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सनातन तत्त्वज्ञान
Индия
Добавлен 24 сен 2024
ॐ श्री परमात्मने: नम:
सृष्टि के आरम्भ में सम्पूर्ण भूत जिनसे प्रकट होकर प्रतीत के विषय होते हैं, स्थितिकाल में जिनमें ही स्थित होते हैं और प्रलयकाल आने पर जिनमें ही लीन हो जाते हैं, उन सत्यस्वरूप परमात्मा को नमस्कार है।
सनातन तत्त्वज्ञान चैनल पर आपका स्वागत है! 🙏
यह चैनल आपको सनातन धर्म के गूढ़ तत्त्वज्ञान और भारतीय दर्शन के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराता है।
सृष्टि के आरम्भ में सम्पूर्ण भूत जिनसे प्रकट होकर प्रतीत के विषय होते हैं, स्थितिकाल में जिनमें ही स्थित होते हैं और प्रलयकाल आने पर जिनमें ही लीन हो जाते हैं, उन सत्यस्वरूप परमात्मा को नमस्कार है।
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ब्रह्मसूत्र। वेदांत दर्शन । तीसरा अध्याय । दूसरा पाद सम्पूर्ण ।Brahmasutra।Tisra Adhyay ।Dusra Paad।
।। सनातन तत्त्वज्ञान ।।
ब्रह्मसूत्र। वेदांत- दर्शन ।
पहला अध्याय । तीसरा अध्याय। दूसरा पाद सम्पूर्ण ।
Brahmasutra। Tisra Adhyay । Sampurn Dusra Paad।
---
वेदान्त दर्शन (ब्रह्मसूत्र) के प्रधान विषयक सूची
तीसरा अध्याय। दूसरा पाद। सूत्र विषय:
दूसरा पाद:
1-6. स्वप्न मायामात्र और शुभ-अशुभ का सूचक है। भगवान ही जीव को स्वप्न में नियुक्त करते हैं, जीव में ईश्वर सदृश गुण तिरोहित हैं, परमात्मा के ध्यान से प्रकट होते हैं। उसके अनादि बंधन और मोक्ष भी परमात्मा के सान्निध्य से हैं तथा जीव के दिव्य गुणों का तिरोभाव देह के संबंध से है ...
7-10. सुषुप्ति काल में जीव का नाड़ियों के मूलभूत हृदय में स्थित होना, उस समय उसे परमात्मा में स्थित बताने का रहस्य, सुषुप्ति से पुनः उसी जीव के जाग्रत होने का कथन और मूर्छा...
ब्रह्मसूत्र। वेदांत- दर्शन ।
पहला अध्याय । तीसरा अध्याय। दूसरा पाद सम्पूर्ण ।
Brahmasutra। Tisra Adhyay । Sampurn Dusra Paad।
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वेदान्त दर्शन (ब्रह्मसूत्र) के प्रधान विषयक सूची
तीसरा अध्याय। दूसरा पाद। सूत्र विषय:
दूसरा पाद:
1-6. स्वप्न मायामात्र और शुभ-अशुभ का सूचक है। भगवान ही जीव को स्वप्न में नियुक्त करते हैं, जीव में ईश्वर सदृश गुण तिरोहित हैं, परमात्मा के ध्यान से प्रकट होते हैं। उसके अनादि बंधन और मोक्ष भी परमात्मा के सान्निध्य से हैं तथा जीव के दिव्य गुणों का तिरोभाव देह के संबंध से है ...
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ब्रह्मसूत्र। वेदांत दर्शन । तीसरा अध्याय । पहला पाद। सम्पूर्ण ।Brahmasutra।Tisra Adhyay ।Pahla Paad।
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ब्रह्मसूत्र। वेदांत दर्शन । दूसरा अध्याय। सम्पूर्ण चौथा पाद। Brahma Sutra Dusra Adhyay। Choutha Paad
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।। सनातन तत्त्वज्ञान ।। ब्रह्मसूत्र। वेदांत दर्शन । दूसरा अध्याय। सम्पूर्ण चौथा पाद। Brahma Sutra Dusra Adhyay। Choutha Paad महर्षि वेदव्यास रचित ब्रह्मसूत्र बड़ा ही महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें थोड़े से शब्दों में परब्रह्म स्वरूप का सांगोपांग निरूपण किया गया है, इसलिए इसका नाम "ब्रह्मसूत्र" है। ब्रह्मसूत्र दूसरा अध्याय। सम्पूर्ण चौथा पाद। विषय सूची। 1-4 इंद्रियों की उत्पत्ति भूतों से नहीं, परमात...
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।। सनातन तत्त्वज्ञान ।। ब्रह्मसूत्र। वेदांत दर्शन । दूसरा अध्याय। सम्पूर्ण दूसरा पाद । Brahma Sutra Dusra Adhyay। Dusra Paad विषय सूची। अनेक प्रकार के दोष दिखाकर सांख्य द्वारा प्रधान कारणवाद का खंडन। वैशेषिकों के परमाणु कारणवाद का निराकरण। बौद्ध मत की असंगतियों को दिखाते हुए उसका खंडन। जैन मत में पूर्वापर विरोध दिखाकर उसका खंडन। पाशुपत मत का खंडन। पांचरात्र आगम में उठाई गई आंशिक अनुपपत्तियों का...
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ब्रह्मसूत्र। वेदांत दर्शन ।पहला अध्याय। सम्पूर्ण तीसरा पाद । Brahmasutra Pahla Adhyay। Tritya Paad
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ब्रह्मसूत्र। वेदांत दर्शन । पहला अध्याय । पहला पाद। सम्पूर्ण।Brahmasutra। Pahla Adhyay । Pahla Paad।
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अवधूतोंपाख्यान।अवधूतदत्तात्रेय के २४ गुरुओं की कथा।श्रीकृष्ण-उद्धव समवाद।Avadhut Dattatrey 24 Guru।
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बद्ध मुक्त और भक्तजनो के लक्षण। श्री कृष्ण उद्धव समवाद। Baddh, Mukt, aur Bhakt Jano Ke Lakshan।
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ज्ञानयोग, कर्मयोग, भक्ति योग। श्रीकृष्ण-उद्धवजी समवाद। मोक्ष के ३ मार्ग।Gyanyog, Karmyog, Bhaktiyog।
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।। सनातन तत्त्वज्ञान ।। मोक्ष के ३ मार्ग। ज्ञानयोग, कर्मयोग, भक्ति योग। श्री कृष्ण-उद्धवजी समवाद। Gyan Yog, Karm Yog, Bhakti Yog।
सांख्य योग का निर्णय। श्रीकृष्ण-उद्धवजी समवाद। श्रीमद्भागवत महापुराण अंतर्गत।Sankhya Yog।सांख्यदर्शन
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।। सनातन तत्त्वज्ञान ।। ।। सांख्यदर्शन ।। श्रीकृष्ण-उद्धवजी समवाद। सांख्य योग का निर्णय। श्रीमद् भागवत महापुराण अंतर्गत। Sankhya Yog। Srimad Bhagwat Mahapuran। #sankhyayog
योगवासिष्ठ। ग्रन्थ संख्या और प्रशंसा । शान्ति । ब्रह्म । दृष्टा और दृश्य। प्रज्ञा और सदाचार।
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।। सनातन तत्त्वज्ञान ।। योगवासिष्ठ महारामायण - मुमुक्षु व्यवहार प्रकरण। Part-11 प्रकरणों के क्रम से ग्रन्थ-संख्या का वर्णन, ग्रन्थ की प्रशंसा, शान्ति, ब्रह्म, दृष्टा और दृश्य का विवेचन, परस्पर सहायक प्रज्ञा और सदाचार का वर्णन। Yog Vasishta Maha-Ramayan ।। श्री परमात्मने नमः ।। ।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।। योगवासिष्ठ वेदांत दर्शन के प्रमु प्रमाणित ग्रंथों में से एक है, जिन्हें प्रस्थानत्रयी कहा ज...
प्रश्नोत्तरी। श्री स्वामीशंकराचार्य रचित ! Prashnottari l Adi Shankaracharya। Hindi। (4K Quality)
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नव योगेश्वर और राजा निमि संवाद।श्रीमद् भागवत महापुराण।Nav Yogeshwar Samvad।Shrimad Bhagwat Katha।
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विचार, संतोष और सत्संग। सदगति का कथन। मुमुक्षु व्यवहार प्रकरण। Yog Vasishta Maha-Ramayan। Part-10
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संसारप्रवृत्ति की अनर्थरूपता।ज्ञान का माहात्म्य।श्रीराम के प्रशंसनीय गुण। वैराग्य तथा शम का निरूपण।
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वसिष्ठजी द्वारा मोक्ष कथा।नियति ज्ञान।राजविद्या।वक्ता और प्रश्नकर्ता।श्रीराम के वैराग्य की प्रशंसा।
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योगवासिष्ठ - मुमुक्षु व्यवहार प्रकरण। पुरुषार्थ की प्रबलता तथा शुभ वासना से युक्त सत्कर्म की प्रेरणा
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योगवासिष्ठ महारामायण - सम्पूर्ण मुमुक्षु-व्यवहार प्रकरण । Sampurn Mumukshu - Prakran । Yog Vasishta
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योगवासिष्ठ महारामायण - मुमुक्षु व्यवहार प्रकरण। देवकी दुर्बलता और पुरुषार्थ की प्रधानता का समर्थन।
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योगवासिष्ठ महारामायण । ऐहिक पुरुषार्थ की श्रेष्ठता और देववाद का निराकरण। Purusharth-Part-05
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योगवासिष्ठ। शास्त्रनुसार सत्कर्म प्रेरणा, पुरुषार्थ से भिन्न प्रारब्धवाद का खंडन तथा पौरुष प्रधानता।
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योगवासिष्ठ। वासिष्ठ-श्रीराम संवाद। जगत की भ्रमरूपता एवं मिथ्यात्व। सदेह और विदेह मुक्ति तथा पौरुष।
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योगवासिष्ठ महारामायण -मुमुक्षु व्यवहार प्रकरण। विश्वामित्रजीका वसिष्ठजीसे श्रीरामको उपदेश का अनुरोध
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महाराज भर्तृहरि कृत वैराग्यशतक ।। Shree Bharthari Vairagya Shatakam । नित्य एक बार अवश्य सुने 🕉️
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बालक ध्रुव की मार्मिक कथा ।Dhruv Maharaj Katha ।। ध्रुव कथा ।।
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❤❤
hariohm hariohm hariohm
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पूरा चारों अध्याय तथा 16 पाद पूरा करे आपका आभारी हूंगा
Jai Hari Mauli. We all are very grateful to you for uploading such Devine video.
Kiti Koti Pranam for creating digital content which is a right mode for present generation Namaste🙏🙏
अतिसुन्दर
ब्रह्म सूत्र पर शंकर स्वामी ने भी भाष्य किया वह तो जलेवी की तरह है क्या ये भाष्य इमरती की तरह?
How can I get complete transcript in hindi pdf? Or download for study. I have granth. I need transcript.
Use OCR. Scan pdf to text Or do it manually where required.
. आप यह सत्य सुनिश्चित कीजीएगा की असत् की सत्ता वेदांत दर्शन में मान्य नहिं है, फिर आपने क्यों बताया की असत् को प्रतिपादित करते हुए आप ने तैतरीय ऊपनिषद् को लेकर बताया, की असत् से सत् की सत्ता बताया यह गलत बात है।
वहां असत का अर्थ अभाव या मिथ्या नहीं है। असत निर्गुण अप्रकट ब्रह्म और सत सगुण प्रकट ब्रह्म, ऐसा कहा है। कृपया पुन देखे। 27:26 - 29:49
नारायणं पद्मभवं वशिष्ठं ,यह बात श्लोक में ही आ जाती है, परब्रम्ह परमात्मा नारायण स्वरूप ही है, शिव जी के द्वारा प्रमाणित यह सृष्टिकाल शरूआत से ही नारायण भगवान ने स्वयं ही यह सृष्टि का सर्जन कीया है, जो परब्रम्ह परमात्मा स्वरूप है, एवं अनादि है, अनंत है।🙏🕉
जय कालिका माता
Dr.Santosh Kumar Mohanty 🇮🇳 Satyam Gnyanam Anantam Brahmaah ‼️
Satchit aanand swaroop uss parmatma ko koti koti pranam 🙏 krtey hain, Radhey Krishna 🙏🌹😊
Hamne yah shri Brahmasutra namak pustak, M.A. sanskriti me study kiya tha, aaj bhi sab yaad aata hai vo college time😥😥, now I'm 56 yrs old.
ૐ
भयंकर झूठ फैला रहे हो ! सदियों से इसी तरह लोगों को बेवकूफ बनाया गया है।
सुननेकी क्षमता रखो बीचमे मचमच नहीं करना 😂
ब्रह्मसूत्र का ग्यान अन्तःमन से समझा जा सकता है। आनन्दमय कोश परब्रह्म काबाचक है। अन्नमय, प्राणमय , मनमय,विग्यानमय और आनन्दमय, पांच कोष ब्रह्म ही है।
परम पिता परमेश्वर hiआभार औरधन्यबाद। परब्रह्म परमेश्वर ही जगत का कारण हैं। एकोहमं बहुमास्वामि
Om sai guru
ૐ
Jay yogeshvar
साधु साधु साधु♥️🚩🔱🙏
Jai Hari Mauli. We are very grateful to you for uploading such type of Devine video.
सुंदर🙏🏻🙏🏻🙏🏻
इसकी व्याख्या न तो आचार्य शंकर कर पाए न ही आप। क्योंकि न तो आचार्य शंकर शिक्षित थे न ही आपने शिक्षा प्राप्त की है। दूसरों को शिक्षा देने से पहले स्वयं शिक्षा प्राप्त कर लेनी चाहिए। अज्ञानी के बोलने से राष्ट्र का पतन होता है।
To kaha se pata kare
@Fusion_Assain जिससे श्वेतकेतु ने शिक्षा प्राप्त की।
❤️❤️❤️
14/12/2024. Saturday. 🇮🇳🕉️🚩🙏
Sadhana/Upashana Adhyay.
Dr. Santosh Kumar Mohanty.🇮🇳
Dr. Santosh Kumar Mohanty 🇮🇳 Sarva Khalam Idam BRAHMA ‼️
Thanks!
आपके समर्थन के लिए बहुत आभार तथा सुपर थैंक्स के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद! 🙏
@@SanatanTattvagyan-j7k आज तक ब्रह्म ज्ञान से छौकी दाल सब परोसते जबरजस्ती! स्रष्टि - और शरीर रचना पर गुन्गे बहरे और अन्धे पाये जाते , भाई दुकान चलाने का मामला हैबिना कुछ लगत के ।
Om om om om om om
There was this Book 📚📚❗at my village Nimabasanta ‼️ Dr. Santosh Kumar Mohanty 🇮🇳
अतिसुंदर।
परमात्मा अदृश्य भाव से उसके कर्म के अनुसार करते है।
आत्मा परमात्मा का एक लघु अंश परन्तु अणु नहीं है भौतिक शरीर चैतन्य और ऊर्जस्वी बनाने आजीवन रखता है। जितात्मा वस्तुतः बिभू है। जीवाश्म अदृश्य होते हुए भी स्थूल शरीर का कार्य सफलतापूर्वक निभाना है। शुक्रम शरीर और कारण शरीर में अलौकिक कार्य करने की क्षमता होती है। इसीलिये पंचतत्व में बिलीन होना होता है। सभीधर्मो में अपनी रीति के अनुसार संस्कार की जाती है।
Narayan Narayan hariom
🙏🌹
लेखक नैशैनैलिस्ट वर्कर तथा रूलिंग दल से हैं
कुंडली चक्र से स्थूल जगत से कारण जगत सम्पर्क स्थल है आत्म जगत नाभि के सिल्वर वायर से कारण और आत्म जगत से संबधित है जीवन मृत्य के पथ पर चक्र ही संयोग अर्थात जीवन वियोग यानी मृत्यकारण ही स्मृति और स्मृति भ्रंसहै जब उर्जा का क्षय का इस जगत में नियम है तो हर चीज नश्वर है स्थूल जगत में उर्जा संरक्षण की कोई सीमा नहीं
स्थूल शरीर पंचतत्व पंचभूत से संबधित है लेकिन आत्मा आत्म तत्व परमात्मा तथा परमतत्वसे उत्पत्ति संबधित है यह तत्व इस जड़ संसार में नहीं है यह बहुत बडा़ ज्ञान है प्राण,मन विवेक चेतन अचेतन तत्व सब इस जगत से उत्पत्ति नहीं है स्थूल जगत और आत्म जगत के बीच कारण जगत है यह जगत स्थूल और सूक्ष्म जगत के बीच की कडी़ है स्थूल जगत ही शरीर है जो पंचभूत में विलीन होता है आत्मा भी परमात्म तत्व में विलीन होने के लिये उसे कारण जगत से अलग या छोड़कर ही मुक्ति है,आत्मा ही आनंदमय है स्थूलशरीर अन्न मय जगत से संबधित है कारण जगत तो हमारे कर्म संस्कार को ढोने वाली मालगाड़ी सदृश्य है कारण शरीर शोक संदेह सब कुछ आनंदलोक जाते समय इसी जगत में जड़ शरीर के नष्ट होने पर नष्ट हो जाता है स्थूल शरीर की छाया तभी तक जब तक स्थूल शरीर है
ऊं श्री हरि:
समय का उपयोग कैसे करे जिससे आनेवाली कल अच्छी हो। आत्मा नित्य है परन्तु शरीर अनित्य है।फिरभीवह शरीर के अन्दर निवास करती है। चन्दन बिस व्याप्त नही लिपटी रहे भुजंग। चन्दन अपने चारो तरफ स्थित वृक्षः 😂को चन्दन मे नवीनीकरण करनेमे सक्षम है। गुरू अपने शिष्य को अणु से विभु मे परिणत करती है। मै अपने परिवार और समाज को अन्धकार से प्रकाश, अणु से बिभू मे नवीनीकरण की दिशा देखता हूँ। नकारात्मकता से कैसे पूर्णतःदूर 41:18 रखू ।अपने इन्द्रियों को कैसे नियंत्रित करू। सोशल मीडिया सेभटकाव ही मिलती है। समय नियंत्रण मेरे बहुत बडा शत्रु है। मै आध्यात्मिक साहित्य अकेले औरशान्त भाव हृदयंगम करना चाहता हूं। रामायण ,गीताऔर गीता का अध्ययन अपने परिवार के साथ आज से करता है।
आपके सत्य बचन की युक्ति सून कर प्रसन्नता हुई। पंच तत्वों की उत्पत्ति की कथा ईश्वर के द्वारा हुईहै।
Sorry to say, why are you Sanatani not worshiping Guru Ved Viyas and Guru Valmiki also. Why are you people not placing any statue inside temple. First you filled this void then give lecture on this. Don't spread this types of news.
मेरा आँख खुलगय
Music band kardo or ai voice mat use Karo , karo toh atleast human like ho.
Aap logo ke bajay se, guruji, hum kus murkh sanatani hindu, o ko, giyan ke bahut kus jaan ne ko mil raha hai, app jaise mahan, guri,o, ke bajay se, guruji, aap ka shree charonu mein, is das ka pronam srikar kare. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏