उस दौर में गढ़वाली फिल्म बनाना कितना कठिन और रिस्की था लेकिन हमारे कलाकारों ने फिर भी वो काम किया। ऐसे कलाकारों को आपने मंच प्रदान किया इसके लिए पंवार जी का बहुत बहुत धन्यवाद।
वाक़ई में उस दोर में गढ़वाली फ़िल्म को बनाना काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता होगा ! और आपकी इस बातचीत में एक बात बहुत मज़ेदार वाली लगी भेजी 👌ना बेठ ना बेठ बिंदी हाहाहा 👌🙏
नरेन्द्र singh गुसाईं sir जिन्होंने इस फिल्म के लिए अपना घर तक बेचना पड़ा हम सब की दुवाएं है sir आपके लिए आपको पता नही होगा शायद इस फिल्म ने 90s के बच्चे पर इतना प्रभाव डाला है शायद ही मेरे जीवन में आज तक इतना गहरा आनद वाला बचपन का पल दुबारा आया हो जब पूरे गांव वाले वीसीआर पर ये फिल्म देखते थे ओर हम बच्चे इस फिल्म में बिल्कुल खो जाते थे वो वाकया बहुत गहरा सुखद पल था.. बहुत बड़ा पुण्य दिया sir आपने 90s के बच्चो को एक सुखत अनुभव देना जिसे कभी नही भुलाया जा सकता भगवान आप पर जरूर कृपा करेगा sir 🙏🙏
आपके ब्लॉग्स देखने में बड़ा मजा आता है, नेगी जी से जुड़े किस्से सुनना मुझे काफी अच्छा लगता है क्योंकि सभी की तरह मैं भी नेगी जी का एक बड़ा प्रशंसक हूं आपका नेगी जो के साथ जुड़ा कोई भी ब्लॉग देखना देखना मुझे काफी पसंद है🎉🎉❤❤
अनिल भाई नमस्कार भाई बड़ा अच्छा लगे शैद तीन दशक बाद ये रूप मा दिख्या, जीवन का चक्रचालों मा सब उलझि गेन,गटकोट से लेकर अमाल्डू व दिल्ली तक का सफर, कनाट प्लेस बाबा खड़ग सिंह मार्ग में स्वनामधन्य भग्यान बेटा श्री विनोद उनियाल का सानिध्य का प्रतिफल छ शायद गटकोट क्या क्षेत्र भी तुम लोगुक बाटु हिरदु....पुरणि याद अमिट छन मैनेजर का रूप मा आपक पितजि की सेवा लोग याद कररदन, खैर अब त मैनेजर कम रुप्या खाणक दलाल बण गेन,सब याद आता कन्हैयालाल डंडरियिल नेत्र दा अबोधबन्धु बहुगुणा ललित केशवान पाराशर दा आदि की यादताजा ह्वेगे गढ्वलि साहित्य साधना मा योगदान अपणि बोलि अपण पछ्याण दिल्ली मा भि चरखि का आन्द अलग ही आन्दानुभूति। छन,समै कौन कख चल जांद लि-बुरि याद समलौण रै जांदन बहत समै बाद कम से कम विज्ञान का युग मा साक्षात हूण बि भहयर संयोग। छ पंवार जी को भि धन्यवाद
सामान्यत: या बात ठीक नी चा। लुट्यांद वू ही छन जू बंडी फूल जंदीन। वन वे बगता का गढवाली फिल्म का प्रोड्यूसर जज्बाती जादा छया। ता ऐ जांद छया धूर्त लोगों का चक्कर मां।
सर जख्मोला जी से साक्षातकार अच्छा लगा पर जब गुशाई जी का क्या हुआ उन्होंने नही बताया पर मेरा आप से अनुरोध हे की अगर गुशाई जी आज हे तो उन से मिलो कैसे हे किस हाल मे हे जिन्होने अपने खुन पसीने की कमाई से चक्रचाल जैसी फिल्म बनाई
उस दौर में गढ़वाली फिल्म बनाना कितना कठिन और रिस्की था लेकिन हमारे कलाकारों ने फिर भी वो काम किया। ऐसे कलाकारों को आपने मंच प्रदान किया इसके लिए पंवार जी का बहुत बहुत धन्यवाद।
Utmost; I like he speak in proud language ❤*Garhwali*
वाक़ई में उस दोर में गढ़वाली फ़िल्म को बनाना काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता होगा ! और आपकी इस बातचीत में एक बात बहुत मज़ेदार वाली लगी भेजी 👌ना बेठ ना बेठ बिंदी हाहाहा 👌🙏
चक्रचाळ 1994 बटि अर आज तलक सुपर हिट च.. बलदेव राणा जी की फ़िल्म *संस्कार* वेगस मॉल द्वारका मा देखणा छाँ 🙏🌷🙏
बहुत सुंदर जखमोला जी🙏🏻
नरेन्द्र singh गुसाईं sir जिन्होंने इस फिल्म के लिए अपना घर तक बेचना पड़ा हम सब की दुवाएं है sir आपके लिए आपको पता नही होगा शायद इस फिल्म ने 90s के बच्चे पर इतना प्रभाव डाला है शायद ही मेरे जीवन में आज तक इतना गहरा आनद वाला बचपन का पल दुबारा आया हो जब पूरे गांव वाले वीसीआर पर ये फिल्म देखते थे ओर हम बच्चे इस फिल्म में बिल्कुल खो जाते थे वो वाकया बहुत गहरा सुखद पल था.. बहुत बड़ा पुण्य दिया sir आपने 90s के बच्चो को एक सुखत अनुभव देना जिसे कभी नही भुलाया जा सकता भगवान आप पर जरूर कृपा करेगा sir 🙏🙏
ये सबसे लोकप्रिय गढ़वाली फिल्म रही,
इस फिल्म को मैंने बड़े पर्दे पर देखा है।
जब धरती बीच मै फटती है वो सीन आज भी याद है।
Bahut sundar Jakhmola g ko Sadar 🙏🙏
आपके ब्लॉग्स देखने में बड़ा मजा आता है, नेगी जी से जुड़े किस्से सुनना मुझे काफी अच्छा लगता है क्योंकि सभी की तरह मैं भी नेगी जी का एक बड़ा प्रशंसक हूं आपका नेगी जो के साथ जुड़ा कोई भी ब्लॉग देखना देखना मुझे काफी पसंद है🎉🎉❤❤
धन्यवाद भाई, देखते रहिए अभी और भी रोचक क़िस्से शेयर करूँगा
Thankyou sir ji for this interview, please conduct interview with Gharjhawai movie actor actress
बहुत शानदार
Bahaut hi badiya Film hai chkarchal CD mein dekhi thi mein
बहुत सुंदर सर जी, उस दौर की गढवाली फिल्मों को देखने का अलग ही मजा था, घरजवैं बेटी ब्वारी और चक्रचाल जैंसी ऐतिहासिक फिल्में अब कहां आ रही। 🙏🙏
यादगार साक्षात्कार 👍👍🙏
धन्यवाद
@@ManuPanwar जी 🙏 सादर अभिनंदन
🙏🙏
अनिल भाई नमस्कार भाई बड़ा अच्छा लगे शैद तीन दशक बाद ये रूप मा दिख्या, जीवन का चक्रचालों मा सब उलझि गेन,गटकोट से लेकर अमाल्डू व दिल्ली तक का सफर, कनाट प्लेस बाबा खड़ग सिंह मार्ग में स्वनामधन्य भग्यान
बेटा श्री विनोद उनियाल का सानिध्य का प्रतिफल छ शायद गटकोट क्या क्षेत्र भी तुम लोगुक बाटु हिरदु....पुरणि याद अमिट छन मैनेजर का रूप मा आपक पितजि की सेवा लोग याद कररदन, खैर अब त मैनेजर कम रुप्या खाणक दलाल बण गेन,सब याद आता कन्हैयालाल डंडरियिल नेत्र दा अबोधबन्धु बहुगुणा ललित केशवान पाराशर दा आदि की यादताजा ह्वेगे गढ्वलि साहित्य साधना मा योगदान अपणि बोलि अपण पछ्याण दिल्ली मा भि चरखि का आन्द अलग ही आन्दानुभूति। छन,समै कौन कख चल जांद लि-बुरि याद समलौण रै जांदन बहत समै बाद कम से कम विज्ञान का युग मा साक्षात हूण बि भहयर संयोग। छ पंवार जी को भि धन्यवाद
🙏🙏
Nice
चक्रचाल जन गडवाली फिल्म अभी तक कोई नी वडी 1994 से २०२५ तक
बहुत अछू काम काना भेजी आप
सर जखमोला जी उत्तराखंड के रत्न है.
❤❤❤❤
Aapki kahani maa bhi ek film banon che chakra hal si jyada chal jaandi waa. Thanks Jai Badri vishal
❤
Book knha se milige
गढ़वाली तो अपनो को लूट सकता है और लूट रहे हैं
सामान्यत: या बात ठीक नी चा। लुट्यांद वू ही छन जू बंडी फूल जंदीन। वन वे बगता का गढवाली फिल्म का प्रोड्यूसर जज्बाती जादा छया। ता ऐ जांद छया धूर्त लोगों का चक्कर मां।
E book hame bej sakte hai
"मूड़ मां छै" 🤣🤣🤣
सर जख्मोला जी से साक्षातकार अच्छा लगा पर जब गुशाई जी का क्या हुआ उन्होंने नही बताया पर मेरा आप से अनुरोध हे की अगर गुशाई जी आज हे तो उन से मिलो कैसे हे किस हाल मे हे जिन्होने अपने खुन पसीने की कमाई से चक्रचाल जैसी फिल्म बनाई
दु:खद च कि नरेंद्र कुमार गुसांई अब यहीं दुनिया मां नी छन।
@@GARHWALIRAMAYAN-bf4zy बड़े दुख की बात बताई भाई