देवघर का हरलाजोरी मंदिर, यहीं से जुड़ी है रावण और बाबा वैद्यनाथ धाम की कहानी

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  • Опубликовано: 11 сен 2024
  • देवघर मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर दूर रिखिया आश्रम मार्ग में हरलाजोरी मंदिर अवस्थित है. यह देवघर के प्राचीन मंदिरों में से एक है. इसकी कहानी बाबा धाम से जुड़ी है. ऐसा माना जाता है कि जब लंकापति रावण भगवान शिव को लंका ले जा रहा था, तब लघुशंका के लिए वह यहीं रुका था. उस समय भगवान विष्णु चरवाहे के रूप में वहां आये थे और रावण ने भगवान शिव के स्वरूप मनोकामना लिंग को उसी को देकर लघुशंका से निवृत होने गया था. तब भगवान विष्णु ने मनोकामना लिंग की स्थापना देवघर के वैद्यनाथ धाम में कर दी थी. तब हरलाजोरी में भी एक शिव लिंग प्रकट हुआ था, जिसकी पूजा आज भी की जाती है.
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Комментарии • 2

  • @ajtech8816
    @ajtech8816 3 месяца назад

    🙏🙏💐💐

  • @SunilKumar-ey1cv
    @SunilKumar-ey1cv Год назад

    बैद्यनाथ धाम की नामकरण हमारे यहां के अनुसार एक कथा है कि वहां पर पहले वहां पर जंगल हुआ करता था बैजु नाम का ग्वाल रोज गाय चराया करते थे तो एक दिन क्या दे़खते हैं कि उसकी एक गाय वहां खड़ी है और उसके थन से दूध की धारा अपनेआप गिर रही है तो वह चरवाहा उस सिला पर अपनी लाठी से वार करने लगा और अब उसका रोज का काम हो गया लाठी मारना एक एैसा हुआ कि लाठी मारना भूल गया और शाम को जब खाना खाने बैठा तब उसे याद आया सिला पर लाठी मारना भूल गया तब वह लाठी लेकर दौड़े दौड़े आये और लाठी मारने लगा तब भोले बाबा प्रकट हुए और आसिर्वाद दिया पहले आप तब मैय तब से नाम पड़ा बैद्यनाथ धाम ऊं नमः शिवाय हर हर महादेव