DNA: ट्रोल आर्मी को लेकर क्यों चिंतित Supreme Court के जज? | Sudhir Chaudhary | Trollers | Analysis

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  • Опубликовано: 19 янв 2025

Комментарии • 312

  • @aniltiwari1128
    @aniltiwari1128 3 года назад +30

    जज साहब को निर्भय होकर निष्पक्ष न्याय करना चाहिए कौन क्या कहता है इस पर ध्यान नही देना चाहिए।

    • @radhekrishandas3966
      @radhekrishandas3966 3 года назад +1

      Kya mjak kr rhe ho? Agr judge nyay krenge to dhi handi ki hight kun napega. Atankiyo ko kun bachaega manavadhikar ka rona rokr. Ar corona pr kese bolenge? Jo kisan andoln daru ke theke se nhi phelta. Kewl mndir se phelta hai

  • @aniltiwari1128
    @aniltiwari1128 3 года назад +14

    जो भी अराजक वर्ग न्याय प्रक्रिया में बाधक बने उसके लिए कानून बनाकर उनको जड़ से समाप्त कर देना चाहिए । लोकतंत्र की भी एक मर्यादा होती है ।जब लोकतंत्र भीड़ तंत्र में परिवर्तित होने लगे तो उसपर मर्यादा की सीमारेखा से बाहर नही जाने देना चाहिए और जो भी उलंघन करता हो उसका समूल बिनास कर देना चाहिए।

  • @myheart8548
    @myheart8548 3 года назад +16

    सुधीर सर आप अच्छी तरीके से न्यूज देते हैं। जय हिन्द जय भारत

    • @GovindBMW
      @GovindBMW 3 года назад +2

      Jay Jay Shree Ram

  • @ganeshpanigrahi5866
    @ganeshpanigrahi5866 3 года назад +8

    भारत की न्याय व्यवस्था को संशोधन जरुरी आबश्यकता है...
    भारत की सबसे बड़ी प्रखर कर्मयोगी और सच्चा राष्ट्रभक्त पत्रकार श्रीयूक्त सुधीर चौधरी जी को मैं अनेक अनेक वधाई और शुभकामनाएं देता हूँ...
    भारत माता की जय...

  • @Wajdnbxbbb17j
    @Wajdnbxbbb17j 3 года назад +8

    आपका किसी वक्तव्यं कौ स्पष्ट करने का प्रयास बहुत अच्छा है🙏हिंन्द हिंन्दी हिंन्दुस्थान

  • @gayathriprabhakar9393
    @gayathriprabhakar9393 3 года назад +17

    Why worry of criticism or trolls, our PM is facing critics day in day out, inside the nation as well as from outside, but keeps doing good work, and appreciated by many. Why care for small percentage of negative thinkers. We can't please everyone always

  • @अखंडभारत-भ4ठ
    @अखंडभारत-भ4ठ 3 года назад +8

    अरे मीलार्ड साहब देश भर की अदालतों में लगभग 5 करोड़ केस पेंडिंग हैं। 2021 में इसके लिए कुछ काम किया। और क्या काम किया। ताकि लोगों समय न्याय मिल सके। समय पर न्याय न मिलने के कारण दिनोंदिन अपराध बढ़ते जा रहे हैं। और अपराधी बेखौफ होते जा रहे हैं।

  • @gyanbhandar5890
    @gyanbhandar5890 3 года назад +22

    ऐसे डरपोक लोगों को. सुप्रीम कोर्ट का जज नहीं बनना चाहिए. जो लोग अपने इज्जत की वजह से मामले से ही हट जाए.

    • @kukku1220
      @kukku1220 3 года назад +1

      Afwah failane me hmare desh ke log bahut mahir h ye jante ho to khud ko unke jagah me rkh ke dekho tab smjh aayega

    • @kukku1220
      @kukku1220 3 года назад +1

      Kisi ko nicha dikhana bahut aasan hota h Or tumhe koi nicha dikhye to kaisa lgega, mja aayega na

    • @SwamiDineshanandji
      @SwamiDineshanandji 3 года назад +1

      Bilkul sahi kaha

    • @niteshmeena6135
      @niteshmeena6135 3 года назад

      Right

    • @gyanbhandar5890
      @gyanbhandar5890 3 года назад +1

      @@kukku1220 यह किसी को ऊंचा और नीचा दिखाने का बात नहीं है. आपको यह सोचना होगा सुप्रीम कोर्ट कोई छोटा-मोटा कोर्ट नहीं होता. भारत के सबसे उच्च न्यायालय है वह. उनका फैसला भगवान का फैसला माना जाता है. क्योंकि भगवान के बाद सुप्रीम कोर्ट की सबसे उच्च न्यायालय है भारत में. और वह लोग ही अपनी इज्जत या अपने बदनामी की वजह से अपने आपको मामला से हटाने लगे. तोे भारतवासी किसके ऊपर विश्वास करेंगे. भगवान अगर किसी को दुख देता है वही दुखी लोग भगवान को कोसते हैं. किसी को सुख देता है तो वही लोग भगवान का धन्यवाद करते हैं. अब भगवान तो नए और अन्य दोनों का विचार करेगा. सुप्रीम कोर्ट वाले भी वैसा ही होना चाहिए

  • @satyabirsingh2740
    @satyabirsingh2740 3 года назад +3

    आलोचना से डरने वाले जज नही हो सकते।
    इस तरह, सत्य से मुंह चुरा कर, निष्पक्षता का चोला ओढ़ने वालो को, इतने महत्व पूर्ण केस से अलग होने से काम नहीं बनेगा। बल्कि त्यागपत्र दे देना चाहिए।

  • @jllukhikelin9269
    @jllukhikelin9269 3 года назад +24

    मुन्नी वो.. बदनाम वाली
    चाची ये.. भूरी.? वाली
    पार्टी ये.. इटली वाली
    सिद्धू जी ठोको ताली

  • @linkcreate3026
    @linkcreate3026 3 года назад +1

    सुधीर जी आपसे निवेदन है छोटे और कम विकसित राज्य और शहरो की भी समस्याओं पर भी आप ध्यान दिया करे। जैसे हारे MP में अभी भी अच्छे स्कूल, काँलेज खेल अकादमी अच्छी रोड, उद्योग नही है। सरकार पर कुछ दबाव बनेगा

  • @Rakka31
    @Rakka31 3 года назад +2

    जब मीडिया और अदालत सरकार के साथ मिल कर शोषण करेंगे तो निरीह जनता ट्रोल के अलावा और कर भी क्या सकती है। अच्छा लगा ये सुन कर कि आपलोगों को ट्रोल से थोड़ा डर लगता है।

  • @अखंडभारत-भ4ठ
    @अखंडभारत-भ4ठ 3 года назад +8

    अरे मीलार्ड साहब जब हमारी सेना के ऊपर उंगली उठाई जाती है। तब तो स्वमोटो एक्शन नहीं लेते हो। और सिर्फ हिंदुओं के त्योहारों पर बिना मांगे ज्ञान देने लगते हो। लेकिन आज जब बात अपने ऊपर आई। तो चीखें निकने लगी। अभिव्यक्ति की आजादी सिर्फ आपको नहीं है। देश के हर नागरिक को है।

    • @shriramkadam6468
      @shriramkadam6468 3 года назад

      बहुत सुन्दर जवाब दिया है

  • @aniltiwari1128
    @aniltiwari1128 3 года назад +4

    न्याय पक्रिया का लोकप्रियता से कोई संबंध नही होना चाहिए। न्याय पालिका इन सबसे उपर है।

  • @siddhantsingh2810
    @siddhantsingh2810 3 года назад +12

    यह गलत है देश के सब लोगों को न्यायपालिका पर विश्वास होना चाहिए ...जजों को टोल करना गलत है अगर न्यायपालिका खतरे में आ गई तो फिर इस देश का लोकतंत्र कभी बच नहीं पाएगा

  • @bhimsinghsaini9267
    @bhimsinghsaini9267 3 года назад +8

    आज समय ऐसा आ गया है जब लोकतंत्र देश के लिए खतरा पैदा कर रहा है

  • @spsrajput985
    @spsrajput985 3 года назад +4

    Jai Shree Ram

  • @mlpadha303
    @mlpadha303 3 года назад +15

    Judges are suppose to be above public opinion and follow the law as directed in the Constitution.

    • @amathpatl8041
      @amathpatl8041 3 года назад +4

      you are right . I would say these are coward judges,

    • @vidushimathur2669
      @vidushimathur2669 3 года назад

      Most of the times they are have prejudices , they favour , pressure and at times their personal interests superceded and in between Justice is lost.
      Which is unfortunate.

  • @AnilKumar-fn2he
    @AnilKumar-fn2he 3 года назад +5

    Sudhir sir good news dikhate ho 👍👍

  • @Rakka31
    @Rakka31 3 года назад +1

    कौन नहीं जानता कि सरकार और जज ही मिल जुल कर वकीलों को जज बनाते हैं।

  • @rangeenkhana4189
    @rangeenkhana4189 3 года назад +6

    Jay shiree ram 🙏

  • @chintuchintu6932
    @chintuchintu6932 3 года назад +12

    Supreme Court का भी रवैया आज कल काफी बदल गया है। इसलिए जो हो रहा है इसकी जिम्मेदारी भी Supreme Court की ही है। जैसा जो करेगा, वैसा वो भरेगा।।।

  • @GeoPoly55
    @GeoPoly55 3 года назад +12

    India suffering from 5th generation warfare. India mein bohot jyada freedom of expression hai isliye log kuch bhi bolte hai democracy ke nam par, har ek Institute ko troll karte hai. Bohot contemptible hai ye

  • @linkcreate3026
    @linkcreate3026 3 года назад

    आपकी बात सही है। शिक्षा की बात करने वालो के मँहगे मँहगे स्कूल काँलेज है।

  • @kusum.sharmakls.6623
    @kusum.sharmakls.6623 3 года назад +1

    जो न्याय धीश दबाव पर आ जाए उनके ,कोर्ट से बाहर,यानी घर पर रहने की स्लाह देनी चाहिए,माननीय मोदी जी को🙏

  • @niwaskumar704
    @niwaskumar704 3 года назад +1

    Very imformative
    India me aise hona democracy par khatra hai

  • @yogeshshandilya9761
    @yogeshshandilya9761 3 года назад

    Amazing view Sudhir jee .Thanks .

  • @rahulpoonia7473
    @rahulpoonia7473 3 года назад

    Sab se transparent sudhir bhai

  • @SR-ng4gm
    @SR-ng4gm 3 года назад +6

    सुधिर Sir आपकी आवाज से Z न्यूज मे मजा आ गया।इस तरह अपनी आवाज बुलंद करने का प्रयास करें🙏🚩🚩

  • @Amarnath0137
    @Amarnath0137 3 года назад +9

    I'm addicted to your voice, it's true. 🤣

  • @p.moksheshwarraj7664
    @p.moksheshwarraj7664 3 года назад +1

    Jai hind sir 🙏

  • @Rakka31
    @Rakka31 3 года назад +1

    जस्टिस गोगोई तो राज्यसभा में हैं। तो क्यों नहीं न्यायपालिका में सुधार के लिए आवाज़ उठाते हैं। जज के रूप में सड़क पर प्रेस कांफ्रेंस करने से अच्छा है कि राज्यसभा जैसे ताकतवर मंच से आवाज उठाई जाए क्योंकि उचित मंच यही है।

  • @raghvendraprasadtiwari724
    @raghvendraprasadtiwari724 3 года назад +3

    अगर ईमानदार फैसला है तो ट्रोल से क्या डर

  • @pranjalsrivas
    @pranjalsrivas 3 года назад +15

    Solution, Judges Should sit behind the glass in secret and names of judges should not be discloused to anyone. Only after final judgement they sign the papers so that no one can pressurize them before proceedings

    • @sheelas8775
      @sheelas8775 3 года назад +1

      Very Sensible and Practucal Solution worth considering seriously....!

    • @amathpatl8041
      @amathpatl8041 3 года назад +1

      great solution, but how and how long secrecy be maintained is the question but possible if the case is solved in a few days

    • @somlatasingh8606
      @somlatasingh8606 3 года назад

      Nothing can be kept secret in this country. As everyone cries on right to information. Too much of freedom, excessive pressure on democracy is the reason behind it. Now democracy = anarchy

    • @खुंखानइंसान
      @खुंखानइंसान 3 года назад

      हिंदुस्तान अमीर हिन्दू गरीब हिंदुओ की अच्छे से कुटाई करते हैं।😁😁😂

    • @anandswaroop4338
      @anandswaroop4338 3 года назад

      Veryshameful

  • @pushpasehgal2548
    @pushpasehgal2548 3 года назад

    जज साहब का बहुत सही विचार।

  • @rajeshsinghrajput2405
    @rajeshsinghrajput2405 3 года назад

    सुधीर चौधरी जी आप ग्रेट हो सर

  • @krishakiduniya
    @krishakiduniya 3 года назад +1

    Right

  • @Rakka31
    @Rakka31 3 года назад +2

    अदालत भी तो सरकारी शोषकों का ही साथ देती है। भय और लालच ही इसका कारण है।

  • @brijesh.prajapatibrijeshpr5904
    @brijesh.prajapatibrijeshpr5904 3 года назад

    Jay Ho sudhir ji

  • @madangarg4973
    @madangarg4973 3 года назад +1

    Sir, one judge who rescused himself from hearing had so many time threatened central Govt.under pressure of naxali kejriwal( during second waive of covid ) now he is feeling threatened from conspirators like naxalies ,communists and congress but threatening an honest central Govt. IN my view he does not deserve to become judge of SC.

    • @scjain7790
      @scjain7790 3 года назад

      Very very rightly said

  • @surendrchopra3597
    @surendrchopra3597 3 года назад

    Very good analysis

  • @shibukumark.v7512
    @shibukumark.v7512 3 года назад

    Very good Sabjact .

  • @vikramverma9004
    @vikramverma9004 3 года назад

    I appreciate your. observation . Lecturer VIKRAM

  • @ashokghasti5203
    @ashokghasti5203 3 года назад

    Very nice topic

  • @donazen2952
    @donazen2952 3 года назад

    The topic is burning fierce at present,,,,, media is totally aware now,,, no injustice can step forward anymore....

  • @yaduvirmishra2706
    @yaduvirmishra2706 3 года назад

    कोर्ट में जजों की नियुक्ति पर मोदी जी की सुधार लागू होने से समाधान हो सकता है।

  • @ramashankarrama511
    @ramashankarrama511 3 года назад

    भला हम देश की आम जनता को भरोसे में कैसे ले सकते हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनता के सामने साहीन बाग , तथाकथित किसान आन्दोलन व अन्य वादों में जनता के समक्ष पेश किया है। कृषि कानून की जांच के लिए जो समिति बनी उसकी भी जांच को लम्बे समय से सुप्रीम कोर्ट में रखा हुआ है और उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है।

  • @pushpasehgal2548
    @pushpasehgal2548 3 года назад

    कहा गया है कि प्रधान मंत्री की सुरक्षा में त्रुटि के मामले में जल्दी से जल्दी फैसला होगा किन्तु जब किसी फैसले में 400 वर्ष भी लग सकते हैं और 30 से 40 वर्ष में फैसला आना तो मामूली बात है तब इस केस में भी ऐसा ही होगा । केस न लेने के बजाय जजों को ऐसे पेशे में आने से पहले ही सोचना चाहिए। हम तो यही सोचते हैं कि जजों पर कोई दबाव नहीं डाल सकता ।

  • @cpgahtyari
    @cpgahtyari 3 года назад +8

    जब तक त्वचा का स्पर्श त्वचा से न हो तब तक बलात्कार साबित नहीं होता। मंबई उच्च न्यायालय का न्याय!

  • @gkplus2877
    @gkplus2877 3 года назад +1

    अहंकारी का कोई भगवान, ईर्ष्यालु का कोई पड़ोसी एवं क्रोधी का कोई मित्र इस दुनियां में नही होता हैं..
    🌾🙏🌾🌷🦚राम राम जी🦚🌷🌾🍀🌾

  • @kanchanbahirat3192
    @kanchanbahirat3192 3 года назад

    मेरा अनुभव बिलकुल अलग है. मेरे साथ भी अन्याय किया है जज ने. मैं स्मॉल कॉज कोर्ट मैं जीती थी। और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट मैं मेरे खिलाफ रिजल्ट अभी 18 दिसंबर 2021 को आया है। और आज तक मुझे जजमेंट अभी तक मिला नही है। सभी लोग कह रहे थे की मेरी स्ट्रॉन्ग केस है और मैने सारे डॉक्यूमेंट्री एविडेंस कोर्ट मैं सबमिट किए थे। फिर भी मेरे अगेंस्ट वर्डिक्ट देकर मुझ पर अन्याय किया है। अभी इस जज और जजमेंट को क्या कहुं और न्याय के लिए मुझे हाई कोर्ट जाना पड़ेगा। मैने मेरे जिंदगी के 13 सालसे केस लड़ रही हू। मैने जो मानसिक, शारीरिक तकलीफ सहन की है। जो इंसल्ट कोर्ट मैं सहन किया है। पैसे का भी लॉस किया है। कोर्ट एविडेंस देखता है। मैं सामान्य स्त्री हूं अभी मैं क्या करू। Very under depression 😔😔😌

  • @satishmishra3417
    @satishmishra3417 3 года назад

    मैं राष्ट्रपति से अनुरोध करूँगा की ऐसी स्थिति बनाई जाये कि हमारे क़ानून के महत्पूर्ण स्तंध स्थापित रहे यही मेरी मरी मनोकामना है

  • @abvar27
    @abvar27 3 года назад +1

    Why can’t the trollers be charged with contempt of court?

  • @pushpasehgal2548
    @pushpasehgal2548 3 года назад

    यह मामला भी नहीं सुलझेगा क्यों कि आतंक और दबाव में आकर फैसला होगा कैसे? जजों ने कमेटी बना दी है किन्तु यह नहीं सोचा कि कमेटी पर भी दबाव डाला जायेगा ।

  • @vinodpandya7637
    @vinodpandya7637 3 года назад +2

    Mr Chaudhary, people who are neither party to a case now feeling that courts are biased. If Supreme court doesn't ask from which sky Salman Khan's new driver dropped after 13 years of lacharak लचरक, proceedings, who will ask ? In many cases Supreme court crtisises police investigation. But then why the court is not ordering a thorough inquiry in police behaviour ? It means Supreme Court has no problem when a policeman or a politician jeopardize the law. So Mr. Sudhir don't take High Seat and ignore national interests.

  • @sudhakarmahadik5490
    @sudhakarmahadik5490 3 года назад +1

    Great news . Sudhir ji

  • @jsjodhajalsu1861
    @jsjodhajalsu1861 3 года назад

    राममंदिर मामले में भी मुस्लिम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केवल जजों के विषेष पावर को प्रयोग में लाना मानते हैं ना की किसी मन्दिर को तोड़कर मस्जिद मानना

  • @devasiamunjely
    @devasiamunjely 3 года назад +2

    Very true. The judiciary is itself responsible for this conondrum.

  • @shriyeshcv
    @shriyeshcv 3 года назад +4

    Sir
    I think so PM Modiji took back agricultural LAWS
    It gave strong

  • @satishmishra3417
    @satishmishra3417 3 года назад

    मुझे नही पता कि मेरे देश के न्यायिक प्रक्रियाओं में वांछित लोग इतना भी ..... मैं अनुरोध करूँगा राष्ट्रपति महोदय से जब से देश आज़ाद हुआ तब से लेकर आज तक जांच का आदेश जारी करे
    हमे पता तो चले कौन भारत का है कौन विदेशी है

  • @r.a.shukla9617
    @r.a.shukla9617 3 года назад +1

    चारों खम्भे कमजोर हैं।

  • @yaduvirmishra2706
    @yaduvirmishra2706 3 года назад

    चिंता मत कीजिए सुधीर जी, आने वाले वर्षों में मीडिया भी अपने आप को पुलिस, कोर्ट के समकक्ष दिखाई देगा। क्या आप भी इसमें अपने आपको सम्मिलित नहीं कर लिए हैं?
    अरनवजी का कवरेज आपने किस तरह किया था। भूल गये?

  • @PrakashSingh-bc7mw
    @PrakashSingh-bc7mw 3 года назад +2

    रामजी हमारे किशन जी हमारे शिवजी हमारे शिवाजी महाराज हमारे महाराणा प्रताप हमारे पी एम मोदीजी हमारे तो इस देश का नाम इंडिया किसलिए भारत बोलिए हिनदुसतान बोलिए सत् सनातन देश बोलिए जय हिंद जय भारत जय हिंद जय भारत जय हिंद जय भारत

  • @nityanandvarma9387
    @nityanandvarma9387 3 года назад

    Saty mev jayte

  • @raghuraj9101
    @raghuraj9101 3 года назад

    Baat nikali hai to door tak jaani chahiye ....aur jimmedar esakaa fruit full result nikaalen .... thanks...

  • @ratilalborana6171
    @ratilalborana6171 3 года назад

    कोर्ट के जज क्या देवता है क्या जिन्होंने कभी रिश्वत नही ली आज कल सब बिकता है सिवाय ईमानदारी और मेहनत के

  • @vinodkumargupta8176
    @vinodkumargupta8176 3 года назад +2

    👁️‍🗨️क्या बहुमत से चुनावों में चुनी हुई सरकार के राष्ट्र हित में निर्णय लेने के अधिकार को भी सर्वोच्च न्यायालय बिना किसी न्यायिक प्रक्रिया के निरस्त कर सकता है__?_ _अगर ऐसा है तो यह लोकतांत्रिक व्यवस्था पर प्रहार हैं l विनोद कुमार सर्वोदय

  • @rajnaththakur7956
    @rajnaththakur7956 3 года назад

    शायद आपको याद नहीं है कि पिछले मई महीना में बंगाल में हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने अपने को अलग कर लिया था।

  • @mangeshsavkar2402
    @mangeshsavkar2402 3 года назад +1

    👍

  • @laxmanghonge2891
    @laxmanghonge2891 3 года назад +4

    100% सुप्रीम कोर्ट जय हिंद जय महाराष्ट्र

  • @surendraverma7574
    @surendraverma7574 3 года назад

    जजों पर सामाजिक, राजनीतिक दबाव के सुप्रीम कोर्ट भी निष्पक्ष निर्णय देने में असमर्थ हो जाय तो न्याय व्यवस्था धंवस हो जाता है।

  • @mahendrajaiswal3070
    @mahendrajaiswal3070 3 года назад +1

    उच्चतम न्यायालय के न्यायधीशों को स्वत: ही अपनी निष्पक्षता पर संदेह नहीं करना चाहिए. अत: व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समुहों के टिका टिप्पणी के भय से न्यायदान करने से चुके नहीं.

  • @ragupta8446
    @ragupta8446 3 года назад +1

    Caring about the consequences of delivery of judgement is the very nagative quality of any judge if it is delivered truly without any favour with any side like any true nationalist and in the intrest of justice

  • @kingk9633
    @kingk9633 3 года назад

    Good night Zee news

  • @anandshnkarmukarjee5569
    @anandshnkarmukarjee5569 3 года назад

    Hamsayekhaye

  • @krushnaprasadnayak3230
    @krushnaprasadnayak3230 3 года назад

    Jai hind

  • @butterfly5478
    @butterfly5478 3 года назад +1

    Wisdom is the best policy if judiciary is honest enough then why he should Backfoot , but if he is not believed in himself then other case.

  • @bhuveneswarkumarpulaka9635
    @bhuveneswarkumarpulaka9635 3 года назад

    Make the law about to arrest troll army who trolled judges

  • @SR-ng4gm
    @SR-ng4gm 3 года назад +2

    हमारे देश में जो जजों को धमकी देते हैं और डरा रहे हैं उनका खात्मा हो जाना चाहिए तभी ही न्याय व्यवस्था में सुधार होगा।
    सत्यमेव जयते🙏🚩🚩

  • @souravshil6034
    @souravshil6034 3 года назад +1

    DNA Good Good News chanal.🙏🙏🙏🌹🌹🌹❤️❤️🙏🙏🙏

  • @ssuragimath3423
    @ssuragimath3423 3 года назад

    In 2007-08 I was sitting in the Karnataka HC when hearing of a Sales Tax matter relating to Coffee planters interest was going on. The judge in the open court that day stated that he is a planter himself. As a common man, I felt he shouldn't have taken up that case.

  • @HurtFlocker
    @HurtFlocker 3 года назад +3

    But the two judges who recused themselves from the case should at least have issued a proper order detailing the reason for doing so. Nothing forbade them from doing that and it would have helped the judiciary in the longer run in someway. Last but not the least, they should have taken strength from the recent example set by the bench that showed its combined wisdom and resolve in giving the landmark judgement in Ram Mandir case. Therefore, these 2 SC judges appear to have somehow gone down without a reasonable fight and that isn't a welcome sign.

  • @r.a.shukla9617
    @r.a.shukla9617 3 года назад

    इसके लिए जज खुद जिम्मेदार है।

  • @digamberhadap1401
    @digamberhadap1401 3 года назад

    मेरा प्रश्न है कि कृष्णा नदी विवाद में जो राज्य पार्टी है,उन्ही राज्यों के न्यायाधीशों को क्यों नियुक्त किया जाता है? अन्य राज्यों से संबंधित न्यायाधीशों की नियुक्ती की जाए. इतके साथ निर्णय समीक्षा में भूगर्भ शास्त्री, पर्यावरण विद,भूगोल विशेषज्ञ,कृषि विशेषज्ञ आदि को भी शामिल किया जाना चाहिए,तब सही न्याय हो सकता है .

  • @vibhorbhardwaj6821
    @vibhorbhardwaj6821 3 года назад

    I'm agree with you your

  • @arti9893
    @arti9893 3 года назад

    Yes👍🏼👍🏼🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🚩🚩

  • @Spjaat87
    @Spjaat87 3 года назад +5

    मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं है

  • @EpacUniverse
    @EpacUniverse 3 года назад

    Apko Ajeet Bharati ko sunna chahiye Sudhir miya

  • @neerajkaushik9393
    @neerajkaushik9393 3 года назад +1

    En Judges ko saja honi chahiye Koyoki ye apne kam se dar gaye Kal to army bhi pichhe hat jayegi ,Tab kya hoga

  • @shubhamshukla3154
    @shubhamshukla3154 3 года назад +2

    Our judiciary are independent and transparent

  • @sheelas8775
    @sheelas8775 3 года назад +5

    Why should any Judge be concerned of any criticism of their verdicts if and when their conscious is crystal-clear of totally unbiased and justified verdicts. Judges should NEVER BE AFFECTED BY ANY THREAT, CRITICISM OR BRIBE OFFERS..! THEY SHOULD HAVE THEIR ABSOLUTE STRENGH OF PERSONAL ROCK-LIKE CONVICTION ABOUT THEIR VERDICT UPHOLDING ABSOLUTE JUSTICE AND TRUTH,,,.!
    THESE POSITIONS ARE JUST ON THE SAME LEVEL AS SOLDIERS ON THE BORDER WAR-LINE WHO PUTS EVERYTHING ELSE, INCLUDING HIS OWN LIFE OR PERSONAL MATTERS AS INCONSEQUECIAL AGAINST THE PURITY OF VERDICT BASED PURELY ON TRUTH AND JUSTICE..!
    IT IS AN EXTREMELY DIFFICULT POSITION BUT THIS DIFFICULT POSITION IS IN ITSELF, AN OCCUPATIONAL HAZARD...! AND MUST BE FACED WITH EXTREME DETERMINATION...!
    NOTHING IN THIS OBSERVATION IS PERSONALLY AGAINST THE JUDGES WHICH IS A PROFESSION CONSTANTLY WALKING ON A TIGHT ROPE...!
    YET, THE JUDGES AN D THE JUDICIARY ALSO MUST BE INTENSLY AWARE THAT THE NATION FOR IT'S VERY SURVIVAL AND EXISTENCE HEAVILY DEPENDS UPON TOTALLY UPRIGHT AND UNCOMPROMISING
    JUDICIARY..!
    THE VERY LIFE AND EXISTENCE OF BILLIONS OF PEOPLE RESTS IN THE VERDICTS OF JUDGES...!
    IT IS FULLY APPRECIATED THAT THIS JOB IS EXPOSED TO EXTREME PRESSURES THROUGH COUNTLESS POWERFUL SOURCES, AND, PRECISELY
    FOR THIS REASON, JUDGES ARE REQUIRED TO BE OF EXTREMELY HIGH STANDARDS OF DEDICATION TO JUSTICE AND TRUTH THROUGH LEGALITIES CONSIDERING THE IMPACT OF THEIR VERDICTS DIRECTLY AFFECTS BILLIONS OF
    LIVES...!
    This is NOT IN THE LEAST MEANT TO BE CASTING ANY ASPERSIONS ON HONOURABLE JUDGES AND JUDICIARIES...@!

  • @txicgaming2572
    @txicgaming2572 3 года назад

    Judges ko public opnion ki tnsion nhi hone chaiya sirf shi judgment deni chaiya.

  • @bhimsinghsaini9267
    @bhimsinghsaini9267 3 года назад

    कोर्ट का फैसला ढुल मूल ह

  • @gulabmahato3013
    @gulabmahato3013 3 года назад

    इस पर कानून बनना चाहिए कि जज का कोई कॉलिंग नहीं कर सकते

  • @manojkumar-th9tl
    @manojkumar-th9tl 3 года назад

    काँग्रेस का सोच ऐसा ही ऐसा हो सकता है कि फैसला उसके पक्ष में ही होना चाहिए!

  • @radheshyampalpal8670
    @radheshyampalpal8670 3 года назад

    सुप्रीम कोर्ट मियां लॉर्ड मैकाले का कोठा कहिए

  • @avijitsarkar9043
    @avijitsarkar9043 3 года назад

    👌👌👌👌

  • @liladharpotlia5587
    @liladharpotlia5587 3 года назад +2

    ऐसे जजों, वकीलों, डीएम और पुलिस अफसरो की सुरु से अब तक की सारी सैलरी ब्याज समेत वापस लेकर नौकरी से निकाल देना चाहिए जो डरपोक होते हैं, जो अपने कर्तव्य का सही से निर्वहन नहीं करते।

  • @krishnajadhav61
    @krishnajadhav61 3 года назад

    बहोत अच्छा विशलेशन. साहब यह बताईये रामजन्मभूमी दावा कितने साल बाद निपटा? दुसरा बम्बई 26/11/2008 का आरोपी अजम कसाब को कितने

  • @madangarg4973
    @madangarg4973 3 года назад

    Sir Judges of SC and HC are himself responsible for such pressure tactics on judiciary because during UPA regime judges were appointed having loyalty with Congress ,communists urban naxals etc. Sir of any judge due to fear of criticism withdraw from hearing is not competent for appointment of judge and should resign from the post of judge.These gentleman can learn from present PM to work fearlessly, Judges were appointed on the recommendation of patroned colgeium of SC.Sir,in my view judges should show courage to deliver impartial judgment so that in future no such lobby could dare to pressurise for any judge.