गौतम बुद्ध जैसी आत्मा इस संसार में कोई दूसरी पैदा नहीं हुई जिसका चरित्र बेदाग निष्कलंक हिंसा का विरोधी और शांति का संदेश देने वाला सार्वभौमिक रहा और जिसको सारे संसार में अधिकतर लोगों ने माना
सर्व मानव समाज के कल्याण करना ही परम धर्म है नमो बुद्धाय सत्यमेव जयते जय भीम जय मूलनिवासी बहुजन समाज जय संविधान जय विज्ञान जय भारत महान संविधान सबके लिए
buddhism ka bhagwan brahmano ke bhagwan se alag hota hai, buddhism mei bhagwan vo hota hai jisne apni saari burai ko nasht kar diya ho, aur brahmano ka bhagwan vo hota hai jo chamtkar kare, laalch ko badhaye.
@@handIe.पहले भागवत गीता पढ़ तब समझेगा तूझे पैदा किया ये किसी चमत्कार से कम है क्या और सुन भगवान हर जगह कण कण में विराजमान है। वो साकार भी है निराकार भी है समझा जब tu सात्विक मनुष्य बन जायेगा तब तूझे भगवान दिखाई देगा और भगवान ब्राह्मण चमार ठाकुर का नही पूरे सृष्टि का पिता है मनुष्य जो भी होता है आपने कर्मानुसार होता है। जहां सत्य है वहां भगवान सदैव रहते हैं
ग़लत धारणा है आप सभी का , बुद्ध बाबा और अवतार नहीं, तथागत थे , लोकविदू अर्थात् सभी लोकों के ज्ञाता थे,देवताओं और मनुष्यों के शास्ता (शिक्षक) हैं। सभी विकारों को भग्न कर दिया, इसलिए वे भगवान हैं। भगवान तथागत बौद्ध धर्म के संस्थापक नहीं प्रवर्तक थे, उनसे पहले भी 27 बुद्ध हो चुके हैं, बौद्ध परंपरा के अट्ठाविसवें बुद्ध हैं, भारत सिर्फ भगवान गौतम बुद्ध को ही जानता है इसलिए सबको लगता है कि वे ही एकमात्र बुद्ध हैं, बौद्ध धर्म के संस्थापक भी पर ऐसा नहीं है, फर्क सिर्फ इतना है कि उन बुद्ध लोगों का ज्ञान सीमित था, पर भगवान तथागत गौतम जी का ज्ञान व्यापक रूप से, उनके समय में हिंदू धर्म था ही नहीं, सिर्फ ब्राह्मण और क्षत्रिय वैश्य शूद्र अस्तित्व में था, भगवान तथागत गौतम भी प्राचीन बौद्ध सभ्यता में ही जन्म लिए थे, हिंदू शब्द तो मुगलों के काल में आया। सिंधु सभ्यता भी बौद्ध सभ्यता ही थी, जो छब्बीसवें बुद्ध कोणागमन बुद्ध के समय का था, पर समय काल अभी भी रहस्यमय है, लगभग 4700ई.पू.में।
हे मुनिवर! बुद्ध ईश्वर के दूत थे, उनसे पहले भी दूत आए और बाद में भी. सभी दूतों ने एक ही धर्म का प्रचार किया भिन्न भिन्न भाषाओं में. फिलासफी और नास्तिक दर्शनों ने उन्हें बदनाम किया और अर्थ का अनर्थ कर दिया...❤
tera dimagh toh sahi hai na jo aam insaan ko baghwan buddhisattva aur buddha bana rahe ho tum baba sahab toh shaman aur arhat bhi nahi thi baghwan buddhisattva aur buddha toh bahut door ki baat hai keval bahari maha gyaani thi naki bitar gyaan 😂😂
ये काहा से जाणकारी पैदा की ? भगवान गौतम बुद्ध किसी इस्वर परमेश्वर को नहीं मानते थे? ठीक से उनके विचार पढो.ओर तुमने ये जाणकारी कहा से पढी ऊस किताब का संदर्भ दो. बौद्ध साहित्य से. किसी ब्राह्मण ने लिखी किताब से नहीं
Ek Raja ka kayar beta tha... Jahan per Desh Mein yuddh ho raha hai Aakraman ho raha hai vahan per vah Mala japta tha.... Jo Apne Dharm ki Raksha Na kar sake vah kahe ka budh...Bhoot
क्रांतिकारी जै भीम, सर्व प्रथम मूलनिवासी गौतम बुद्ध ने ही ध्यान लगाने की विपस्सना विधि की खोज की थी और बुद्ध के समानता वादी जाति रहित उपदेशो को प्रचार और प्रसार को फैलाने के लिये चक्रव्र्ती बुद्धिषठ सम्राट अशोक जी ने फैलाने के लिए विभिन्न स्थान पर 84000 बौद्ध-विहार बनवाऐ थे लेकिन निखटू कमीने कपटी एक ब्राह्मण पुष्यमित्र शुंघ को बुद्ध का प्रचार और प्रसार पंस्ंद नही आया और उसने बुद्ध की संस्कृति और सभ्यता को रौंद कर मूलनिवासी बौद्धिष्ठचक्रवर्ती सम्राट ब्रह्लरथ मौर्य की धौखे से हत्या की 84000 बौद्धविहारों को मंदिर मे बदल कर 33 करोड भगवानो मे बदला और बुद्ध मुर्तियों के होंठ पर लाल रंग लगा कर देवियो मे बदल कर करोड़ बौद्धधर्मी और बौद्ध भिक्षुको के एक एक सिर काट करलाने वाले ब्राह्मण को 100- 100 स्वर्ण मुद्राए दी गयी थी और अयोध्या के सरयू नदी भरवा दी गयी थी और काल्पनिक रामायण, महाभारत, वेद, पुराण,, गीता, और ।।शास्त्र जैसी किताबो को मे ३३ करोड काल्पनिक भगवान और देवियो की कहानियां लिखवा दी गयी। थूया बद्ध ही है जिसे सभी ब्रा विष्णु ब्रह्मा , महेश, राम, कृष्ण, राम, बताते है मेरी बात बहुत कड़वी है लेकिन सौ प्रतिशत सच्ची है चंडीगढ़
Budhh koi bhagwan ni the ak updeshk the jo samaj k ak khas warg ko tssli k liye mangdhnt trika btae pr un k kisi bhi bat ka manusyo pe koi sakartmk prbhav ni pd skta
पागल तब हिंदू शब्द पैदा नही हुआ था वो फारसी शब्द कोश से आया शब्द है और परकीय आक्रमकोणे दि गाली है भगवान बौद्ध के बाद हि भगवान शब्द का उगम हुआ श्री रामचंद्र श्री कृष्णा श्री शंकर श्री विष्णु भगवान बौद्ध के अनुयायी थे सच को धून्ड मिलेगा झूट फैलाना बंद कर.. जय शिवराय जय भिमराव जय महाराष्ट्र जय भारत
1:07 सभी धर्म में जो भी मानवीय तत्व हैं वो सब बौद्ध धम्म के आने के बाद ही आने लगा।इससे पूर्व कोई धर्म, था या नहीं कोई भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता खासकर भारत के संदर्भ में तो और भी नहीं
भगवान बुद्ध ने नय धर्म की स्थापना इसलिए की थी क्योंकि उन्हें सनातन धर्म में कुछ रीतियां पसंद नहीं आई थी, वैसे आपको पता है कि भगवान बुद्ध भी देवी तारा की पूजा करते थे 😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
Koi ho to bhartiya purtatva shakchhiya bata do tabhy to janege atiyadhik gahrai se janne ke liye science jurny aur rational world authentic you tube chainal me aaye debate karle vo bhi bhartiya purtatva shakchhiya sahit Jai bharat
Logo ko sahi marg dikhane ke liye sadharan jivan apnaya tha aur o aadi yogi Jo sabki partima tumko kisi bhi tarah ki najar ayengi par o hamesha dhyan mudra me hi milenge kyuki o aadi yogi hai o unki lila hai aam insaan ko sahi se jine ka arth samjhya bhagwan buddha ko Jo bhi janta hai o alag alag tarh se unke bare me batata hai par satik jankari nhi de pata . bhagwan buddha ko samajh pana aam insaan ke bass ki baat nhi . Namo buddhay.
इस वीडियो में यह बताया गया है गौतम बुद्ध की माता का नाम मायावती बताया लेकिन उनकी माता का सही नाम महामाया था और उनका का 563 ईसाo पूर्व मैं हुआ था । इनसे पहले भी कई बुद्ध हुए लेकिन बोद्धधम्म की स्थानपन। लिखित मैं नहीं हुई होगी इन्होंने इसे लिखित आकार दिया तथा 84 हजार उपदेश पाली भाषा मैं दिए जो की संस्कृत से भी पहली भाषा है और बात हिंदू धर्म की है जो 12वीं सदी मैं सनातन का नाम बदलवाकर मुगलकाल मैं हिंदू करवड़िया गया था जावकी इसे इस शब्द को स्वीकार ही नही किया जाना नही चाहिए था लेकिन गलत लोगो ने इसे बाहर से आए हुए सत्ता के लालची लोगो ने इसे स्वीकार कर आम जनता को थोप दिया लेकिन भारत that is India ही इसका सही और सुंदर नाम है ।जय मेरे मूल भारतवासी एक को जानो एक को पहचानो जगह जगह मत भटको।
गलत कसा आपने बुद्ध के वक्त कोसी धर्म नहीं था . इन्सान को इन्सानियत से देखणे दे ओर सभी लोग आनंद खुषी से मित्र भाव से रहते थे.उनके कोई देवता नहीं थे . निसर्ग,पश,पक्षी,प्राणी मात्रा से प्रेम करते थे .
धर्म तौ आदिकाल से ही था, है और आगे भी रहेगा... सभ्यताएं संस्कृतियां और परंपराएं बनती बिगड़ती रही और सदेव ही आपस में झगड़ते रहे और धर्म को हानि पहुचाने में रहे. बुद्ध भी ईश्वर के दूत थे उनसे पहले भी आए और बाद में भी. सभी ने एक ही धर्म का प्रचार किया भिन्न भिन्न भाषाओं में.
आपने कहा की गौतम बुद्ध सभी धर्मों को समान मानते थे। परंतु आप को ये ज्ञात नही की उनके समय में इस्लाम, सिख, जैन, पारसी या अन्य कोई धर्म था ही नही, केवल एक धर्म था सनातन जिसमे महात्मा ने स्वयं भी जन्म लिया था तो दूसरा कोई धर्म को मानने ना मानने का प्रश्न ही नहीं उठता। दूसरी बात ये की खुद को बौद्ध कहने वाले भारतीय ना जाने क्यों सनातन से नफरत करते हैं जबकि वो जिन महात्मा बुद्ध के अनुयाई हैं वो शांति का संदेश देते थे। और बौद्धों को सनातन के अलावा किस धर्म में ज्यादा सहिष्णुता शांति दिखती है। क्यों कुछ दलित जो खुद को बुद्ध से प्रभावित कहते हैं पर उन्हें इस्लाम को मानने वाले अधिक प्रिय हैं, क्या उन्हे इस्लाम में ज्यादा शांति का अनुभव होता है? मेरा मानना है की ऐसे लोग न गौतम बुद्ध के मार्ग पे हैं ना बाबासाहेब के । जय भीम नमो बुद्धाय बोलने वाले खुद को जय मीम से कैसे जोड़ लेते हैं जबकि सबसे ज्यादा बुद्ध की मूर्तियां इत्यादि इस्लाम वालों ने तोडी। मैं समझता हूं जो अपनी जड़ों से दूर होता है उसका कोई भविष्य नहीं।
जैन धर्म के 24 वे तीर्थंकर महावीर स्वामी गौतम बुद्ध के समकालीन थे , 23 वे तीर्थंकर पारस स्वामी , महावीर स्वामी से 250 वर्ष पहले हुए , आप कह रहे हैं उसे समय जैन धर्म नहीं था,
@@omprakashtripathi3940 🤣🤣🤣🤣buddh mahatma bhi aur bhaguwan bhi kyuki wah buddh bana bipashana dhyan anapansati dhyan se apne tyag tapashya se naki ishwar se ok beta khud karm na karo tw ishwar bhi apkeliye kuch nahi kar payega isliye karm se bada kuch nahi
@@omprakashtripathi3940 not ishwar kripa ok tyag tapashya se buddhawatva paya jata hai ishwariyo kripa se nahi kyuki ishwario kripa pane keliye bhi karm joruri hai ok beta
Nature ka. Isliye Sabse uttam ped ko choose kii hai tap karne kii or Budh Gaya tak Pahunchkar. Bodhi tree. Samast vishwa men shaanti failaane ka prerana swaadhyaay aur Tap se mila hai. Sarva vyaapi Eeshwar anek nahim hai. Moh aur Mad nahim to B nahim. Sarvatra A hii A hai. Advait hii advait hai saheb.
हिन्दु धर्म मे खुद विषणु अवतार श्री राम भी श॓कर जी का पूजा किया करते थे वैदिक म॓त्र का उच्चारण से पूजा हिन्दू धर्म का रिवाज है। वैदो की दिशा निर्देश का पालन करना हिन्दू धर्म की पहचान है। बुद्ध को विष्णु का 24वाँ अवतार कहना क्या बैद समम्त बातें है॓
Iss sansar me bhagwaan koi bhi nahi hai, kisi bhi jaat me nahi par hum jinka aadar karte hai ussi ko wah staan dete hai, buddha ka marg hamaare liye kisi bhagwaan se kum nahi hai
There were no religions at that time, bhaii. All the religions evolved or came after that. So far, there are no written or archaeological evidence before that. . We are just claiming that to become superior. Everything else is very good bhaii. There was sanatan dharma all over in the time of bharat as per record so far. Doesn't matter what was ther. We are here now let's luve peaceful and happily without harming other beings. That's called sanatan.
नमो बुद्धाय ❤❤❤
बहुत अच्छी जानकारी
नमो बुद्धाय 🙏🙏
बौद्ध धर्म नहीं, बौद्ध धम्म् है, बुद्ध भगवान् नहीं हैं, मार्ग दाता हैं,
So why he move 7 steps after birth?
Dharma ak hi he Sanatan dharma.... bhagvan ak hi...he lord Krishna.
Sahi kaha bhai❤
सहि कहाँ बौद्ध धर्म नहि है ।एक पन्थ है।
सनातन मे तो bahut sara bhagwaan hain@@jesangpadhiyar4319
गौतम बुद्ध जैसी आत्मा इस संसार में कोई दूसरी पैदा नहीं हुई जिसका चरित्र बेदाग निष्कलंक हिंसा का विरोधी और शांति का संदेश देने वाला सार्वभौमिक रहा और जिसको सारे संसार में अधिकतर लोगों ने माना
आत्मा पैदा नहीं होती है
सर्व मानव समाज के कल्याण करना ही परम धर्म है नमो बुद्धाय सत्यमेव जयते जय भीम जय मूलनिवासी बहुजन समाज जय संविधान जय विज्ञान जय भारत महान संविधान सबके लिए
Prakarti.
बुद्ध किसी भगवान को नहीं मानते थे लेकिन बुद्ध को मनाने वाले लोग उन्हें भगवान ही मानते हैं क्या अजीब सी बात है
Esileye Tu wo lok unko mana kiyki bhagwaan ko nehi manta wo lok
buddhism ka bhagwan brahmano ke bhagwan se alag hota hai, buddhism mei bhagwan vo hota hai jisne apni saari burai ko nasht kar diya ho, aur brahmano ka bhagwan vo hota hai jo chamtkar kare, laalch ko badhaye.
@@handIe.पहले भागवत गीता पढ़ तब समझेगा तूझे पैदा किया ये किसी चमत्कार से कम है क्या और सुन भगवान हर जगह कण कण में विराजमान है। वो साकार भी है निराकार भी है समझा जब tu सात्विक मनुष्य बन जायेगा तब तूझे भगवान दिखाई
देगा
और भगवान ब्राह्मण चमार ठाकुर का नही पूरे सृष्टि का पिता है मनुष्य जो भी होता है आपने कर्मानुसार होता है।
जहां सत्य है वहां भगवान सदैव रहते हैं
@@ramavtarchaursiya9369panchdawaya kuch jayda hi kha liya apne....kam khaya karo...dimag tik rahega
@@ramavtarchaursiya9369 wese apki gita kab likhi gai..iskoo hi sabit kar doo...pad llne ki bat bad mai karege hum
🙏🙏🙏 namo buddhay
Jay Bheem jay sanvidhan namo Buddha 💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙
Thank you
नमो बुद्धाय
Allah hu Akbar
जय श्रीकृष्ण
नमो बुद्धाय सत्यमेव जयते जय भीम जय मूलनिवासी जय भारत महान जय भीम जय संविधान जय विज्ञान जय भारत महान संविधान सबके लिए
Mulnivasi kon hai bta skte ho
जय शब्द कहा से लाए हो
ये बताओ पहले
Namo budday 🌹🌹🌹🙏💯
Unki Leela aprampar hai ☝️ 🚩NARAYAN NARAYAN🚩 NAMOH BABA BUDDH 🙏🙏🙏
ग़लत धारणा है आप सभी का , बुद्ध बाबा और अवतार नहीं, तथागत थे , लोकविदू अर्थात् सभी लोकों के ज्ञाता थे,देवताओं और मनुष्यों के शास्ता (शिक्षक) हैं। सभी विकारों को भग्न कर दिया, इसलिए वे भगवान हैं। भगवान तथागत बौद्ध धर्म के संस्थापक नहीं प्रवर्तक थे, उनसे पहले भी 27 बुद्ध हो चुके हैं, बौद्ध परंपरा के अट्ठाविसवें बुद्ध हैं, भारत सिर्फ भगवान गौतम बुद्ध को ही जानता है इसलिए सबको लगता है कि वे ही एकमात्र बुद्ध हैं, बौद्ध धर्म के संस्थापक भी पर ऐसा नहीं है, फर्क सिर्फ इतना है कि उन बुद्ध लोगों का ज्ञान सीमित था, पर भगवान तथागत गौतम जी का ज्ञान व्यापक रूप से, उनके समय में हिंदू धर्म था ही नहीं, सिर्फ ब्राह्मण और क्षत्रिय वैश्य शूद्र अस्तित्व में था, भगवान तथागत गौतम भी प्राचीन बौद्ध सभ्यता में ही जन्म लिए थे, हिंदू शब्द तो मुगलों के काल में आया। सिंधु सभ्यता भी बौद्ध सभ्यता ही थी, जो छब्बीसवें बुद्ध कोणागमन बुद्ध के समय का था, पर समय काल अभी भी रहस्यमय है, लगभग 4700ई.पू.में।
@@RaviRanjan-ir2svसर आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी। जिंसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
@@kailashraykwar6546 साधु साधु साधु 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 अनुमोदामि
@@kailashraykwar6546 आप सब के प्रति मैत्री और मंगल कामना
@@RaviRanjan-ir2sv सिंधु घाटी सभ्यता में बुद्ध का एक भी प्रमाण नही मिलता
Namo Buddhay
हे मुनिवर! बुद्ध ईश्वर के दूत थे, उनसे पहले भी दूत आए और बाद में भी. सभी दूतों ने एक ही धर्म का प्रचार किया भिन्न भिन्न भाषाओं में.
फिलासफी और नास्तिक दर्शनों ने उन्हें बदनाम किया और अर्थ का अनर्थ कर दिया...❤
Very very nice story 🌷🙏👣
नमो बुद्धाय जी
भगवान बुद्ध मित्रों स्वयं ही अपनी तपस्या के बल से बने थे।
नमो तथागत 🙏🙏🙏
Namobuddhay sir 🙏
भाई साहब आपकी जानकारी अधुरी है। आपको थोड़ा पढ़ाई करने की आवश्यकता है।
Sem too you aapko bhi jankri nahi h
Aapko bhi Jankari.nahi h
Bhagwan Bodhisattva babasaheb 29th Buddha hai .Sc/ST/OBC /Sabhi samaj ki Mahilaye aur INDIA sabhi Buddhavanshi hai.
tera dimagh toh sahi hai na jo aam insaan ko baghwan buddhisattva aur buddha bana rahe ho tum baba sahab toh shaman aur arhat bhi nahi thi baghwan buddhisattva aur buddha toh bahut door ki baat hai keval bahari maha gyaani thi naki bitar gyaan 😂😂
Age?
30th U
ये काहा से जाणकारी पैदा की ? भगवान गौतम बुद्ध किसी इस्वर परमेश्वर को नहीं मानते थे? ठीक से उनके विचार पढो.ओर तुमने ये जाणकारी कहा से पढी ऊस किताब का संदर्भ दो. बौद्ध साहित्य से. किसी ब्राह्मण ने लिखी किताब से नहीं
Ek Raja ka kayar beta tha... Jahan per Desh Mein yuddh ho raha hai Aakraman ho raha hai vahan per vah Mala japta tha.... Jo Apne Dharm ki Raksha Na kar sake vah kahe ka budh...Bhoot
Namo bhudhay
Namo Buddhaya,jai maha-Gyaani.Bhagawan Buddha.
❤❤❤❤❤
🙏❤️🙏
Nice information sir 👍 👌 👏 🙏
It's wrong information sir
बौद्ध धम्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है शिक्षा और तिरंगा और रुपए और स्टांप पेपर इसके बिना कुछ नहीं होता है सब जगह पर अशोक की लाइट और धम्म चक्र
क्रांतिकारी जै भीम,
सर्व प्रथम मूलनिवासी गौतम बुद्ध ने ही ध्यान लगाने की विपस्सना विधि की खोज की थी और बुद्ध के समानता वादी जाति रहित उपदेशो को प्रचार और प्रसार को फैलाने के लिये चक्रव्र्ती बुद्धिषठ सम्राट अशोक जी ने फैलाने के लिए विभिन्न स्थान पर 84000 बौद्ध-विहार बनवाऐ थे लेकिन निखटू कमीने कपटी एक ब्राह्मण पुष्यमित्र शुंघ को बुद्ध का प्रचार और प्रसार पंस्ंद नही आया और उसने बुद्ध की संस्कृति और सभ्यता को रौंद कर मूलनिवासी बौद्धिष्ठचक्रवर्ती सम्राट ब्रह्लरथ मौर्य की धौखे से हत्या की 84000 बौद्धविहारों को मंदिर मे बदल कर 33 करोड भगवानो मे बदला और बुद्ध मुर्तियों के होंठ पर लाल रंग लगा कर देवियो मे बदल कर करोड़ बौद्धधर्मी और बौद्ध भिक्षुको के एक एक सिर काट करलाने वाले ब्राह्मण को 100- 100 स्वर्ण मुद्राए दी गयी थी और अयोध्या के सरयू नदी भरवा दी गयी थी और काल्पनिक रामायण, महाभारत, वेद, पुराण,, गीता, और ।।शास्त्र जैसी किताबो को मे ३३ करोड काल्पनिक भगवान और देवियो की कहानियां लिखवा दी गयी। थूया बद्ध ही है जिसे सभी ब्रा विष्णु ब्रह्मा , महेश, राम, कृष्ण, राम, बताते है
मेरी बात बहुत कड़वी है
लेकिन सौ प्रतिशत सच्ची है
चंडीगढ़
Aapne bilkul sahi kaha bhai🙏🙏
Namo buddhay
Bhagwan Buddha adhi Hindu hote ,manje Hindu dharma puritan ahe tar mag duddha che murthy la rang raun 33 koti dav badal le gale he kase kai?
Right Bro JAY BHIM NAMO BUDDHAY
Satty hai
Budhh koi bhagwan ni the ak updeshk the jo samaj k ak khas warg ko tssli k liye mangdhnt trika btae pr un k kisi bhi bat ka manusyo pe koi sakartmk prbhav ni pd skta
Namoh Buddha.
Galat kaha aapne
Sahi to kaha Gautam Buddha Hindu the ...
पागल तब हिंदू शब्द पैदा नही हुआ था वो फारसी शब्द कोश से आया शब्द है और परकीय आक्रमकोणे दि गाली है भगवान बौद्ध के बाद हि भगवान शब्द का उगम हुआ श्री रामचंद्र श्री कृष्णा श्री शंकर श्री विष्णु भगवान बौद्ध के अनुयायी थे सच को धून्ड मिलेगा झूट फैलाना बंद कर.. जय शिवराय जय भिमराव जय महाराष्ट्र जय भारत
Foolish statement
Foolish statement 100%
पहले धरती पर कौन आया था महात्मा बुद्ध आए थे या भगवान श्री राम आए थे
Baudh sabhayta ke liye koti koti pranam🙏🙏🙏🙏🙏
सही जानकारी का अभाव है
बुद्ध ईश्वर या आत्मा को नहीं मानते थे दुख अनित्य anatm यह उनकी शिक्षा हैं
🇮🇳🌻🌹✍️🙏✍️🌹🌻🇮🇳namo buddhay jay bhim
Budh atma parmatma ko nahi mante the, isiliye budh koi bhagwan ko nahi mante
❤❤❤😂😂😂❤❤❤
Nice
बुद्ध से पहले कौन था और वह किस नाम से परमात्मा को पुकारा या कोई था ही नहीं।
बुद्ध भगवान प्रकृतिको पुजा कर्ते थें
1:07 सभी धर्म में जो भी मानवीय तत्व हैं वो सब बौद्ध धम्म के आने के बाद ही आने लगा।इससे पूर्व कोई धर्म, था या नहीं कोई भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता खासकर भारत के संदर्भ में तो और भी नहीं
गलत बता रहे हैं कि वे हिन्दू थे ।उस समय हिन्दू धर्म नामक कोई धर्म था ही नही ।
नमन
Faliya मेरी बेटी का नाम है वोह पुष्प के समान है क्या संयोग है.
अद्भुत.
3:10 me video start
हिन्दू शब्द 13 वीं शताब्दी से सुरु हुआ है और माता का नाम महा माया है ना कि मायावती!
Tere baap ne bataya ye? 😂
लोगों को भ्रमित करने से कुछ नहीं होता वास्तविक व सच्चा ज्ञान ही ज्ञान होता है बाकी सब अज्ञान होता है!
जिस हिन्दु धर्म की बात कर रहे हो।हिन्दु शब्द कब आया ये तुझे पता नही है
❤नमो बुद्धाय❤जय भीम❤❤❤
जब कोई भगबान नहीं मानता तो बो भगवान कैसे जब किसी शक्ति का ध्यान नहीं अपने को किसी मै समाहित करने की चाह नहीं तो ध्यान कैसा
Wrong information
हिंदू कोई धर्म नहीं एक गाली है जो मुगलों ने दी थी
बोद्ध धर्म नहीं जाग्रति बोदध सांस्कृतिक विरासत को तथागत ने समझाया है कि जागे हुए को सार समझाया है समझकर जानो तब मानो जयभीम जयभारत जयमूलनिवाश शेखर सिंह
बुद्ध मार्ग दाता है
Nmo budhay
Bhudha hindu nahi the. Bhudha ke samay koi darma nahi the.
Bhagvan buddh maarg dataa hai bhai
गलत जानकारी दे रहे हैं हिन्दू शब्द बाद में आया है पाली में कहीं नहीं लिखा है
भगवान बुद्ध ने नय धर्म की स्थापना इसलिए की थी क्योंकि उन्हें सनातन धर्म में कुछ रीतियां पसंद नहीं आई थी, वैसे आपको पता है कि भगवान बुद्ध भी देवी तारा की पूजा करते थे 😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
Bhudha Inshanko Inshan Samjte The Baaki Sab Pakhnd Shamjte They 👍 JAY BHIM Namo Budhay 🙏🙏
Koi ho to bhartiya purtatva shakchhiya bata do tabhy to janege atiyadhik gahrai se janne ke liye science jurny aur rational world authentic you tube chainal me aaye debate karle vo bhi bhartiya purtatva shakchhiya sahit Jai bharat
आपको कयसे पता होगये बुध्द किसकि पुजा करते ये धम्म लाखो सालका हे ईसके बाराह विश्व विद्यालय अस्तित्वात में है
Namho buddhaye.. 🌺 Bhai maafi chaungaa ki aapne boddh dharm kaha, jbki boddh dharm nhi buddh dhamm thaa please jankari sahi do Bhai ...☺️ 👍🏻
Gautam Bhagwan buddh ki aaradhna krte the jo unse pehle aaye the
सरस
Namo budhay jai bheem jai samvidhan
गौतम बुद्ध से पहले हिंदू धर्म नही था भारत बौद्धमय था
नमो बुद्धाय जय भीम जय भारत जय भारती जय सम्राट अशोक जय संविधान जय विज्ञान
Logo ko sahi marg dikhane ke liye sadharan jivan apnaya tha aur o aadi yogi Jo sabki partima tumko kisi bhi tarah ki najar ayengi par o hamesha dhyan mudra me hi milenge kyuki o aadi yogi hai o unki lila hai aam insaan ko sahi se jine ka arth samjhya bhagwan buddha ko Jo bhi janta hai o alag alag tarh se unke bare me batata hai par satik jankari nhi de pata . bhagwan buddha ko samajh pana aam insaan ke bass ki baat nhi .
Namo buddhay.
Sabse pahali baat, buddha kisi bhagwan ka avtaar nahi the. Buddha bhi ek manav the.
इस वीडियो में यह बताया गया है गौतम बुद्ध की माता का नाम मायावती बताया लेकिन उनकी माता का सही नाम महामाया था और उनका का 563 ईसाo पूर्व मैं हुआ था । इनसे पहले भी कई बुद्ध हुए लेकिन बोद्धधम्म की स्थानपन। लिखित मैं नहीं हुई होगी इन्होंने इसे लिखित आकार दिया तथा 84 हजार उपदेश पाली भाषा मैं दिए जो की संस्कृत से भी पहली भाषा है और बात हिंदू धर्म की है जो 12वीं सदी मैं सनातन का नाम बदलवाकर मुगलकाल मैं हिंदू करवड़िया गया था जावकी इसे इस शब्द को स्वीकार ही नही किया जाना नही चाहिए था लेकिन गलत लोगो ने इसे बाहर से आए हुए सत्ता के लालची लोगो ने इसे स्वीकार कर आम जनता को थोप दिया लेकिन भारत that is India ही इसका सही और सुंदर नाम है ।जय मेरे मूल भारतवासी एक को जानो एक को पहचानो जगह जगह मत भटको।
जन्म
गलत कसा आपने बुद्ध के वक्त कोसी धर्म नहीं था . इन्सान को इन्सानियत से देखणे दे ओर सभी लोग आनंद खुषी से मित्र भाव से रहते थे.उनके कोई देवता नहीं थे .
निसर्ग,पश,पक्षी,प्राणी मात्रा से प्रेम करते थे .
धर्म तौ आदिकाल से ही था, है और आगे भी रहेगा...
सभ्यताएं संस्कृतियां और परंपराएं बनती बिगड़ती रही और सदेव ही आपस में झगड़ते रहे और धर्म को हानि पहुचाने में रहे.
बुद्ध भी ईश्वर के दूत थे उनसे पहले भी आए और बाद में भी. सभी ने एक ही धर्म का प्रचार किया भिन्न भिन्न भाषाओं में.
Jay bhim jai bharat jai mu
lnivashi bhagwan Buddha. Kruna ho
साधु भिक्षुक बुद्ध शिव भगवान ब्रम्ह का ध्यान करता था तब ज्ञान प्राप्त किया था
भगवान था क्या तब?😂
Kassap Buddha (one of Sapt Buddha)
Tathagat buddh ke samay hindu derm nahi tha.
Jai bhim namobudae
बकवास कर रहे हो | कोई हिन्दू धर्म नही था.
आपने कहा की गौतम बुद्ध सभी धर्मों को समान मानते थे। परंतु आप को ये ज्ञात नही की उनके समय में इस्लाम, सिख, जैन, पारसी या अन्य कोई धर्म था ही नही, केवल एक धर्म था सनातन जिसमे महात्मा ने स्वयं भी जन्म लिया था तो दूसरा कोई धर्म को मानने ना मानने का प्रश्न ही नहीं उठता। दूसरी बात ये की खुद को बौद्ध कहने वाले भारतीय ना जाने क्यों सनातन से नफरत करते हैं जबकि वो जिन महात्मा बुद्ध के अनुयाई हैं वो शांति का संदेश देते थे। और बौद्धों को सनातन के अलावा किस धर्म में ज्यादा सहिष्णुता शांति दिखती है। क्यों कुछ दलित जो खुद को बुद्ध से प्रभावित कहते हैं पर उन्हें इस्लाम को मानने वाले अधिक प्रिय हैं, क्या उन्हे इस्लाम में ज्यादा शांति का अनुभव होता है? मेरा मानना है की ऐसे लोग न गौतम बुद्ध के मार्ग पे हैं ना बाबासाहेब के । जय भीम नमो बुद्धाय बोलने वाले खुद को जय मीम से कैसे जोड़ लेते हैं जबकि सबसे ज्यादा बुद्ध की मूर्तियां इत्यादि इस्लाम वालों ने तोडी। मैं समझता हूं जो अपनी जड़ों से दूर होता है उसका कोई भविष्य नहीं।
जैन धर्म के 24 वे तीर्थंकर महावीर स्वामी गौतम बुद्ध के समकालीन थे , 23 वे तीर्थंकर पारस स्वामी , महावीर स्वामी से 250 वर्ष पहले हुए , आप कह रहे हैं उसे समय जैन धर्म नहीं था,
मेरे भाई उनके समय हिन्दू धर्म का कोई अस्तित्व ही नहीं था
Bhai us time Hindu dhrm tha hi nhi na hi koi gods the .... Galat information mat Diya kro
Allah ko kisi ne nahi jana na us ne kisi ko jana wo hi ibadat ke laiq hai
खोटी माहिती देऊ नका
भगवान का शत्रु बूद्ध
Maha Maya tha name naki mayabati
Buddh dharm nahi buddh ka mtlb jaga hua vyakti
@@omprakashtripathi3940 🤣🤣🤣🤣buddh mahatma bhi aur bhaguwan bhi kyuki wah buddh bana bipashana dhyan anapansati dhyan se apne tyag tapashya se naki ishwar se ok beta khud karm na karo tw ishwar bhi apkeliye kuch nahi kar payega isliye karm se bada kuch nahi
@@omprakashtripathi3940 buddh ka dhamma Marg koyi sampradai panth nahi hai buddh ka dhamma Marg sanatan hai
@@omprakashtripathi3940 not ishwar kripa ok tyag tapashya se buddhawatva paya jata hai ishwariyo kripa se nahi kyuki ishwario kripa pane keliye bhi karm joruri hai ok beta
@@omprakashtripathi3940 dhamma mtlb dharm hee hai ko kaha gaya hai humne bhi wahi kaha
@@omprakashtripathi3940 hamne kab kaha apko ki dhamma aur dharm alag ?????
Nature ka.
Isliye Sabse uttam ped ko choose kii hai tap karne kii or Budh Gaya tak Pahunchkar.
Bodhi tree.
Samast vishwa men shaanti failaane ka prerana swaadhyaay aur Tap se mila hai.
Sarva vyaapi Eeshwar anek nahim hai.
Moh aur Mad nahim to B nahim.
Sarvatra A hii A hai.
Advait hii advait hai saheb.
Budhha agar bhagwan ko ni mante the to dhyan me kya apne ko dekhte the
Esa matlav. To. Mahatma budh saer badwan ko manty tye Jai shree Ram
हिन्दु धर्म मे खुद विषणु अवतार श्री राम भी श॓कर जी का पूजा किया करते थे वैदिक म॓त्र का उच्चारण से पूजा हिन्दू धर्म का रिवाज है। वैदो की दिशा निर्देश का पालन करना हिन्दू धर्म की पहचान है। बुद्ध को विष्णु का 24वाँ अवतार कहना क्या बैद समम्त बातें है॓
Buddha bhagwan kishi ke avtar nhi the galt hai aap ki baat bro
हिन्दू ( हीनता की दुर्गन्ध ) अधर्म है
Ham vi nhi man thy ha 🙏
Iss sansar me bhagwaan koi bhi nahi hai, kisi bhi jaat me nahi par hum jinka aadar karte hai ussi ko wah staan dete hai, buddha ka marg hamaare liye kisi bhagwaan se kum nahi hai
Bhagwan ki Ugadi to Sidharth ke samay se hi mili hui hai.
Baghban vishnu ki obtar he
There were no religions at that time, bhaii. All the religions evolved or came after that. So far, there are no written or archaeological evidence before that. . We are just claiming that to become superior. Everything else is very good bhaii. There was sanatan dharma all over in the time of bharat as per record so far. Doesn't matter what was ther. We are here now let's luve peaceful and happily without harming other beings. That's called sanatan.
Gautam Buddh sarvshreshth tha
प्रति क्रांति वादी है, सावध, देवता लोग उनकी पूजा अर्चना करते थे, अरुप देवता भी उनकी पूजा अर्चना करते थे, भ बुद्ध देवता आणि माणसाचे भगवान है,
Wo shiv nahi bhagwan Gautam Buddha hai I love you my Gautam Buddha ❤❤❤