Sarvam Khalvidam Brahman | सर्वं खल्विदं ब्रह्म | Hindi

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  • Опубликовано: 5 сен 2024
  • वेदांत के चार महावाक्यों में से “सर्वं खल्विदं ब्रह्म” का एक विशेष स्थान है ।
    यह महावाक्य छांदोग्य उपनिषद के तीसरे अध्याय के चौदहवें खंड से है। यही महावाक्य निरालम्बोपनिषद में भी पाया जाता है।
    इस लघु वाक्य का अर्थ है कि ये सारा विश्व केवल ब्रह्म ही है।
    लेकिन इस बात को सुनकर आप सोच में पड़ जाएंगे कि ये कैसे संभव है?
    आखिरकार, इस ब्रह्मांड में बहुत से तारे, ग्रह, पहाड़, नदियां, जानवर, पेड़, मनुष्य आदि कई विविधताएं हैं।
    फिर सब कुछ केवल ब्रह्म ही कैसे हो सकता है?
    घबराएं नहीं, उपनिषद इस प्रश्न का उत्तर भी देता है।
    आइये, इस बात को विस्तार से समझें, और इस महावाक्य में बताई गयी गहन सोंच की सराहना करें।

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