गीता रचने के लिए इतना बड़ा युद्ध क्यों? || आचार्य प्रशांत (2024)

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  • Опубликовано: 8 фев 2025
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    वीडियो जानकारी: 18.07.2024, अनौपचारिक सत्र, ग्रेटर नोएडा
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    विवरण:
    इस वीडियो में आचार्य जी ने गीता के युद्ध के मैदान में उतरने के महत्व पर चर्चा की है। उन्होंने बताया कि गीता की शिक्षा केवल सामान्य परिस्थितियों में नहीं, बल्कि संघर्ष और युद्ध के समय में ही प्रकट होती है। अर्जुन के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती थी, वह अपने और अपनों के खिलाफ लड़ाई थी, जो कि अहंकार और ममता से जुड़ी थी।
    आचार्य जी ने यह स्पष्ट किया कि असली लड़ाई अपने भीतर के अहंकार और ममता के खिलाफ होती है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे लोग छोटी-छोटी समस्याओं को बड़ा मुद्दा मानते हैं, जबकि असली मुद्दा अपने भीतर की लड़ाई है। गीता का ज्ञान तभी प्रकट होता है जब व्यक्ति अपने भीतर के संघर्ष को समझता है और उसे स्वीकार करता है।
    उन्होंने यह भी बताया कि भक्ति और ज्ञान का संबंध प्रेम से है। असली भक्ति प्रेम मार्ग है, जिसमें ज्ञान की प्रक्रिया शुरू होती है। अंत में, उन्होंने यह सुझाव दिया कि व्यक्ति को अपने भीतर के बंधनों को पहचानना और उन्हें तोड़ना चाहिए।
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    प्रसंग:
    ~ लोगों तक गीता कैसे पहुँचाएँ?
    ~ लोग गीता से दूर क्यों भागते हैं?
    ~ गीता किसने रची?
    ~ इंसान को कौन सा रोग लगा है जिसके लिए गीता है?
    ~ गीता रचने के लिए इतना बड़ा युद्ध क्यों?
    संगीत: मिलिंद दाते
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