पुत्रमोह अनर्थकारी होता है। वाल्मीकि रामायण, बालकाण्ड, सर्ग २०। आचार्य अंकित प्रभाकर
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- Опубликовано: 15 окт 2024
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Very good video
हार्दिक धन्यवाद शुभकामनाएं आयुष्मान भव चरैवेति चरैवेति ... । ओ३म् 🙏🏼🚩 कृण्वनतो विश्वमार्यम 🚩
आचार्य जी की रामकथा सरल व रोचक होती जा रही है।
आचार्य कठिन अभ्यास के बाद हम सबको व्यवहारिक शब्दावली में समझते हैं।
बहुत ही सराहनीय
आचार्य जी नमस्ते आपका प्रवचन बहुत ही अच्छा लगा
आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏🙏🚩🕉️🌞🙏🙏
राम राम आचार्य जी,
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ।
ओम् , सादर प्रणाम आचार्य जी।
🎉नमस्ते आचार्य जी
Pranam acharya ji 🙏
आचार्य जी सादर नमस्ते
Jai shri Ram ❤
सत्य कडवा होता है अतः सत्य को ग्रहण और असत्य का त्याग बहुत कठिन है। सत्य कथा जो समझ ना पाये हंस हंस नहीं वे काग कहाये।। लौमश ऋषि के वचन ना मानें काकभुशुण्डि भये जग जाने।। आर्य पुत्र।।
Pranam Acharya ji 🙏
🙏🙏
Jey ho
राधे राधे आचार्य जी, भगवान राम के जीवन में घटने वाली घटनाओं को आप इतिहास मानते हैं कि लीला? इतिहास साधारणतया किस दिशा में प्रेरित करता है?
इसको भी बताइएगा?
सर आर्यमुनी जी कि रामायण कहाँ मिलेगी ? उपलब्ध कराने कि कृपा करें ।
Apne ko atma aur shareer ko alag dekha ja sakta h mahraj ji