जैन धर्म में होली का स्थान । हम सब ,आओ मिलकर खेलें ।

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  • Опубликовано: 18 ноя 2024

Комментарии • 6

  • @vishalvora3758
    @vishalvora3758 2 года назад +1

    Jai Jinendra 🙏🙏🙏

  • @vipulatashah3543
    @vipulatashah3543 2 года назад +1

    जय जिनेंद्र जी आदरणीय भाईजी. 🙏🙏🙏

  • @padmeshbhaijainindustriali89
    @padmeshbhaijainindustriali89 2 года назад

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @vipulatashah3543
    @vipulatashah3543 2 года назад +1

    हमे स्वाध्याय करे ऐसी होली खेले. 👌✅🙏

  • @vipulatashah3543
    @vipulatashah3543 2 года назад +1

    स्वयंको जानेबिना किसी पर्वका महत्त्व नही है.तत्वोका निर्णय करना हि पर्व मनाना है. विचार आया कि तत्काल स्वाध्याय करना चाहिए. हमनेहि पुर्व जन्म मे धर्म की भावना कि थी कि मुझे भी जिनमार्ग मिले.आजका प्रवचन बहुत बहुत सुंदर. धन्यवाद जी भाईजी. आपके ज्ञान की बहुत अनुमोदना.🙏🙏👌👍👍

  • @vipulatashah3543
    @vipulatashah3543 2 года назад +1

    आत्मकल्याणके लिए बहुत बढीया.सुपर ऊपदेश भाईजी. कौन कह रहा है ये सब .ये शब्द हमारे कान तक पहुचना भी पुण्य का ऊदय हि समझना चाहिए. धन्यवाद जी.🙏