसे हो सकते हैं? 🌻हमें अपने से नियंत्रण की विधियों को जान सकते हैं, हम वातावरण के दबाव प्रभाव में क्यों आ जाते हैं, हम वातावरण के दबाव, प्रभाव से मुक्त हो सकते हैं. 🌼हमें स्वयं पर विश्वास क्यों नहीं है, हमें स्वयं पर विश्वास हो सकता है, 🌼आखिर हमारा मूलरूप क्या है, हम अपने मूल स्वरुप को जान सकते हैं. 💐ज़िन्दगी के हर आयाम में ये सारे प्रश्न, न जाने कितने सालों से हमारा पीछा कर रहे हैं, 🌷क्या इन सारे प्रश्नों का उत्तर मिल सकता है, और हाँ, हमें हमारे सभी प्रश्नों का उत्तर मिल सकता है. 🥀मूलतः देखा जाए तो हर प्रश्न क्यों और कैसे के धरातल पर ही है, 🍁इन सारे क्यों और कैसे का practicable answer या प्रायोगिक उत्तर मिल जाना ही समाधान है. ☘️यदि अस्तित्व को देखा जाए तो वहां सबकुछ एक नियम के तहत चल रहा है. 🌾यदि हम भी अपने भाव और विचार के नियंत्रण के नियम को समझ जाएं , तो हम भी व्यवस्था के कारक हो सकते हैं. 🌻 वैसे हम सभी मूलतः गलती करना नहीं चाहता, मानव तो अपनी पूर्णता का प्यासा है, 🌸अपनी पूर्णता के लिए उसे सही के reference ki तलाश होती है. 💐जब उसे सही का reference mil जाता है, तो वह उसे समझकर जीने लगता है. 🌳 क्योंकि समझ है तो गलती नहीं और गलती है तो समझ नहीं. 🍁मानव का मूल रूप विचार ही है, जब उसके भाव और विचार उसके नियंत्रण में होते हैं, तो वह निरंतर सुख की स्थिति में होता है. 🌺 जिसे हम, स्वयं में विश्वास, स्वानुशासन, स्वनियंत्रण, स्वतंत्रता, स्वराज्य आदि के रूप में देख सकते हैं. 🌼फिर बात आती है कि यदि मानव गलती करने का अधिकार और सही करने का साधन और अवसर लेकर पैदा हुआ है तो क्या- सब कुछ को समझा जा सकता है. 🌻क्या पूरी मानव जाति समझ सकती है, क्या पारदर्शी व्यवस्था हो सकती है, क्या सभी सुखपूर्वक जी सकते हैं. 🍂यदि हम मानव जड़ संसार को तर्क पूर्वक समझकर सुविधा का अंबार लगा सकते हैं. 💐तो दोस्तों चैतन्य को भी तर्क पूर्वक समझते हुए इसी तरह से सम्बन्ध के इस उजड़े संसार को बसाया जा सकता है. 💐हम सभी साथ मिलकर इस खूबसूरत बात को व समझ सकते हैं, और समझ कर निरन्तर सुखी होकर जी सकते हैं. 😊धन्यवाद 😊
🌹सोच विचार 🌹 💐मानव की आवश्यकता शरीर की अलग है जीवन की अलग है शरीर की आवश्यकता सीमित है क्योंकि 🌷 शरीर भी सीमित इकाई है पर मानव के जीवन की आवश्यकता असीमित है क्योंकि जीवन असीमित इकाई है। 🌺अब मानव भ्रमवश शरीर को ही जीवन मानते हुए सीमित चीज़ों से असीमित प्यास को बुझाने की कोशिश करता है। 🌻चूंकि मानव की समझ अभी अधूरी है तो वह अपनीअसीमित आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए असीमित सुविधा संग्रह में लग जाता है 🌸फ़िर भी उसकी प्यास अधूरी ही बनी रहती है और वह ज़िंदा रहने के धरातल में ही अपनी सारी ज़िन्दगी गुज़ार देता है। 🌼बात आती है कि मानव की इस मानसिक थकान का कारण क्या है? 🍁इसका प्रमुख कारण है समाधान का न होना समाधान समझ पूर्वक ही होता है 🥀आस्वादन होना निरंतर सुख की आशा में मानव अपने मन में आस्वादन करता है। 🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं- रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान) मूल्य मूलक(संबंध प्रधान लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत) 🍂जब मानव की प्राथमिकता में समाधान और समृद्धि आ जाती है 🌿तो वह संबंधों को पहचानते हुए इन्द्रियों को भी नियंत्रित कर पाता है. 🌱हम मन से कैसे आस्वादन लेते हैं यह तीनों प्रकार के आस्वादन को हम कैसे पूरा कर सकते हैं 🌿मन किसे कहते हैं मन कहाँ होता है मन कैसे कार्य करता है मन कैसे तृप्त होता है 🌴ऐसे सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए जीवन को समझने के लिए समझ की यात्रा में हम सभी साथ चल सकते हैं. 😊धन्यवाद 😊
Amazing👍 Maine abi try kiya restaurants se b acha Bna.. Tq.... So much
You are the best chef in the world 💗💗💗lots of love to your recipes
Tasty 😋😋🤤 humne kiya try
Thank you 🥰 or asehi video banate raho 😁😊
Ye chef kitna awesome hai yrr😬😬🥺🥺❤️❤️
Ha na sahi kha aapne
To phir saadi krlo isse..😂😂
@@bookugaming1381 kara do 😕🤗
Haa par ye home style me manchurian hai or achee creative kiya hai bahut shandar
First watch and First Like and First Comment ❤️❤️❤️❤️
Love your videos from Rokaduet Kitchen
I just tried it today just so yummy at the age of 15 I have learnt to cook most of the things just because of u
Glad to hear that, keep cooking ❤️👍
At the age of 15 🙏🏼great to hear mam👍🏻👍🏻👍🏻 kaafi aagay jaaogy ...
Wah shabash
Aise hi banate raho aur dosto ko bhi khilaya karo kyoki phir usse swaad badhta hai☺️☺️❤️
Arey waah Kitni intelligent hai aap bhagwaan aapko bahut tarakki De aur aap bade ho kar bahut acchhi chef bane meri dua hai😇 Ek meri choti behen hai aapke umar ki usko to kuch banana hi nahi aata.Keep it up😊❤❤
@@सूरज-ण9प thank u so much 🙂
His voice is like shin Chan.loved it😁
True
🤣🤣
🤣🤣🤣
Amazing👍😍 tasty
I love ur channel and ur all recipes are superb. Today i made Manchurian and it is liked by everyone in my family. Thanks a lot for sharing ur delicious recipe with us.
Yaaay... Mine is the first comment 😍hiii Chef!!!
Hi
Hello Sravani ji
@@CookingShookingHindi sir please pizza sauce ki recipe per video bnao🙏🙏pls
Coz cheese costly padta hai 😥😥
E
Thank you Bhaiya is recipe ke liye Maine ise try kiya tha bahut super tasty bani thi meri family ko bahut pasand aayi thi aur iski gravy Wow bilkul restaurant jaisi bani thi ... Thanks alot Bhaiya for this recipe 😊😊😊😊😇😇😇😇🥰🥰🥰🥰🥰
your video is really helpful. I just tried it. it was yummy 🤗🤗 keep sharing more recipes
I made it for the first time for my daughter's birthday. Super hit
Hiii
क्या बात है भाई लाजवाब मेरे तो मुंह में पानी ही आ गया
Your videos are always amazing💕😍
Mind blowing. U r the real hero. Best 4 your future.
My 10 year old daughter did 90% of work - best outcome - she was so excited , Thanks Yaman😊
Glad to hear that 👍
Hi, i am just 14 and tried ur recipe and everyone loved it!!!
Ooooooooooo
qqq
I'm just 12 but trying this receipe and the food that I make is very tasty but but ya well done ☺️
I was just born yesterday, tried this recipe. My parents are happy.
@@MohakJoshi1 :P lol
Hi...I tried this recipe yesterday...it was awesome...u r my masterchef 😘😘😘😘
Nice Demonstration yummy
Bahut badhiya recips
Oh goddd!! The best simplest recipe i ever saw. My whole family just loved it.❤️❤️
Just made today .... And it's awesome👏
Aur mere chatoro gazabb bolte ho bhai....baki recipe is awesome 😍😍😍😍😍
I'll try it for sure...then let you know😎
Aaj ankho se khakr Kam chala liya
🥺...kal banaugi me b🥰
Waaaw bro bahot dafa banaya hai Maine ... Bahot testy bante hain restaurant ka hi zaayiqa ata hai❤❤❤
इतना प्यार से आप समझाते हैं कि लगता है मां समझा रही है👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻 बहुत अच्छी लगी आपकी विडियो
Wow 😋😋
Nice recipe👌👌
Lil bro, you are the cutest chef on RUclips. I have tried so many of your recipes and love the details and tips that you provide in all your videos.❤️❤️👍 Love your hindi too...😁
Pneer,, bhujee
Thank you sir your recipes are superb
Sir i tried this recipe today....it's so tasty😋😋😋thank you very much 🙏
Always I love recipe and line kese ho mere chataro very positive line,
Mind-blowing sir ...such a very delicious recipe
ruclips.net/channel/UCxj9P2SRxuJT1egya3iP37Q
Yah bahut acchi manchurian banai hai aapane bahut acchi recipe lagi hamen thank u bhaiya so Mach
I tried this same recipe and it turned AWESOME!!! Better than the outside food thx for the recipe
Mast h bhai
I tried ur dry manchurian...it was wonderful experience....and even tried ur cookies receipe......😍it was lovely
Aa
@@jyotitiwari3024 hi Jyoti ji 🙏
Wow amazing
Whenever I make Manchurian, I see your recipes, and it always turns out delicious.
Very nice...i tried it yesterday, my bro liked it a lot...for him, i hav become a good cook now.....thank u dear
I tried.. it turned out yummy..😁😋
I loved it your her recipe 😘😍.
V.nice
Shaandaaarrrr.... sblogo ko bohot pasand aaya🔥
Kon video dekhte dekhte comment padh rha h uske mummy papa 100000 years alive rhenge
Apna naam jldi comment kro
Alok Pandey
Tanu
Shweta
Puja Bharti
Ritesh
Very nice recipe
Really enjoyed eating it...
Very delicious it taste thanks bro.....we all at home like your talking style😀😀😀 keep us sharing👍👍👍
Hii
The video was very good
very good, easy recipe and 👌👌👌👌👌👌👌very tasty 😋
Wonderful!! I really love your cooking😘
I loved it so much
I tried this recipe today...it was awesome...everyone loved it ....thank you 😄😍
Apko dislike kaun dega ap itne nice method se recipe present karte h.Thanx for this recipe
I try your veg manchurian recipe its too yummy and I like it your all recipe is so good
👌👌
I tried it was too delicious
Yummm!!!!!
Thx for taking my recipe last time
@Manoj Kesarwani Maine kiya tha comment par reply nahi aaya
ruclips.net/channel/UCBCoJUrVdU4ZWYNiH6-1MQw
Big love from Rokaduet kitchen
@@manasikulkarni8002 we in nnj
.
I7huj7
To phir last episode me thanks kyu nahi kaha
bahut sundar chhote! Shabbaash mere chatore, amazing recipe
Came out really like restaurant, even without MSG. Thank you for making this lockdown enjoyable!
nice
ruclips.net/channel/UCxj9P2SRxuJT1egya3iP37Q
MSG is not healthy
,m
Your voice is so cute brother 💞💞
Sir I made this today...my family loved it 👌👌 thank you soo much for such tasty recipe..😊
Dear Master Chef .. aapka naam to nahi pata par aapka recipe explain karne ka tarika bahut acha hai .. Mai jarur try karungi.. God Bless You 😊
I tried it and it was amszing😋
Bahot acha laga bhaiya 👍
S upper
Very tasty ...maine try kiya aur bahoot tasty baniii.....😋😋🤗🤗 Yummmmm 😋
I tried it It became awesome and very tasty 🤤❤️
Up if
Nice
I tried it at home,it was very nice and everyone loved it
Surely I will try.
Bahut hi ziyada mazedar 😋👍
बहुत उत्कृष्ट।आपकी आवाज और पद्धति प्रशनिय हैं।
Thankyou soo much for sharing this recipe. I tried it today and my family loved it.. keep up the great work of teaching us beautiful recipes.😊
🌹सोच विचार 🌹
💐मानव की आवश्यकता
शरीर की अलग है
जीवन की अलग है
शरीर की आवश्यकता
सीमित है क्योंकि
🌷 शरीर भी सीमित इकाई है
पर मानव के जीवन की
आवश्यकता असीमित है
क्योंकि जीवन
असीमित इकाई है।
🌺अब मानव भ्रमवश
शरीर को ही जीवन
मानते हुए
सीमित चीज़ों से
असीमित प्यास को
बुझाने की कोशिश
करता है।
🌻चूंकि मानव की समझ
अभी अधूरी है
तो वह अपनीअसीमित
आवश्यकताओं की
पूर्ति के लिए
असीमित सुविधा संग्रह में
लग जाता है
🌸फ़िर भी उसकी प्यास
अधूरी ही बनी रहती है
और वह ज़िंदा रहने के
धरातल में ही
अपनी सारी ज़िन्दगी
गुज़ार देता है।
🌼बात आती है
कि मानव की इस
मानसिक थकान का
कारण क्या है?
🍁इसका प्रमुख कारण है
समाधान का न होना
समाधान समझ
पूर्वक ही होता है
🥀आस्वादन होना
निरंतर सुख की आशा में
मानव अपने मन में
आस्वादन करता है।
🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं-
रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान)
मूल्य मूलक(संबंध प्रधान
लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत)
🍂जब मानव की
प्राथमिकता में
समाधान और समृद्धि
आ जाती है
🌿तो वह संबंधों को
पहचानते हुए
इन्द्रियों को भी
नियंत्रित कर पाता है.
🌱हम मन से कैसे
आस्वादन लेते हैं
यह तीनों प्रकार के
आस्वादन को हम कैसे
पूरा कर सकते हैं
🌿मन किसे कहते हैं
मन कहाँ होता है
मन कैसे कार्य करता है
मन कैसे तृप्त होता है
🌴ऐसे सभी प्रश्नों के
उत्तर जानने के लिए
जीवन को समझने के लिए
समझ की यात्रा में हम सभी
साथ चल सकते हैं.
😊धन्यवाद 😊
Amazing I will try this today 💕💕
Amazing Dekh Ke Munh Mein Pani a raha hai thank you sis😋😋😋
Please share your experience
@@shivanidayal1326 yaa very soon I will upload
@@shivanidayal1326 amazing
Aaj Banaya Sabko Khile bahut tariff mima thank you so much bahut
Wow yaar ky lajawaab bante ho.... Maza aa gya...wo b home made
THANKS FOR MANCHURIAN RACIPE 🌹🌹🙏🙏
Thnxx friend....
Very tasty 😋.... I tried this at home. Everyone loved it..
I am going to try this tomorrow 👌🤗
Hii
Very nice hum ne b Aaj bana ke khaia very tasty bana
Tried your recipe but instead of deep frying I used air fryer ....... the taste was great 👍 🤤
What a amazing chef. Best taste manchurian
I just made it today manchu & Kolkata style noodles. the trick to add water in veggies was really thoughtful.
Gonna try this on my birthday coz it's my birthday month ❤️ My birthday is on 21 June 😋🥳
happy birthday to you...in advance
Happy birthday 🎂🎉
Mera bhi
lol what a co incidence mine is at 18
Me too on 24th june
All your rrcipes always very nice i loved your recipes. very well done
Try kiya maine bhaut achee se apne baatya aur bhaut achaa taste aya tha...👍👍👍
I tried manchurian for the first time. It was just fabulous.......exact like the market one👍🏻👍🏻😋😋😋
Glad to hear that 👍
Love it 😍😍
और फिर एक दिन पहले ही शुरू और जानिया
Sar aapke vajah se main cooking mein 100 mein se 100 lai hun itna achcha aap banaen main bahut acchi tarah se Sikh rahi hun❤
Omg saw at 58 sec...and i loved it...
Its very tasty i tried it
Awesome 👍
Bhaiya mene pehli bar bnaye fir bhi bhot acche bne thankyou🤗
I made it for my papa he is sososoosososo happy thank you so much love from canada ❤❤
🥵🥵🥵🥵🥵
What is this love from canada bs... Who cares where u live...
This recipe is like a restaurant .Mind blowing. You can try this recipe then you will find this delicious .🥰🥰🥰😋😋😋🤩🤩🤩🤯🤯🤯
Thank you so much for posting this video..this made my weekend very well..I tried this for first time and everyone liked it a lot....thank you 😊
Glad to hear that 😊
Jsjakksjsks
@@CookingShookingHindi kakak
Sir aapke jitne bhi dish Mai bnati hu bahut testy bnte h
I tried and made this recipe at home and seriously the taste was awesome as same as restaurant 😋
Att bro mai 5 vari banai va YUMMY
Very yummy recipe. Will definitely try.
Superrr...
Awesome....
Fantastic...😋😋😋
Bhai Maine banaya tere style se
Boht acche lage
I like your style
Keep it up bro
😀😀😀
Easy recipe with simple explanation
Yes I like ur comment #JyotiKitchenQueen
🌹सोच विचार 🌹
💐मानव की आवश्यकता
शरीर की अलग है
जीवन की अलग है
शरीर की आवश्यकता
सीमित है क्योंकि
🌷 शरीर भी सीमित इकाई है
पर मानव के जीवन की
आवश्यकता असीमित है
क्योंकि जीवन
असीमित इकाई है।
🌺अब मानव भ्रमवश
शरीर को ही जीवन
मानते हुए
सीमित चीज़ों से
असीमित प्यास को
बुझाने की कोशिश
करता है।
🌻चूंकि मानव की समझ
अभी अधूरी है
तो वह अपनीअसीमित
आवश्यकताओं की
पूर्ति के लिए
असीमित सुविधा संग्रह में
लग जाता है
🌸फ़िर भी उसकी प्यास
अधूरी ही बनी रहती है
और वह ज़िंदा रहने के
धरातल में ही
अपनी सारी ज़िन्दगी
गुज़ार देता है।
🌼बात आती है
कि मानव की इस
मानसिक थकान का
कारण क्या है?
🍁इसका प्रमुख कारण है
समाधान का न होना
समाधान समझ
पूर्वक ही होता है
🥀आस्वादन होना
निरंतर सुख की आशा में
मानव अपने मन में
आस्वादन करता है।
🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं-
रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान)
मूल्य मूलक(संबंध प्रधान
लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत)
🍂जब मानव की
प्राथमिकता में
समाधान और समृद्धि
आ जाती है
🌿तो वह संबंधों को
पहचानते हुए
इन्द्रियों को भी
नियंत्रित कर पाता है.
🌱हम मन से कैसे
आस्वादन लेते हैं
यह तीनों प्रकार के
आस्वादन को हम कैसे
पूरा कर सकते हैं
🌿मन किसे कहते हैं
मन कहाँ होता है
मन कैसे कार्य करता है
मन कैसे तृप्त होता है
🌴ऐसे सभी प्रश्नों के
उत्तर जानने के लिए
जीवन को समझने के लिए
समझ की यात्रा में हम सभी
साथ चल सकते हैं.
😊धन्यवाद 😊
Amazing recipe!!!
Loved it❤️
¹
Thank u......I have tried!!!!! It's so tasty and delicious 😋 at my home everyone like it ✨️❤️
Merko aapki " kaisa ho mera chatooro" I like this recipe for my party ❤
💐विचारणीय मुद्दे 💐
🌷हर मानव
अपने महत्व को
जानकर तृप्त होता है.
🌻मानव जाति के मूल में
दो प्रश्न ही हैं,
१) क्यों जीना है?
२) कैसे जीना है?
🌺जिनके पास
ये दोनों प्रश्न हैं
वो है विद्यार्थी।
🌸जिनके पास इन दोनों
प्रश्नों का उत्तर है
वो है शिक्षक।
🌼जहां इन प्रश्नों का
उत्तर दिया जाता है
वो जगह है विद्यालय।
🥀इन प्रश्नों का उत्तर
सर्वसुलभ हो जाए,
इसकी जिम्मेदारी समाज
और व्यवस्था की है।
🌾हमारे बच्चों का
मन पढ़ाई में
क्यों नहीं लगता है?
🍁क्या हमने बच्चों को
रुचिकर पाठ्यक्रम
जो सार्वभौम भी हो
ऐसा पाठ्यक्रम दिया है?
🌿बच्चा पढ़ना न चाहे,
ऐसा हो सकता है,
पर बच्चा समझना न चाहे,
ऐसा नहीं हो सकता।
🍂क्योंकि हर बच्चा
जन्म से ही जिज्ञासु है,
हमारे पास उसके प्रश्नों का
🌻जवाब नहीं होता
तो हम उनपर अपनी
मनमानी करने लगते हैं।
🌺मानव के पास
सोचने समझने की
असीम ताकत है,
और पूरी सृष्टि
किसी नियम के साथ है।
🌷 पूरी सृष्टि कैसे
नियम से चल रही है,
यह समझने के लिए
मानव अपनी सोचने की
पूरी ताकत को लगा दे,
ये काम शिक्षा का है।
🥀हमें ख़ुद या स्वयं पर ही
विश्वास नहीं होने का
प्रमुख कारण है,
कि हमें नियमों का
पता ही नहीं है.
🌸हमें नियमों का
पता नहीं होने पर
हमारे पास समाधान
नहीं होता है ।
🌻हमारे पास समाधान
नहीं होने के कारण ही
हमें कोई भी बात
समस्या जैसी
लगने लगती है.
🌺नियमों का पता होने पर
ही हमारे पास हमेशा
समाधान रहता है
हम समाधानित रहते हैं.
☘️समाधान का मतलब है
कि कोई बात यदि हमें
समस्या जैसी लग रही है,
तो उसे ठीक करने के लिए
उपाय हमेशा हमारे पास होते हैं.
🥀और केवल एक नहीं,
ऐसे अनेकों उपाय रहते हैं
जिनसे हम किसी भी समस्या से
जल्द ही मुक्त हो जाते हैं.
🍁हमारे सभी प्रयास
केवल और केवल
सुख के लिए है,
सुखी होने के लिए ही
हमें अपने सभी प्रश्नों के
उत्तर पता होना जरूरी है.
🌼हमारे पास अपने सभी
प्रश्नों के उत्तर होना
ही जानना है,
सब कुछ को समझना
ही जानना है,
जानकर ही जीना बनता है
क्योंकि जानना ही जीना है.
😊बहुत बहुत धन्यवाद 😊
@@balwantsahu3458 kya tha ye
Kya tha yeeeee
Itna bada bakwas
@@limedoes3d
Satya hai bhaiji
🙏नमस्ते🙏
🌹विचारणीय मुद्दे🌹
💐हम गलतियों से
नहीं सीखते हैं,
🌷हमें सही उपलब्ध होने पर
या जब हमारे सामने सही 🌺का सन्दर्भ होता है ,
तब उसे हम स्वीकार करते हैं, 🌻और सही को स्वीकार करके
सही जीने के प्रयास में
🌸गलती होती है,
और किसी भी गलती को
🥀सही करने का क्रम
हमारे साथ बना रहता है,
🌾और साथ में हम सही जीना
हम सीखते रहते हैं.
🌼जिसे हम गलती मानते आए हैं,
🍃सही मायने में वे गलतियां नहीं हैं,
🍂वो तो समझने का क्रम है.
🍁हर परिवार अपनी
आवश्यकताओं का
🌿 निर्धारण कर सकते हैं,
और जब परिवार
☘️दूसरे परिवार से
प्रभावित हुए बिना
🍀अपनी आवश्यकताओं का
निर्धारण करते हैं,
🌳तभी परिवार की
आवश्यकताओं का
🌴सही सही निर्धारण होता है.
अपनों के साथ तृप्ति पूर्वक
🌲 जिया जा सकता है,
हम सभी में ऐसी योग्यता है.
🌵हम ज़िंदा भी रहना चाहते हैं
🎄और जीना भी चाहते हैं.
💦 हम सभी अपनी पहचान
पाना चाहते हैं
💧हम सभी सम्मान
पाना चाहते हैं
❄️भ्रम वश हम अपने
पहचान और सम्मान का
🌨️आधार रूप, बल, धन,
पद को मानते हैं.
💐सम्मान व पहचान का आधार
🌷रुप, धन, पद, बल को
🌺मानने को भ्रम या गलती
इसीलिये कह रहे हैं
🌸क्योंकि रूप, धन, पद, बल
🌻सभी परिवर्तन शील हैं
🥀जबकि सम्मान और पहचान
हमें स्थायी रूप में चाहिए
🌼और निरन्तर चाहिए
और असीम भी चाहिए.
🌱क्योंकि असलियत में
अस्तित्व में पहचान व सम्मान 🌾निरन्तर, असीम व
स्थायी है ही.
🍁इससे पता चलता है कि
परिवर्तन शील चीजों से 🍂 स्थायी चीज़े नहीं मिल सकती।
🌿 इसी भ्रमित मानसिकता
🍃के कारण ही हम अपने को
🍀पूरा पहचान नहीं पाते हैं,
🌳और इसीलिए हम
अपना पूरा सम्मान
☘️भी नहीं कर पाते हैं,
और जब हम अपना
🌲सम्मान नहीं कर पाते
तो हम किसी का भी
🎄सम्मान नहीं कर पाते हैं.
इससे हमारा केवल
🌴जिंदा रहना हो पाता है,
जीना तो नहीं हो पाता है.
🌱जब हम स्वयं में या अपने में सही
मानसिकता होने पर ही
🍂विश्वास पूर्वक जीते हैं,
जब हमारे अपने
🍁भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं,
🍀 तब हम दूसरों की
कमी या अयोग्यता से
☘️प्रभावित नहीं होते हैं
और दूसरों की कमी
💐या अयोग्यता से प्रभावित
ना होना ही हमारी
🌷अपनी योग्यता बन जाती है,
और हम दूसरों को भी भाव देकर
🌺 उनके भी विचारों के नियन्त्रण में
सहयोगी हो जाते हैं.
🌸और अपनी उपयोगिता के
साथ सार्थक जीते हैं.
🌻हमने अपने बच्चों की
बेहतर ज़िन्दगी के लिए
🌸maths, science, physics,
chemistry आदि के
🌼ट्यूशंस कराते हैं
पर फ़िर कैरियर के
🌵रिजल्ट रूप में
उनमें खुशियां
💐नज़र नहीं आती
क्योंकि हमने ज़िन्दगी को
🌷प्यार से खुशी से
कैसे बिताया जाए
🌺इसकी कोई ट्यूशन
न हमने ली है और
🌸न ही बच्चों को दी है.
और न ही तलाशने की
🌼 कोशिश की है।
🌻अब मानव में
मानवीयता और खुशहाली
🌳कैसे आए
इसे समझने के लिए
🌴हमारे पास मध्यस्थ दर्शन
सहअस्तित्व वाद उपलब्ध है.
🍂जीवन विद्या के
परिचय शिविर में
🌱ज़िन्दगी से जुड़े
ऐसे तमाम प्रश्नों के
🌿 हमें सही सही जवाब
मिलते है जो कि
🍃 हर स्थिति, पारिस्थिति,
समय, स्थान
🍁सभी के अनुसार
जांचने पर हमें
🥀 पता लगता है कि
सही तो यही है.
😊धन्यवाद😊
🌹सोच विचार🌹.
💐जब हम मिट्टी पत्थर,
पेड़ पौधे, पशु पक्षी
आदि को देखते हैं,
तो ये सब व्यवस्थित
नज़र आते हैं,
पर हम मानव व्यवस्थित
नज़र क्यों नहीं आते?
🌺हम मानव भी व्यवस्थित
हो सकते हैं,
हम दुःखी क्यों दिखते हैं?
हम सभी सुखी हो सकते हैं,
हम अपने से नियंत्रित
कैसे हो सकते हैं?
🌻हमें अपने से नियंत्रण की
विधियों को जान सकते हैं,
हम वातावरण के दबाव प्रभाव
में क्यों आ जाते हैं,
हम वातावरण के दबाव,
प्रभाव से मुक्त हो सकते हैं.
🌼हमें स्वयं पर विश्वास
क्यों नहीं है,
हमें स्वयं पर विश्वास
हो सकता है,
🌼आखिर हमारा
मूलरूप क्या है,
हम अपने मूल स्वरुप
को जान सकते हैं.
💐ज़िन्दगी के हर आयाम में
ये सारे प्रश्न,
न जाने कितने सालों से
हमारा पीछा कर रहे हैं,
🌷क्या इन सारे प्रश्नों का
उत्तर मिल सकता है,
और हाँ, हमें हमारे सभी प्रश्नों का
उत्तर मिल सकता है.
🥀मूलतः देखा जाए
तो हर प्रश्न क्यों
और कैसे के धरातल
पर ही है,
🍁इन सारे क्यों और
कैसे का practicable
answer या प्रायोगिक उत्तर
मिल जाना ही समाधान है.
☘️यदि अस्तित्व को देखा जाए
तो वहां सबकुछ
एक नियम के
तहत चल रहा है.
🌾यदि हम भी अपने
भाव और विचार के
नियंत्रण के नियम को समझ जाएं ,
तो हम भी व्यवस्था के
कारक हो सकते हैं.
🌻 वैसे हम सभी मूलतः गलती
करना नहीं चाहता,
मानव तो अपनी पूर्णता
का प्यासा है,
🌸अपनी पूर्णता के लिए
उसे सही के reference ki
तलाश होती है.
💐जब उसे सही का
reference mil जाता है,
तो वह उसे समझकर
जीने लगता है.
🌳 क्योंकि समझ है
तो गलती नहीं
और गलती है
तो समझ नहीं.
🍁मानव का मूल रूप
विचार ही है,
जब उसके भाव
और विचार उसके
नियंत्रण में होते हैं,
तो वह निरंतर सुख की
स्थिति में होता है.
🌺 जिसे हम, स्वयं में विश्वास,
स्वानुशासन, स्वनियंत्रण,
स्वतंत्रता, स्वराज्य आदि के
रूप में देख सकते हैं.
🌼फिर बात आती है
कि यदि मानव गलती करने का
अधिकार और सही करने का
साधन और अवसर
लेकर पैदा हुआ है तो क्या-
सब कुछ को
समझा जा सकता है.
🌻क्या पूरी मानव जाति
समझ सकती है,
क्या पारदर्शी व्यवस्था
हो सकती है,
क्या सभी सुखपूर्वक
जी सकते हैं.
🍂यदि हम मानव जड़ संसार
को तर्क पूर्वक समझकर
सुविधा का अंबार
लगा सकते हैं.
💐तो दोस्तों चैतन्य को भी
तर्क पूर्वक समझते हुए
इसी तरह से सम्बन्ध के
इस उजड़े संसार को
बसाया जा सकता है.
💐हम सभी साथ मिलकर
इस खूबसूरत बात को
व समझ सकते हैं,
और समझ कर निरन्तर सुखी
होकर जी सकते हैं. 😊धन्यवाद 😊
🌹सोच विचार 🌹
💐मानव की आवश्यकता
शरीर की अलग है
जीवन की अलग है
शरीर की आवश्यकता
सीमित है क्योंकि
🌷 शरीर भी सीमित इकाई है
पर मानव के जीवन की
आवश्यकता असीमित है
क्योंकि जीवन
असीमित इकाई है।
🌺अब मानव भ्रमवश
शरीर को ही जीवन
मानते हुए
सीमित चीज़ों से
असीमित प्यास को
बुझाने की कोशिश
करता है।
🌻चूंकि मानव की समझ
अभी अधूरी है
तो वह अपनीअसीमित
आवश्यकताओं की
पूर्ति के लिए
असीमित सुविधा संग्रह में
लग जाता है
🌸फ़िर भी उसकी प्यास
अधूरी ही बनी रहती है
और वह ज़िंदा रहने के
धरातल में ही
अपनी सारी ज़िन्दगी
गुज़ार देता है।
🌼बात आती है
कि मानव की इस
मानसिक थकान का
कारण क्या है?
🍁इसका प्रमुख कारण है
समाधान का न होना
समाधान समझ
पूर्वक ही होता है
🥀आस्वादन होना
निरंतर सुख की आशा में
मानव अपने मन में
आस्वादन करता है।
🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं-
रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान)
मूल्य मूलक(संबंध प्रधान
लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत)
🍂जब मानव की
प्राथमिकता में
समाधान और समृद्धि
आ जाती है
🌿तो वह संबंधों को
पहचानते हुए
इन्द्रियों को भी
नियंत्रित कर पाता है.
🌱हम मन से कैसे
आस्वादन लेते हैं
यह तीनों प्रकार के
आस्वादन को हम कैसे
पूरा कर सकते हैं
🌿मन किसे कहते हैं
मन कहाँ होता है
मन कैसे कार्य करता है
मन कैसे तृप्त होता है
🌴ऐसे सभी प्रश्नों के
उत्तर जानने के लिए
जीवन को समझने के लिए
समझ की यात्रा में हम सभी
साथ चल सकते हैं.
😊धन्यवाद 😊
Today I am going to make The Mug cake you uploaded today with these Manchurians this eve.
the young chef here !!
All the best. Do share how it turns out 🙂
@@CookingShookingHindi big fan sir. Apke dishes bahut awesome hota hai❤️❤️
I have tried this... Amazing Recipe thank you
D
Superb receipe. Your recepie always very good.when I make any new dishes.i will follow your channel.
Nice Bhai.