सहमत गुरु जी, इस घटना ने सम्पूर्ण भारत एवं साथ साथ विश्व में भी महाराणा प्रताप एवं मेवाड़ के नाम को जिस साहस, सौन्दर्य, स्वाभिमान, त्याग, के नाम से जाना जाता है उस पर एक दाग सा लगा दिया है। बहुत दुखद समाचार
आप बोल रहे भाई भरत जेसे ही छोटे कुंवरसाहब और बडे भाई महाराणा दोनो वही है पर बिच मे भड़काने वाली मंथरा दासी महलो मै थी भाई भरत कही भटक गये हे एक लिंग नाथ इन हमारे मेवाड़ा के राजा कुंवर सा दोनो भाई को एक बार साथ मिला दे फिर मेवाड़ा का मान बडा दे
Jesa hona chahiye vahi hoga janta dukhi na ho kabhi kabhi na chahte hua bhi din dasha ki vajah se ho jata he mewar vahi he jo pahle tha sada sadiyotak hamesha great hi. Rahega janta. Dookhi na ho Bawaji hukum sab samj gaye he mewar janta ke dilo me basta he
मुझ लगता है लक्ष्यराज सिंह जी को कोई गलत गुमराह कर रहे है उनके निजी सलाकार सही नहीं है तब ए सब हुआ उनको गलत सालाकारियों से बचना चाहिए मेवाड़ की आन बान शान को पहचाना चाहिए आदि से अनंत काल तक चूडावतो ने महाराणा को गादी पर बैठा कर राजतिलक किया है एक बात और जब समाज के लोग आप के घर आते है तो कोई भी उनका स्वागत करता है आप ने समाज के मुंह पर दरवाजा बंद कर दिया समाज पर पत्थर मारे गलत है सब माता पन्ना ने इसलिए तो अपने पुत्र का बलिदान नहीं किया आज पूरा मेवाड़ समाज आहत है
आदरणीय, मैं आपसे आंशिक रूप से सहमत हूँ. मुझे ऐसा लगता है कि विश्वराज सिंह जी की मंशा धूनी माता के दर्शन की नहीं थी बल्कि कुछ असामाजिक तत्वों के बहकावे में आकर वो मात्र अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहते थे. यदि देखा जाए तो अंत में हुआ क्या दर्शन के लिए मात्र 4 अन्य लोगों को ही जाने दिया गया. आप भी श्रीमान कहां महाराणा प्रताप जी को इन से तुलना कर रहे हो. इनके इन्ही हरकतों की वजह से तो अंतिम महाराणा साहिब जी ने इन्हें प्रॉपर्टी से बेधकल किया. मेरे हिसाब से इन्हें अपनी संगत और एडवाइजर्स बदल लेना चाहिए.
बहुत बढ़िया राम राम सा जय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
बहुत सुंदर प्रस्तुतीकरण, धन्यवाद।
भाई साब आप अछी बात रखी धनेवाद
सहमत गुरु जी, इस घटना ने सम्पूर्ण भारत एवं साथ साथ विश्व में भी महाराणा प्रताप एवं मेवाड़ के नाम को जिस साहस, सौन्दर्य, स्वाभिमान, त्याग, के नाम से जाना जाता है उस पर एक दाग सा लगा दिया है। बहुत दुखद समाचार
बहुत अच्छी बात रखी है
सर आप ने बहुत अच्छा बोला आप के चरणों में मेरा प्रणाम
🙏🏻🙏🏻🚩
जै मेवाड़ जै राजस्थान।
Shandar Sir Ji
agreed 🙏
आप बोल रहे भाई भरत जेसे ही छोटे कुंवरसाहब और बडे भाई महाराणा दोनो वही है पर बिच मे भड़काने वाली मंथरा दासी महलो मै थी भाई भरत कही भटक गये हे एक लिंग नाथ इन हमारे मेवाड़ा के राजा कुंवर सा दोनो भाई को एक बार साथ मिला दे फिर मेवाड़ा का मान बडा दे
मेवाड़ के स्वर्णिम इतिहास में काला अध्याय 😢 आपकी कलह को मिल बैठकर सुलझा लेना चाहिए
जय मेवाड़,जय एकलिंग जी की, जय महाराणा
Sahi baat h
Jaj memawr
Jesa hona chahiye vahi hoga janta dukhi na ho kabhi kabhi na chahte hua bhi din dasha ki vajah se ho jata he mewar vahi he jo pahle tha sada sadiyotak hamesha great hi. Rahega janta. Dookhi na ho Bawaji hukum sab samj gaye he mewar janta ke dilo me basta he
मुझ लगता है लक्ष्यराज सिंह जी को कोई गलत गुमराह कर रहे है उनके निजी सलाकार सही नहीं है तब ए सब हुआ उनको गलत सालाकारियों से बचना चाहिए मेवाड़ की आन बान शान को पहचाना चाहिए आदि से अनंत काल तक चूडावतो ने महाराणा को गादी पर बैठा कर राजतिलक किया है एक बात और जब समाज के लोग आप के घर आते है तो कोई भी उनका स्वागत करता है आप ने समाज के मुंह पर दरवाजा बंद कर दिया समाज पर पत्थर मारे गलत है सब माता पन्ना ने इसलिए तो अपने पुत्र का बलिदान नहीं किया आज पूरा मेवाड़ समाज आहत है
🙏🙏🙏
Uday singh n bhi jagmal ko raja bnaya tha jo baad m pratap hi bne
आदरणीय, मैं आपसे आंशिक रूप से सहमत हूँ. मुझे ऐसा लगता है कि विश्वराज सिंह जी की मंशा धूनी माता के दर्शन की नहीं थी बल्कि कुछ असामाजिक तत्वों के बहकावे में आकर वो मात्र अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहते थे. यदि देखा जाए तो अंत में हुआ क्या दर्शन के लिए मात्र 4 अन्य लोगों को ही जाने दिया गया. आप भी श्रीमान कहां महाराणा प्रताप जी को इन से तुलना कर रहे हो. इनके इन्ही हरकतों की वजह से तो अंतिम महाराणा साहिब जी ने इन्हें प्रॉपर्टी से बेधकल किया. मेरे हिसाब से इन्हें अपनी संगत और एडवाइजर्स बदल लेना चाहिए.
श्रीमान आपको जानकारी का अभाव है कृपया करके पूरी जानकारी प्राप्त करें
@ lack of knowledge on this topic is possible. Please 🙏 give me some facts.
🙏🙏🙏