कौनो ठगवा नगरिया लूटल हो। अर्थ सहित । by/sumedha

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 20 окт 2024

Комментарии • 7

  • @manjupatel3384
    @manjupatel3384 Год назад +7

    अति सुंदर विचार सुन कर मन को शांति प्रदान हुई और मैं आपके विचार हमेशा सुनती हूं।
    🙏🙏🙏

  • @girishsharma4910
    @girishsharma4910 Год назад +4

    साहेब बन्दगी साहैब जी

  • @Priyanka.gupta1234
    @Priyanka.gupta1234 Год назад +7

    Very very nice thought

  • @hukamsingh4722
    @hukamsingh4722 Год назад +5

    Maasahabjisabbandgijee

  • @amarsinghpatel4179
    @amarsinghpatel4179 Год назад +5

    🤲🤲🤲🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼

  • @ramprakashmaurya8892
    @ramprakashmaurya8892 5 месяцев назад +1

    नमो बुद्धाय जय भीम बहुत ही सुन्दर विचार प्रस्तुत किया और ग्यान वर्धक वर्णन किया शाहब बंदगी प्रयागराज यू पी

  • @haradhanmondol2516
    @haradhanmondol2516 7 месяцев назад

    आपने लिखी है की कौन ठगवा नगरिया लूटल हो भजन का अर्थ सहित इसमें दर्शाया गया है, लेकिन पुरे में कहीं इसका अर्थ नहीं बता पायी। केवल आपने भजन को पढ़ कर सुना रहे हो। इस तरह की झूठ-मूठ की बातें आप मत करो।
    आपको ये पता है?कि कबीर साहब कहे हैं इसके क्या गुढ़ अर्थ है??आप जानते ही नहीं। इसकी बहुत ही गुढ़ अर्थ समया हुआ है,जो आप कुछ नहीं जानते,आप केवल अपनी चैनल को चलाने के लिए ये सब करते हो, ये मैं सब समझ गया। इसके अर्थ आपको जानना है तो मुझे पूछो, मैं बता दूंगा। कोई भी चीज को बिना जाने ही लोगों को झूठ-मूठ के बेवकूफ मत बनाओ। आपसे तो बहुत अच्छी है जया किशोरी जी। उनकी बातों में अर्थ बिहिन नहीं है, और बहुत अच्छी बातें करती हैं। आप अगर जानती हो तो इस भजन का खोलकर अर्थ बताओ। कि चन्दन रुपी काठ के कौनसा खटोलना के बारे में कबीर साहब ने बताया। कौनसा दुल्हीन उसपर सुतल है।
    दुल्हीन कौन है,और चन्दन का खोटोलना क्या है?? अतः आप बेकार वाली बातें ना करें।