रोज़ / गैंग्रीन (संपूर्ण कहानी)~अज्ञेय
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- Опубликовано: 9 окт 2024
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गैंग्रीन/रोज़ (संपूर्ण कहानी) Gangrene / Roz
लेखक: सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन #अज्ञेय
#गैंग्रीन / #रोज़ .....दोपहर में उस सूने आँगन में पैर रखते हुए मुझे ऐसा जान पड़ा, मानो उस पर किसी शाप की छाया मँडरा रही हो, उसके वातावरण में कुछ ऐसा अकथ्य, अस्पृश्य, किन्तु फिर भी बोझल और प्रकम्पमय और घना-सा फैल रहा था।
मेरी आहट सुनते ही मालती बाहर निकली। मुझे देखकर, पहचानकर उसकी मुरझायी हुई मुख-मुद्रा तनिक से मीठे विस्मय से जागी-सी और फिर पूर्ववत् हो गयी। उसने कहा, ‘‘आ जाओ!’’ और बिना उत्तर की प्रतीक्षा किये भीतर की ओर चली। मैं भी उसके पीछे हो लिया।
भीतर पहुँचकर मैंने पूछा, ‘वे यहाँ नहीं है?’’
‘‘अभी आये नहीं, दफ़्तर में हैं। थोड़ी देर में आ जाएँगे। कोई डेढ़-दो बजे आया करते हैं।’’
‘‘कब के गये हुए हैं?’’
‘‘सवेरे उठते ही चले जाते हैं।’’
‘‘मैं ‘हूँ’ कर पूछने को हुआ, ‘‘और तुम इतनी देर क्या करती हो?’’ पर फिर सोचा, ‘आते ही एकाएक प्रश्न ठीक नहीं हैं। मैं कमरे के चारों ओर देखने लगा।
मालती एक पंखा उठा लायी, और मुझे हवा करने लगी। मैंने आपत्ति करते हुए कहा, ‘‘नहीं, मुझे नहीं चाहिए।’’ पर वह नहीं मानी, बोली,‘‘वाह! चाहिए कैसे नहीं? इतनी धूप में तो आये हो। यहाँ तो।’’
Bahut bahut dhanyawad sir ❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏
Thanks sir
धन्यवाद सर,,,,आपकी मेहनत को सादर नमन
धन्यवाद महाशय ❤
@advsdsharma छत्तीसगढ़ सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा हिंदी विषय के लिये अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने एवं उचीत मार्गदर्शन करे।धन्यवाद
अति सुन्दर प्रस्तुति
Very nice sir
🌹🙏🌹
अत्यंत आभार
Bahut bahut dhanywaad sir ji 🙏🙏🙏🙏
🌹🙏🌹
Thank
🌹🙏🌹
Thank u sir G
🌹🙏🌹
Bahut sunder wachan guru ji 🙏🙏🙏
Thenks so much sir 🙏🙏
🌹🙏🌹
धन्यवाद 🙏👍
Sir apki vyakhya bahut achhi trh se smjh ata h thanku sir
साधुवाद उर्मिला, अपने मित्रों तक चैनल को पहुंचायें
🌹🙏🌹
@@BaatenSahityaKi ji sir
Sir apse ek request h vyakya ka pdf mil skta h sir
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🌹🙏🌹
थैंक यू सर जी🙏🙏🙏💐💐
👌👌👍👍👍👍👍👍👏👏👏👏
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👍👍👍👌👌🙏🙏🙏
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Ghar me naukar nhi hain... Kya naukar insan nhi hote? Writer ne sirf malati ke dard ko hi samjha hai aur naukar rakhne ko aise bolta hai jaise naukar Nari ya Purush se alag hote Hain.
Ba 4th semester chapter 3 hai
सर इस कहानी का प्रकाशन वर्ष क्या है?
Sir inke khani sankln Ka name batso