(रहें ना रहें हम, महका करेंगे बन के कली, बन के सबा, बाग़े वफ़ा में)...२ मौसम कोई हो इस चमन में रंग बनके रहेंगे इन फ़िज़ा में चाहत की खुशबू, यूँ ही ज़ुल्फ़ों से उड़ेगी, खिज़ा हो या बहारें यूँही झूमते, युहीँ झूमते और, खिलते रहेंगे बन के कली बन के सबा बाग़ें वफ़ा में रहें ना रहें हम ... खोये हम ऐसे क्या है मिलना क्या बिछड़ना नहीं है, याद हमको गुंचे में दिल के जब से आये सिर्फ़ दिल की ज़मीं है, याद हमको इसी सरज़मीं, इसी सरज़मीं पे, हम तो रहेंगे, बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में रहें ना रहें हम ... जब हम न होंगे तब हमारी खाक पे तुम रुकोगे चलते चलते अश्कों से भीगी चांदनी में इक सदा सी सुनोगे चलते चलते वहीं पे कहीं, वहीं पे कहीं हम, तुमसे मिलेंगे, बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में ... रहें ना रहें हम, महका करेंगे ... Duet Version सुमन: है ख़्हूबसूरत ये नज़ारे ये बहारें हमारे दम-क़दम से रफ़ी: ज़िंदा हुई है फिर जहाँ में आज इश्क़-ओ-वफ़ा की रस्म हम से दोनों: यूँही इस चमन,यूँही इस चमनकी,ज़ीनत रहेंगे बन के कली बन के सबा बाग़-ए-वफ़ा में रहें ना रहें हम ...
Santoor...... jitna Khoobsurat ye naam hai utna hi Khoobsurat iski aawaaz hai......
Excellent 👌
Flawless.
Please continue to entertain us more with such renditions in future too.
Thanks in advance.
I just chanced to hear this, n OMG I felt like some magic happening...such lovely performance...
Things which should be viral are becoming ignored! That's why nothing is possible for this generation!😞
Old melody in new way. Soulful
Outstanding❤
Beautiful rendition Ninad ❤️👍👏👏👏😀
Excellent 👌👌👌👏👏👏
🙏🙏
Just Magic !!!
Mind blowing
Well played, Excellent.
Well done...superb
❤❤
🦋🦋🦋🎶🎶🎶
(रहें ना रहें हम, महका करेंगे
बन के कली, बन के सबा, बाग़े वफ़ा में)...२
मौसम कोई हो इस चमन में
रंग बनके रहेंगे इन फ़िज़ा में
चाहत की खुशबू, यूँ ही ज़ुल्फ़ों
से उड़ेगी, खिज़ा हो या बहारें
यूँही झूमते, युहीँ झूमते और, खिलते रहेंगे
बन के कली बन के सबा बाग़ें वफ़ा में
रहें ना रहें हम ...
खोये हम ऐसे क्या है मिलना
क्या बिछड़ना नहीं है, याद हमको
गुंचे में दिल के जब से आये
सिर्फ़ दिल की ज़मीं है, याद हमको
इसी सरज़मीं, इसी सरज़मीं पे, हम तो रहेंगे, बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में
रहें ना रहें हम ...
जब हम न होंगे तब हमारी
खाक पे तुम रुकोगे चलते चलते
अश्कों से भीगी चांदनी में
इक सदा सी सुनोगे चलते चलते
वहीं पे कहीं, वहीं पे कहीं हम, तुमसे मिलेंगे, बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में ...
रहें ना रहें हम, महका करेंगे ...
Duet Version
सुमन:
है ख़्हूबसूरत ये नज़ारे
ये बहारें हमारे दम-क़दम से
रफ़ी:
ज़िंदा हुई है फिर जहाँ में
आज इश्क़-ओ-वफ़ा की रस्म हम से
दोनों:
यूँही इस चमन,यूँही इस चमनकी,ज़ीनत रहेंगे बन के कली बन के सबा बाग़-ए-वफ़ा में
रहें ना रहें हम ...
Mind blowing ✨🪄
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👍
Wah
I just chanced to hear this, n OMG I felt like some magic happening...such lovely performance...
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