साथ तो बहुत हैं पर साबित करने के लिए सबूत नहीं हे 1576 के समय के । पूरे भारत के भील साथ होने से ही राणा पूंजा सोलंकी, भील थोड़े हो जाएँगे । कुछ आधार कार्ड राशनकार्ड वोटर आईडी , जनाधार कार्ड बताना पड़ेगा ना । कोर्ट सबूत मांगता हैं । भीड़ नहीं ।
हमे आप पर गर्व हे किशन राज जी भील पर आप के साथ हम भी कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे और साबित कर देंगे की राणा पूंजा भील थे , है, और रहेंगे जोहार जय राणा पूंजा भील जय मेवाड़ 🎉
@@radheshyamkhradi7273 जिन लोगों का कोई गौरवशाली इतिहास नहीं होता वे दूसरों के बापों को बेशर्मी से अपने बाप बताने लग जाते हैं जैसे राजपूतों के पुरखों पर आज अलग अलग जातियां दावा करने लगी हैं
इसमे कोई दो राय नही कि भील समाज सदियो से राजपूतो के हमसाये की तरह साथ रहने वाली कौम थी और है और ये बात भी सही है कि महाराणा प्रताप की मेवाङ सेना मे भी भील और मीणा समाज की ही बहुलता थी यही कारण है कि आज भी राजस्थान पुलिस मे "मेवाङ भील कोर" के नाम से बकायदा एक बटालियन बनी हुई है !! राणा पूजा सोलंकी राजपूत थे जिनके वंशज आज भी जिन्दा है तथा राणा पूजा भील समाज के नेतृत्व करने वाले वीर योद्धा थे और भील समाज को राजपूत समाज आज भी सम्मान स्वरूप **राणा** कहकर पुकारते है भील राणा और राजपूतो मे कभी भी वैमनस्य नही रहा राणा पूजा वीर योद्धा थे जिनको आज भी भील समाज और राजपूत समाज दौनो ही समाज बहुत आदर सम्मान से उनका नाम पुकारते है इस मुद्दे को लेकर भील समाज और राजपूत समाज के आपसी संबधो मे कोई वैमनस्य पैदा नही करे सबसे अपील है 🙏🙏
राणा पूंजा भील थे ,में पिछले 35 वर्षों MA Hitrory की किताबों में राणा पूंजा भील पढ़ता आया हूं ,लेकिन धीरे इन्होंने राणा पूंजा भील को राजपूत बना कर भीलों के स्वाभिमान को नीचा गिराना हैं क्योंकि मेवाड़ का इतिहास प्रताप और राणा पूंजा भील और उनकी आदिवासी जाती भील सैनिकों के बहादुरी पर टीका हुआ इसलिए राणा पूंजा को राजपूत बता कर भीलों का इतिहास मिटाना चाहते हैं क्योंकि उनको हमेशा फेसबुक, instagram, टेलीग्राम ,वीडियो ,ओडियो में भीलों की वीरता के वीरता की प्रशंसा की जाती हैं और ये बोला जाता हैं कि भीलों की वजह से प्रताप मुगल अकबर से लड़ पाए पाए थे,अन्यथा नहीं लड़ पाते ,सारे राजपूत अकबर के साथ थे ,शक्ति सिंह भी ,जगमाल भी अकबर के चरण में चले गए थे प्रताप को सिर्फ भीलों के सहारे रह गए थे भीलों ने वीरता पूर्ण अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए शाहिद हो गए । भीलों की" आन प्रथा " में शपथ लेने के बाद वे अपने जबान से कभी पीछे नहीं हटते थे । दोगले राजपूतों ने प्रताप के साथ धोखा कर प्रताप की नीचा दिखाने की पूरी कोशिश की लेकिन भीलों ने अपने रक्त को पानी की तरह बहा कर प्रताप के सिर को झुकने नहीं दिया । धोखेबाज मान सिंह ,शक्ति सिंह ,जगमाल, मान सिंह का का चाचा .....आदि बहुत सारे राजपूत मुगलों से मिलकर प्रताप के खिलाफ हल्दीघाटी ,खमनोर, लगभग 28 वर्षों तक लड़े ।
अगर राणा पूंजा राजपूत होता तो महाराणा प्रताप का सेनापति था तो इतिहास में भी उसका भी बड़ा ठिकाना होता नाम होते हैं जैसे सलूंबर भिंडर बिजोलिया देवगढ़ सादड़ी कोठारिया मांडलगढ़ और भी है पर हम तो पनरवा ठिकाने के बारे में हम खुद और इतिहास में भी अनभिज्ञ है विशेष बात ये तीर कमान गले में भेरूजी की चौकी हाथ में कड़ा और धोती पहने खुला बदन ये ही साक्ष्य और मेवाड़ का राजचिन्ह वो गास की रोटी और छापामार युद्ध मेवाड़ महाराणा का राजतिलक भील के खून से किया जाता और राणा पूंजा सोलंकी राजपूत होता तो महाराणा प्रताप सहायता मांगने जंगल में नही ठिकाने या रावला में जाते
आपके तो अपने भी छोड़कर अकबर के साथ में चले गए थे मानसिंह सिंह शक्ति सिंह हमने तन मन से वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी का साथ दिया आज उनका इतिहास खत्म करने पर तुले हो जय जोहार जय राणा पुजा भील।
जी दादा किशन राज जी भील आप संघर्ष करते रहो वर्तमान समय मे उप चुनाव होने जा रहे है यहा से फ्री होते ही राजकुमार जी रोत डूंगरपुर बांसवाड़ा सांसद साहब को नोटिस जारी किया है रीनासिंह जी सुप्रीम कोर्ट को भील समाज जवाब देंगे पूरे देश के भील समाज सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच सकते है समय रहते रीना सिंह जी सुप्रीम कोर्ट आप नोटिस जारी किया उसे वापिस ले लेना पूंजा भील थे है और रहेगा राणा पूंजा भील की उपाधि जो राणा प्रताप को मेवाड़ से मुगलों से जीत हासिल करवाई भीलों ने उसके बाद महा राणा प्रताप कहलाए इसलिए पूंजा भील को राणा की उपाधि राणा प्रताप के माता जी ने दी थी साथ मेनी जाया रानी जाया भील और राजपूत भाई के बराबर मात्रा मे अधिकार है तो भील जनजाति भील ही है राजपूत नही हो सकते है जोहार जय भीम जय संविधान जय भील प्रदेश ✍️🏹💯✊💪🔥🌍🌿🌱🌾✊
दूसरी बात व्यक्ति विशेष कुछ भी कहो लेकिन भीलों ने महाराणा प्रताप का साथ दिया था इससे तो इनकार नहीं कर सकते हैं और अगर ऐसे ही करते रहे तो कोई भरोसा नहीं इनका
सही बात है युद्ध कोई और लड़ा था खून किसी और ने बाहाया था हम लोग एक जाति जाति में लड़ रहे हैं एक दूसरे सच्चाई क्या है किसी को नहीं पता मैं मानता हूं कलयुग है लेकिन ऐसा भी कलयुग नहीं होना चाहिए पहले भील भाई और राजपूत भाई दोनों मिलकर युद्ध लड़ा करते थे आज इन सरकारों ने एक दूसरे को अलग कर दिया 🥲
समय आने पर मेवाड़ राजगघराना ही बताएगा क्योंकि पानरवा के सोलंकी राजवंश में मेवाड़ राजघराने से वैवाहिक संबंध भी थे इस पर नाथद्वारा विधायक महाराज श्री विश्वराज सिंह जी ने भी कई बार अपने interwew में कहा है की राणा पूंजा जी के वंशज सोलंकी राजवंश है अभी वर्तमान में उनका ठिकाना पानरवा मौजूद है । उनके वंशज 92 वर्षीय राणा मनोहर सिंह जी अभी भी है आपके भीलों के कौनसे वंशज मौजूद है ये भी बताए । ये तो अब कोर्ट ही बताएगा।
जय जोहार दादा जी आपका बहुत बहुत हद से आभार 🙏🙏 और रही बात राजपुतों भाईयों से निवेदन है कि इतने दिन अपन भाई थे लेकिन आज आप ही दोनों जाती यो के प्रेम भावी खत्म कर दिया आप भील समाज को बहुती नीचे दिखा दिया क्यों हम भील राजा नहीं थे क्या कब इस दुनिया में मात्र एक ऐसी जाती जो कि आज भीलों के सामने औकात बता रहे हैं वो औकात भीलों ने ही किया सभी को जब अकबर अटेक करने आए थे तब सब कहां मर गए थे आज सब बोल रहे हैं कि भील क्या और क्या कर सकते अरे अभी वक्त है आपके पास और जब भील सामने करने आ गए तो इतिहास लिखते लिखते कागज़ और कही पेन सिआई कहीं खत्म नहीं हो
@@PuranSingh-x5dbhai sahab Mewar me koi valmiki nahi rehata .....kisi bat ka koi aadhar bi hota he..log kahte he Akbar tumhara jija he to kya tum man longe
निषाद वंश के पुंजा भील ने अकबर को ललकारा था तिलका मांझी, विरसा मुंडा टंट्या भील ने अंग्रेजों को मारा था राजपाल डायर को मारा उधम सिंह ने जान से नाग निषाद की गाथा गाऊँ सुन ले भैया ध्यान से भीम जोहार। बुद्ध वन्दामि
जनता व युवाओ को ऐसी बातों की बजाय शिक्षा व रोजगार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।इन बातों से किसी घर को रोजगार मिलने वाला नही दावे करने से किले या जागीर मिलने वाली है
इतिहासकार और उपन्यासकार में ज्यादा फर्क नहीं होता है , शिलालेख और ताम्रपत्र की लेखनी को सही माना जाता है, परंतु उस भाषा शैली को पढ़ना हर किसी के बस काम नहीं है मुगलकाल व बिर्टिश शासन में बहुत कुछ बदला है, ये लड़ाई लड़ने का काम नहीं है,हकिकत जानने का विषय है।।
1857 की क्रांति में राजस्थान के सभी राजपूत राजाओं ने अंग्रेजों का साथ दिया था ,क्या इतिहास की बात करते हो हजारों भीलों ने अपने प्राणों की आहुति दी हैं ।
भीलों को मामले पर गहन विचार कर इसका जवाब सटिक देना चाहिए नहीं तो मैं ये लोग बहुत गड़बड़ कर सकते हैं देश में सबसे बड़ा भील समुदाय है भीलों को एक होकर जवाब देना होगा
हहहह उपन्यास भी अब ऐतिहासिक प्रमाण हो गये 😂 क्या मज़ाक है। बलवंत राय मेहता, देवीलाल पालीवाल, डॉ देव कोठारी आदि इतिहासकार, उनके प्रमाण नहीं रखे भाई आपने? वरिष्ट लेखक साहब आपका नाम पहली बार हीं सुना है 😂
चितौड़गढ़ दुर्ग के दुवार के ऊपर जो चिन्ह बना है उस में एक तरफ राजपूती वेशभूषा में महाराणा प्रताप व दूसरी तरफ भील वेशभूषा में राणा पूंजा भील है यह चिन्ह इसलिए दर्शाया गया है कि अकबर के खिलाफ महाराणा प्रताप का साथ दिया था क्योंकि उस समय कई राजपूत रियासतों ने महाराणा प्रताप का साथ नहीं दिया था और अकबर की तरफ से राजपूत मानसिंह ने अकबर का साथ दिया था और महाराणा प्रताप का साथ राणा पूंजा भील ने दिया था इसलिए पूंजा भील को राणा की उपाधि स्वय महाराणा प्रताप जी ने दी थी इससे यह स्पष्ट होता है कि राणा पूंजा भील ही थे एडवोकेट पर FIR होने चाहिए
और एक बात कहना भूल गया । पीछे रखे किस ग्रंथ में जोहार शब्द का प्रयोग सबसे ज्यादा बार हुआ हैं। अगर नही पता तो मुझे से मिलना बताऊंगा, वो ग्रंथ तो पीछे नजर ही नहीं आ रहा बाकी सब तो देख रहा हूं। जय श्री राम
सबसे पहले भील का बेटा बिल ही रहेगा भिलो की वीरान गाना भूली नहीं जाती मेरे दादाजी के पास आज भी खंजर जो पहले सरल पाल के डाकू हुआ करते थे आज भी हमारा गांव हम गांव का नाम खतरा जी के नाम से खाखल गांव पड़ा है
दादा किशन राज जी भील आपने बहुत अच्छा जवाब दिया आपका धन्यवाद
भारत का पूरा भील समुदाय आपके साथ है। जय जोहार
❤ Jai Jawan Jai Kisan ❤
साथ तो बहुत हैं पर साबित करने के लिए सबूत नहीं हे 1576 के समय के । पूरे भारत के भील साथ होने से ही राणा पूंजा सोलंकी, भील थोड़े हो जाएँगे । कुछ आधार कार्ड राशनकार्ड वोटर आईडी , जनाधार कार्ड बताना पड़ेगा ना । कोर्ट सबूत मांगता हैं । भीड़ नहीं ।
हमे आप पर गर्व हे किशन राज जी भील पर आप के साथ हम भी कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे और साबित कर देंगे की राणा पूंजा भील थे , है, और रहेंगे जोहार जय राणा पूंजा भील जय मेवाड़ 🎉
राणा पूंजा भील ही था मेवाड़ के जंगलों में जंगल में राजपूत कभी रहते हैं क्या अच्छा किया उन्होंने जवाब दिया किशन भाई को धन्यवाद ऐसे ही जवाब सामने देना
ऐसे नोटिस जारी करने वाले एडवोकेट जी अब आदिवासी समाज जाग चुका है
जय जोहार जय आदिवासी जय भील प्रदेश 🏹 🏹 🏹 🏹
जय जोहार 💪
ओके फिर जाओ कोर्ट में साबित करो । कुछ ऐतिहासिक साक्ष्य पैस करो ।
पहले मिहिर भोज गुजर को राजपूत बता रहे थे आज राणा पूंजा को राजपूत बता रहे हे अब अम्बेडकर को भी राजपूत कहेंगे
😅😂😂😂
Mihir bhoj ka history pata hai tujhe@@silentheroofindia07
@@radheshyamkhradi7273 जिन लोगों का कोई गौरवशाली इतिहास नहीं होता वे दूसरों के बापों को बेशर्मी से अपने बाप बताने लग जाते हैं जैसे राजपूतों के पुरखों पर आज अलग अलग जातियां दावा करने लगी हैं
Abe gawar mihirbhoj prathihar rajput hi hai koi 💩jjar nahi😂😂
Puran singh sahi bole aap
भीलों को आरपार लड़ाई लड़नी होगी कोर्ट में,सड़क पर, विधानसभा,ओर संसद में लड़ाई लड़नी होगी।
🤣🤣🤣
तू मीणा है तू तेरा देख 😂
@@Bhil_raj_historyKAHA LIKHA H VO MEENA H OR USNE SAHI KAHA NAHI LADNA HO TO ASE TESI KARAO 😂😂
Tum.ko.bol.ne.valo
इसमे कोई दो राय नही कि भील समाज सदियो से राजपूतो के हमसाये की तरह साथ रहने वाली कौम थी और है और ये बात भी सही है कि महाराणा प्रताप की मेवाङ सेना मे भी भील और मीणा समाज की ही बहुलता थी यही कारण है कि आज भी राजस्थान पुलिस मे "मेवाङ भील कोर" के नाम से बकायदा एक बटालियन बनी हुई है !! राणा पूजा सोलंकी राजपूत थे जिनके वंशज आज भी जिन्दा है तथा राणा पूजा भील समाज के नेतृत्व करने वाले वीर योद्धा थे और
भील समाज को राजपूत समाज आज भी सम्मान स्वरूप **राणा** कहकर पुकारते है भील राणा और राजपूतो मे कभी भी वैमनस्य नही रहा राणा पूजा वीर योद्धा थे जिनको आज भी भील समाज और राजपूत समाज दौनो ही समाज बहुत आदर सम्मान से उनका नाम पुकारते है इस मुद्दे को लेकर भील समाज और राजपूत समाज के आपसी संबधो मे कोई वैमनस्य पैदा नही करे सबसे अपील है 🙏🙏
भील राणा पूंजा भील है और रहेगा कोई नहीं रोक सकता
राणा पूंजा भील थे ,में पिछले 35 वर्षों MA Hitrory की किताबों में राणा पूंजा भील पढ़ता आया हूं ,लेकिन धीरे इन्होंने राणा पूंजा भील को राजपूत बना कर भीलों के स्वाभिमान को नीचा गिराना हैं क्योंकि मेवाड़ का इतिहास प्रताप और राणा पूंजा भील और उनकी आदिवासी जाती भील सैनिकों के बहादुरी पर टीका हुआ इसलिए राणा पूंजा को राजपूत बता कर भीलों का इतिहास मिटाना चाहते हैं क्योंकि उनको हमेशा फेसबुक, instagram, टेलीग्राम ,वीडियो ,ओडियो में भीलों की वीरता के वीरता की प्रशंसा की जाती हैं और ये बोला जाता हैं कि भीलों की वजह से प्रताप मुगल अकबर से लड़ पाए पाए थे,अन्यथा नहीं लड़ पाते ,सारे राजपूत अकबर के साथ थे ,शक्ति सिंह भी ,जगमाल भी अकबर के चरण में चले गए थे प्रताप को सिर्फ भीलों के सहारे रह गए थे भीलों ने वीरता पूर्ण अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए शाहिद हो गए ।
भीलों की" आन प्रथा " में शपथ लेने के बाद वे अपने जबान से कभी पीछे नहीं हटते थे ।
दोगले राजपूतों ने प्रताप के साथ धोखा कर प्रताप की नीचा दिखाने की पूरी कोशिश की लेकिन भीलों ने अपने रक्त को पानी की तरह बहा कर प्रताप के सिर को झुकने नहीं दिया ।
धोखेबाज मान सिंह ,शक्ति सिंह ,जगमाल, मान सिंह का का चाचा .....आदि बहुत सारे राजपूत मुगलों से मिलकर प्रताप के खिलाफ हल्दीघाटी ,खमनोर, लगभग 28 वर्षों तक लड़े ।
राणा पुजा भील और राणा पुजासिंह में बहुत ही अन्तर है
राणा पूंजा भील था और भिल रहेगा
जय राणा पूंजा जी की अमर कहानी भील है और भील रहेगा
अगर राणा पूंजा राजपूत होता तो महाराणा प्रताप का सेनापति था तो इतिहास में भी उसका भी बड़ा ठिकाना होता नाम होते हैं जैसे सलूंबर भिंडर बिजोलिया देवगढ़ सादड़ी कोठारिया मांडलगढ़ और भी है पर हम तो पनरवा ठिकाने के बारे में हम खुद और इतिहास में भी अनभिज्ञ है विशेष बात ये तीर कमान गले में भेरूजी की चौकी हाथ में कड़ा और धोती पहने खुला बदन ये ही साक्ष्य और मेवाड़ का राजचिन्ह वो गास की रोटी और छापामार युद्ध मेवाड़ महाराणा का राजतिलक भील के खून से किया जाता और राणा पूंजा सोलंकी राजपूत होता तो महाराणा प्रताप सहायता मांगने जंगल में नही ठिकाने या रावला में जाते
अगर राणा पूंजा सोलंकी भील थे तो उनकी रिश्तेदारियां राजपूतों में क्यों थी
राजा थे वे sc st varg मैं कैसे आ गए। राजा की पहचान उनकी रिश्तेदारी और उनके ओहदे v जागीर से पता चल जाता है
ये जबरदस्ती राजपूतों से जोडने का प्रयास कर रहे है राणा पूंजा भील थे ये साफ -साफ इतिहास मे लिखा हुआ है
@@PuranSingh-x5d vh to akbar ki bhi thi
@vikashmeena6687 ऐसे ही राजपूतों को बेशर्मी से अपने बाप बनाते रहो 😀😃😄😀😃
आपके तो अपने भी छोड़कर अकबर के साथ में चले गए थे मानसिंह सिंह शक्ति सिंह हमने तन मन से वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी का साथ दिया आज उनका इतिहास खत्म करने पर तुले हो जय जोहार जय राणा पुजा भील।
जय जोहार जय आदिवासी
राणा पुंजा भील है हम छोड़ेंगे नहीं जो भी हमारे पुरखों को राजपूत बताया तो,,,,,,हम राणा पुंजा भील के वंशज हैं चितौड़गढ़ 09
बील्कुल, सही जबाव हैं, दादा राणा पुजा भील थें और रहेंगे, खुब खुब जोहार 🎉🎉🎉❤❤❤
राणा पूजा भील हे आओर भील रहेंगे
जय मेवाड़ जय भील प्रदेश जय भीम जय भील राज
वकील पैसे के लिए कुछ भी नोटिस निकाल देती है
😂😂
फिर तो तू भी भोज परमार के वंश का हे । तेरे पीछे भी परमार लगा हुआ हैं । दावा करदे
जी दादा किशन राज जी भील आप संघर्ष करते रहो वर्तमान समय मे उप चुनाव होने जा रहे है यहा से फ्री होते ही राजकुमार जी रोत डूंगरपुर बांसवाड़ा सांसद साहब को नोटिस जारी किया है रीनासिंह जी सुप्रीम कोर्ट को भील समाज जवाब देंगे पूरे देश के भील समाज सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच सकते है समय रहते रीना सिंह जी सुप्रीम कोर्ट आप नोटिस जारी किया उसे वापिस ले लेना पूंजा भील थे है और रहेगा राणा पूंजा भील की उपाधि जो राणा प्रताप को मेवाड़ से मुगलों से जीत हासिल करवाई भीलों ने उसके बाद महा राणा प्रताप कहलाए इसलिए पूंजा भील को राणा की उपाधि राणा प्रताप के माता जी ने दी थी साथ मेनी जाया रानी जाया भील और राजपूत भाई के बराबर मात्रा मे अधिकार है तो भील जनजाति भील ही है राजपूत नही हो सकते है जोहार जय भीम जय संविधान जय भील प्रदेश ✍️🏹💯✊💪🔥🌍🌿🌱🌾✊
दूसरी बात व्यक्ति विशेष कुछ भी कहो
लेकिन भीलों ने महाराणा प्रताप का साथ दिया था इससे तो इनकार नहीं कर सकते हैं
और अगर ऐसे ही करते रहे तो कोई भरोसा नहीं इनका
ये लोग भीलों का इतिहास मिटाना चाहते हैं इसलिए ये राणा पूंजा भील को राजपूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं
जय जोहार
राणा पूंजा भील थे है और रहेगा जय जय जोहार उलगुलान
बहुत ही शानदार दादा किशन राज भील
इतिहास चोर और कितना इतिहास चोरा वो गे जय जोहार जय आदिवासी जय राणा पूजा भील
इस एडवोकेट को कोर्ट में ऐसा घसीटा इसके आजीवन सजा होनी चाहिए एडवोकेट नहीं यह दलाली है
जोहार दादा ❣️
बहुत, बहुत धन्यवाद, किशन राज जी, इतिहास के ज्ञात हो आप,जोहार जय आदिवासी ❤❤❤
जोहार 🏹
#भील_योद्धा_राणा_पुंजा_भील
उनके वंशजों का डीएनए परीक्षण करवाना होगा
Bilkul sahi baat kahi aapne.
Pahle tumhara vansj samne lao na@@KrunalGmt
@@ratansinghsolanki328 likhe hue shakhsay batao tum log
Najayaj aulad nikalenge muglo or angrejo ke mix hai farji vanshaj 😃🤣
मर प्यार राजपूत भाई भील ओर राजपूत का बलिदान पुरी दुनिया जानती है लेकिन आज के समय में कुछ लोग भील राजपूत दुसमणी बढार है
❤❤
सही बात है युद्ध कोई और लड़ा था खून किसी और ने बाहाया था हम लोग एक जाति जाति में लड़ रहे हैं एक दूसरे सच्चाई क्या है किसी को नहीं पता
मैं मानता हूं कलयुग है लेकिन ऐसा भी कलयुग नहीं होना चाहिए पहले भील भाई और राजपूत भाई दोनों मिलकर युद्ध लड़ा करते थे आज इन सरकारों ने एक दूसरे को अलग कर दिया 🥲
जब पुरा भारत देश ही आदिवासीयों का था। तो इसमें संदेह बाहर से आए हुए लोग क्यों कर रहे हैं। स्वाभाविक है। कि राणा पुंजा भी भील ही थे ।
जयभील समाज जय राणा पूंजा भील
जय जोहार जय राणा पूंजा भील जय भील प्रदेश
तय दिल से जोहार शुक्रिया आपने बहुत ही अच्छी बात ब बताई
जी सोलंकी झारखण्ड के आदिवासियों में भी होती है
राणा पूंजा भील थे भील है भील रहेगें ❤❤
देखो जिद्द मत करो यार 😂😂
भील भाइयों को नमस्कार
मैंने पढ़ा है राणा पूंजा जी सोलंकी राजपूत थे | 🙏🚩
कहां
किताब का फोटो सैंड करो हम भी पढ़े 😅
कहा से पढ़ा पुरा राजस्थान का इतिहास बोलता है राणा पूंजा भील थे
राणा पूंजा भील थे ,भीलों की वजह से ही प्रताप ने अकबर खिलाफ लड़ाई लड़ी थी ,दोगले तो अकबर से मिलकर प्रताप के खिलाफ लड़ रहे थे।
हम राणा पूंजा जी भील के समर्थन में हैं और राणा पूंजा जी भील ही थे। आपको दादा बहुत बहुत धन्यवाद देते हैं हम।
Johar ❤
👍👍 आपने बहुत ही अच्छे से समझाया
जय जोहार जय🌿🍃 जय राजा पुंजा भील महाराज जय भीम नमो बुद्धाय
किशन दादा को लाख लाख 👏जोहार धन्यवाद 🏹😊🌿
समय आने पर मेवाड़ राजगघराना ही बताएगा क्योंकि पानरवा के सोलंकी राजवंश में मेवाड़ राजघराने से वैवाहिक संबंध भी थे इस पर नाथद्वारा विधायक महाराज श्री विश्वराज सिंह जी ने भी कई बार अपने interwew में कहा है की राणा पूंजा जी के वंशज सोलंकी राजवंश है अभी वर्तमान में उनका ठिकाना पानरवा मौजूद है । उनके वंशज 92 वर्षीय राणा मनोहर सिंह जी अभी भी है आपके भीलों के कौनसे वंशज मौजूद है ये भी बताए । ये तो अब कोर्ट ही बताएगा।
वह दिन आए हमें भी इंतजार है साहब
जय दादा राणा पूंजा भील
जय राणा पूंजा भील,
पुंजाजी भील थे, भील हैं, भील रहेंगे,,
जय जोहार दादा जी आपका बहुत बहुत हद से आभार 🙏🙏 और रही बात राजपुतों भाईयों से निवेदन है कि इतने दिन अपन भाई थे लेकिन आज आप ही दोनों जाती यो के प्रेम भावी खत्म कर दिया आप भील समाज को बहुती नीचे दिखा दिया क्यों हम भील राजा नहीं थे क्या कब इस दुनिया में मात्र एक ऐसी जाती जो कि आज भीलों के सामने औकात बता रहे हैं वो औकात भीलों ने ही किया सभी को जब अकबर अटेक करने आए थे तब सब कहां मर गए थे आज सब बोल रहे हैं कि भील क्या और क्या कर सकते अरे अभी वक्त है आपके पास और जब भील सामने करने आ गए तो इतिहास लिखते लिखते कागज़ और कही पेन सिआई कहीं खत्म नहीं हो
❤❤
जय जय राणा पूंजा भील
जय राणा पूंजा भील
बहुत बढ़िया तथ्यात्मक जवाब दिया
महाराणा प्रताप भील राणा पूंजा के पास सहायता मांगने गए और अखबर का संरक्षण बेहरम खा भी गया था इससे भी साबित होता भील का राणा अलग था
Ye tv serial ki kahani batana band kar , history padle
सोलंकी भीलो की एक गोत्र है ऐसा कक्षा पांच कि किताब मे सामाजिक विज्ञान दर्शाया गया है
सोलंकी गौत्र सभी जातियों में पाया जाता है यहां तक वाल्मीकि जाति में भी तो क्या राणा पूंजा सोलंकी जी को वाल्मीकि जाति का मान लिया जाये
@@PuranSingh-x5dto kya rajput tha
@@PuranSingh-x5dmaharana Pratap ki history kehati he ki ve bheel the .to tum kon hote ho .. change karane vale.
@@PuranSingh-x5dbhai sahab Mewar me koi valmiki nahi rehata .....kisi bat ka koi aadhar bi hota he..log kahte he Akbar tumhara jija he to kya tum man longe
पुजा, नाम,भिल,मे,हि,मिलता, हैं,रजपुत,मेने,कभी,सुना,नही, है
जोहार जय राणा पुंजा भील ❤❤❤
निषाद वंश के पुंजा भील ने अकबर को ललकारा था
तिलका मांझी, विरसा मुंडा टंट्या भील ने अंग्रेजों को मारा था
राजपाल डायर को मारा उधम सिंह ने जान से
नाग निषाद की गाथा गाऊँ सुन ले भैया ध्यान से
भीम जोहार। बुद्ध वन्दामि
राणा पूंजा भील है और रहेंगे
जय जोहार जय राणा पुंजा भील 🎉🎉🎉🎉
एक इंटरव्यू के दौरान महाराणा प्रताप जी के वंशज लक्ष्यराज जी ने खुद कहा है कि महाराणा प्रताप जी का साथ राणा पूंजा भील
ने दिया
उस इंटरव्यू को खोजकर रख लो काम आएगा
चितौड़गढ़ किले पर इंटरव्यू दिया था youtube पर सर्च करने पर मिल जाएगा
Right
राजपूत थे सिद्ध राज़ सोलंकी, राणा पुजा जी
जनता व युवाओ को ऐसी बातों की बजाय शिक्षा व रोजगार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।इन बातों से किसी घर को रोजगार मिलने वाला नही दावे करने से किले या जागीर मिलने वाली है
भील
दादा किशन जी आपको लाख लाख जोहार ❤
आरक्षण का उपवर्गीकरण न्याय संगत है इससे अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण का फायदा मिल पाएगा, रिप्रेजेंटेशन सुनिश्चित होगा, सामाजिक उत्थान होगा।
तू एक बात बता राणा पूंजा भील थे या राजपूत।तू किधर है 😅😂😂😂
Uneducated person 😂😂
एडवोकेटर अच्छी पढ़ाई पहले कर ले यह एडवोकेट तो अभी बनी है उनसे पहले तो इतिहासरखा है भील का तो पहलेइतिहास रखा है
हमारे गांव आज भी गमेती होते हैं
राणा पुंजा जी भील सरदार ही थे प्रत्यक्ष को प्रमाण की ज़रूरत नही होती है फिर भी हमारे किशन राज भाई ने जो प्रमाण दिए वो काफी होंगे उनके लिए
राणा पुजा भील है तो उस की औलाद सामने क्यो नही आती की हम उस की वंश है
भाई साहब आपकी बात में कोई दम नहीं है नहीं साबित होता है कि वो राजपूत नहीं थे इसका मतलब वो राजपूत ही थे
Bahut khub kishanji Johar
जोहार भाई आपने ऐसी युवा समझने की कोशिश करे करे दादा लाख लाख जोहार भाई
जय राणा पूंजा भिल
Jai Rana Puja bheel
जोहार 👏
इतिहासकार और उपन्यासकार में ज्यादा फर्क नहीं होता है , शिलालेख और ताम्रपत्र की लेखनी को सही माना जाता है, परंतु उस भाषा शैली को पढ़ना हर किसी के बस काम नहीं है मुगलकाल व बिर्टिश शासन में बहुत कुछ बदला है, ये लड़ाई लड़ने का काम नहीं है,हकिकत जानने का विषय है।।
1857 की क्रांति में राजस्थान के सभी राजपूत राजाओं ने अंग्रेजों का साथ दिया था ,क्या इतिहास की बात करते हो
हजारों भीलों ने अपने प्राणों की आहुति दी हैं ।
भील अमर रहे
जोहार दादा आपने इतिहास को सब के सामने रखा 🎉
जय जोहार जय आदिवासी 🏹💪
कुछ नहीं ये एक बड़ा षड्यंत्र है जो राजपूत और भीलों को आपस में लड़ाया जा रहा है
भीलों को मामले पर गहन विचार कर इसका जवाब सटिक देना चाहिए नहीं तो मैं ये लोग बहुत गड़बड़ कर सकते हैं देश में सबसे बड़ा भील समुदाय है भीलों को एक होकर जवाब देना होगा
जय राणा पूजा भील
Jai johar Jai aadivasi Jai bheelpardesh ❤❤❤❤❤
जोहार दादा 🏹 जय राणा पूंजा जी भील ❤
हहहह उपन्यास भी अब ऐतिहासिक प्रमाण हो गये 😂 क्या मज़ाक है।
बलवंत राय मेहता, देवीलाल पालीवाल, डॉ देव कोठारी आदि इतिहासकार, उनके प्रमाण नहीं रखे भाई आपने?
वरिष्ट लेखक साहब आपका नाम पहली बार हीं सुना है 😂
अब बहुत सुनोगे भाई
वीर विनोद उपन्यास नहीं ऐतिहासिक महत्व का ग्रंथ है।
Jay Rana poonja bheel Jay Johar Jay aadivasi 🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹
जय जोहार 🏹 दादा किसन जी धन्य हो
चितौड़गढ़ दुर्ग के दुवार के ऊपर जो चिन्ह बना है उस में एक तरफ राजपूती वेशभूषा में महाराणा प्रताप व दूसरी तरफ भील वेशभूषा में राणा पूंजा भील है यह चिन्ह इसलिए दर्शाया गया है कि अकबर के खिलाफ महाराणा प्रताप का साथ दिया था क्योंकि उस समय कई राजपूत रियासतों ने महाराणा प्रताप का साथ नहीं दिया था और अकबर की तरफ से राजपूत मानसिंह ने अकबर का साथ दिया था और महाराणा प्रताप का साथ राणा पूंजा भील ने दिया था इसलिए पूंजा भील को राणा की उपाधि स्वय महाराणा प्रताप जी ने दी थी इससे यह स्पष्ट होता है कि राणा पूंजा भील ही थे एडवोकेट पर FIR होने चाहिए
Jay bhilraj 🔥🔥🔥🏹🏹🏹🏹🏹💪
जयजोहार 🎉🎉🎉🎉🎉
शानदार लगे रहो🏹🏹🏹🏹🏹
जय राणा पुंजा भील जय जोहार जय आदिवासी जय हल्दी घाटी ❤❤
भीलो का सरदार मतलब भीलों का मुखिया होता है वो राजपूत होते थे
क्या प्रमाण हैं आपके पास
अच्छा तू यह बता पूंजा के वंशज कहा है ?
तू बता दे कि राणा पूंजा भील के बेटे का नाम क्या था और वे कहां रहते हैं तुम लोगों चापलूची की बल्कि भीलों ने की
@ गेलचप्पा पूंजा भील नहीं है पानरवा में राणा पूँजा की वंशज है सोलंकी राजपूत अभी जाकर पता कर
हमारे पाल देवल गाँव मे 12 फले है, जिसमें हर फले के अलग अलग भील मुखिया हैं, जिन्हें हम गमेती कहते हैं।
Aapne अच्छी जानकारी दी दादा लाख लाख जोहार
बहुत बहुत धन्यवाद किशन राज जी जय जोहार❤🙏
जोहार दादा
क्रांतिकारी जोहार
और एक बात कहना भूल गया ।
पीछे रखे किस ग्रंथ में जोहार शब्द का प्रयोग सबसे ज्यादा बार हुआ हैं।
अगर नही पता तो मुझे से मिलना बताऊंगा, वो ग्रंथ तो पीछे नजर ही नहीं आ रहा बाकी सब तो देख रहा हूं।
जय श्री राम
अरे भाई वो भी है
भाई तुम ये बताओ कि प्रताप को भीलों के भरोसे किसने छोड़ा और सबसे ज्यादा 95% लोग भील सैनिक ही थे
राणा पूजा भील
इस वकील को पढ़ाई की जरूरत है।
भील भील हे। जोहार 🏹🏹🏹🏹
जानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद🫡🫡🙏🙏🏹🏹
सबसे पहले भील का बेटा बिल ही रहेगा भिलो की वीरान गाना भूली नहीं जाती मेरे दादाजी के पास आज भी खंजर जो पहले सरल पाल के डाकू हुआ करते थे आज भी हमारा गांव हम गांव का नाम खतरा जी के नाम से खाखल गांव पड़ा है
दादा कैश ठोको इस पर हमारे स्वाभिमान पर चोट लगी है इन लोगो को छोडना नही है