आज मिथिला में बाजे बधैय्या हो
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- Опубликовано: 4 фев 2025
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मेरे प्राणेश प्राणधन परम पूज्य सद्गुरुदेव भगवान जी के श्री चरण कमलों में कोटि-कोटि बारंबार सादर साष्टांग दंडवत प्रणाम निवेदन करता हुँ🌹🙏🏻🌷
जय गोमाता जय गोपाल भक्तवत्सल प्रभु दीनदयाल🌹🙏🏻🌷
Dhanya Dhanya Gurudev
जय सिया जु
जय जय श्री राधे राधे
Shri Radhe Radhe Maharaj ji ap ke Shri chrankamal me koti koti parnam🙇🙏
Ananad Hi Ananad🙇🙏
जय हो मेरे नाथ ।
Jai Shree SitaRam 🙏❤️
Jai ho sant Maharaj 🙏
जय हो 🙏🙏
Radhey Radhey.
जयहो श्रीकिशोरी जू की❤
श्रीराम जय राम जय जय राम
Jai shri sitaram
प्रणाम, गुरु जी, हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे!, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
श्री सीताराम श्री सीताराम परम पूज्य महाराज जी के पावन चरणों में बारम बार प्रणाम, महाराज जी के वचनों के अनुसार किसी भी व्रत में समा का प्रयोग वर्जित है और समा सात प्रकार के अनाज में पाया जाता है तो मंगलवार हनुमान जी के व्रत में अनाजका कोइ भी पदार्थ पाया जाना नहीं चाहिए, कृपया इस संशय का निवारण करें श्री सीताराम श्री सीताराम
भजो रे मन सिया सिया
आज मिथिला में बाजे बधैया हो, आज प्रगटी सिया सुखदैया हो॥
निमि रघु कुल सौभाग्य प्रगट भयो, प्रमुदित लोग लुगैया हो,
श्रीराघव की प्राण प्रिया जू, रसिकन की सुखदैया हो॥
भूमि-तिलक तिरहुत को शुभ थल, धन्य सीतामढ़ी धैया हो,
कर्षत भूमि यज्ञार्थ प्रगट भई, धन्य जनक सुनयना मैया हो॥
सीता सीत-स्पर्श से प्रगटी, सीता नाम धर्यो मुनिरैया हो,
माधव मास द्वितीय वासंती, जानकी नवमी सुखदैया हो॥
नाचत गावत वाद्य/मृदंग बजावत, देव सुमन झरि नैया हो,
जाचक सबहिं अजाचक कीन्हें, दिए रतन अश्व गज गैया हो॥
जासु अंस ते सची सारदा, उमा रमा प्रगटैया हो,
लोक वेद विधि जातकर्म भयो, स्वस्ति पढ़ें द्विजरैया हो॥
जानकी नौमी तिथि/(कथा मध्य) जानकी जनम भयो/लियो, मिथिला/(कथामंडप) में बाजे बधैया हो,
युगल चरण रति सेवा याचत/माँगत,
सेवा याचत, महल टहल याचत, माँगें 'राजेंद्रदास' बधैया हो॥
Radhey Radhey.
Jai ho guruvar
जय श्री सीताराम जी महाराज