महिला काफी समझदार है। वास्तव में सरना धर्म नहीं बल्कि पूजा स्थल का नाम है जो साल वृक्षों का झुरमुट होता है। झारखंडी आदिवासी समाज के साथ सरना शब्द आज से करीब पचास साल पहले से जोड़ा जाने लगा। जो कह रही है ,बिल्कुल सही है। वास्तव में कहा जय तो प्राकृतिक शक्ति की पूजा उपासना हिंदू समाज के अन्तर्गत ही है। भागवत गीता में भगवान ने अपने शक्ति की महत्ता का वर्णन प्राकृतिक शक्ति के परिपेक्ष में ही की है। सरना समाज, आर्य समाज, ब्रह्म समाज, रविदास समाज, सिक्ख समाज, जैन समाज, बौद्ध, जय गुरुदेव पंथ, राम रहीम , कबीर पंथी....आदि सभी भारतीय सनातन धर्म के विभिन्न पंथ या शाखा हैं। धर्म का क्षेत्र काफी विस्तृत होता है न कि कुछ समाज के लोगों तक ही सीमित रहता है। जैसे सरना समाज झारखंड मूल के कुछ आदिवासी समाज तक के लोगों तक ही सीमित है। धर्म के अन्तर्गत सभी वर्ग - जाति , क्षेत्र, आदिवासी, हरिजन, पिछड़ी और अगड़ी जाति के लोग होते हैं , तभी उसे धर्म का अस्तित्व मिलता है। 'आदिवासी, हरिजन हिंदू नहीं है ' यह वोट की राजनीति के लिए कहना प्रारम्भ किया गया है। बिरसा मुंडा ने भी अपने अनुयायियों को वैष्णवी मार्ग अपनाने के प्रेरित किया था। महिला भले ही अनपढ़ है, लेकिन उसकी आस्था वाली सोच और ज्ञान के लिए कोटिश: नमन !!!
सोचना समझना कुछ नहीं हम प्रकृति पूजा कहें जिसको ज्ञान नहीं मिला टाइम से वह मंदिर जाएंगे गिरजा जाएंगे हमें क्या इतना भर मत फैलाओ पत्रकार भाई जी हम प्राकृतिक पूजा का आदिवासी लोग वर्ण व्यवस्था से कोसो दूर है पूरा आदिवासी समाज के लिए एक परिवार ने गलत किया तो क्या हम सभी उसके बात मान रहे हैं हमने झेला है हमने शोषण देखा है हमने इतिहास पढ़ा है शासक वर्ग ham निम्न जाति के साथ कैसा व्यवहार करते हैं shasak वर्ग हमें क्या सिखाएंगे मानवता aur धर्म हमारा आदिवासी समाज ही मानवता और धर्म के लिए मिसाल है
आदिवासी हमेशा से धर्म परिवर्तन कर रहे है ।भारत धर्म निरपेक्ष है कोई भी धर्म अपना सकता है ।ये हिंदू covert ho gaye । कई तो मुस्लिम , ईसाई और बौद्ध भी बन गए है
प्राकृतिक पूजा को नहीं तोड़ रही है इसको ज्ञान ही नहीं है इनको पता ही नहीं है कि हमारा समाज का व्यवस्था क्या है तो क्या करें लोग तो आप जागरूक हो रहा है ना हम मंदिर पूजा से और वर्ण व्यवस्था कोसों दूर है
Asli Hindu adivasi hi hai. Surya Puja,hawa ki puja, dharti puja, purwajon ka puja, East dev bhagwan Sankar ka puja, sabhi devi devta ka puja sirf adivasi hi karte hain.
हमें आप पर भरोसा है आप असली आदिवासी हैं और अपने समाज के लिए जी और मर सकते हैं और ऐसे लोगों का हमें सख्त जरूरत है हमारे समाज का अस्तित्व बचाने के लिए please send your WhatsApp no..
देश के तमाम आदिवासियों के लिए अलग पहचान धर्म कोड होना चाहिए नहीं तो यही हाल होगा और एक दिन ऐसा न हो जाय कि आदिवासी खत्म हो और आदिवासी संस्कृति भी 🤔 इसलिए देश के तमाम आदिवासियों को एक मंच पर आकर धर्म कोड के लिए आवाज़ बुलंद करना होगा 💪 जय जोहार जय आदिवासी जय झारखण्ड
@daharsarna1994- भारत सरकार देश के आदिवासियोंके लिये एक ही धर्म कोड देगी,परन्तु झारखंड और उसकी सीमा से लगे प्रदेशों (आंशिक) के सरना धर्मावलम्बी लोग केवल सरना धर्म कोड की ही मांग करते हैं।ऐसे में देश के अन्य क्षेत्रों के वे गैर सरना धर्म के आदिवासी( भील,गोंड, मीणा ) इत्यादि के लिये क्या होगा। इस तरह स्थिति यह बनती है कि न सरना धर्मावलम्बी अपनी जिद छोड़ेंगे,और न सरकार "सरना कोड " देगी।
और यह जो मंदिर का व्याख्यान दे रही है इसके व्याख्यान से हम पूरे समाज समर्थन नहीं करते हैं एक के भटक जाने से पूरे समाज को हम उसे क्षेत्र में नहीं देख सकते हैं हमारा नेचर अलग है हम प्राकृतिक पूजा करें
हमें आप पर भरोसा है आप असली आदिवासी हैं और अपने समाज के लिए जी और मर सकते हैं और ऐसे लोगों का हमें सख्त जरूरत है अपने समाज का अस्तित्व बचाने के लिए please send your WhatsApp no...❤ from ranchi (jh)
यह औरत इंसान नहीं राक्षासी है इसको तो शर्म होना चाहिए कि हम उरांव है बोलने के लिए जिसको धर्म और समाज के बारे में पता नहीं है तो बोलना ही नहीं चाहिए सरना आदिवासी के नाम पर यह औरत कलंक है पत्रकार भाई हम लोग प्राकृतिक का पूजा करते हैं और आदिवासी है और आदिवासी ही रहेंगे
Hey just listen mind your own business hum andaman mein rethe hai yaha mainland jaisa nhi hai waha hindu Or sarna alag hota hai yaha waisa nhi hai hum jaise bhi rethe hai andaman mein re the hai jharkhand mein nhi rethe toh na hi bole toh aacha hai Or aise bhi ye video humare permission se dala nhi gaya hai uslog bas aise shoot kiye thay jane ke liye but we begged them ki yt par mat dalna then also they put. Please aise sab na bole agr aapko kuch pata na ho toh and how dare you to talk like thi who give you wright do you know us absolutely not na so please dont talk like this aap janti ho hume nhi na toh aise mat boliye aao jo rakshi boli na aap ludh sabse badi rakhshi hai
आदिवासी का दर्जा सरकार देती है न कि समाज या व्यक्ति। आप कहते हैं आदिवासी हिंदू नहीं है तो जो लोग भारतीय परंपरा व्यवस्था को छोड़ कर पश्चिमी सभ्यता के मार्ग पर चले गए हैं उनको तो कुछ कहने की हिम्मत नहीं है। उनका आदिवासी होने न होने पर आप कुछ नहीं कहते हैं। सरना समाज का नाम देने वाले बाबा कार्तिक ओरांव ने तो हिंदू धर्म छोड़ने वाले आदिवासियों को आदिवासी आरक्षण का लाभ समाप्त करने के लिए भारत के सांसद में बिल पेश करके पूरे दुनिया को हिला दिया था।
पत्रकार जी ऐसे लोगो के घर मे इंटरव्यू मत लीजये।ये परिवार,को अदिबसियो की इतिहासिक,धार्मिक,सांस्कृतिक जानकारी नही है। जब इस परिवार को प्राकृतिक पूजा का कुछ भी जानकारी नही है।
आदिवासी समाज का धर्म कोड नहीं होने के कारण आदिवासी समुदाय जिस जगह पर रहे वहीं के लोगों के अनुसार अपने धर्म और संस्कृति को बदल दिए हैं यह हिंदू धर्म से इतना प्रभावित हुई कि इनको अपने धर्म संस्कृति का ज्ञान नहीं है । इसलिए इनके परिवार वालों ने घर में ही मंदिर बनवाकर विभिन्न प्रकार के हिन्दू देवी देवताओं की स्थापना की। पूजा पाठ कर रहे हैं। और अपने आप को हिंदू समझते हैं। इसमें इनका कोई गलती नहीं है उसे जो जानकारी है उसे बताने का कोशिश की। सच यह है किहम आदिवासी हिंदू कभी नहीं थे और ना आज हैं और ना कभी होगें। हम प्राकृतिक पूजा सरना धर्मावलंबी हैं हम सरना स्थल में पूजा करते हैं।सरना झंडा हमारी पहचान है। सरना धर्म और सरना झंडा ही पूरे संसार के आदिवासियों एक सूत्र में बांधते हुए अपने धर्म की पहचान कर सकता है। जय धरम। 🙏🏻🙏🏻 जय सरना।
आदिवासी के लिए पूछो का उवाह का सरकार आदिवासी मानती है नहीं मानती है इनको गवर्नमेंट द्वारा आदिवासी प्लान क्या क्या है मां का आदिवासियों के लिए और कौन कौन से आदिवासी लोग हैं के लिए बात करो 14:20
अब मैं कहूं कि उरांव लोग गाय खाते हैं/ थे। आप लोग उन्हें खाने क्यों नहीं देते। उन्हें यह भी करने दो। उरांव आदिवासियों को महाराष्ट्र के राजाओं ने कुचल कर उनके राज-पाट को खत्म किया। इसके बारे में पूछिए। मेरे दादा जी भी देवड़ा थे लेकिन उन्होंने तो किसी हिन्दू देवी देवताओं का पूजा नहीं किया।
पत्रकार महोदय जी इनको धर्म कर्म का ज्ञान बचपन से नहीं मिला है इसलिए अपने धर्म के बारे में नहीं जानते हैं हिंदुओं के सामने पाला बड़ा है और हिंदुओं से यह मिला जुला हुआ है इसलिए हिंदुओं के देवी देवताओं को ही यह मानेंगे इसका अपना देवी देवता क्या है इनको अभी तक ज्ञान ही मिला नहीं है इसलिए नहीं जान पा रहे हैं आप बढ़ा चढ़ा कर इस तरह चर्चा नहीं करें पत्रकार जी।
Patrakar sahab ek pariwar ko hindu daram par astha hai to pure adivasi samaj ko jhutla nahi sakte aap ye pariwar Puri tarah se hindu wadi bichar se parbhavit hai
ऐ आज-कल के अमुक आदीवासी अमुक बहुजन अमुक जय भीम वाले हमारे देवी देवताओं को अल्प सर्प बोलते हैं तुम को दीकत मेरे छे है गाली गलोज मेरे को करो देवी देवताओं को अल्प सर्प मत बोलो तुम को दीकत मनुवादी छे है तो उनको बोलो ग्वार देशद्रोही ना बनो
शिक्षा की कमी से हिंदू बता रही है पहले के लोग नहीं पढ़े लिखे हैं वह सब हिंदू धर्म में पढ़ते हैं लेकिन सब नियम कानून सारण से ही किया जाता है अभी भी अनपढ़ बाबा लोग से पूछने से हिंदू धर्म ही बताता है
हम आदिवासी प्रकृति पूजक बड़ा देव वाले हैं। जय जोहार जय आदिवासी
जय जोहार ये माता जी रास्ता भटक गई है।
आपका वीडियो बहुत आभ्छ है। आदिवासी जहां भी रहें पहले वे आदिवासी ही रहेंगे धर्म तो बाद में
महिला काफी समझदार है। वास्तव में सरना धर्म नहीं बल्कि पूजा स्थल का नाम है जो साल वृक्षों का झुरमुट होता है। झारखंडी आदिवासी समाज के साथ सरना शब्द आज से करीब पचास साल पहले से जोड़ा जाने लगा। जो कह रही है ,बिल्कुल सही है। वास्तव में कहा जय तो प्राकृतिक शक्ति की पूजा उपासना हिंदू समाज के अन्तर्गत ही है। भागवत गीता में भगवान ने अपने शक्ति की महत्ता का वर्णन प्राकृतिक शक्ति के परिपेक्ष में ही की है। सरना समाज, आर्य समाज, ब्रह्म समाज, रविदास समाज, सिक्ख समाज, जैन समाज, बौद्ध, जय गुरुदेव पंथ, राम रहीम , कबीर पंथी....आदि सभी भारतीय सनातन धर्म के विभिन्न पंथ या शाखा हैं। धर्म का क्षेत्र काफी विस्तृत होता है न कि कुछ समाज के लोगों तक ही सीमित रहता है। जैसे सरना समाज झारखंड मूल के कुछ आदिवासी समाज तक के लोगों तक ही सीमित है। धर्म के अन्तर्गत सभी वर्ग - जाति , क्षेत्र, आदिवासी, हरिजन, पिछड़ी और अगड़ी जाति के लोग होते हैं , तभी उसे धर्म का अस्तित्व मिलता है। 'आदिवासी, हरिजन हिंदू नहीं है ' यह वोट की राजनीति के लिए कहना प्रारम्भ किया गया है। बिरसा मुंडा ने भी अपने अनुयायियों को वैष्णवी मार्ग अपनाने के प्रेरित किया था। महिला भले ही अनपढ़ है, लेकिन उसकी आस्था वाली सोच और ज्ञान के लिए कोटिश: नमन !!!
आपका मानना है कि अदिबासी हिन्दू है।तो आप अदिबसियो से भेद भाव क्यों अदिबसियो से अपना बेटी बेटा का सादी करे।समदि बन कर प्रमाणित करें।
सरना कोर्ट नहीं मिलना हो तो आदिवासी का यही हाल होगा हम अपना टूट कर बर्बाद हो जाएंगे इसीलिए सारण कोड बेहद जरूरी है आदिवासी समाज के लिए
सोचना समझना कुछ नहीं हम प्रकृति पूजा कहें जिसको ज्ञान नहीं मिला टाइम से वह मंदिर जाएंगे गिरजा जाएंगे हमें क्या इतना भर मत फैलाओ पत्रकार भाई जी हम प्राकृतिक पूजा का आदिवासी लोग वर्ण व्यवस्था से कोसो दूर है पूरा आदिवासी समाज के लिए एक परिवार ने गलत किया तो क्या हम सभी उसके बात मान रहे हैं हमने झेला है हमने शोषण देखा है हमने इतिहास पढ़ा है शासक वर्ग ham निम्न जाति के साथ कैसा व्यवहार करते हैं shasak वर्ग हमें क्या सिखाएंगे मानवता aur धर्म हमारा आदिवासी समाज ही मानवता और धर्म के लिए मिसाल है
यह लोग बचपन से समाज से बिछुड़ चुके हैं इनका क्या पता समाज और धर्म क्या होता है
Right my bhi yahi bolne wahi thi
Sahi baat hai bhai
इनकी आस्था हिंदुत्व में है
किसी एक दो सरना धर्मावलम्बी को मूर्ति पूजक दिखा कर क्या सारे आदिवासियों को हिन्दू साबित करना चाहते हैं ?
❤❤❤
आदिवासी हमेशा से धर्म परिवर्तन कर रहे है ।भारत धर्म निरपेक्ष है कोई भी धर्म अपना सकता है ।ये हिंदू covert ho gaye । कई तो मुस्लिम , ईसाई और बौद्ध भी बन गए है
प्राकृतिक पूजा को नहीं तोड़ रही है इसको ज्ञान ही नहीं है इनको पता ही नहीं है कि हमारा समाज का व्यवस्था क्या है तो क्या करें लोग तो आप जागरूक हो रहा है ना हम मंदिर पूजा से और वर्ण व्यवस्था कोसों दूर है
Akdam sahi kaha
❤ Jay ma sarna ma
Ishiliye sarna dharam code milna chahiye
Jai sarna maa
Bahut badhiya hai Mai bhi Andaman se hun, yahan se bahut se log apne parampra ko jivit rakhe hai
इन्हे अपने आप आपको उरांव भी नही कहना चाहिए । क्योंकि भाषा बोली को खो चुकी है ।और अपना धर्म भी बदली कर चुकी है।
Right bole hai bhaiya
yes sahi qki tm gawar ho avi v
हां सही बात है
Asli Hindu adivasi hi hai. Surya Puja,hawa ki puja, dharti puja, purwajon ka puja, East dev bhagwan Sankar ka puja, sabhi devi devta ka puja sirf adivasi hi karte hain.
जिसका बचपन सामाजिक नेचर से अलग होता है वे लोग आदिवासी संस्कृत से कटे हुए रहते हैं उनको पता नहीं रहता है हमारा नेग सिस्टम कस्टम
Jharkhand ki beti hai, patni ban gai hai OTHER JATI se is liye to ye boodhya ko na apni bhasha aati hai na kooch. Thooo😅😅😅😅😅😅😅😂😂😂😂
हमें आप पर भरोसा है आप असली आदिवासी हैं और अपने समाज के लिए जी और मर सकते हैं और ऐसे लोगों का हमें सख्त जरूरत है हमारे समाज का अस्तित्व बचाने के लिए please send your WhatsApp no..
देश के तमाम आदिवासियों के लिए अलग पहचान धर्म कोड होना चाहिए नहीं तो यही हाल होगा और एक दिन ऐसा न हो जाय कि आदिवासी खत्म हो और आदिवासी संस्कृति भी 🤔
इसलिए देश के तमाम आदिवासियों को एक मंच पर आकर धर्म कोड के लिए आवाज़ बुलंद करना होगा 💪
जय जोहार
जय आदिवासी
जय झारखण्ड
@daharsarna1994- भारत सरकार देश के आदिवासियोंके लिये एक ही धर्म कोड देगी,परन्तु झारखंड और उसकी सीमा से लगे प्रदेशों (आंशिक) के सरना धर्मावलम्बी लोग केवल सरना धर्म कोड की ही मांग करते हैं।ऐसे में देश के अन्य क्षेत्रों के वे गैर सरना धर्म के आदिवासी( भील,गोंड, मीणा ) इत्यादि के लिये क्या होगा। इस तरह स्थिति यह बनती है कि न सरना धर्मावलम्बी अपनी जिद छोड़ेंगे,और न सरकार "सरना कोड " देगी।
हनुमान चालीसा बोलवाते ना सर पहले सोसल मीडिया नहीं था लोग कोय हिन्दू धर्म तो कोय ईसाई धर्म आपना लिया
सारूपहाडे बेन्दो का गाना है
श्रीराम भगत दिल्ली से (गुमला डुमरी टोटो, ) ओ भाई मेरे गाँव की है
और यह जो मंदिर का व्याख्यान दे रही है इसके व्याख्यान से हम पूरे समाज समर्थन नहीं करते हैं एक के भटक जाने से पूरे समाज को हम उसे क्षेत्र में नहीं देख सकते हैं हमारा नेचर अलग है हम प्राकृतिक पूजा करें
हमें आप पर भरोसा है आप असली आदिवासी हैं और अपने समाज के लिए जी और मर सकते हैं और ऐसे लोगों का हमें सख्त जरूरत है अपने समाज का अस्तित्व बचाने के लिए please send your WhatsApp no...❤ from ranchi (jh)
बाकी का प्लान बाद में
यह औरत इंसान नहीं राक्षासी है इसको तो शर्म होना चाहिए कि हम उरांव है बोलने के लिए जिसको धर्म और समाज के बारे में पता नहीं है तो बोलना ही नहीं चाहिए सरना आदिवासी के नाम पर यह औरत कलंक है पत्रकार भाई हम लोग प्राकृतिक का पूजा करते हैं और आदिवासी है और आदिवासी ही रहेंगे
Hey just listen mind your own business hum andaman mein rethe hai yaha mainland jaisa nhi hai waha hindu Or sarna alag hota hai yaha waisa nhi hai hum jaise bhi rethe hai andaman mein re the hai jharkhand mein nhi rethe toh na hi bole toh aacha hai
Or aise bhi ye video humare permission se dala nhi gaya hai uslog bas aise shoot kiye thay jane ke liye but we begged them ki yt par mat dalna then also they put.
Please aise sab na bole agr aapko kuch pata na ho toh and how dare you to talk like thi who give you wright do you know us absolutely not na so please dont talk like this aap janti ho hume nhi na toh aise mat boliye aao jo rakshi boli na aap ludh sabse badi rakhshi hai
यह बात भी सही है पहले से आदिवासी समाज में रामायान का पाठ किसी पंडित या दिकूओं लोगों के द्वारा किया जाता था।
Gelt bat h ase khi nhi hota tha
रामायण,महाभारत,बेद, पुराण रचित कथा है।सत्य नही।वेदब्यास,तुलसीदास का रचित झूठा कहानी है।पहले पढ़ो फिर लिखो।
सरना नेता को कभी वोट नहीं देना है भाई लोग
आदिवासी का दर्जा सरकार देती है न कि समाज या व्यक्ति। आप कहते हैं आदिवासी हिंदू नहीं है तो जो लोग भारतीय परंपरा व्यवस्था को छोड़ कर पश्चिमी सभ्यता के मार्ग पर चले गए हैं उनको तो कुछ कहने की हिम्मत नहीं है। उनका आदिवासी होने न होने पर आप कुछ नहीं कहते हैं। सरना समाज का नाम देने वाले बाबा कार्तिक ओरांव ने तो हिंदू धर्म छोड़ने वाले आदिवासियों को आदिवासी आरक्षण का लाभ समाप्त करने के लिए भारत के सांसद में बिल पेश करके पूरे दुनिया को हिला दिया था।
हिंदू converted का dilisting हो
Yah geet nahi janti Hai to aadivasi nahi ho sakti hai
पत्रकार जी ऐसे लोगो के घर मे इंटरव्यू मत लीजये।ये परिवार,को अदिबसियो की इतिहासिक,धार्मिक,सांस्कृतिक जानकारी नही है। जब इस परिवार को प्राकृतिक पूजा का कुछ भी जानकारी नही है।
पैसा ज्यादा हो गया इसलिए अपने आपको हिन्दू बोल रहे हैं
हिन्दू धर्म में सिर्फ चार जाति होते हैं ब्राह्मण, क्षत्रिय, बनिया और शूद्र
Jis tarah kuch adivasi christian bane hai, usi tarah kuch adivasi vi hindu bane huy hai.
Hindu dharam mein conversion hota hi nahin hai
ADIVASI sabad samvidhan mein hai hi nahin Isliye Adivasi sabad ka istemal karne ka. koi
arth nahin hai
Sahi kaha
ये परिवार आदिवासी समाज से भटक गया है जो डाली अपने पेड़ से टूट जाता है वह सुख जाता है
ऐसे लोग आदिवासी के नाम पर कलंक है
आदिवासी समाज का धर्म कोड नहीं होने के कारण आदिवासी समुदाय जिस जगह पर रहे वहीं के लोगों के अनुसार अपने धर्म और संस्कृति को बदल दिए हैं यह हिंदू धर्म से इतना प्रभावित हुई कि इनको अपने धर्म संस्कृति का ज्ञान नहीं है । इसलिए इनके परिवार वालों ने घर में ही मंदिर बनवाकर विभिन्न प्रकार के हिन्दू देवी देवताओं की स्थापना की। पूजा पाठ कर रहे हैं। और अपने आप को हिंदू समझते हैं।
इसमें इनका कोई गलती नहीं है उसे जो जानकारी है उसे बताने का कोशिश
की। सच यह है किहम आदिवासी हिंदू कभी नहीं थे और ना आज हैं और ना कभी होगें। हम प्राकृतिक पूजा सरना धर्मावलंबी हैं हम सरना स्थल में पूजा करते हैं।सरना झंडा हमारी पहचान है। सरना धर्म और सरना झंडा ही पूरे संसार के आदिवासियों एक सूत्र में बांधते हुए अपने धर्म की पहचान कर सकता है।
जय धरम। 🙏🏻🙏🏻 जय सरना।
आदिवासी के लिए पूछो का उवाह का सरकार आदिवासी मानती है नहीं मानती है इनको गवर्नमेंट द्वारा आदिवासी प्लान क्या क्या है मां का आदिवासियों के लिए और कौन कौन से आदिवासी लोग हैं के लिए बात करो 14:20
Ye adiwashi nahi hai balki hindu hai.
Johar🇦🇹
Dharam code nahi Milne ke karan aadiwasi log bhatak gaye hain Baba Karthik Oraon ne Sarna dharam code ka mang Kiya tha
Sarna code Bahut jaruri hai adiwasiyo me Code nahi to bot
mat dena
अब मैं कहूं कि उरांव लोग गाय खाते हैं/ थे। आप लोग उन्हें खाने क्यों नहीं देते। उन्हें यह भी करने दो। उरांव आदिवासियों को महाराष्ट्र के राजाओं ने कुचल कर उनके राज-पाट को खत्म किया। इसके बारे में पूछिए। मेरे दादा जी भी देवड़ा थे लेकिन उन्होंने तो किसी हिन्दू देवी देवताओं का पूजा नहीं किया।
Iska dimak satak gaya hi adiwasi murti puja nhi karte
Johar dada
पत्रकार महोदय जी इनको धर्म कर्म का ज्ञान बचपन से नहीं मिला है इसलिए अपने धर्म के बारे में नहीं जानते हैं हिंदुओं के सामने पाला बड़ा है और हिंदुओं से यह मिला जुला हुआ है इसलिए हिंदुओं के देवी देवताओं को ही यह मानेंगे इसका अपना देवी देवता क्या है इनको अभी तक ज्ञान ही मिला नहीं है इसलिए नहीं जान पा रहे हैं आप बढ़ा चढ़ा कर इस तरह चर्चा नहीं करें पत्रकार जी।
Oram log beep pork v khate h jaise ki santhal v khate h pir v Hum log Hindu h ky😂😂
Hindu m pork 🐖🥩 Beep kb s khane lage😂
इस नानी को अपना धर्म के बारे में कुछ पता नहीं है
असली आदिवासी नहीं है ।
Ham bhi गुमला se hai sir
Patrakar sahab ek pariwar ko hindu daram par astha hai to pure adivasi samaj ko jhutla nahi sakte aap ye pariwar Puri tarah se hindu wadi bichar se parbhavit hai
Jai shree ram ❤❤❤❤❤❤❤❤
pagl Ram ko kiu hoda
Lass jalati hai to kon hisab se aadiwashi hai
kya nani dharam bacha rahi ho? aapne ko hindu bata rahi ho ,jai johar jai maa sarna
are gawar
Jisko jo manana hai mano lekin khud ka samaj dharm ke bare kuchh bhi pata nhi ishliye Aadiwasiyon ka tutna swabhawik hai
ऐ आज-कल के अमुक आदीवासी अमुक बहुजन अमुक जय भीम वाले हमारे देवी देवताओं को अल्प सर्प बोलते हैं तुम को दीकत मेरे छे है गाली गलोज मेरे को करो देवी देवताओं को अल्प सर्प मत बोलो तुम को दीकत मनुवादी छे है तो उनको बोलो ग्वार देशद्रोही ना बनो
Koi kooch bhi bole aap khus rahe ham kise jate dharm se koi nafhrat nahi ham sab ek saman maushya hi
शिक्षा की कमी से हिंदू बता रही है पहले के लोग नहीं पढ़े लिखे हैं वह सब हिंदू धर्म में पढ़ते हैं लेकिन सब नियम कानून सारण से ही किया जाता है अभी भी अनपढ़ बाबा लोग से पूछने से हिंदू धर्म ही बताता है
सरू पहाड़ के बारे में कुछ कहानी जानती होगी तो पूछ सकते हैं हर
गुमला जिला में घर घर
मैं बहुत से शिवलिंग मिलेगा उरांव भगत के घर
Darm ke bare me nahi jante h Hindu darm ko apna liya h nani
Ye.Adivasi.nehi.esko.s.t.se.😊😊hatana.nokri.pakar.sab.anam😊sanab.bhola
Rss wali women😅😅😅
Very good coverage. Knowledge नहीं है। अनपढ़ है
Ye kisiko Guru manliya aur Guru jo kaha wahi kiya aur apna sabkuchh kho diya hay.
Eye
Filtration theory sab jagah kam krti...... lower caste log Elite logo ko follow krte
कोई भी धर्म मान सकता है
Andhbhakt
Uraw janjati kattar hindu bolke sahshik parichay diya hai