वैसे तो हम भी उत्तराखंड के ही हैं लेकिन हमारी परवरिश शुरू से ही दिल्ली में हुई है हमारा पैतृक गांव भी पौड़ी गढ़वाल में ही आता है हालांकि हमारा पैतृक गांव पौड़ी मुख्यालय से शायद सौ से डेढ़ सौ किलो मीटर और लैंसडॉन से भी लगभग पचास किलोमीटर दूर पड़ता है! पिछले 2-3 साल में कुछ जरूरी कागजात के सिलसिले में हमें पौड़ी शहर आना पड़ा लेकिन हमने देखा की पौड़ी शहर जितना देखने में सुंदर है उससे कई गुना ज्यादा पौड़ी शहर में अवस्थाएं है ना तो कार पार्किंग का उचित व पर्याप्त व्यवस्था है, न तो पर्यटकों के रहने के लिए कोई अच्छे होटल हैं! जिला मुख्यालय होने की वजह से कई विभागों के जिला कार्यालय पौड़ी शहर में स्थित है ऐसे में बाहर से देखने में जो होटल अच्छे लगते हैं उन होटल में अकसर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का कब्जा जमा रहता है मजबूरी में पर्यटकों को छोटे मोटे व बहुत ही लो ग्रेड होटल में रहना पड़ता है या फिर शहर से दूर श्रीनगर या फिर खिरसू की तरफ जाना पड़ता है! पौड़ी शहर जिला मुख्यालय होने के बावजूद भी यहां के बाजार में पहाड़ की विशेषताओं वाला या पहाड़ के व्यंजनों वाला कोई होटल ढाबा भी नहीं है! सबसे बड़ी कमी तो इतना बड़ा शहर होने पर भी शहर में साफ सफाई का भी उचित बंदोबस्त नहीं है और सार्वजनिक शौचालय भी नाकाफी हैं पौड़ी शहर के एक छोर से दूसरे छोर में जाने पर कुछ सार्वजनिक शौचालय (पुरुष) नजर भी आए तो वहां पर राशन की दुकान की तरह लाइन लगी हुई नजर आ रही थी और साफ सफाई की व्यवस्था नहीं थी। आप अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से ऐसी छोटी छोटी सुधार योग्य समस्याओं से क्षेत्र के विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधि को अवगत करा सकते हैं!
Going back to one’s routes is are extremely nostalgic moments . Not just Pauri , complete Garhwal is extremely beautiful. You are blessed to have it as your ‘ Janambhumi’. You have showcased your Hometown exceptionally well.
ध्रुव भाई में लगभग 15 साल पहले पौड़ी गया था बहुत ही प्यार और सुंदर शहर और बहुत ही ऊंचाई पर हाइट पर बसवा शहर है मेरा एक दोस्त था जो उत्तराखंड पुलिस में वहां ट्रेनिंग कर रहा था उससे मिलने में वहां गया था।
राजेश जी 15 साल पहले तक शहर का इतना विस्तार नहीं हुआ होगा जितना पिछले कुछ सालों में हो गया है हम भी VCD-DVD के जमाने (2011 और 2012) में उत्तराखंडी फिल्म की शूटिंग के लिए कोई लोकेशन देखने अपने मुंबईया फिल्मकार मित्रों के साथ पौड़ी, श्रीनगर और रुद्रप्रयाग गए थे लेकिन तब और अब मैं बहुत फर्क आ गया है अब इन तीनों ही जगह का बहुत विस्तार हो गया है जिस आर्थिक दृष्टि से देखें तो बहुत ही अच्छा संदेश है लेकिन सरकार और संबंधित विभागीय कर्मचारियों के नकारेपन या लापरवाही की वजह से हो रही है अव्यवस्था नकारात्मक संदेश भी देती है!
Dhruv bhai the great good to see you itne time baad Aur aap to padosi nikle mein Joshimath se hu Dehradun bhi rehta hu aur Delhi bhi Aapko dekhta rehta hu
I was totally clueless that you are from Pauri, I am glad. I think this is 1st floor above shoe store 7:12 , I used to buy “pace Lakhani “ from uncle.
वैसे तो हम भी उत्तराखंड के ही हैं लेकिन हमारी परवरिश शुरू से ही दिल्ली में हुई है हमारा पैतृक गांव भी पौड़ी गढ़वाल में ही आता है हालांकि हमारा पैतृक गांव पौड़ी मुख्यालय से शायद सौ से डेढ़ सौ किलो मीटर और लैंसडॉन से भी लगभग पचास किलोमीटर दूर पड़ता है! पिछले 2-3 साल में कुछ जरूरी कागजात के सिलसिले में हमें पौड़ी शहर आना पड़ा लेकिन हमने देखा की पौड़ी शहर जितना देखने में सुंदर है उससे कई गुना ज्यादा पौड़ी शहर में अवस्थाएं है ना तो कार पार्किंग का उचित व पर्याप्त व्यवस्था है, न तो पर्यटकों के रहने के लिए कोई अच्छे होटल हैं! जिला मुख्यालय होने की वजह से कई विभागों के जिला कार्यालय पौड़ी शहर में स्थित है ऐसे में बाहर से देखने में जो होटल अच्छे लगते हैं उन होटल में अकसर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का कब्जा जमा रहता है मजबूरी में पर्यटकों को छोटे मोटे व बहुत ही लो ग्रेड होटल में रहना पड़ता है या फिर शहर से दूर श्रीनगर या फिर खिरसू की तरफ जाना पड़ता है! पौड़ी शहर जिला मुख्यालय होने के बावजूद भी यहां के बाजार में पहाड़ की विशेषताओं वाला या पहाड़ के व्यंजनों वाला कोई होटल ढाबा भी नहीं है! सबसे बड़ी कमी तो इतना बड़ा शहर होने पर भी शहर में साफ सफाई का भी उचित बंदोबस्त नहीं है और सार्वजनिक शौचालय भी नाकाफी हैं पौड़ी शहर के एक छोर से दूसरे छोर में जाने पर कुछ सार्वजनिक शौचालय (पुरुष) नजर भी आए तो वहां पर राशन की दुकान की तरह लाइन लगी हुई नजर आ रही थी और साफ सफाई की व्यवस्था नहीं थी।
आप अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से ऐसी छोटी छोटी सुधार योग्य समस्याओं से क्षेत्र के विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधि को अवगत करा सकते हैं!
Going back to one’s routes is are extremely nostalgic moments . Not just Pauri , complete Garhwal is extremely beautiful. You are blessed to have it as your ‘ Janambhumi’. You have showcased your Hometown exceptionally well.
Yes true...your comment is very kind...Thank you so much...
Badhia place bhai🎉
ध्रुव भाई में लगभग 15 साल पहले पौड़ी गया था बहुत ही प्यार और सुंदर शहर और बहुत ही ऊंचाई पर हाइट पर बसवा शहर है मेरा एक दोस्त था जो उत्तराखंड पुलिस में वहां ट्रेनिंग कर रहा था उससे मिलने में वहां गया था।
Bohat accha laga aapka comment padhke..
राजेश जी 15 साल पहले तक शहर का इतना विस्तार नहीं हुआ होगा जितना पिछले कुछ सालों में हो गया है हम भी VCD-DVD के जमाने (2011 और 2012) में उत्तराखंडी फिल्म की शूटिंग के लिए कोई लोकेशन देखने अपने मुंबईया फिल्मकार मित्रों के साथ पौड़ी, श्रीनगर और रुद्रप्रयाग गए थे लेकिन तब और अब मैं बहुत फर्क आ गया है अब इन तीनों ही जगह का बहुत विस्तार हो गया है जिस आर्थिक दृष्टि से देखें तो बहुत ही अच्छा संदेश है लेकिन सरकार और संबंधित विभागीय कर्मचारियों के नकारेपन या लापरवाही की वजह से हो रही है अव्यवस्था नकारात्मक संदेश भी देती है!
@@santoshdhyani5484 ❤️❤️❤️👍👍👍❤️❤️❤️
Dhruv bhai the great good to see you itne time baad
Aur aap to padosi nikle mein Joshimath se hu
Dehradun bhi rehta hu aur Delhi bhi
Aapko dekhta rehta hu
Thank you so much...kabhi milte hai
Beautiful pauri
Thanks a lot
Druv bhai mom ke sath bhi blog banao-main nahi ghuma apni mom ke sath ab bahut lagta hai❤️❤️👍
Dhruvji Namste aapka video podhi gadhwal ka kafi acha laga aap sportsman rahe ho kafi achi baat he me ahmedabad se hu Mansingh Rajput good luck
Kabhi milte hai Mansingh ji..
Pauri-gharwal and pauri kya ek hai ?
Kotdwar kitne doori pe hai
Pauri Garhwal ek pura district hai, jisme kotdwar aur pauri 2 alag alag blocks hai. Kotdwar approx 100 kms dur hai pauri se
❤Nice video n blogging
Thank you so much
Dhruv bhai mein bhi 20/6/2024 ko apki ghar ke niche hi tha par par us time mujhe pata nhi tha ki apka ghar pauri mein hai
Bhai scorpion grass ka ilaaj hai charas ke patte se ghaso. Ussi waqt theek ho jaati hai
Thanks for the information..
Are wahh bheji ap uttarkhand pauri se ho kya???
Hanji baiji
Suna hain ki bus stand ke najdik se hi joshimath Jane ka rasta jata hain. Kya sahin hai
Nhi neeche se srinagar ka raasta Jaata hai
👍🌹
Sir just abhi abhi 12th pass kiya hai ky karu ki aap sai zyada achi life enjoy kr saku koi guidance do na 🙏
Bhai naukri karlo koi...
@@DhruvNorth sir just abhi abhi 12th hua hai itni jaldi naukri....
@@gaminghubz1174 Toh 4 saal baad kar lena, Waise hona kuch nahi hai, 4 saal baad bhi wahi naukri milegi jo abhi milegi.
❤❤
❤❤❤❤
Manali ka cafe band kar diya kya?
Nahin bhai, its open
But right now im also in dehradun
Sir aapke restaurant ka kya hua?
It's open bro
Bhaiya kb aaye the pauri 😅
Last week bro
Nice
Nariyal tel lagaya jata hai kandali lag jaaye to
Okay, thanks for your suggestion
😅😅😅😅😅😅😅😅😅
❤
dhru bhai dikhne m muslim lagte ho..baten b apki
Aap chunav lad lo aur develop karo,jise value hoti wahi samaj sakta.
Mera v tumare ghr k niche h ghr
Kaha?
Bua k ghr ke niche srinagar road
ध्रुव भाई आप तो पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे फिर वैशाली जी से आपकी लव मैरिज कैसे हो गई उसकी भी स्टोरी बताइएगा जरूर।❤❤❤
Sure..
Mom ko dikhana tha bhi ❤️👍
At 20:00 : pehle wo tumse sab ugalwaegi fir usi ko use kr ke tumhe maregi 🤣🤣
😄
Beautiful pauri
Thanks a lot