सच्चा गुरू वही है सभी धर्मों के सभी शास्त्रों का भेद खोल दे। वही आज तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज सभी धर्मों के सभी शास्त्रों के रहस्यों में गूढ़ रहस्यों को सही समय पर जगा दिया है अब परमात्मा का सत्यज्ञान झूठे गुरूओं के झूठे ज्ञान पर भारी पड़ रहा है अज्ञान का अंधेरा दूर हो रहा है। सतगुरू के उपदेश का, लाया एक विचार। जो सतगुरू मिलते नहीं जाते नरक व्दार।।
#यह_काल_का_लोक_है 🕷️”आत्माऐं काल के जाल में कैसे फँसी?“ जब ब्रह्म (ज्योति निरंजन) तप कर रहा था हम सभी आत्माऐं, जो आज ज्योति निरंजन के इक्कीस ब्रह्माण्डों में रहते हैं इसकी साधना पर आसक्त हो गए तथा अन्तरात्मा से इसे चाहने लगे। अपने सुखदाई प्रभु सत्य पुरूष से विमुख हो गए। जिस कारण से पतिव्रता पद से गिर गए। पूर्ण प्रभु के बार-बार सावधान करने पर भी हमारी आसक्ति क्षर पुरुष से नहीं हटी। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
⚡कबीर परमात्मा ने कहा कि दोनों धर्म, दया भाव रखो। मेरा वचन मानो कि सूअर तथा गाय में एक ही बोलनहार है यानि एक ही जीव है। न गाय खाओ, न सूअर खाओ। दोनूं दीन दया करौ, मानौं बचन हमार। गरीबदास गऊ सूर में, एकै बोलन हार।।
#भक्ति_से_भगवान_तक प्रश्नः तत्वदर्शी संत कौन है ? उत्तर : - जो संत संसार रूपी वृक्ष के भिन्न - भिन्न अंगों की विस्तृत जानकारी बता देगा , कि मूल कौन है , तना कौन है , डार कौन है , शाखा व पत्ते कौन हैं , वही तत्वदर्शी संत है ।
🔖सच्चा सतगुरु वो है जो हमारे सभी धर्मों के सदग्रन्थों से प्रमाणित ज्ञान व सतभक्ति देकर जन्म-मृत्यु से छुटकारा दिला दे। सद्ग्रन्थों पर आधारित भक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज ही बताते हैं।
#यह_काल_का_लोक_है 🕷️हम जिस लोक में रह रहे हैं यह काल का लोक है। काल इक्कीस ब्रह्माण्ड का स्वामी (प्रभु) है। इसे क्षर पुरुष, ज्योति निरंजन आदि उपमा से जाना जाता है। यह तथा इसके सर्व ब्रह्माण्ड नाशवान हैं।
जिन खोजा तिन पाइया गहरे पानी पैठि मैं बपुरा बूडन डरा रहा किनारे बैठि वस्तु कहूँ ढूँढे कहीं केहि विधि आवै हाँथ कहें कबीर तब पाईये भेदी लीजै साथ पूर्ण परमात्मा की तलाश करते थक गये हैं तो अवश्य देखें साधना tvदेखें शाम 7:30से संपूर्ण जानकारी प्रमाण के साथ संत रामपाल जी महाराज के द्वारा
जी-माता जी की गति होने में कुछ त्रूटि रह जाए और वे प्रेत बनकर हमारे घर में न घुस जाऐं। कबीर परमेश्वर जी ने बताया है कि जीवित पिता को तो समय पर टूक (रोटी) भी नहीं दिया जाता। उसका अपमान करता है। (सभी नहीं, अधिकतर) मृत्यु के पश्चात् उसको पवित्र दरिया में बहाकर आता है। कितना खर्च करता है। अपने माता-पिता की जीवित रहते प्यार से सेवा करो। उनकी आत्मा को प्रसन्न करो। उनकी वास्तविक श्रद्धा सेवा तो यह है। कबीर जी जो स्पष्ट करना चाहते हैं कि आध्यात्मिक ज्ञान न होने के कारण अंध श्रद्धा भक्ति के आधार से सर्व हिन्दू समाज अपना अनमोल जीवन नष्ट कर रहा है। जैसे मृत्यु के उपरांत अपने पिता जी की अस्थियाँ गंगा दरिया में पुरोहित द्वारा क्रिया कराकर पिता जी की गति करवाई। फिर तेरहवीं या सतरहवीं यानि मृत्यु के 13 दिन पश्चात् की जाने वाली क्रिया को तेरहवीं कहा जाता है। सतरह दिन बाद की जाने वाली लोकवेद धार्मिक क्रिया सतरहवीं कहलाती है। महीने बाद की जाने वाली महीना क्रिया तथा छः महीने बाद की जाने वाली छःमाही तथा वर्ष बाद की जाने वाली बर्षी क्रिया (बरसौदी) कही जाती है। लोकवेद (दंत कथा) बताने वाले गुरूजन उपरोक्त सब क्रियाऐं करने को कहते हैं। ये सभी क्रियाऐं मृतक की गति के उद्देश्य से करवाई जाती हैं। ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj RUclips चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना
21UniversesOfKaal काल इक्कीस ब्रह्माण्ड का स्वामी (प्रभु) है। इसे क्षर पुरुष, ज्योति निरंजन आदि उपमा से जाना जाता है। यह तथा इसके सर्व ब्रह्माण्ड नाशवान हैं।
#यह_काल_का_लोक_है 🕷️🕷️सतलोक में कबीर परमात्मा ने शब्द से 16 पुत्र उत्पन्न किए। सब अपने अपने द्वीप में रहते थे। कबीर परमात्मा ने अचिंत को सतलोक में अन्य सृष्टि रचना करने को कहा। अचिंत ने मदद के लिए अक्षर पुरुष को उत्पन्न किया जो मानसरोवर में सो गया। बहुत समय तक उसके बाहर न आने पर उसे जगाने के लिए परमात्मा ने ज्योति निरंजन कि उत्पत्ति की। फिर उन तीनों को साथ रहने का आदेश दिया। ज्योति निरंजन ने सोचा कि हम तीनों (अचिन्त - अक्षर पुरुष - क्षर पुरुष) एक द्वीप में रह रहे हैं तथा अन्य एक-एक द्वीप में रह रहे हैं। उसने अलग द्वीप प्राप करने के लिए एक पैर पर खड़ा होकर सत्तर युग तक तप किया। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
#सनातनधर्म_का_पुनरुत्थान पूर्व में जितने ऋषि महर्षि हुए हैं, वे सब ब्रह्म की पूजा करते और कराते थे। "ओम् (ॐ)" नाम को सबसे बड़ा तथा उत्तम मन्त्र जाप करने का बताते थे, क्या उन्हें धर्मग्रंथों का ज्ञान नहीं था? Sant Rampal Ji Maharaj App
#21UniversesOfKaal 🎩कबीर परमेश्वर ने सतलोक में मानसरोवर से कुछ अमृत जल लेकर एक अण्डा बनाया तथा उस अण्डे में एक आत्मा प्रवेश की तथा अण्डे को मानसरोवर के अमृत जल में अक्षर पुरुष(पर ब्रह्म, 7 शंख ब्रह्मांड का मालिक) को नींद से जगाने के लिए छोड़ा। अण्डे की गड़गड़ाहट से अक्षर पुरुष की निंद्रा भंग हुई। उसने अण्डे को क्रोध से देखा जिस कारण से अण्डे के दो भाग हो गए। उसमें से ज्योति निंरजन (क्षर पुरुष) निकला जो आगे चलकर ‘काल‘ कहलाया। इसका वास्तविक नाम ‘‘कैल‘‘ है।
Jagatguru tatvadarshi Satguru Sant rampal ji Maharaj purn bhram parmatma Kabir parmeshwar ke roop mein avtarit Satguru bhakti mukti Ke data koti koti dandvat pranam satsahebji jay ho bandi chhod ki
राम एक "#शक्ति_बोधक शब्द" है जो शक्ति की तरफ ईशारा करता है, परमात्मा का बोध कराता है। राम की व्याख्या.. चार राम हैं जगत में, तीन राम व्यवहार । चौथा राम सो सार है, ताका करो विचार ॥ एक राम दशरथ घर डोलै, एक राम घट-घट में बोलै । एक राम का सकल पसारा, एक राम हैं सबसे न्यारा ॥ साकार राम दशरथ घर डोलें, निराकार घट-घट में बोलै । बिंदराम का सकल पसारा, अकह राम हैं सबसे न्यारा ॥ ओउम् राम निरंजन रारा, निरालम्ब राम सो न्यारा । सगुन राम विष्णु जग आया, दशरथ के पुत्र कहाया ॥ निर्गुण राम निरंजन राया, जिन वह सकल श्रृष्टि उपजाया । निगुण सगुन दोउ से न्यारा, कहैं कबीर सो राम हमारा ॥ सगुण राम और निर्गुण रामा, इनके पार सोई मम नामा । सोई नाम सुख जीवन दाता, मै सबसों कहता यह बाता ॥ ताहि नाम को चिन्हु भाई, जासो आवागमन मिटाई । पिंड ब्रह्माण्ड में आतम राम, तासु परैं परमातम नाम ॥ राम-राम सब जगत बखानै, आदि राम कोई बिरला जाने| अधिक जानकारी के लिए 👇 www.jagatgururampalji.org अधिक जानकारी के लिए Satlok Ashram RUclips चैनल पर visit करें |
श्राद्ध क्रिया कर्म मनमाना आचरण है यह शास्त्रों में अविद्या कहा गया है बल्कि गीता अध्याय 16 श्लोज 23 और 24 में कहा है कि जो शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनकी ना तो गति होती है न ही उन्हें किसी प्रकार का आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है
#यह_काल_का_लोक_है 🕷️🕷️कबीर परमेश्वर ने सतलोक में मानसरोवर से कुछ अमृत जल लेकर एक अण्डा बनाया तथा उस अण्डे में एक आत्मा प्रवेश की तथा अण्डे को मानसरोवर के अमृत जल में अक्षर पुरुष(पर ब्रह्म, 7 शंख ब्रह्मांड का मालिक) को नींद से जगाने के लिए छोड़ा। अण्डे की गड़गड़ाहट से अक्षर पुरुष की निंद्रा भंग हुई। उसने अण्डे को क्रोध से देखा जिस कारण से अण्डे के दो भाग हो गए। उसमें से ज्योति निंरजन (क्षर पुरुष) निकला जो आगे चलकर ‘काल‘ कहलाया। इसका वास्तविक नाम ‘‘कैल‘‘ है।
Find God in the Vedas, not in the jungles Where to find the object, where by which method Get Satguru in a wink Yajurveda Chapter No. 40 verse no. 10 Anyadevahuhsambhavadanyadahursambhavat, iti shushrum dhiranam ye nastadvichakshire..10. About God, it is generally said that formless, that is, the one who never takes birth. He is said to come in another form i.e. after taking birth in the form of an incarnation. The one who is a perfect Gnani (Tatvadarshi Saint) explains very well that God is corporeal and what is the method of true spiritual practice to attain God. God is corporeal and co-body (Lord is visible like a king) Yajurveda Chapter 5, Mantra 1, 6, 8, Yajurveda Chapter 1, Mantra 15, Yajurveda Chapter 7 Mantra 39, Rigveda Mandala 1, Sukta 31, Mantra 17, Rigveda Mandala 9, Sukta 86, Mantra 26, 27, Rigveda Mandal 9, Sukta 82, Mantra 1 - 3 Rigveda Mandal 9 Sukta 82 Mantra 2 The Supreme Personality of Godhead attains to the great men to tell the philosophy and destroys their sins by doing good-bhakti. It is written in Rigveda Mandal 9 Sukt 82 Mantra 1 that He is the Supreme God, the creator of the universe, the one who removes sinful deeds, is visible like a king, that is, God is real. There is evidence in Rigveda Mandal 9 Sukt 86 Mantra 17 18, 19 and 20 that God is Kabir Saheb and he is the real Ram. It is written in Rigveda Mandal 9 Sukta 82 Mantra 1 that the Supreme Soul is becoming sound all around the earth and other worlds and that good soul is attained by those who are steadfast devotees. It is written in Rigveda Mandal 9 Sukta 94 Shlok 4 that the Supreme Soul comes physically to impart knowledge to His devotees and goes away physically. There is evidence in Yajurveda Adhyay 5 Mantras 1, 6 and 8 that God is real. Yajurveda Chapter 8 Verse 13 Purna Parmatma destroys the most extreme sins of the seeker, he is KavirDev. There is evidence in Holy Samveda No. 359 Adhyay 4, Section 25 Verse 8 that Kabir Sahib (KavirDev) who comes to the world with Tatvgyan is the Almighty Almighty, the bestower of all pleasures and worthy of worship of all. #EternalGodKabir
मैंने गुरु जी से ऐसा ज्ञान सुना हैं कि _गुरु बिन माला फेरत, गुरु बिन देते दान, गुरु बिन दोनों निषफल है चाहे पूछो वेद पुराण! गुरु से असली, और खुद से नकली लाईसेंस बनेगा, इतना फर्क है सत साहेब जी!
ईसाई धर्म की जानकारी ईसाई धर्म में आदम पहला मानव था ईसाईयों और मुसलमानों दोनों धर्मों का मानना है कि आदम इस धरती पर पहला इंसान था। पर सच नहीं है। एक बार की बात है, एक मनु नाम के ऋषि थे। उसका बेटा इक्ष्वकु था। उनके कबीले में, नाभिराज नामक एक राजा था। राजा नाभिराज के पुत्र ऋषभदेव थे जो जैन धर्म के संस्थापक थे। ऋषभदेव की आत्मा आदम के रूप में दोबारा जन्मीं थी। इस उदाहरण जैन धर्म के पवित्र लेख से लिया गया है- "आओ जैन धर्म को जानें" पृष्ठ संख्या 154 से। यह साबित करता है कि आदम और हउआ से पहले भी मनुष्य थे। जब भगवान यहोवा या काल ब्रह्म ने उन्हें इस धरती पर भेजा, तो अधिकांश जगह अनिवास्य थी। उन्हें एक एकांत स्थान पर भेजा गया था, जिसे हर जगह से अलग कर दिया गया था। सभी ईसाई, मुस्लिम और यहूदी आदम के पोते-पोतियां हैं। यही कारण है कि वे मानते हैं कि आदम पहला मानव था जो वास्तव में सच नहीं है। बाइबिल में में एक से अधिक भगवान बाइबिल में जो भगवान है वे एक नहीं हैं। उसके जैसे और भी हैं। तो वह परम ईश्वर नहीं हो सकता है। पवित्र बाइबिल - उत्पत्ति 3:22 - फिर परमेश्वर ने कहा, "देखो, आदमी हम में से एक की तरह बन गया है, अच्छाई और बुराई जानता है। और अब, वह अपने हाथों को वहाँ पहुंचाए और जीवन के पेड़ से भी ले, और खाये, और हमेशा के लिए अमर हो जाये। परमेश्वर ने कहा, "अब ये मनुष्य हम में से एक की तरह बन गए हैं और क्या अच्छा है और क्या बुरा है इसका ज्ञान है। ■ विचार करने के बिंदु। ईश्वर यह कह रहा है कि ज्ञान के फल खाने के बाद, ये मनुष्य हम में से एक की तरह बन गए हैं। और यदि इन मनुष्यों ने इस बगीचे से जीवन के फल खा लिए, तो वे हमारी तरह अमर हो जाएंगे। यहां मुख्य वक्तव्य "हम में से एक" है। ईश्वर, जो यह बयान कह रहा है, बराबर स्थिति के अन्य देवताओं का भी जिक्र कर रहा है, यही कारण है कि वह "हम में से एक" वाक्य का उपयोग कर रहा है जिसका अर्थ है कि वह अकेला नहीं है। उसके जैसे और भी हैं। •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। साधना चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं। online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
सच्चा गुरू वही है सभी धर्मों के सभी शास्त्रों का भेद खोल दे। वही आज तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज सभी धर्मों के सभी शास्त्रों के रहस्यों में गूढ़ रहस्यों को सही समय पर जगा दिया है अब परमात्मा का सत्यज्ञान झूठे गुरूओं के झूठे ज्ञान पर भारी पड़ रहा है अज्ञान का अंधेरा दूर हो रहा है।
सतगुरू के उपदेश का, लाया एक विचार।
जो सतगुरू मिलते नहीं जाते नरक व्दार।।
He parmatma aapka pura gyaan mere Dimak me Utar jaye itna daya karna parmatma..jay ho bandichhod ki..sat saheb...🙏🙏🙏
#यह_काल_का_लोक_है
🕷️”आत्माऐं काल के जाल में कैसे फँसी?“
जब ब्रह्म (ज्योति निरंजन) तप कर रहा था हम सभी आत्माऐं, जो आज ज्योति निरंजन के इक्कीस ब्रह्माण्डों में रहते हैं इसकी साधना पर आसक्त हो गए तथा अन्तरात्मा से इसे चाहने लगे। अपने सुखदाई प्रभु सत्य पुरूष से विमुख हो गए। जिस कारण से पतिव्रता पद से गिर गए। पूर्ण प्रभु के बार-बार सावधान करने पर भी हमारी आसक्ति क्षर पुरुष से नहीं हटी।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
⚡कबीर परमात्मा ने कहा कि दोनों धर्म, दया भाव रखो। मेरा वचन मानो कि सूअर तथा गाय में एक ही बोलनहार है यानि एक ही जीव है। न गाय खाओ, न सूअर खाओ।
दोनूं दीन दया करौ, मानौं बचन हमार। गरीबदास गऊ सूर में, एकै बोलन हार।।
Anmol gyandatta sant Rampal Ji Maharaj ki Jai Ho.
🙏🙏🙏🙏❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ki Jay Ho satguru Rampal Ji Bhagwan ki Jay Ho 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Bandi chhod satguru rampal bhagwan ki jai ho,🙏🙏🙏🙏
#भक्ति_से_भगवान_तक
प्रश्नः तत्वदर्शी संत कौन है ? उत्तर : - जो संत संसार रूपी वृक्ष के भिन्न - भिन्न अंगों की विस्तृत जानकारी बता देगा , कि मूल कौन है , तना कौन है , डार कौन है , शाखा व पत्ते कौन हैं , वही तत्वदर्शी संत है ।
🌼🌹lशोभा देखी कबीर की नैन रहे ललचाय ।
क्या कहूं छवि रूप की दादू कहीं न जाय।।
🌺🌹🥀🙏🙏🌻🌸🏵️
SatGuru ji ke charano me Koti koti dandvat pranam
धन गया जोबन गया आखिर गया शरीर एक नाम अमर है भजले सत्य कबीर
जगत गुरू तत्व दर्शी बन्दी छोड़ सद्गुरु सन्त रामपाल जी महराज जी के अनमोल मंगल प्रवचन
🔖सच्चा सतगुरु वो है जो हमारे सभी धर्मों के सदग्रन्थों से प्रमाणित ज्ञान व सतभक्ति देकर जन्म-मृत्यु से छुटकारा दिला दे।
सद्ग्रन्थों पर आधारित भक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज ही बताते हैं।
Sat saheb jii
अद्वितीय अध्यात्मिक ज्ञान अवश्य सुनों जगत् गुरू तत्वदर्शी पुर्ण संत रामपाल जी महाराज के मुखकमल से मंगल वचन
जब ही सत्यनाम हृदय धरो भयो पाप का नाश।
जैसे चिंगारी अग्नि की पड़ी पुराने घास।।
दादू नाम कबीर की, जै कोई लेवे ओट। उनको कबहू लागे नहीं, काल बज्र की चोट।।
अनमोल ज्ञान 🙏🌹🙏🌹🙏
बंधी छोड़ सतगुरू के चरणों में कोटी कोटी प्रणाम
Supreme power of kabir
Parmatma ki Jai ho ✌
#यह_काल_का_लोक_है
🕷️हम जिस लोक में रह रहे हैं यह काल का लोक है। काल इक्कीस ब्रह्माण्ड का स्वामी (प्रभु) है। इसे क्षर पुरुष, ज्योति निरंजन आदि उपमा से जाना जाता है। यह तथा इसके सर्व ब्रह्माण्ड नाशवान हैं।
Sad guru sant kavir is complite god.
हम देवी देवताओं की इतनी भक्ति करते हैं फिर भी दुखी क्यों रहते हैं?
अवश्य पढ़ें पुस्तक ज्ञान गंगा।
Satguru sunder roop apara satguru teen lok se niyara 💐 🙏🙏
😊
बहुत अनमोल ज्ञान है पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी।
अ
@@harisoni6873😅😅😂Mi
सतभक्ति करने से चौरासी लाख योनियों का कष्ट दूर हो जाता है।
Sant shiromani parmatma swaroop Sant rampalji maharaj ki jay jaykar Hoti rahe
Bandi Chhod satguru Rampal Ji Maharaj ki Jay Ho 0
सत साहेब जी
SATGURU PURN BRAHM RAMPAL JI SAHEB KI JAY HO
जिन खोजा तिन पाइया गहरे पानी पैठि
मैं बपुरा बूडन डरा रहा किनारे बैठि
वस्तु कहूँ ढूँढे कहीं केहि विधि आवै हाँथ
कहें कबीर तब पाईये भेदी लीजै साथ
पूर्ण परमात्मा की तलाश करते थक गये हैं तो अवश्य देखें साधना tvदेखें शाम 7:30से
संपूर्ण जानकारी प्रमाण के साथ
संत रामपाल जी महाराज के द्वारा
कबीर साहेब भगवान है
यह ज्ञान अच्छा चल रहा है
Kabir is supreme God
ने अव्यक्त रहने की प्रतिज्ञा की।
अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
और जानें गूढ़ रहस्य।
सत साहिब साहिब बंदगी सत्य कबीर
Sat saheb ji 🙏
Very nice👍👏😊
Sat Saheb ji 🙏🙏🙏
जय हो बन्दी छोड़ की जय हो 🙏🙏🙏
Bhai Pawan das jaipur wale ka sath chodd de....satguru ji k mission se bahar h wo abhi.....
कबीर, इस संसार को, समझाऊँ कै बार। पुछ जो पकड़ै भेढ की, उतरा चाहै पार।।
Bandi chhod sadguru rampal ji maharaj ki jai ho
बहुत अच्छा सत्संग
❤😂❤😂❤😂❤🎉🎉 parampita Parmeshwar Bandi Chhod Jagatguru tatvdarshi Sant Rampal Ji Bhagwan ki Jay Ho sat Saheb ji
Miss you papaji
The great satsang
कबीर जे कोई भेदी मिले ज्ञान का उन संग भेद मिलाले
भेदी ना जे बकवादी मिल जाऐ फिर अपनी चुप्प लगाले
जी-माता जी की गति होने में कुछ त्रूटि रह जाए और वे प्रेत बनकर हमारे घर में न घुस जाऐं।
कबीर परमेश्वर जी ने बताया है कि जीवित पिता को तो समय पर टूक (रोटी) भी नहीं दिया जाता। उसका अपमान करता है। (सभी नहीं, अधिकतर) मृत्यु के पश्चात् उसको पवित्र दरिया में बहाकर आता है। कितना खर्च करता है। अपने माता-पिता की जीवित रहते प्यार से सेवा करो।
उनकी आत्मा को प्रसन्न करो। उनकी वास्तविक श्रद्धा सेवा तो यह है।
कबीर जी जो स्पष्ट करना चाहते हैं कि आध्यात्मिक ज्ञान न होने के कारण अंध श्रद्धा भक्ति के आधार से सर्व हिन्दू समाज अपना अनमोल जीवन नष्ट कर रहा है। जैसे मृत्यु के उपरांत अपने पिता जी की अस्थियाँ गंगा दरिया में पुरोहित द्वारा क्रिया कराकर पिता जी की गति करवाई।
फिर तेरहवीं या सतरहवीं यानि मृत्यु के 13 दिन पश्चात् की जाने वाली क्रिया को तेरहवीं कहा जाता है। सतरह दिन बाद की जाने वाली लोकवेद धार्मिक क्रिया सतरहवीं कहलाती है। महीने बाद की जाने वाली महीना क्रिया तथा छः महीने बाद की जाने वाली छःमाही तथा वर्ष बाद की जाने वाली बर्षी क्रिया (बरसौदी) कही जाती है। लोकवेद (दंत कथा) बताने वाले गुरूजन उपरोक्त सब क्रियाऐं करने को कहते हैं। ये सभी क्रियाऐं मृतक की गति के उद्देश्य से करवाई जाती हैं।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj RUclips चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना
Puran parmatma satguru rampal ji maharaj ji k charno me koti koti pranaam koti koti dandvat 🙏☝♥
बन्दी छोड संत रामपाल जी महाराज की जय हो सत साहेब जी🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Anmol gayan Malik ka
Very nice Satsang 🙏🙇🙇
best satsang
Bandichhod ki jay ho Malik ke charnomen das ka dandvàt parnam
तू कहता कागद की लेखी मैं कहता आँखिन की देखी ।
मैं कहता सुरझावन हारि, तू राख्यौ उरझाई रे ॥
🙏🙏🙏
Sat saheb ji
Kabir is god
Satya vachan
Sat saheb Bhagat ji
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳
Sahi gyanh
Nandkishor sah SAT SAHIB
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
21UniversesOfKaal
काल इक्कीस ब्रह्माण्ड का स्वामी (प्रभु) है। इसे क्षर पुरुष, ज्योति निरंजन आदि उपमा से जाना जाता है। यह तथा इसके सर्व ब्रह्माण्ड नाशवान हैं।
Daya kijiye गुरुजी
Jay Ho Bandi Chhod ki
Good
#यह_काल_का_लोक_है
🕷️🕷️सतलोक में कबीर परमात्मा ने शब्द से 16 पुत्र उत्पन्न किए। सब अपने अपने द्वीप में रहते थे। कबीर परमात्मा ने अचिंत को सतलोक में अन्य सृष्टि रचना करने को कहा। अचिंत ने मदद के लिए अक्षर पुरुष को उत्पन्न किया जो मानसरोवर में सो गया। बहुत समय तक उसके बाहर न आने पर उसे जगाने के लिए परमात्मा ने ज्योति निरंजन कि उत्पत्ति की। फिर उन तीनों को साथ रहने का आदेश दिया।
ज्योति निरंजन ने सोचा कि हम तीनों (अचिन्त - अक्षर पुरुष - क्षर पुरुष) एक द्वीप में रह रहे हैं तथा अन्य एक-एक द्वीप में रह रहे हैं। उसने अलग द्वीप प्राप करने के लिए एक पैर पर खड़ा होकर सत्तर युग तक तप किया। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
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पूर्व में जितने ऋषि महर्षि हुए हैं, वे सब ब्रह्म की पूजा करते और कराते थे। "ओम् (ॐ)" नाम को सबसे बड़ा तथा उत्तम मन्त्र जाप करने का बताते थे, क्या उन्हें धर्मग्रंथों का ज्ञान नहीं था?
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🎩कबीर परमेश्वर ने सतलोक में मानसरोवर से कुछ अमृत जल लेकर एक अण्डा बनाया तथा उस अण्डे में एक आत्मा प्रवेश की तथा अण्डे को मानसरोवर के अमृत जल में अक्षर पुरुष(पर ब्रह्म, 7 शंख ब्रह्मांड का मालिक) को नींद से जगाने के लिए छोड़ा। अण्डे की गड़गड़ाहट से अक्षर पुरुष की निंद्रा भंग हुई। उसने अण्डे को क्रोध से देखा जिस कारण से अण्डे के दो भाग हो गए। उसमें से ज्योति निंरजन (क्षर पुरुष) निकला जो आगे चलकर ‘काल‘ कहलाया। इसका वास्तविक नाम ‘‘कैल‘‘ है।
Satya saheb
Aanmol gan hai 😳😳😌
Jagatguru tatvadarshi Satguru Sant rampal ji Maharaj purn bhram parmatma Kabir parmeshwar ke roop mein avtarit Satguru bhakti mukti Ke data koti koti dandvat pranam satsahebji jay ho bandi chhod ki
राम एक "#शक्ति_बोधक शब्द" है जो शक्ति की तरफ ईशारा करता है, परमात्मा का बोध कराता है।
राम की व्याख्या..
चार राम हैं जगत में, तीन राम व्यवहार ।
चौथा राम सो सार है, ताका करो विचार ॥
एक राम दशरथ घर डोलै, एक राम घट-घट में बोलै ।
एक राम का सकल पसारा, एक राम हैं सबसे न्यारा ॥
साकार राम दशरथ घर डोलें, निराकार घट-घट में बोलै ।
बिंदराम का सकल पसारा, अकह राम हैं सबसे न्यारा ॥
ओउम् राम निरंजन रारा, निरालम्ब राम सो न्यारा ।
सगुन राम विष्णु जग आया, दशरथ के पुत्र कहाया ॥
निर्गुण राम निरंजन राया, जिन वह सकल श्रृष्टि उपजाया ।
निगुण सगुन दोउ से न्यारा, कहैं कबीर सो राम हमारा ॥
सगुण राम और निर्गुण रामा, इनके पार सोई मम नामा ।
सोई नाम सुख जीवन दाता, मै सबसों कहता यह बाता ॥
ताहि नाम को चिन्हु भाई, जासो आवागमन मिटाई ।
पिंड ब्रह्माण्ड में आतम राम, तासु परैं परमातम नाम ॥
राम-राम सब जगत बखानै, आदि राम कोई बिरला जाने|
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Nice🎉
dharmedar das
क्या काल का रूप इतना भयंकर है कि जिसे देखकर अर्जुन जैसा योद्धा भी कांपने लगा।
क्या यही कारण है कि पवित्र गीता जी अध्याय 7 श्लोक 25 के अनुसार काल
गुरु। जी। जेल। मे। है। नाम। दान। कोन। दे। रहा। है। आशीर्वाद। कोन। दे। रहा। है। सब। दुकाने। खुली। हुई। हाँ। ये। भी। अँध। भक्ति है
श्राद्ध क्रिया कर्म मनमाना आचरण है यह शास्त्रों में अविद्या कहा गया है बल्कि गीता अध्याय 16 श्लोज 23 और 24 में कहा है कि जो शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनकी ना तो गति होती है न ही उन्हें किसी प्रकार का आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है
बहुत अच्छा सत्संग संत जी ने कहां
🙏🙏
सतगुरु के लक्षण कहूँ मदुरै बैन विनोद।
चार वेद छः शाश्त्र वो कहे अट्ठारह बोध।।
#यह_काल_का_लोक_है
🕷️🕷️कबीर परमेश्वर ने सतलोक में मानसरोवर से कुछ अमृत जल लेकर एक अण्डा बनाया तथा उस अण्डे में एक आत्मा प्रवेश की तथा अण्डे को मानसरोवर के अमृत जल में अक्षर पुरुष(पर ब्रह्म, 7 शंख ब्रह्मांड का मालिक) को नींद से जगाने के लिए छोड़ा। अण्डे की गड़गड़ाहट से अक्षर पुरुष की निंद्रा भंग हुई। उसने अण्डे को क्रोध से देखा जिस कारण से अण्डे के दो भाग हो गए। उसमें से ज्योति निंरजन (क्षर पुरुष) निकला जो आगे चलकर ‘काल‘ कहलाया। इसका वास्तविक नाम ‘‘कैल‘‘ है।
Sun Singhasan Amar. Asan Alakh Purus Nirvan hai Ati Lolin Badin Malik Kader kuw Kuran hai. 📚📚📚📚🙏🙏🙏🙏🙇🙇🙇🙇👮👮👮👮👩👩👩👩. 🌋. 🔥. 🌹. 🍇. 🍉. 🍎. ☑️. 🔝.
चाहिए, जो शास्त्र विरुद्ध हो। अधिक जानकारी हेतु अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
REAL GOD IS kabir
Find God in the Vedas, not in the jungles
Where to find the object, where by which method
Get Satguru in a wink
Yajurveda Chapter No. 40 verse no. 10
Anyadevahuhsambhavadanyadahursambhavat, iti shushrum dhiranam ye nastadvichakshire..10.
About God, it is generally said that formless, that is, the one who never takes birth. He is said to come in another form i.e. after taking birth in the form of an incarnation. The one who is a perfect Gnani (Tatvadarshi Saint) explains very well that God is corporeal and what is the method of true spiritual practice to attain God.
God is corporeal and co-body (Lord is visible like a king)
Yajurveda Chapter 5, Mantra 1, 6, 8, Yajurveda Chapter 1, Mantra 15, Yajurveda Chapter 7 Mantra 39, Rigveda Mandala 1, Sukta 31, Mantra 17, Rigveda Mandala 9, Sukta 86, Mantra 26, 27, Rigveda Mandal 9, Sukta 82, Mantra 1 - 3
Rigveda Mandal 9 Sukta 82 Mantra 2
The Supreme Personality of Godhead attains to the great men to tell the philosophy and destroys their sins by doing good-bhakti.
It is written in Rigveda Mandal 9 Sukt 82 Mantra 1 that He is the Supreme God, the creator of the universe, the one who removes sinful deeds, is visible like a king, that is, God is real.
There is evidence in Rigveda Mandal 9 Sukt 86 Mantra 17 18, 19 and 20 that God is Kabir Saheb and he is the real Ram.
It is written in Rigveda Mandal 9 Sukta 82 Mantra 1 that the Supreme Soul is becoming sound all around the earth and other worlds and that good soul is attained by those who are steadfast devotees.
It is written in Rigveda Mandal 9 Sukta 94 Shlok 4 that the Supreme Soul comes physically to impart knowledge to His devotees and goes away physically.
There is evidence in Yajurveda Adhyay 5 Mantras 1, 6 and 8 that God is real.
Yajurveda Chapter 8 Verse 13
Purna Parmatma destroys the most extreme sins of the seeker, he is KavirDev.
There is evidence in Holy Samveda No. 359 Adhyay 4, Section 25 Verse 8 that Kabir Sahib (KavirDev) who comes to the world with Tatvgyan is the Almighty Almighty, the bestower of all pleasures and worthy of worship of all.
#EternalGodKabir
शर्की
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अरे भाई रामपालजी महाराज तत्वदर्शी का मतलब उस परमात्मा तत्व को दर्शन करवाना होता है।उसके बारे महिमा कह सकते है।आप उसको बावन अक्षर में बता रहे हैं।
गुरु जी क्या आप से बिना नाम दीक्षा ली के मंत्रों का जाप नहीं कर सकते प्लीज बताइए
मैंने गुरु जी से ऐसा ज्ञान सुना हैं कि
_गुरु बिन माला फेरत, गुरु बिन देते दान,
गुरु बिन दोनों निषफल है चाहे पूछो वेद पुराण!
गुरु से असली, और खुद से नकली लाईसेंस बनेगा, इतना फर्क है
सत साहेब जी!
ईसाई धर्म की जानकारी
ईसाई धर्म में आदम पहला मानव था
ईसाईयों और मुसलमानों दोनों धर्मों का मानना है कि आदम इस धरती पर पहला इंसान था। पर सच नहीं है। एक बार की बात है, एक मनु नाम के ऋषि थे। उसका बेटा इक्ष्वकु था। उनके कबीले में, नाभिराज नामक एक राजा था।
राजा नाभिराज के पुत्र ऋषभदेव थे जो जैन धर्म के संस्थापक थे। ऋषभदेव की आत्मा आदम के रूप में दोबारा जन्मीं थी। इस उदाहरण जैन धर्म के पवित्र लेख से लिया गया है- "आओ जैन धर्म को जानें" पृष्ठ संख्या 154 से।
यह साबित करता है कि आदम और हउआ से पहले भी मनुष्य थे। जब भगवान यहोवा या काल ब्रह्म ने उन्हें इस धरती पर भेजा, तो अधिकांश जगह अनिवास्य थी। उन्हें एक एकांत स्थान पर भेजा गया था, जिसे हर जगह से अलग कर दिया गया था। सभी ईसाई, मुस्लिम और यहूदी आदम के पोते-पोतियां हैं। यही कारण है कि वे मानते हैं कि आदम पहला मानव था जो वास्तव में सच नहीं है।
बाइबिल में में एक से अधिक भगवान
बाइबिल में जो भगवान है वे एक नहीं हैं। उसके जैसे और भी हैं। तो वह परम ईश्वर नहीं हो सकता है।
पवित्र बाइबिल - उत्पत्ति 3:22 - फिर परमेश्वर ने कहा, "देखो, आदमी हम में से एक की तरह बन गया है, अच्छाई और बुराई जानता है। और अब, वह अपने हाथों को वहाँ पहुंचाए और जीवन के पेड़ से भी ले, और खाये, और हमेशा के लिए अमर हो जाये।
परमेश्वर ने कहा, "अब ये मनुष्य हम में से एक की तरह बन गए हैं और क्या अच्छा है और क्या बुरा है इसका ज्ञान है।
■ विचार करने के बिंदु।
ईश्वर यह कह रहा है कि ज्ञान के फल खाने के बाद, ये मनुष्य हम में से एक की तरह बन गए हैं। और यदि इन मनुष्यों ने इस बगीचे से जीवन के फल खा लिए, तो वे हमारी तरह अमर हो जाएंगे। यहां मुख्य वक्तव्य "हम में से एक" है।
ईश्वर, जो यह बयान कह रहा है, बराबर स्थिति के अन्य देवताओं का भी जिक्र कर रहा है, यही कारण है कि वह "हम में से एक" वाक्य का उपयोग कर रहा है जिसका अर्थ है कि वह अकेला नहीं है। उसके जैसे और भी हैं।
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Bandi Chhod ki
हम आपके सत्संग सॉन्ग सुनने आपके यहां पर नहीं आ सकते हम फोन में यूट्यूब पर देखते हैं तो क्या मंत्र का जाप कर सकते हैं हमें जरूर बताइए
सतगुरु रामपाल जी भगवान जी के चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
Sat Saheb ji 🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Jai ho bandi chor satguru rampal ji maharaj ki 🙏🙏🙏
Pranam jagat Guru Maha Raj Santa Ram pal ji 🙏🏻
कबीर, ये तन विष की बेलड़ी, गुरु अमृत की खान।
शीश दिए जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान ।।1
जय बंदी छोड़ सत गुरु राम पाल जी महाराज की 🙏🙏