रामचरितमानस पढ़नी शुरू की तो ढाई घंटे तक पढ़ती ही रही-मोनिका अरोड़ा

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  • Опубликовано: 5 янв 2025

Комментарии • 7

  • @abhinavbhardwaj6926
    @abhinavbhardwaj6926 2 месяца назад +1

    Jay shree sitaram hanuman🙏

  • @ganpatsinghsolanki7017
    @ganpatsinghsolanki7017 2 месяца назад +2

    सियावर राम चन्द्र भगवान की जय......जब परमात्मा की इच्छा होती है तब ही उनकी शरण में लेते हैं...... बाकी को तार्किक बुद्धि देकर वामपंथी बना देते हैं.... "रामचरितमानस " कोई पुस्तक नहीं है.... यह अलौकिक ग्रंथ है और स्वत जीवन बदलना शुरू कर देता है

  • @b.kverma6055
    @b.kverma6055 2 месяца назад +1

    यह बड़ी दुख की घड़ी है😢😢😢😢

  • @laxikantjaiman9231
    @laxikantjaiman9231 2 месяца назад +1

    Very Very good and veryhigh moral speech to the students all others.Learning sanskrit in next life is also my desire.

  • @haripal2115
    @haripal2115 2 месяца назад

    बहन जी को नमन।

  • @ajayyadav-dj8dk
    @ajayyadav-dj8dk 2 месяца назад

    काल्पनिक bat पर इतनी चर्चा, उसी दिल्ली विश्वविद्यालय मे यही प्रोफेसर जाति देखकर प्रोफेसर चुनते है

  • @Ratanpathak1397
    @Ratanpathak1397 2 месяца назад

    Mai bhi padhta hu, Ramcharitmanas. Lekin kabhi kabhi. Laziness ki vajah se nahi padh paata hu. Lekin jab padhne baitha hu to Mai itna rum jaata hu mano jaise ki uthne ka man hi nahi karta.man karta hai ki padhta ji jau. Sita Ram.