प्रदेश के 50%स्कूल का यही हाल है कमीशन के कारण बच्चों को सही पोषण आहार मिलना मुस्किल है। प्रधान पाठक एवम समूह वालो के उपर करवाही होना चाहिए। ऐसे लोगो को शर्म आनी चाहिए
Sir aap ptrakar logo ko bol rahe ho galti samuha ke aur tichar logo ki hai jab uan logo fayda nahi ho rahi hai to jhod de na sarkar kuchh aur faisla lege
@@technicalgeneralinfo9420 ta tihi ha bane bane madhyanh bhojan khila ke jammo chhattisgarh ke samuh man la misaal pesh karke youtube me video dikha ji
इस मैडम की हिसाब से ही खाना बनता है जो भी सब्जियां लाते हैं उसको बनाने वाला बनाते हैं जो भी गलतियां हैं इस मैडम की है इस मैडम को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए
सबसे पहले तो पालक को जागरूक होना पड़ेगा पालक को चाहिए कि 5.19पैसे में मध्यान भोजन कैसे बनेगा शासन प्रशासन से बात करना होगा इसमें शिक्षक किसी शासन प्रशासन पर दबाव नहीं बना सकते क्योंकि वे शासकीय कर्मचारी है और औसर जी आप हम सभी देख रहे है महंगाई कितना बढ़ा हुआ है संभव ही नहीं है 5.19 में अच्छा सब्जी मिले ।आपका यह वीडियो सरकार तक सन्देश देने के लिए बहुत अच्छा है । पालक इस 5.19 पैसे पर बोलने से बच रहे है मतलब वे डर रहे है बल्कि उन्हें डरना नही चाहिए खुल कर बात रखे और mdm समूह के माध्यम से बनता है उन्हें भी अधिकारी लोगों को बोलना चाहिए । और मेरा उनके लिए भी सुझाव है जो कार्यवाही चाहते है वे एक महीने mdm बनाकर खिलाये बच्चों को ताकि उन्हें भी सच्चाई मालूम होगा ।।
प्राथमिक विद्यालय मध्यान्ह भोजन 1 छात्र प्रतिदिन - 5.19 रूपये दर निर्धारित है । (1) चावल 100 ग्राम प्रति छात्र मिलता है, मतलब 10 बच्चों के लिए 1 किलोग्राम चावल बनता है। (2) सब्जी 50 ग्राम प्रति छात्र मिलता है , मतलब 20 बच्चों के लिए 1 किलोग्राम सब्जी बनता है । (3) दाल 20 ग्राम छात्र मिलता है, मतलब 50 बच्चों के लिए 1 किलोग्राम दाल बनता है ।
Chhatishgar के स्कूल मे यही हाल है समूह वाले को छोड़ देना चाहिये अगर मेहनत का नी मिल रहा है तो समूह वाले राशन को बचा के ले जाते है हर स्कूल का मामला है तो कहा से अच्छा राशन मिलेगा
गांव के बच्चे, गांव के समुह और गांव के पुरे लोग ये सब मिलकर मद्याहन भोजन को पूर्ण गुणवत्ता पूर्वक बनाया जा सकता है समुह मनमानी करता है और उसका परिणाम जबरदस्ती शिक्षक भुगतते है क्योंकि समुह के खाते मे सीधा पैसा जमा होता है|
पत्रकारिता भी ऊंचे स्तर का होना चाहिए । शासन प्रशासन सारी जिम्मेदारी शिक्षकों पर डाल दे रहे हैं । कभी ये भी तो देखें कि 5रुपए 19 पैसे में कमाएगा क्या और खिलाएगा क्या , क्या समूह वाले और रसोइया के समय की कोई कीमत नहीं है। इनकी आवाज़ कौन उठाएगा।
फाइव स्टार होटल से काहे नहीं order बुक करवा देते हो , चिकन तंदूरी भेजा फ्राई बटर नान रसमलाई यह सब खिलाना चाहिए पढ़ा कि नहीं पढ़ा कोई मतलब बस खाना चाहिए
ये जिम्मेदारी महिला समिति और रसोइया की है, प्रधान पाठक तो एक बार जाँच करके आ चुकी थी,, भरोषा में तो दुनिया चल रहा है, मेरे ख्याल से कोई भी शिक्षक बच्चों का निवाला नही छिन्नता, हर मामला मे शिक्षको पर आरोप लगाना कदाचित् सही नही लगता,, मै शिक्षक नही, जनप्रतिनिधी हुँ।
अच्छा खाना के लीये स्कूल जा सकते हैं लोग माँ बाप पर शिक्षा के लीये इनके पास वक्त्त नही होता,ये शिक्षा का हाल फिर क्यू सरकार और शिक्षक को दोष देते फिरते हैं लोग,मैं मध्यान भोजन के खिलाफ नही हूँ
गरीब परिवार को अपने लिए भोजन उपलब्ध होता है लेकिन बच्चो के लिए भोजन उपलब्ध नही होता। जब बच्चे स्कूल में भोजन करते हैं तो उनके घरवाले भोजन कैसे करते हैं?
अरे भाई cg में सभी स्कूल में यही हाल है ।क्योंकि सरकार सबसे न्यूनतम दर मध्यान्ह भोजन के लिए देती है वो भी 2 3 महीना बाद देती है। समूह कितना निर्वहन करते है किसी को क्या पता। सरकार का क्या है कुछ भी निर्देश देती है। उसके क्रियान्वयन के लिए paryapt फंड देना चाहिए ।ऐसा नहीं की समूह अपना बात सरकार के समक्ष रखती नही ।हर साल तो रसोइया संघ हड़ताल करती है ।और क्या कर सकते है।भाई १रसोइया को रोजी 60 ,65 रूपए पड़ता है। किसी का घर चलेगा ? आप बोलोगे नही चलेगा तो छोड़ दो ।तो कोई भी जो खाना बनाएगा यही करेगा तो क्या हर 2माह में रसोइया बदलते रहेंगे थोड़ा तर्कसंगत बात करना चाहिए ।
हम जनता और स्कूल पढ़ने वाले बच्चों के पिता जी को जागरूक होने की जरूरत है, ओम प्रकाश जी का सुपर वीडियो
छ.ग का ऐसे खबर को सरकार तक पहुचाये सर जी। 🙏🙏🙏
प्रदेश के 50%स्कूल का यही हाल है कमीशन के कारण बच्चों को सही पोषण आहार मिलना मुस्किल है। प्रधान पाठक एवम समूह वालो के उपर करवाही होना चाहिए। ऐसे लोगो को शर्म आनी चाहिए
यहां के कर्म चारी एक नम्बर के झुठे बेईमान 👍
समूह चलाते है भोजन
जब तक कोई सरकारी अफसर या नेताओ के बच्चे जब तक सरकारी स्कूल मे नही पढ़ेंगे तब तक सरकारी स्कूल का नक्शा नही बदलेगा
सही बात है👍
Bilkul sahi ke rhe he aap...or ye tab ho skta h jab janta muhim chalaye.....
Sahi baat hai
Sahi bole bhai
5.19रु में पनीर टिक्का खिलाओ जी😂😂😂
कितने पैसे देता है प्रति बच्चे का जितने पैसा मिलता है उतने में आधे बच्चे को नंही खिला पायेगा
पत्र कार महोदय जी आप भी एक माह आप खिला कर दिखावो
Sir aap ptrakar logo ko bol rahe ho galti samuha ke aur tichar logo ki hai jab uan logo fayda nahi ho rahi hai to jhod de na sarkar kuchh aur faisla lege
@@B_Puraina bhai agar nai posay ta baccha man la kuchh bhi khilana he ka
@@technicalgeneralinfo9420 ta tihi ha bane bane madhyanh bhojan khila ke jammo chhattisgarh ke samuh man la misaal pesh karke youtube me video dikha ji
Bhut khub sir esa hona chahiye
5 रुपये में दाल, सब्जी, और आचार पापड़ कौन खिला पायेगा और जो समूह वाले चला रहे हैं उनको भी तो फायदा होगा तभी तो चला पायेगा सरजी
बहुत अचछा सभी शालाओ मे जाकर देखना चाहिए👍👌
80% स्कूलों का यही हाल है 5-7 रुपये me गुणवत्ता पुर्वक सब्जी मिल पाना मुश्किल है l
Saayad bina hisaab kiye sarkaar paisa de raha hai bhai
अगर परोड़ता नही तो नही लेना चाहिए, मध्यान भोजन देने का जिम्मा शासन समझे
मध्यान्ह भोजन चलाने समूह को दिया गया है समूह वाले चाहते हैंज्यादा से ज्यादा कमाई हो इसलिए समान देने में कंजूसी करते हैं इसी कारण से ये हो रहा
इसमें रसोईया की कोई गलती नहीं है जितना सबजी समुह देगी वही बनाएगी ऐसे तो नहीं होता है कि समान को बचाके रसोईया घर ले जाए,
ऐसा भी होता है हमारे गांव में
सरकार को मध्यान भोजन व्यवस्था में परिवर्तन करना चाहिए जिससे सभी बच्चो को उचित भोजन मिल सके गलती इनकी नही गलती शासन की है
बहुत बढीया छा गये गुरु
यूपी तो ऐसी हो ना बच्चो के साथ नो कॉम्प्रमाईज
नागपुर महाराष्ट्र
शानदार पत्रकारिता महोदय जी बाकी school में विजिट करें
ओमप्रकाश भैया क्या आप कभी रसोईया के दुख के बारे मे लोगो को बता पाएंगे कितना परेसानी का सामना करना पड़ रहा है 🧐😏🧐
कितना पैसा मिलता हौ ओर कितना काम करना पड़ता है
Kam paise me kam q karte hai ye log
ये सब सरकार की गलती है जो ये योजना चला रहा है सब भ्रष्टाचार में लिप्त है सरकार से लेकर समूह वाले तक .... मध्याह्न भोजन योजना बंद कर देना चाहिए
Right 👆
Bahut sundar sir aap ek achhe report bhi hai aaj pata chala very nice 👍👍👍👍👍
इस मैडम की हिसाब से ही खाना बनता है जो भी सब्जियां लाते हैं उसको बनाने वाला बनाते हैं जो भी गलतियां हैं इस मैडम की है इस मैडम को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए
जब तक टीचर स्कूल में बच्चों के साथ खाना नहीं खाएगे तो ऐसा ही होगा भैया
टीचर को खाना जरूरी होता है,और चखना पंजी में रोज एंट्री करनी पड़ती है।
You all right bhaiya ji
Teacher school mein khana khaenge bhi to unke liye alag se pakaya jata hai aur Achcha Diya Jata Hai bacchon Ko Aisa Hi dena tha Pani wala
जय हो ..पत्रकार महोदय 👍
इसप्रकार का हाल हर छत्तीसगढ़ की स्कूलो और आँगनबाड़ी की है.
और स्कूलों की खबर लीजिये, बहुत बढ़िया 👍👍👍👍
Jabardast most osm beautiful namber1 hai ripoting good
महँगाई के हिसाब से सरकार को मध्यान भोजन का खर्च देना चाहिए।
सबसे पहले तो पालक को जागरूक होना पड़ेगा पालक को चाहिए कि 5.19पैसे में मध्यान भोजन कैसे बनेगा शासन प्रशासन से बात करना होगा इसमें शिक्षक किसी शासन प्रशासन पर दबाव नहीं बना सकते क्योंकि वे शासकीय कर्मचारी है और औसर जी आप हम सभी देख रहे है महंगाई कितना बढ़ा हुआ है संभव ही नहीं है 5.19 में अच्छा सब्जी मिले ।आपका यह वीडियो सरकार तक सन्देश देने के लिए बहुत अच्छा है ।
पालक इस 5.19 पैसे पर बोलने से बच रहे है मतलब वे डर रहे है बल्कि उन्हें डरना नही चाहिए खुल कर बात रखे और mdm समूह के माध्यम से बनता है उन्हें भी अधिकारी लोगों को बोलना चाहिए ।
और मेरा उनके लिए भी सुझाव है जो कार्यवाही चाहते है वे एक महीने mdm बनाकर खिलाये बच्चों को ताकि उन्हें भी सच्चाई मालूम होगा ।।
भौकाल टीवी झारखंड की तरह आप भी छत्तीसगढ़ के स्कूलों का विडियो बनाओ सर स्कूल की पढ़ाई, शिक्षा आदि।
Wel done
Har shetra me apke video ki jarurat hai
अगर कोई समूह नही ले रहा है तो प्रधान पाठक जी शाला प्रबंधन समिति से संचालित कीजिए।
Bahut sundar bhaiya ji aap ek achhe ripotar hie
रसोइया बेचारी जो मिलेगा वही बनाएगी
Bahut badhiya...aisa nahi hona chahiye
Bahut qch sir
Repoter ji ko 100 topo ki salam🙏🙏
प्राथमिक विद्यालय मध्यान्ह भोजन 1 छात्र प्रतिदिन - 5.19 रूपये दर निर्धारित है ।
(1) चावल 100 ग्राम प्रति छात्र मिलता है, मतलब 10 बच्चों के लिए 1 किलोग्राम चावल बनता है।
(2) सब्जी 50 ग्राम प्रति छात्र मिलता है , मतलब 20 बच्चों के लिए 1 किलोग्राम सब्जी बनता है ।
(3) दाल 20 ग्राम छात्र मिलता है, मतलब 50 बच्चों के लिए 1 किलोग्राम दाल बनता है ।
Cccm
Ccc?''''>?'
Bahut sahi Kiya sir aapane jabardast class liya sir 🙏🌹🌹aapane
समूह वाला मन ला नि पोषाय कहत हे जी
सब समूह वाला मन के खेल हे हर जगह
Are jab ni posat he kaba karatha mat kara Sarkar la sikayat kara
अरे पोसातीस त काबर अईसने करतीन एक महिना स्कूल चला के देख सब पता चल जाही
@@gautamnetam1181 har जगह ले पैसा नि बचाना हे जी
Is patrakar Bhai ko bahut bahut dhanyawad jo sachi news dikhane ke liye
सच तो ये ऎसा कालाबाजारी छत्तीसगढ़ के अधिकतर स्कुलों में होता हॆ। ऎसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होना चाहीए ।साथ ही पालको को भी ध्यान देना चाहिये।
ये तो बहुत अच्छा है आप नवागढ़ के ग्राम मदनपुर में आना फिर आपको पता चल जायेगा
Chhatishgar के स्कूल मे यही हाल है
समूह वाले को छोड़ देना चाहिये अगर मेहनत का नी मिल रहा है तो
समूह वाले राशन को बचा के ले जाते है हर स्कूल का मामला है
तो कहा से अच्छा राशन मिलेगा
रसोइया को बी 1 दिन का 50 रूपए देते है नेता लोग को बी 50 रूपए दे के काम करा के देके तब पाता चलेगा
Bhai Dil khush kr dehe ji reporter,,
कितना दूध कितना पानी औचक निरीक्षण में पता चलता है अधिकारी बता के आएंगे तो सब ठीक ही मीले गा
जबरदस्त कका ऐसनहे छापा मारते रहव तभे सुधरही ऐ मध्यान भोजन ह पुरा पानी पानी खवात हे लईका मन ला
सर जी आप भौकाल टीवी जैसा वीडियो बनाओ छत्तीसगढ़ का भला होगा
Sabhi schools me Jake aise hi dho dalo Bhai 👌👌👌👌👌
गांव के बच्चे, गांव के समुह और गांव के पुरे लोग ये सब मिलकर मद्याहन भोजन को पूर्ण गुणवत्ता पूर्वक बनाया जा सकता है समुह मनमानी करता है और उसका परिणाम जबरदस्ती शिक्षक भुगतते है क्योंकि समुह के खाते मे सीधा पैसा जमा होता है|
Jabbardast class lagaye bhaiya 👍👍 jaruri h sare school me hona chahiye aisa visit 👍🙏
🙏
Ease her school me hona chahiye sir ji
पत्रकारिता भी ऊंचे स्तर का होना चाहिए । शासन प्रशासन सारी जिम्मेदारी शिक्षकों पर डाल दे रहे हैं । कभी ये भी तो देखें कि 5रुपए 19 पैसे में कमाएगा क्या और खिलाएगा क्या , क्या समूह वाले और रसोइया के समय की कोई कीमत नहीं है। इनकी आवाज़ कौन उठाएगा।
अचार पापड़ फिर यह सब का तो पैसा खाते होंगे ना चावल दाल तो मेरा है सब्जी बचत सामान कहां है आचार पापड़ फल भी है उसमें कहां है वह सब का पैसा
स्कूल प्रबंधक और समूह प्रबंधक की गलती है बच्चे के जान से खिलवार कर रहे है सारा सर ना इंसाफ़ी है
इसमें शिक्षक लोगों की कोई गलती नहीं है.... सरकार सामान अच्छा और मुबलक नहीं देती....
सभी जगह ऐसा ही भोजन मिल रहा है।
मैं इस विडियो को जरूर सेयर ,, करूंगा,,,,भैया जी,,,,
प्राय: सभी पाठशालाओं का यही हाल है, कोई निरीक्षण करने वाला नहीं है इसमें विद्यालय प्रशासन व प्रधान पाठक की भूमिका महत्वपूर्ण है😱😱😱😱😱
Bahut achha sir aap sarkari school me jake kam se kam sachhaee ka pata chala ki kis tarah se bachhe ko bhojan dete hai
Bahut sundar repoting sir ji har jile ka har ganw ka yahi haal hai
Kabhi aao hamare pamgarh vikaskhand me aaiye
Vishwakar kosir pamgarh
हव
और यकीनन यह पहली बार nhi बना होगा ऐसा खाना ,, चेकिंग पहली बार हुआ है सही से
निरीक्षण करने वाले जाते नहीं आंगनबाड़ी हो या संकुल बस अपनी मनमानी कर रहे है
महोदय आप ही कुछ दिन चला कर देखो इतनी माहगी सब्जी है प्रति बच्चे 5r
Yaise guru ji logo ka vetan Aur badna chahiya cg. CM ko
Bahut hi badhiya bhaiya......
Sab is headmaster ki galati hai inke hi bachhe ko yaha padao tab samjh me ayega .. .,😡😡😡😡😡😡😡😡😡
प्रधान पाठक को ही कितनी जिम्मेदारी दोगे ? वो पढ़ाएगा कि एम डी एम में माथापच्ची करेगा । एम डी एम का संचालन पंचायत समिति को सौंप देना चाहिए ।
कैसा पढाते है उनका भी वीडियो लगा है वहां पालक की जिम्मेदारी तय कर देंगे
@@B_Puraina सरकार के खिलाफ घलो बोलबो ,अऊ गुरु जी अईसन होही त ओकरो बर बोलबो
Ye p.p. Sarita sahu wahi aurat ladies hai Jo apne pati ko jhuthe DAHEJ me fasayi thi or aaj khud fas gayi 😠😠😠
Sb schools m yhi haal hai., भ्रष्टाचार और कमीशन के कारण ऊपर से नीचे लेवल तक आते आते जिसको लाभ मिलना चाहिए।।।उसको 100% लाभ का 20% ही मिल पाता है
Patan के ए हाल हे त बाकी प्रदेश के का हाल हे
Ek number sir
हर जगह का यही हाल है
Bahut sundar video bhaiya har dist m apmn jaese press wala hona chahiye selut h apla
धन्यवाद जी
और इनको 34% डी ए चाहिए।।।
Very nice sar
भौकाल टीवी की तरह आप भी छ ,ग, हर जिला के स्कूलो मे जा कर विजिट करो भैया 🙏🙏🙏
Ok
@@omprakashausar tq
ओम प्रकाश जी आप से निवेदन है। की आप सभी को स्कुलो मे जाके गुरूजी मन के भी विडीयो बनाय करा
फाइव स्टार होटल से काहे नहीं order बुक करवा देते हो , चिकन तंदूरी भेजा फ्राई बटर नान रसमलाई यह सब खिलाना चाहिए पढ़ा कि नहीं पढ़ा कोई मतलब बस खाना चाहिए
Cg me aap jaisa mediya wala jaruri hai
धन्यवाद जी
ये जिम्मेदारी महिला समिति और रसोइया की है, प्रधान पाठक तो एक बार जाँच करके आ चुकी थी,, भरोषा में तो दुनिया चल रहा है, मेरे ख्याल से कोई भी शिक्षक बच्चों का निवाला नही छिन्नता, हर मामला मे शिक्षको पर आरोप लगाना कदाचित् सही नही लगता,,
मै शिक्षक नही, जनप्रतिनिधी हुँ।
Jimadari sikshako ki hi hai khana paroste samay tichar logo ho waha hona jaruri hai uas time to ooo log free rahte hai
जहा तक मुझे पता है जब मध्यान्ह भोजन बन कर तैयार हो जाता है तो प्रधानाध्यक उस भोजन को टेस्ट करते है अगर सब ठीक होता है तो बच्चों को खिलाया जाता है ।
अच्छा खाना के लीये स्कूल जा सकते हैं लोग माँ बाप पर शिक्षा के लीये इनके पास वक्त्त नही होता,ये शिक्षा का हाल फिर क्यू सरकार और शिक्षक को दोष देते फिरते हैं लोग,मैं मध्यान भोजन के खिलाफ नही हूँ
सब स्कूल का मध्यान भोजन का यही हाल है औसर भाई साहब
अरे पत्रकार महोदय महिला समूह वाले को पूछो जी
गरीब परिवार को अपने लिए भोजन उपलब्ध होता है लेकिन बच्चो के लिए भोजन उपलब्ध नही होता।
जब बच्चे स्कूल में भोजन करते हैं तो उनके घरवाले भोजन कैसे करते हैं?
Good sabhi school me check Krna chahiye
प्रधान पाठक की लापरवाही है,कैसे खाना बनता है ,क्या बन रहा है ये तो देखना चाहिए न,उनको
प्रधान पाठक जिम्मेदारी लें
Good job
आप कहां से हो सर हमारे गांव खिसोरा देवकर जिला बेमेतरा में भी एक बार जरूर आना और वो भी किसी को बिना बताए धन्यवाद
Ok
Sir kabhi surajpur jila chirimiri jila koriya jila me v aaiye
Hamare gaon chichour. Umariya main bhi aisa hota hai 1anda ka 3tukde karke date hai
सब घोटाला मिलजुल कर किया जाता है ऊपर से लेकर नीचे तक सब मिल बाट के खाते हैं
सर पूछना है तो रासोयि प्रधान से पूछो खाना बनाने वाले को क्यो दबाव डाल रहे हो
ये मेडम झूठ बोला थे , समूह वाले के साथ मिले भगत है।
Hamara gave ma be asa khana banta pani baali ballr banti
bhiya..aap.kam bahut acha kr rhe h ...bas ek kam or kar dijiye. ye video C.M...sir , Collector or DEO sir ko bhejiyee or unse jawab mangiye.
यहाँ अधिकारी पहुंचे हैं नोटिस भी मिला है उसका भी वीडियो लगा है
@@omprakashausar link shear kijiye
Jay ho sahayta samuh
Sarpanch bhiya ka attitude
भाई आप की जाती क्या है तो,अवसर तो आप के गांव का नाम है न🤔
Patrakar mahoday aap ye bye ki es bajat me bachcho ko kya khila sakte hai pura hisab bataye
एक बच्चा पिछे 1,50 आता है अब हिस्साब करलो और दोष किसे दो गे
Nhi 5.19ata hai
इसके परदे के पीछे को छोड दिया है आपने प्रयास सही मगर रस्ता गलत जीनका काम पढाना है उनको खाने पिलाने कि नौबत किसने लाई
Sir Oman kitna jhan khana banathe
बघेल के एरिया पाटन।
अरे भाई cg में सभी स्कूल में यही हाल है ।क्योंकि सरकार सबसे न्यूनतम दर मध्यान्ह भोजन के लिए देती है वो भी 2 3 महीना बाद देती है। समूह कितना निर्वहन करते है किसी को क्या पता।
सरकार का क्या है कुछ भी निर्देश देती है। उसके क्रियान्वयन के लिए paryapt
फंड देना चाहिए ।ऐसा नहीं की समूह अपना बात सरकार के समक्ष रखती नही ।हर साल तो रसोइया संघ हड़ताल करती है ।और क्या कर सकते है।भाई १रसोइया को रोजी 60 ,65 रूपए पड़ता है। किसी का घर चलेगा ? आप बोलोगे नही चलेगा तो छोड़ दो ।तो कोई भी जो खाना बनाएगा यही करेगा तो क्या हर 2माह में रसोइया बदलते रहेंगे
थोड़ा तर्कसंगत बात करना चाहिए ।
सब के सब चोर है , सरकार के हर योजना का फायदा
का फायदा गरीबों के बजाय अमीर उठा रहे है ,,
Bhai log aap log government hospital me bhi jao vaha pe dva kya hota h testing kya hoti plz aap jao