आप दोनों ही बहुत महान है पर हमें एक प्रश्न का उत्तर दें दया करके की माता पार्वती का नाम आता है सीता जी के विवाह में जबकि उसे समय माता पार्वती का जन्म भी नहीं हुआ था माता सती उसे समय थी अगर माता पार्वती होती तो फिर शिवजी उन्हें कथा क्यों सुनते जिससे की रामायण की रचना होती और अगर यह भी प्रमाण नहीं है तो सती जी ने सीता जी का रूप रखा था तो फिर सती जी कैसे आ गई बीच में कृपया इसका हमें ज्ञान बताएं महान दया होगी आपकी
मित्र… इस सवाल का जवाब मैं देने का प्रयत्न करता हूँ ….. सबसे पहले तो रामायण की कहानी समझिये….. माता सती महादेव जी से पूछती हैं कि सर्वशक्तिमान और सर्वेश्वर देवो के देव होते हुए भी महादेव किसका ध्यान करते हैं…. महादेव कहते हैं कि वो सच्चिदानंद परब्रह्म का ध्यान करते हैं और ध्यान से बहार आते हुए जो उनके मुंह से श्री राम निकला था वो उन्ही परब्रह्म के सगुण रूप राम के लिए था जो मृत्युलोक पर मानव लीला करेंगे ….. वन वन भटकेंगे और आदिमाता सीता को ढूढेंगे …. यह सुन कर माता सती श्री राम की परीक्षा लेने के लिए उनके पास सीता जी का वेश धर कर गयीं… यहाँ पर यह बात समझना जरूरी है की महादेव ने कहा था कि "करेंगे" यानि की बात भविष्य काल की थी…. और माता सती उनकी परीक्षा लेने गयी , यानि की वर्त्तमान से भविष्य में गयीं …… यानि की माता सती ने समय यात्रा या फिर आयाम यात्रा की थी जिसका वर्णन वेदों में मिलता है और जिसको विज्ञानं की भाषा में "TIME TRAVELLING" कहा जाता है… परीक्षा लेने में मिली असफलता के बाद भविष्य काल से वर्तमान काल में लौटी माता सती ने बाद में दक्ष के यज्ञ में देह त्याग किया और पुनर्जन्म लेकर माता पार्वती के रूप में फिर से महादेव की अर्धांगिनी बनी…. जिसका पूजन उस काल की माता सीता ने किया था… और जिसको महादेव ने पूरी रामायण सुनाई थी…. आशा करता हूँ की आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा
भगवान् परशुराम के चरणों में सादर प्रणाम, शेषावतार का अभिनय में उछल कूद वाला अधिक है ,संयमित अभिनय की आवश्यकता है
आज हमारे मन के दोनों कलाकार लय में है ज्ञान की गंगा में बिठूर सके घाट पर गोते लगा रहा हूं
दोनो महान बिद्यानो को श्री कमलो कोटि सह धन्न्यवाद
Bahut hi sunder parasurami lila
Sabhi bhakto se hamara hath jod ke anurodh hai ki sote jagate uthate baithate har samay Prabhu sri ram ka nam ka jaap karte rahe Jai shree ram
जय श्री महाकाल
🌹🌹आशीर्वाद :🌹🌹
सर्वा :पदार्थ :भवन्तु हस्ते
सिद्धिर्भवतु सर्व कार्येषु नित्यम_|
सुरेश त्रिपाठिन :सत्यस्य मार्गे
गतिर्भवतु वै कल्याणकारी ||
वाणी सुमधुरा सरल स्वभाव :
सुधी सुशील :ज्ञाने प्रवीण : |
शास्त्राँगणे तव विभाति लीला
अपराजितो$सि त्वं ज्ञानवीर : ||
धन्यश्च तात:धन्या च माता
धन्या च भगिनी धन्यश्च भ्रात: |
धन्यो गुरु : यत्र ग्रामश्च जन्म
अपराजितो$सि त्वं ज्ञानवीर : ||
जगतीतले ये शास्त्रज्ञवीरा :
कुर्वन्ति लीलां धरणीधरस्य |
तेषाँ मध्ये सुरेश त्रिपाठिन :
अपराजितो$सि त्वं ज्ञानवीर :||
शब्दस्य चयनं शारदसुतस्य
ददाति आशीष अनंताश्रम : |
भव याज्ञवल्क्य :स्वजीवने त्वं
अपराजितो$सि त्वं ज्ञानवीर : ||
Bhagwan parshuram ke charanon mein fatafat Naman aur yah to kanaujiya hai yah apni baat kabhi nahin
परशुराम जी ने जो कहा बहुत उत्तम है व्यास तुम नहीं बोलो लक्ष्मण बहुत नीचे है जबरदस्त बात न मनबाये
Nice nanna ji gjb
Jay shree Ram 🙏🙏🙏🙏🙏
चटके नहीं लखनलाल जी परशुरामजी जी के प्रश्नों का उत्तर बहुत गंम्भीरता से दें। परशुरामजी के आगे आप फेल है।
Jay Shri ram Jay bhagwan parshuram
Kya bat hoi bhagwan apki jai ho
Apke charno me mera koti koti naman
जय हो सुमित्रानंदन की
Ye swaroop sabse achchha h
जय हो परशुराम भगवान
Bagban parasuram ji ka adbhut swaroop ati sunder mayank ji ko ko es sunder swaroop k liy bar bar naman sadhubad
Aap sbhi mhan murtiyo ko prdam
Dono vidwan klakar h dono logo naman
Jay Shree ram
Jai shree Ram 🚩🚩🙏🙏🚩🚩🙏🙏🚩🚩🙏🙏🚩🚩🙏🙏🚩🚩🙏🙏🚩🚩🙏🙏🚩🚩🙏🙏🚩🚩🙏🙏🚩🚩🙏🙏
जय श्री राम 🙏🙏
धर्मसंस्कार चैनल को कोटि कोटि नमन
जयश्री राम
Donon mahan kalakaron ke charanon mein code code Bandhan v Abhinandan
Jai shree Ram
भार्गव जी चरित्र से पहले की कथा सुना रहे हैं,लखन लाल जी ने बहुत सुंदर तर्क दिया।
Bahut Sundar samvad
जय श्री गुरु देव भगवान की
Mere pyare nanna
भगवन परशुराम का एक और अद्भुत स्वरुप 🙇🏻♂️🙏🏻 जय दादा परशुराम
जय हो लखन लाल की
Jai shree Ram
जय हो, जय श्री राम।।।
जय जय श्री सीताराम
आदरणीय भगवान श्री परशुराम जी महराज,श्री रामजी एवं लक्ष्मण जी,के पावन चरणों में माथा रख कर प्रणाम।
दोनों ही महान और अद्भुत क्षमता वाले कलाकार हैं
भगवान परशुराम की आवाज और उनकी गायकी को कोटि कोटि प्रणाम। ऐसी गायकी इस समय किसी में भी नही है। उनके चरणों में कोटि कोटि नमन।
Ppppppp😊😊
@@AmitShukla-ug5zjto 😊
हैं,गायिकी के मामले में बाल व्यास परशुराम जी।
Bahut sundar mahraj
Maha gyani bhagwan parasu ramji koty koty vandan
❤
जय श्री सीताराम 🙏
Om bageshwaray namah
Jai Ho
Nanna aaj kmjor pd gye
Jai shree Ram 🚩🧡🔔
Lajawabjodhe hya
Rajendrasinghparihar
Vimal Bhaiyaji ki puri avaj nahi recording huyi Kya
जय श्री सीताराम
आप दोनों ही बहुत महान है पर हमें एक प्रश्न का उत्तर दें दया करके की माता पार्वती का नाम आता है सीता जी के विवाह में जबकि उसे समय माता पार्वती का जन्म भी नहीं हुआ था माता सती उसे समय थी अगर माता पार्वती होती तो फिर शिवजी उन्हें कथा क्यों सुनते जिससे की रामायण की रचना होती और अगर यह भी प्रमाण नहीं है तो सती जी ने सीता जी का रूप रखा था तो फिर सती जी कैसे आ गई बीच में कृपया इसका हमें ज्ञान बताएं महान दया होगी आपकी
मित्र… इस सवाल का जवाब मैं देने का प्रयत्न करता हूँ ….. सबसे पहले तो रामायण की कहानी समझिये….. माता सती महादेव जी से पूछती हैं कि सर्वशक्तिमान और सर्वेश्वर देवो के देव होते हुए भी महादेव किसका ध्यान करते हैं…. महादेव कहते हैं कि वो सच्चिदानंद परब्रह्म का ध्यान करते हैं और ध्यान से बहार आते हुए जो उनके मुंह से श्री राम निकला था वो उन्ही परब्रह्म के सगुण रूप राम के लिए था जो मृत्युलोक पर मानव लीला करेंगे ….. वन वन भटकेंगे और आदिमाता सीता को ढूढेंगे …. यह सुन कर माता सती श्री राम की परीक्षा लेने के लिए उनके पास सीता जी का वेश धर कर गयीं… यहाँ पर यह बात समझना जरूरी है की महादेव ने कहा था कि "करेंगे" यानि की बात भविष्य काल की थी…. और माता सती उनकी परीक्षा लेने गयी , यानि की वर्त्तमान से भविष्य में गयीं …… यानि की माता सती ने समय यात्रा या फिर आयाम यात्रा की थी जिसका वर्णन वेदों में मिलता है और जिसको विज्ञानं की भाषा में "TIME TRAVELLING" कहा जाता है… परीक्षा लेने में मिली असफलता के बाद भविष्य काल से वर्तमान काल में लौटी माता सती ने बाद में दक्ष के यज्ञ में देह त्याग किया और पुनर्जन्म लेकर माता पार्वती के रूप में फिर से महादेव की अर्धांगिनी बनी…. जिसका पूजन उस काल की माता सीता ने किया था… और जिसको महादेव ने पूरी रामायण सुनाई थी…. आशा करता हूँ की आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा
जय जय श्री राम
परश् राम का नाम क्या है
Ram babu tiwari
Ramdatt ji maharaj to bejod han bhai
Pradeep narayan
कोई नया चिंतन नहीं आया और मयंक जी सहास्त्राबाहु और राम जी की समानता नहीं सिद्ध कर पाये समयानी बराबर
भाई साहब राम जी और शास्त्रबाहु मे समानता नही हो सकती एक दुराचारी एक सदा चारी और परशुराम जी तो परीक्षण के लिए जनक पूरी आए थे भगवान का अवतार का
जय श्री सीताराम
जय जय श्री राम
Jai shree Ram
Jai shri ram
Jai shri Ram