Computer Science की पढाई करने के बाद चुना Vermi Composting का Business, Now Earning 2 Lac/Month
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- Опубликовано: 17 ноя 2020
- #PayalAgarwal #GreenEarthOrganics
Engineering Graduate Turns Into Farmer aka Successful Farming Entrepreneur :
B.Tech Payal Agarwal Earns One and a Half Million Rupees a Month by making manure from earthworm.
Connect With Payal Agarwal :-
Green Earth Organics
7248119336
Website :
www.greenearthorganics.co.in
Tags : Payal Agarwal, Vermicompost, Green Earth Organic, Engineer Turns Into Farmer, Earthworm, Manure, Women Farmer, Safal Mahila Kisan, Meerut Techie Turn Into Farmer, गोबर खाद, केंचुआ खाद, Jaivik Khad, Uttarpradesh, Vermicomposting
धन्यवाद अग्रवाल मैडम आप की जानकारी बहुत अच्छी लगी है हमे गर्व है भारतीय नारी पर...
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को कृतार्थ करती हुई मेरी बेटी पायल। शुभ आशीर्वाद बेटा।
ग्रीन टीवी, व स्मिता जी का धन्यवाद जो., इतनी प्रतिभा ..शाली ....शक्ति से मिलाया वाहह.।
ऐसे पॉजिटिव लोगो से मिल कर बहुत अच्छा लगता ।यह वीडियो देखकर कई लोगो को बहुत प्रेरणा मिलता है ।
Very smart Payal excellent, I am not even into farming i just hanged to video because the way she was talking, very inspiring very intelligent and a smart entrepreneur.
I've a flair for organic gardening. Just accidentally came across your video, but I must admit that your honesty, integrity, clarity of thought and expression as well as attitude has been quite impressive. You're an asset of the nation. Would like to take filed visit, sometime in future once things return to normalcy. All the best.
आपका काम अती सरहानिय है इससे बहुत से लोगों को प्रेरणा मिलेगी एवं गो आधारित खेती को बढ़ावा मिलेगा जय गौमाता जय गोपाल
Payal ji namaste.hum Karnataka se hai.apka videos bohot helpful hai.hum apke videos dekte rehete hai.jo aap Kar rahe hai, ye kisano ke liye accha hoga
स्मिथा जी पायल अग्रवाल जी से मिलाने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार।
*घर में एक देसी गाय पालिये और 30 एकड़ तक की खेती में पाएं बंपर पैदावार*
अगर अाप खेती करने के शौकीन हैं तो आपके लिए बहुत काम की खबर है। और खेती नहीं भी करते हैं तो भी आपकी सेहत से जुड़ी जानकारी आपके लिए लाभकारी प्रमाणित होगी। विशेषज्ञों के अनुसार एक देसी गाय आपकी 30 एकड़ तक खेती के लिए रामबाण साबित हो सकती है। इसके लिए गाय के गोमूत्र व गोबर का प्रयोग करें और खाद व दवा के खर्चों से आप बचे रहें। फसलों की गुणवत्ता बढ़ेगी और भूमि की उपजाऊ शक्ति में भी बढ़ोत्तरी होगा। गाय के गोबर व गोमूत्र के मिश्रण से बने जीवामृत को सप्ताह में तैयार कर सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार एक गाय दिनभर में 10 किलो गोबर व 10 लीटर गोमूत्र देती है। इससे एक एकड़ के लिए जीवामृत बनाया जा सकता है। इसके लिए 10 किलो गाय का गोबर, 10 किलो गोमूत्र, 200 लीटर पानी, 2 किलो बेसन व 2 किलो गुड़ की आवश्यकता होती है। इन सभी का एक ड्रम आदि में मिश्रण बना लें। इस मिश्रण में जिस खेत में इसका इस्तेमाल करना है उस खेत की 200-250 ग्राम मिट्टी डाल दें। मिश्रण को सप्ताहभर के लिए ढक कर रख दें। इस अवधि में यह तैयार हो जाएगा। तैयार होने के बाद मिश्रण (जीवामृत) को खेत में डाल दें। किसान अपनी सुविधा अनुसार किसी भी तरीके(पद्धति) से इसे खेत में डाल सकता है। ताकि इसका लाभ खेती में मिल सके। विशेषज्ञों के अनुसार इसके प्रयोग से फसलों की गुणवत्ता में बहुत कुछ(काफी) सुधार आएगा। साथ ही भूमि(मिट्टी) की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी। इसके प्रयोग से खेत में पड़ी बिना उपयोग की खाद भी सक्रिय(एक्टिव) हो जाएगी।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जीवामृत खेत में डालने के बाद इसका प्रभाव 30 माह तक अधिक रहता है। इसके बाद फिर से किसान जीवामृत बनाकर खेत में डाल सकते हैं। ताकि पुनः से इसका असर रहे। इसमें किसान ध्यान रखें की गोबर व मूत्र गाय का ही हो। हो सके तो साहीवाल व देशी गाय के गोबर व गोमूत्र का उपयोग करें। देशी व साहीवाल गाय का गोबर व गोमूत्र अधिक उपयुक्त होता है। भैंस आदि पशुओं के गोबर या मूत्र का प्रयोग न करें। किसान के लिए गाय बहुत ही कारगर सिद्ध होगी। जहां किसान व उसका परिवार गाय का दूध पीकर अपना स्वास्थ्य बेहतर करेंगे। वहीं गाय के गोबर व गोमूत्र से खेत का स्वास्थ्य भी उत्तम होगा।
सप्ताहभर में होगा तैयार
जीवामृत बनाने के लिए बनाए गए मिश्रण को सप्ताहभर तक किसी ड्रम आदि में अच्छे से ढक कर रखें, ताकि हवा को रोका जा सके। सप्ताह भर में मिश्रण तैयार हो जाएगा। इसके बाद इसे देखकर भी पता लगा सकते हैं कि यह तैयार है या नहीं। यदि सप्ताहभर बाद इसमें से महक आने लगे या झाग हो जाएं तो समझ लें कि यह तैयार है। यदि ऐसा नहीं होता तो इसे एक या दो दिन और ढक कर रख दें।
सिंचाई के समय भी डाल सकते हैं जीवामृत
किसान अपनी सुविधानुसार खेत में जीवामृत डाल सकते हैं। इसे सीधे स्प्रे के द्वारा डाल सकते हैं। साथ ही सींचाई करते समय यदि नहरी पानी से सिचाई कर रहे हैं तो पानी नाके पर ड्रम को रख दें और एक-एक बूंद नीचे गिरने दें। वहीं फव्वारे से सिंचाई की जा रही है तो इसका छिड़काव ही उचित रहेगा।
सभी रोगों की एक दवा
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जीवामृत सभी रोगों के लिए एक की दवाई है। इसके छिड़काव से फसल में कोई भी बीमारी व कीट नहीं लगेगा। साथ ही अन्य कोई खाद डालने की जरूरत भी नहीं है। साथ ही किसान इससे बीच उपचार भी कर सकते हैं।
गाय के प्रति भी लोगों को बढ़ेगा रुझान
यदि किसान इस विधि को अपनाते हैं तो उनका गाय के प्रति रुझान बढ़ेगा। गायों को भी सहारा मिल सकेगा, वहीं गाय पालने से आपको आत्मिक शांति के साथ इसका दूध पीने से निरोगी दिव्य काया मिलेगी।
*स्वास्थ्य के लिए अच्छी होगी फसल*
जीवामृत के प्रयोग से तैयार फसल स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी होगी। जैविक खेती से फसलों की गुणवत्ता अतिउत्तम होगी। इससे किसान कम खर्च में बेहतर गुणवत्ता की फसल प्राप्त कर सकते हैं।
30 एकड़ के लिए उपयुक्त होगी एक गाय
गाय के एक दिन के गोबर व गोमूत्र से एक एकड़ के लिए जीवामृत बनाया जा सकता है। यह जीवामृत खेत में 30 दिनों तक सक्रिय रहेगा।(अनुभव के अनुसार करे )इसी प्रकार लगातार 30 दिन तक 30 एकड़ के लिए जीवामृत बनाया जा सकता है। इसके बाद यही विधि दोबारा दोहराई जा सकती है।
विशेषज्ञ बोले- जीवामृत किसानों के लिए वरदान
कृषि विज्ञान केंद्र वरिष्ठ संयोजक प्रो. वेदप्रकाश लुहाच ने कहा कि जीवामृत किसानों के लिए वरदान है। इसे किसानों को प्रयोग करना चाहिए। इससे फसलों की गुणवत्ता बढ़ेगी और खर्च भी घटेगा। साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाएगा। जीवामृत किसान व भूमि(मिट्टी) दोनों के लिए अमृत सिद्ध होगा।
जय श्री राम 🙏🇮🇳🚩🔱⚔️🏹
@@sahu2037 क्या दिमाग चाटा है कितनी गाय को घास खिलाया है अब तक
मेरा परिवार पीडीयो से पशुपालक है
पच्चीस ठौर है गायें के
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
गाय पालना कोई गुडडे गुड्डी का खेल है
पाल के देखो अकल भी गाय के साथ
घास चरने चली जायेगी
selfconfidence is the biggest key that is building your business 👏👏👏
बहुत सुंदर लगा। अच्छी कोशिश देश को जहर मुक्त करने की।अच्छा विडियो, ऐसी मेहनत करने वाली मेरी सभी माताओं बहनों को मेरा सलाम।
Bahut achcha Payal ji,aaj yug mein ye khad ati awashyak hai chemical fertilizers kha kha kar bahut sari problem s ho rahi hai jai bio khad
Bhartiya mahila duniya me subse aage best of luck payal g. God bless u.
Great work Payal Mam.
A very good example of well educated person turning towards farming.👍👍👍
Really appreciate the confidence level of Payal. She will go way ahead. & Thanks for breaking the barrier that after completing Engineering one has to go for a Job. Salute to her family members for all the required support & encouragement. She is so clear on her thoughts and goals. And also so thorough on her subject. ALL THE VERY BEST.
Great work
Useful to so many ppl who are frustrated in farming and not earning enough.Keep it up.
It is very noble on your part to teach ppl without any charge. God bless you.
Good morning Mrs. Payal Ji
Aapki ye bahut acchi work h.
Aapka Hriday Se Aaabhaar Mam,itni upyogi jaankari ke liye Dhanyawad 👍
Bahut hi achchhi jankari di hai bitiya aap ne. Hame garva hai aisi betiyon par.
धन्यवाद मैडम आप की जानकारी बहुत अच्छी लगी है
Many thanks for this informative video. Congratulations and good luck to Payalji and Lavinaji.
बहुत ही उपयोगी जानकारी दी पायल जी आपने बहुत बहुत धन्यवाद
पायल बहन आपके जज्बे को सलाम ,साधुवाद
Proud of you to all women ,main Faridabad mein rahti hun aapse vermicompost kharidna chahti hun , because main organic vegetables ki farming karti hun ,kaise kharid sakti hun batain
You are an inspiration all the best may god bless you and you succeed in life.
Truely inspiring..
Liked the confidence & knowledge of the young entrepreneur..she is definitely going to achieve the superlative..
Wishing her success in all her future endeavors..
God bless..
आज आपका वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने का प्रोसेस देखकर अच्छा लगा ! धन्यवाद
She is good.
Business minded......
All the best ,,,,this ideas is amazeful.Ur a dashing lady.
Thankyou for the informative video...
So impressed ... What a confidence she has.
Thank you madam Apne Jo jankari di usase hame bhot help Mili hai .
प्रकृति पूरक जो भि उद्दोग हैं वही हमे करणे की जरुरत है हम अभी जैसे जि रहे हैं उसिके कारण हम प्रकृति को बहुत चोट पहुंचा रहे हैं और हम सभी उसी प्रकृति मे आते हैं तो उसका परिणाम हमे भि भुगतना पड रहा है हमे जितना हो सके जलदी सुधारणा चाहिए
पायल जी तो हमारे जैसे युवावोंके लिये मिसा ल है उनके खूब अभारी है हम उसिके साथ ग्रीन टीव्ही के भी
Ur a real lady and i respect u mam from deep of my heart ❤️ today u win my hrt , i need in my life same type of person. Ground to earth .❤️🙏
Kyo be line maar rha he ladki dekh kar
Computer Science की पढाई करने के बाद चुना LAGTA HI HE LIFE ME, SAHI KAAM TO YE HE JO MADAM KAR RAHI HE, SALUTE HE AAPKO MADAM.
Wow. That's real entrepreneur millionaire
Wow, such a well done interview. Payal is such a great speaker, full of facts, precise and upfront on most important issues, full marks. Learnt a lot. The interviewer is also very good👍
Ko
I love Organic farming and I belongs to Agriculture family stil i work in private company... I have very interesting to do agriculture and multi agriculture... And I feel these people are alredy taken some traning and good comercial minded... Good ... I learnt something from this video....
If u have farm go ahead brother ..im also doing BE and planning to go for agriculture , yes my father is a farmer
बहुत बढ़िया जानकारी दी बहन जी
Great host , great interview it was, thank you so much to both of you
पायल जी आपकी जितने भी तारीफ की जाए कम है ।
Payal Agrawal ji you are great👏👏👏
If anybody who want to see healthy earthworms check ny channel
Pehle to Green TV ka bahut bahut dhanyavaad aur Payal ji margdarshan to bahut hi achha hai, lajawab hai.
Payal ji kisiko bhi gumrah nahi karana chahti, jo bhi hai ekdam saral tarike se batati hai. Payal ji apake project hamare taraf se bahut bahut pyar ❤ Jay Hind, Jay Bharat 🇮🇳
Proud of you...🤗👏👏🌷🌷Keep it up...👍God bless you Payal beta n your sweet Bhabhi 🙌🙌💕💕🍫🍫😘😘
I am also interested in same business. I have agricultural land and i belong to software industry. Not sure how can I reach out to here. I can buit after reading and doing some research. But if she can guide it will be much faster... Can you help if you know her...
Very useful information ... Thank you Payal Ji and Green TV team....
बहुत खूब। अती सुंदर जानकारी। बहुत बहुत धन्यवाद।
Beautiful ..... Words of Wisdom
Great work.! Very informative interview. Thanks payal didi for sharing crystal clear plus n minuses of this business. This is Dr. Mangesh from Mumbai. I was thinking of doing my own business since many days. But now got an clr vision after watching your interview. I am thinking to visit your place once. Liked your work, u r a truly hardworking girl, god bless u.! Wish u all the luck for ur future endeavour. 💐
Great work done. God bless you.
Payal Aggarwal is Role model to our nation, salute to you.
You got real Education by your parents salute to your parents also.
Excellent information,get it up payal ji, it's chemical free farming revolution that do welfare of our country 🙏🙏
Her dynamic and practical ideas can be utilized to start any business,
There are great messages to Serve human beings
Young generation must listen it
Great knowledge about vermicompost
Great work payal ji..inspiration for all.😊👍
धन्यवाद मेटम जी आपकी मेहनत रंग लाई
Payal excellent and beautiful words, its really so nice of u to gv best of urs once again thank you so much n May God bless u n fulfill ur dreams come true . Last but not leas i also thank from the bottom of my heart to Smita Singh.
Bht achhi jankari mili.tnx for sharing.
Very well described Payal ji. God bless you
U r a honest lady delivering solid statements honestly.
Jo inke compitior hai wahi Dislike kiye hai...Mai inke Respect 🙏 Deta hu...Unke acchi mehnat k liye...Aaj kal k harmful fertilizer se to best hi hoga..Bagwan inki business ko All overall world faila de..it is better for ourselves only..🤗😊🙏
बहुत अच्छी जानकारी है ।
Proud of you for being with nature and supporting Natural process ..
Beti I listened and watched your video. I liked your views. You have the ability and potential of a very successful human being. I wish you success health happiness and prosperity. God bless you. Gratitude and regards.
Dhanyavad payalji good going god bless you all the best from jamnagar Gujarat
बहुत सुंदर जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
All the best payalji bahut achhchi soch hai aapki.👍
Madam bahut sundar work Kar rahe ho...God bless you
Very nice payal
Aapki soch ko salam
Hats of to this brave and enterprising gal!
Bahatreen knowlidhe di Aap n Thanks Payal ji
खूप गर्व वाटतो तुझ्या सारख्या धाडसी मुलीवर 💐
धन्यवाद मैडम आपका वीडियो बहुत अच्छा लगा
वाह पायल मेडम 🙏🙏🙏बहुत ही सराहनीय कार्य
India me Entrepreneur ka time Hai great work ji
Excellent advise .... Thank you
*घर में एक देसी गाय पालिये और 30 एकड़ तक की खेती में पाएं बंपर पैदावार*
अगर अाप खेती करने के शौकीन हैं तो आपके लिए बहुत काम की खबर है। और खेती नहीं भी करते हैं तो भी आपकी सेहत से जुड़ी जानकारी आपके लिए लाभकारी प्रमाणित होगी। विशेषज्ञों के अनुसार एक देसी गाय आपकी 30 एकड़ तक खेती के लिए रामबाण साबित हो सकती है। इसके लिए गाय के गोमूत्र व गोबर का प्रयोग करें और खाद व दवा के खर्चों से आप बचे रहें। फसलों की गुणवत्ता बढ़ेगी और भूमि की उपजाऊ शक्ति में भी बढ़ोत्तरी होगा। गाय के गोबर व गोमूत्र के मिश्रण से बने जीवामृत को सप्ताह में तैयार कर सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार एक गाय दिनभर में 10 किलो गोबर व 10 लीटर गोमूत्र देती है। इससे एक एकड़ के लिए जीवामृत बनाया जा सकता है। इसके लिए 10 किलो गाय का गोबर, 10 किलो गोमूत्र, 200 लीटर पानी, 2 किलो बेसन व 2 किलो गुड़ की आवश्यकता होती है। इन सभी का एक ड्रम आदि में मिश्रण बना लें। इस मिश्रण में जिस खेत में इसका इस्तेमाल करना है उस खेत की 200-250 ग्राम मिट्टी डाल दें। मिश्रण को सप्ताहभर के लिए ढक कर रख दें। इस अवधि में यह तैयार हो जाएगा। तैयार होने के बाद मिश्रण (जीवामृत) को खेत में डाल दें। किसान अपनी सुविधा अनुसार किसी भी तरीके(पद्धति) से इसे खेत में डाल सकता है। ताकि इसका लाभ खेती में मिल सके। विशेषज्ञों के अनुसार इसके प्रयोग से फसलों की गुणवत्ता में बहुत कुछ(काफी) सुधार आएगा। साथ ही भूमि(मिट्टी) की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी। इसके प्रयोग से खेत में पड़ी बिना उपयोग की खाद भी सक्रिय(एक्टिव) हो जाएगी।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जीवामृत खेत में डालने के बाद इसका प्रभाव 30 माह तक अधिक रहता है। इसके बाद फिर से किसान जीवामृत बनाकर खेत में डाल सकते हैं। ताकि पुनः से इसका असर रहे। इसमें किसान ध्यान रखें की गोबर व मूत्र गाय का ही हो। हो सके तो साहीवाल व देशी गाय के गोबर व गोमूत्र का उपयोग करें। देशी व साहीवाल गाय का गोबर व गोमूत्र अधिक उपयुक्त होता है। भैंस आदि पशुओं के गोबर या मूत्र का प्रयोग न करें। किसान के लिए गाय बहुत ही कारगर सिद्ध होगी। जहां किसान व उसका परिवार गाय का दूध पीकर अपना स्वास्थ्य बेहतर करेंगे। वहीं गाय के गोबर व गोमूत्र से खेत का स्वास्थ्य भी उत्तम होगा।
सप्ताहभर में होगा तैयार
जीवामृत बनाने के लिए बनाए गए मिश्रण को सप्ताहभर तक किसी ड्रम आदि में अच्छे से ढक कर रखें, ताकि हवा को रोका जा सके। सप्ताह भर में मिश्रण तैयार हो जाएगा। इसके बाद इसे देखकर भी पता लगा सकते हैं कि यह तैयार है या नहीं। यदि सप्ताहभर बाद इसमें से महक आने लगे या झाग हो जाएं तो समझ लें कि यह तैयार है। यदि ऐसा नहीं होता तो इसे एक या दो दिन और ढक कर रख दें।
सिंचाई के समय भी डाल सकते हैं जीवामृत
किसान अपनी सुविधानुसार खेत में जीवामृत डाल सकते हैं। इसे सीधे स्प्रे के द्वारा डाल सकते हैं। साथ ही सींचाई करते समय यदि नहरी पानी से सिचाई कर रहे हैं तो पानी नाके पर ड्रम को रख दें और एक-एक बूंद नीचे गिरने दें। वहीं फव्वारे से सिंचाई की जा रही है तो इसका छिड़काव ही उचित रहेगा।
सभी रोगों की एक दवा
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जीवामृत सभी रोगों के लिए एक की दवाई है। इसके छिड़काव से फसल में कोई भी बीमारी व कीट नहीं लगेगा। साथ ही अन्य कोई खाद डालने की जरूरत भी नहीं है। साथ ही किसान इससे बीच उपचार भी कर सकते हैं।
गाय के प्रति भी लोगों को बढ़ेगा रुझान
यदि किसान इस विधि को अपनाते हैं तो उनका गाय के प्रति रुझान बढ़ेगा। गायों को भी सहारा मिल सकेगा, वहीं गाय पालने से आपको आत्मिक शांति के साथ इसका दूध पीने से निरोगी दिव्य काया मिलेगी।
*स्वास्थ्य के लिए अच्छी होगी फसल*
जीवामृत के प्रयोग से तैयार फसल स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी होगी। जैविक खेती से फसलों की गुणवत्ता अतिउत्तम होगी। इससे किसान कम खर्च में बेहतर गुणवत्ता की फसल प्राप्त कर सकते हैं।
30 एकड़ के लिए उपयुक्त होगी एक गाय
गाय के एक दिन के गोबर व गोमूत्र से एक एकड़ के लिए जीवामृत बनाया जा सकता है। यह जीवामृत खेत में 30 दिनों तक सक्रिय रहेगा।(अनुभव के अनुसार करे )इसी प्रकार लगातार 30 दिन तक 30 एकड़ के लिए जीवामृत बनाया जा सकता है। इसके बाद यही विधि दोबारा दोहराई जा सकती है।
विशेषज्ञ बोले- जीवामृत किसानों के लिए वरदान
कृषि विज्ञान केंद्र वरिष्ठ संयोजक प्रो. वेदप्रकाश लुहाच ने कहा कि जीवामृत किसानों के लिए वरदान है। इसे किसानों को प्रयोग करना चाहिए। इससे फसलों की गुणवत्ता बढ़ेगी और खर्च भी घटेगा। साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाएगा। जीवामृत किसान व भूमि(मिट्टी) दोनों के लिए अमृत सिद्ध होगा।
मैने आज ही ये वीडियो देखा मे जल्द ही इस पर काम करना चाउगा 🙏
Love the confidence and zeal of Payal. Would love to meet and learn from her.
7248119336
@@greenearthofficial_3 में आपके यहां आकर देखना चाहता हूं ।
प्लीज आप अपने green earth 🌎 का एड्रेस दे ।
Very good working green earth farming payalji good 👍👍👍 i agree your work
Bhut talented hai payal g 👍👍
Ms Payal you are doing a good job best of luck
जहा ना जाये बैल गाड़ी वहा जाये मारवाड़ी बहुत ही अच्छा दीदी
जय श्री राम 🙏🇮🇳🚩🔱⚔️⚔️🏹
*घर में एक देसी गाय पालिये और 30 एकड़ तक की खेती में पाएं बंपर पैदावार*
अगर अाप खेती करने के शौकीन हैं तो आपके लिए बहुत काम की खबर है। और खेती नहीं भी करते हैं तो भी आपकी सेहत से जुड़ी जानकारी आपके लिए लाभकारी प्रमाणित होगी। विशेषज्ञों के अनुसार एक देसी गाय आपकी 30 एकड़ तक खेती के लिए रामबाण साबित हो सकती है। इसके लिए गाय के गोमूत्र व गोबर का प्रयोग करें और खाद व दवा के खर्चों से आप बचे रहें। फसलों की गुणवत्ता बढ़ेगी और भूमि की उपजाऊ शक्ति में भी बढ़ोत्तरी होगा। गाय के गोबर व गोमूत्र के मिश्रण से बने जीवामृत को सप्ताह में तैयार कर सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार एक गाय दिनभर में 10 किलो गोबर व 10 लीटर गोमूत्र देती है। इससे एक एकड़ के लिए जीवामृत बनाया जा सकता है। इसके लिए 10 किलो गाय का गोबर, 10 किलो गोमूत्र, 200 लीटर पानी, 2 किलो बेसन व 2 किलो गुड़ की आवश्यकता होती है। इन सभी का एक ड्रम आदि में मिश्रण बना लें। इस मिश्रण में जिस खेत में इसका इस्तेमाल करना है उस खेत की 200-250 ग्राम मिट्टी डाल दें। मिश्रण को सप्ताहभर के लिए ढक कर रख दें। इस अवधि में यह तैयार हो जाएगा। तैयार होने के बाद मिश्रण (जीवामृत) को खेत में डाल दें। किसान अपनी सुविधा अनुसार किसी भी तरीके(पद्धति) से इसे खेत में डाल सकता है। ताकि इसका लाभ खेती में मिल सके। विशेषज्ञों के अनुसार इसके प्रयोग से फसलों की गुणवत्ता में बहुत कुछ(काफी) सुधार आएगा। साथ ही भूमि(मिट्टी) की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी। इसके प्रयोग से खेत में पड़ी बिना उपयोग की खाद भी सक्रिय(एक्टिव) हो जाएगी।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जीवामृत खेत में डालने के बाद इसका प्रभाव 30 माह तक अधिक रहता है। इसके बाद फिर से किसान जीवामृत बनाकर खेत में डाल सकते हैं। ताकि पुनः से इसका असर रहे। इसमें किसान ध्यान रखें की गोबर व मूत्र गाय का ही हो। हो सके तो साहीवाल व देशी गाय के गोबर व गोमूत्र का उपयोग करें। देशी व साहीवाल गाय का गोबर व गोमूत्र अधिक उपयुक्त होता है। भैंस आदि पशुओं के गोबर या मूत्र का प्रयोग न करें। किसान के लिए गाय बहुत ही कारगर सिद्ध होगी। जहां किसान व उसका परिवार गाय का दूध पीकर अपना स्वास्थ्य बेहतर करेंगे। वहीं गाय के गोबर व गोमूत्र से खेत का स्वास्थ्य भी उत्तम होगा।
सप्ताहभर में होगा तैयार
जीवामृत बनाने के लिए बनाए गए मिश्रण को सप्ताहभर तक किसी ड्रम आदि में अच्छे से ढक कर रखें, ताकि हवा को रोका जा सके। सप्ताह भर में मिश्रण तैयार हो जाएगा। इसके बाद इसे देखकर भी पता लगा सकते हैं कि यह तैयार है या नहीं। यदि सप्ताहभर बाद इसमें से महक आने लगे या झाग हो जाएं तो समझ लें कि यह तैयार है। यदि ऐसा नहीं होता तो इसे एक या दो दिन और ढक कर रख दें।
सिंचाई के समय भी डाल सकते हैं जीवामृत
किसान अपनी सुविधानुसार खेत में जीवामृत डाल सकते हैं। इसे सीधे स्प्रे के द्वारा डाल सकते हैं। साथ ही सींचाई करते समय यदि नहरी पानी से सिचाई कर रहे हैं तो पानी नाके पर ड्रम को रख दें और एक-एक बूंद नीचे गिरने दें। वहीं फव्वारे से सिंचाई की जा रही है तो इसका छिड़काव ही उचित रहेगा।
सभी रोगों की एक दवा
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जीवामृत सभी रोगों के लिए एक की दवाई है। इसके छिड़काव से फसल में कोई भी बीमारी व कीट नहीं लगेगा। साथ ही अन्य कोई खाद डालने की जरूरत भी नहीं है। साथ ही किसान इससे बीच उपचार भी कर सकते हैं।
गाय के प्रति भी लोगों को बढ़ेगा रुझान
यदि किसान इस विधि को अपनाते हैं तो उनका गाय के प्रति रुझान बढ़ेगा। गायों को भी सहारा मिल सकेगा, वहीं गाय पालने से आपको आत्मिक शांति के साथ इसका दूध पीने से निरोगी दिव्य काया मिलेगी।
*स्वास्थ्य के लिए अच्छी होगी फसल*
जीवामृत के प्रयोग से तैयार फसल स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी होगी। जैविक खेती से फसलों की गुणवत्ता अतिउत्तम होगी। इससे किसान कम खर्च में बेहतर गुणवत्ता की फसल प्राप्त कर सकते हैं।
30 एकड़ के लिए उपयुक्त होगी एक गाय
गाय के एक दिन के गोबर व गोमूत्र से एक एकड़ के लिए जीवामृत बनाया जा सकता है। यह जीवामृत खेत में 30 दिनों तक सक्रिय रहेगा।(अनुभव के अनुसार करे )इसी प्रकार लगातार 30 दिन तक 30 एकड़ के लिए जीवामृत बनाया जा सकता है। इसके बाद यही विधि दोबारा दोहराई जा सकती है।
विशेषज्ञ बोले- जीवामृत किसानों के लिए वरदान
कृषि विज्ञान केंद्र वरिष्ठ संयोजक प्रो. वेदप्रकाश लुहाच ने कहा कि जीवामृत किसानों के लिए वरदान है। इसे किसानों को प्रयोग करना चाहिए। इससे फसलों की गुणवत्ता बढ़ेगी और खर्च भी घटेगा। साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाएगा। जीवामृत किसान व भूमि(मिट्टी) दोनों के लिए अमृत सिद्ध होगा।
@@sahu2037 jai shree Krishna
Jai shree ram
Aapke bat se sahmat hu bhai
Thank you very much payalji . Very good
Apake vichar bahut achhe hai aap koi bhi kam karegi usme safal hogi bhagvan apako safal kare
Madam , ur doing very real work for farmers, pl sent the address of ur industries
Thank to Payal and green tv teams
Gr8 , nice interview, God bless you 🙏
Very very Nice medam jankari bahut acchi lagi h hame
VERY VERY NICE and Good Dooing *** Congrats *** BE HAPPY Don't worry *** ✋✋✋✋✋
Nice information payal ji
Excellent depiction of a new India business woman 👍
woh bahut khushi hui aapke jajabe ko salam
Awesome Great work 👍
Bahut sundar kam kar rhe hai payal ji bahut sundar kam and bahut sundar soch hai apki
Great Lady of India, salute you...
Her efforts is inspiring. M a retired person. Having passion. I would like to see this firm if I can get an opportunity. God bless you payal.
Good explanation of this buisness, thanks for your kind information 🙏
Payal Agarwal tomhare ye kam ke lia
muje bhartia nari por aj bhohut gorb ho roha hai. Dil se selut korta hu tomko. or age boro.
I appriciate your efforts from zero to millioners very nice God bless you
Dil se piar payel ji.l will meet you,from bangladesh
Impressed with innovation
Really appreciate your work, I would like to visit your place once.🙏keep it up👍
" आज नहीं तो कल जैविक खेती ही है हल " बहुत अच्छा लगा जहर मुक्त खेती, |