Chhattisgarh ke bahut se log ye nhi jante ki yaha bhi dabe hue sahar ko khudai krke khoja gya hai jisme sirpur aur rajim hai ham bs sindhu ghati sabhyata ko padhte h lekin hamare chhattisgarh k bare me nhi jante
Mama भांजा temple hai उसके just opposite me hai , but most of time yaha tala laga rhta hai Next time jab aap jayege to jarur Jana ,ye jagah bridge ke upar se bhi dikhta hai
सर आपके विडियो बहुत अच्छा है लेकिन एक प्रश्न है कि मौर्यकालीन बता रहे है तो शिव कहा से आ गये क्योंकि सम्राट असोक के कोई भी शिक्षा लेखों में शिव विष्णु ब्रम्हा का जिक्र नही हुआ है ।उस समय तक हिन्दु धर्म नही था सनातन धर्म भी बुध्द के शब्द है अस धम्मोसननतो फिर आप वह मंदिर कैसे कह सकतें हैं वह चैत्य है चैत्य और मंदिर में अंतर होति है चैत्य ध्यान साधना करने का स्थान होता है मंदिर पुजा पाठ करने का होता है
भाई देखो वहा जो सिक्के और कुछ वस्तुएं मिली है वो मौर्य कालीन है पर जैसे की आपको पता होगा कि समय के साथ एक राज्य में अलग विचारो वाले या कहे मानने वाले राज्यो समय के राज होता है। तो उसी के साथ उस स्थान पर कई अन्य वस्तुएं भी मिली है जिसके कारण वहा आज भी सिक्के मौर्य कालीन kalchuri कालीन मिल जाते है। प्लीज अगर आपको इन चीजों रुचि है तो विजिट जरूर करे बहुत अच्छा जगह है अभी रिनोवेशन का काम चल रहा है
Bahut hi khubsurat presentation sir
बहुत ही सुंदर जानकारी महोदय 🙏
जय महादेव
Bahut hi sundar jagah hai my dekh chuki hu
Thank you
🙏🙏
very nice
मुझे वहां एक20ग्राम सोने का सिक्का मिला है,, जो प्राचीन काल के हैं,,,
Really
@@cgtourvlogger हां, भईया,, शायद वहा और, मिल सकता हैं,, जहां पास मुझे मिला है,,
Chhattisgarh ke bahut se log ye nhi jante ki yaha bhi dabe hue sahar ko khudai krke khoja gya hai jisme sirpur aur rajim hai ham bs sindhu ghati sabhyata ko padhte h lekin hamare chhattisgarh k bare me nhi jante
बिल्कुल right 👍
किधर है ये
Mama भांजा temple hai उसके just opposite me hai , but most of time yaha tala laga rhta hai
Next time jab aap jayege to jarur Jana ,ye jagah bridge ke upar se bhi dikhta hai
सर आपके विडियो बहुत अच्छा है लेकिन एक प्रश्न है कि मौर्यकालीन बता रहे है तो शिव कहा से आ गये क्योंकि सम्राट असोक के कोई भी शिक्षा लेखों में शिव विष्णु ब्रम्हा का जिक्र नही हुआ है ।उस समय तक हिन्दु धर्म नही था सनातन धर्म भी बुध्द के शब्द है अस धम्मोसननतो फिर आप वह मंदिर कैसे कह सकतें हैं वह चैत्य है चैत्य और मंदिर में अंतर होति है चैत्य ध्यान साधना करने का स्थान होता है मंदिर पुजा पाठ करने का होता है
भाई देखो वहा जो सिक्के और कुछ वस्तुएं मिली है वो मौर्य कालीन है
पर जैसे की आपको पता होगा कि समय के साथ एक राज्य में अलग विचारो वाले या कहे मानने वाले राज्यो समय के राज होता है।
तो उसी के साथ उस स्थान पर कई अन्य वस्तुएं भी मिली है जिसके कारण वहा आज भी
सिक्के मौर्य कालीन kalchuri कालीन मिल जाते है।
प्लीज अगर आपको इन चीजों रुचि है तो विजिट जरूर करे
बहुत अच्छा जगह है
अभी रिनोवेशन का काम चल रहा है
😂😂😂🤮🤮🤮