Brahma Baap Ne Apne Upar ATTENTION Rakha Lekin MEHNAT Nahi Ki - BK Rini USA
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- Опубликовано: 7 фев 2025
- दो बातों की लीकेज महेनत कराती है - एक पुराने संस्कार का आकषर्ण्। संसार में सम्बन्ध, पदार्थ सब आ जाता है। और दूसरा- पुराने संस्कार की आकर्षण। यह पुराना संसार और पुराने संस्कार अपने तरफ आकर्षित कर देते हैं। तो परमात्म प्यार में परसेन्टेज हो जाती है। चेक करो - इन दोनों लीकेज से मुक्त हैं? याद करो आप आत्मा के अनादि संस्कार और आदि संस्कार क्या थे और अभी अन्त के ब्राह्मण जीवन के संस्कार क्या हैं? अनादि भी हैं, आदि भी हैं और अन्त में भी श्रेष्ठ संस्कार हैं। यह पुराने संस्कार मध्य के हैं, न अनादि हैं, न आदि हैं, न अन्त के हैं। लेकिन लक्ष्य क्या है सभी का? किसी भी बच्चे से पूछो तो एक ही उत्तर देते हैं लक्ष्य है बाप समान बनने का। यही है ना! है तो हाथ उठाओ। यही लक्ष्य है पक्का? या बीच-बीच में बदली हो जाती है? तो बाप बच्चों से पूछते हैं कि बाप और दादा दोनों के समान संस्कार कौन से हैं? सदा बाप हर आत्मा के प्रति उदारचित्त रहे हैं। हर आत्मा के प्रति स्नेह और सम्मान स्वरूप में सहयोगी रहे हैं। ऐसे स्वयं भी अपने को हर आत्मा के प्रति सहयोगी अनुभव करते हो? सहयोग दे तो सहयोगी बनें, नहीं। स्नेह दे तो स्नेही बनें, नहीं। जैसे ब्रह्मा बाप हर बच्चे के प्रति सहयोगी बनें, स्नेही बनें, ऐसे सर्व के सदा स्नेही और सहयोगी। इसको कहा जाता है समान बनना। अगर कोई भी बच्चे को मेहनत करनी पड़ती है, संस्कार परिवर्तन करने में, उसका कारण क्या है? ब्रह्मा बाप ने अपने ऊपर अटेन्शन रखा लेकिन मेहनत नहीं की।
15/12/2005
बाप कहते हैं किसकी भी देह याद न आये, यह है भूतों की याद, भूत पूजा। मैं तो अशरीरी हूँ, तुमको याद करना है मुझे। इन आंखों से देखते हुए बुद्धि से बाप को याद करो।वह एक-दो के शरीर पर आशिक होते हैं, विकार की बात नहीं। उसको कहेंगे देह-अभिमान का योग। वह भूतों की याद हो गई। मनुष्य को याद करना माना 5 भूतों को, प्रकृति भूल मुझे याद करो
मेहनत है ना और फिर दैवीगुण भी चाहिए। कोई से बदला लेना, यह भी आसुरी गुण है। सतयुग में होता ही है एक धर्म, बदले की बात नहीं। वह है ही अद्वेत देवता धर्म जो शिवबाबा बिगर कोई स्थापन कर न सके।
4/2/25
सदा योगी होने के कारण बुद्धि की लाइन क्लियर अर्थात् स्पष्ट होने के कारण निश्चय बुद्धि विजयन्ति के आधार से अनुभव होगा कि अनेक बार यह चोला धारण किया है और अब भी करना ही है। ऐसा अटल विश्वास होगा और स्पष्ट साक्षात्कार होगा। यह बनेंगे अथवा नहीं बनेंगे? यह हलचल जब तक बुद्धि में है, तब तक ही स्थिति में भी हलचल है।
4/7/74
परिस्थिति कितनी भी बदले लेकिन सन्तुष्टता की स्थिति को परिस्थिति बदल नहीं सकती। आपके आगे कैसी भी हिलाने वाली परिस्थिति ऐसे ही अनुभव होती है जैसे पपेट (कठपुतली) शो देखते हो ना। होता सब कुछ है लेकिन होता पपेट है। तो कैसी भी परिस्थिति पपेट शो लगता है वा आजकल का जो फैशन है कार्टून शो, अच्छा लगता है ना। कहानी पूरी होती है लेकिन है कार्टून की स्टोरी, रीयल नहीं है। कभी भी, कोई भी परिस्थिति आए तो यही समझो एक बेहद के स्क्रीन पर कार्टून शो चल रहा है वा पपेट शो चल रहा है। तो वह देखकर के परेशान होंगे कि मनोरंजन करेंगे? शो देखना तो अच्छा ही है ना। तो यह माया का वा प्रकृति का यह भी एक शो है। जिसको साक्षी स्थिति में सदा सन्तुष्टता के स्वरूप में देखते रहो।
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OM shanti didi thanks 🙏🙏🙏🙏🙏❤
Om shanti Shiv baba & Rini didi 🙏🙏🌻🌻
Thank you Baba’s sweet angel . Thank you Baba
🙏❤️
Om Shanti mere meethe Baba nd Didi ji ❤
Om Shanti didi ❤❤
Much needed information. Thanks didi
Om shanti baba and sweet didi
Om shanti baba n didi ❤❤
Om Shanti Baba and didi 🙏 ❤🎉
Thankyou sweetheart I am listening 🎧 ❤❤🎉🎉
Om shanti ❤❤🌹🌹🙏🙏
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H(OM)E Silence beautiful expression ❤❤🎉🎉 lovely 🌹🌹 rooh
दो बातों की लीकेज महेनत कराती है - एक पुराने संस्कार का आकषर्ण्। संसार में सम्बन्ध, पदार्थ सब आ जाता है। और दूसरा- पुराने संस्कार की आकर्षण typo needs corrrection
Om shanti ji mere Baba and sweet sister
Babo
Om shanti ❤
thank you baba
🙏🙏🧜♀️🧜♀️ excellent
Om Santi baba or didi
💚🙏🙏🙏
Didi ko kahan mil sakte...mera beta Canada mei n hai...usko milana chahti didi se
🤔🤔🙏🙏🙏🙏🙏👌🎉🎉
Om santhi how can I attend the live session didi?
Ab nahi lete he live sirf you tube par hi videos aati he
Om Shanti didi ❤