हर हर महादेव मृत्यु भोज के बारे में सुनकर प्रसन्नता क्योंकि अज्ञान के वशीभूत होकर लोग अपने सर पर सर्च कर लेते हैं अतः कर्ज लेकर ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए यह सुनकर मन को बहुत अच्छा लगा हर हर महादेव
आज ये सब सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि भारत में गुरुकुल तोड़े गए और आज सनातनी अपने धर्म की शिक्षा से बंचित रह गए हमे वापिस सनातन धर्म की शिक्षा देनी चाहिए 🙏🙏🚩🚩
शांकराचार्या जी महाराज को शत: शत: नमन महाराज जी आपके द्वारा प्रश्न उत्तर का जो शिल सीला चलाया गया है यह सनातन धर्म के लिये बहुत जरुरी है विशेष आपके द्वारा दिये गये सटीक उतरों से इस धर्म की जितनी क्षति हुई है उसकी पूर्ति निश्चित होंगी
गुरु महाराज जी को सादर प्रणाम 🙏 मैरा मानना है कि जब कोई भी हिन्दू संस्कृति में प्रथा चल रही है वह सभी सत्य है क्योंकि घर में आएं हुए अतिथि के समान मैं भोज रखा जाता है क्योंकि हमारा धर्म हमें यह सिखाता है कि अतिथि देवो भव जो दूरी तय करके आते हैं उन्हें खाली पेट नहीं भेजा जाता है इसलिए मृत्यु भोज श्रेष्ठ जय सनातन संस्कृति 👏🚩🙏💐📿🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩हरि ॐ नमो नारायण जी
आदरणीय शंकराचार्य जी ने सभी समस्याओं का उत्तर दे दिया..शास्त्र के अतिरिक्त दिखावे के लिए की गई महंगी भोज जिसमे कई प्रकार के पकवान बहुत सारे लोगो को परोसे जाते है...इससे निश्चित ही ऐसे लोगो पे दबाव पड़ता है जो अभावग्रस्त होते है..
श्री गुरुवर शंकराचार्यजी आपने बताया कि ग्यारहावे दिन महापात्र को भोजन करवाना चाहिए। इस विधान में महापात्र से क्या तात्पर्य है ,कृपया मार्गदर्शन करने की कृपा करें।🙏
नमस्ते के साथ गुरुजी आपका बात तो सत्य हैं परंतु बिहार के पंडितों ने इतने पाखंड फैला रखा है दान पूर्ण करने का श्राद्ध कर्म में की चप्पल से लेकर कपड़े लाता बिछड़ना तकिया खटिया तंबाकू और अनाज में भूसे वाला और बगैर भूसे वाला और इसके उपरांत में रुपया पैसा सारे चीज का दान का विधान बना लिया है और मेरे साथ भी 12 मार्च को यही होने जा रहा है इससे बचने का उपाय बताइए
गुरुजी आपके चरणों में सादर प्रणाम... 🙏🙏 मेरा पहला प्रश्न यह है कि ... क्या शौच जाने के बाद संध्या मंत्र जाप करने के लिए स्नान करना जरूरी है. मेरा दूसरा प्रश्न यह है कि... मैं अपने छात्र जीवन से सरस्वती मंत्र का जाप करता आ रहा हूं. वर्तमान समय में शिक्षक की नौकरी कर रहा हूं. किंतु मैंने गुरु मंत्र भी लिया है. अब मैं गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने वाला हूं. मुझे आगे किस मंत्र का जाप करना चाहिए. प्रणाम 🙏🙏🙏
धनवान लोग तो अपनी मान बड़ाई के लिए सब कुछ कर लेते हैं लेकिन समस्या हो जाती है किसी निर्धन व्यक्ति को,जो कर्ज लेने की नौबत पर आ जाता है और इसी रीति रिवाज ने दहेज प्रथा को बहुत अधिक बढ़ावा दिया है जिससे कुछ बेचारे निर्धन लोग बेटी की शादी के बाद कई वर्षों तक कर्ज के तले दबे रहते हैं
Very good news Pandit ji 👍👍👍 Namaste sir ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🍒🍒🍒🌻🌻🌻🌹🌹🌹🌴🌴🌴🍓🍓🍓🌲🌲🌲🍋🍋🍋🍈🍈🍈 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩🇮🇳🚩🚩🚩
6:00 very true. when we lost our family members // my mother //we felt the same. once we did the bhojan, my mothers family came and consoled us and that filled up the gap / i felt the sinking feelings gone. In bhoj we did simple "'dal-chawal'' only but that was satisfactory to all. when peoples comes a far they stay over night, some half days and some full day that feels up emptyness of house. then once again we are socially accepted. subh karma starts over. for a full month ( say 3 month ) we reduced puja karams temple visits as we ourselves were feeling un-clean. gradually we got cleaned up and started behaving normal. it takes times and lots of efforts.
सभी को एक जगह एकत्रित होकर श्रद्धांजलि देना चाहिए अगर साथ देना है तो मृत्यु भोज नहीं होना चाहिए एक निर्धन परिवार पहले से ही अपने प्रियजनों की मृत्यु तथा क़र्ज़ में डूबा रहता है ऐसे में मृत्यु भोज नहीं होना चाहिए यह समय की मांग है धार्मिक सुधार आवश्यक है।
महाराज जी के चरणों मे प्रणाम। हमारे यहां जम्मू में बहुत बहुत बहुत अंधविश्वास है। जैसे कि औरते और लड़कियों को भगवान शिव जी के ऊपर जल नही चढ़ाना नही होता, जबकि 99 प्रतिशत लोगों को यह भी पता भी की शिवलिंग पर जल क्यों चढ़ाया जाता है ।किसी की मृत्यु के बाद चाहे कर्ज़ भी लेना पड़े पर किसी चारजी को बहुत सारा सामान देना और लोगों को भोजन करवाना (just a party) पीपल को बढ़ का पेड़ कहना और मानना,
आदिकाल में विदेशों में भी 12 दिनों का अवकाश होता था | आज भी हॉलीवुड अमेरिका की फिल्मों में ऐसे कहानी में दिखाया जाता है उदहारण फिल्म का नाम है Troy, युवराज सेनापति Hector के मृत्यु भोज में 12 दिन का राजकीय शोक, भोज और त्यौहार, जिससे मृत आत्मा को सुख शान्ति और आनन्द से मुक्ति मिले |
हे परम् आचार्य हे जगत गुरु आप से निवेदन है, आप वर्ण व्यवस्था पर प्रकास डालिये, क्यूंकि वेद उपनिषद गीता से kuch विद्वानों द्वारा suna है, जन्म से वर्ण नहीं होता, तो फिर जन्म से ब्राम्हण कैसे हो रहे है,
नमस्कार। वीडियो के पूर्व भाग में आपके विवेक का दर्शन हुआ। यद्यापि गुरु/सन्यासी आदि का निर्वाह गृहस्थ का उत्तरदायित्व है, कृपया उसके लिए भिक्षा शब्द न प्रयोजे। हमें गर्व है आप जैसे गुरुजनों पर, और अपने कर्तव्य पर। सनातन धर्म की रक्षा के लिए जो भी सेवा हो, आज्ञा करिएगा।
हमारे गुजरात में भी कुछ लोगो में ऐसा रिवाज है की सव यात्रा में जो जाते है तेर वे दिन उन सभी को मृत्यु भोज के लिए बुलाया जाता है उनका ऋण उतरने के लिए मगर मेरा मानना हे की हम किसकी सव यात्रा मे जातेहे वो तो हमरा कर्तव्य हे. में इस लिए मृत्यु भोज में नहीं जाता. और मेरी अंगत मान्यता ये है की मृत्यु भोज शास्त्र मुजब ही करना चाहिए और जो सार्वजनिक मृत्य भोज के बदले गौ माता को अपने हाथोसे भोज कराया जाय जिसे मृतक आत्मको भी पुण्य मिलेगा और इस प्रकार से गौ माता की सेवा भी करसकेंगे.
महाराज जी आप को कोटि कोटि प्रणाम निवेदित है। मेरा भी एक सवाल है,कि लोग कहते हैं कि जिस वर्ष घर में शादी हो और माता पिता जो घर के बड़े होते हैं,वहीं शादी में जो मंत्री पूजा वगैरह सम्पन्न करते हैं उन्हें वर्ष भर किसी के यहां मृत्यु भोज नहीं करना चाहिए तो क्या एक बेटी अपने पिता के मृत्यु भोज भी नहीं कर सकती। 🙏🙏🙏
परमादरणीय आपकी बातों से मैं पुरी तरह संतुष्ट हूं। किंतु कुछ प्रश्न मन में उठ रहे हैं , महापात्र जिस तरह जोर जबरदस्ती करता है वो बहुत गलत प्रतीत होता है , और जिन 13 ब्राह्मणों को भोज कराया जाय क्या उनकी कोई योग्यता होना जरूरी नही क्या वह ब्राह्मण के घर जन्म लेने वाला बालक भी हो सकता है क्या कोई व्यक्ति जो मदिरापान करता है मांस मछली खाता है लेकिन केवल ब्राह्मण के घर जन्म लिया हो वह इस पात्र है की उसे ब्रह्मभोज का अधिकारी माना जाए । मेरे प्रश्न में को दृष्टता हो तो क्षमा करे । और मेरा मार्गदर्शन करें।🙏
Hamare sanatani log agyan ke karan sab kuchh karte rahte hn.jankari nahi rahti h. Hamari pithadhis ab sab ki jankari ke liye yeh karykram start kiya h jo sabhi ki jigyasaon ka nirakaran karengi.dhanyvad
Har school me hindu bachho ko sanatan dharm ki shiksha dene k liye extra course class complsery honi chahiye.kyuki aaj k samay me gurukul kholne per bhi parents apne bachho ko gurukul me nahi padhayenge.krupya is or prayas kare🙏🙏
Bhagvan shankracharyji ke charno me kotikoti pranam hamara ek prashna he to teno javab apva krupa karsho 1-manushya na mrutyu pachhi uttarkriya ketla divas pachhi karvi joiye amuk loko atyare samay ni kami ke karan 5 day 7 day 9day kari nakhe chhe mane to 12 day sacha lage chhe pan bija bhai tark ma pahonchva deta nathi to krupa kari javab apsho thodi bhasha ni bhul hoy khshama karsho
जो व्यक्ति स्वर्गवास हो गया, उसके कार्यक्रम में , तिथियां को घटा बड़ा सकते हैं, जैसें नौवीं तिथि , बारहवीं तिथि,या तेरहवीं तिथि,,इसे बताने की कृपा करें 🌹🙏
हर हर महादेव मृत्यु भोज के बारे में सुनकर प्रसन्नता क्योंकि अज्ञान के वशीभूत होकर लोग अपने सर पर सर्च कर लेते हैं अतः कर्ज लेकर ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए यह सुनकर मन को बहुत अच्छा लगा हर हर महादेव
Kisiki mritu par mahapatar pandit bahut khaana khaatey hay
Koi yadi brahamno ko bhoj karvaye to kya use karj lena padta he 😂 sadi karj leke ki jati he uspe vichar kar murkh
आज ये सब सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि भारत में गुरुकुल तोड़े गए और आज सनातनी अपने धर्म की शिक्षा से बंचित रह गए हमे वापिस सनातन धर्म की शिक्षा देनी चाहिए 🙏🙏🚩🚩
महाराज जी का मार्गदर्शन सदा ही अद्भुत होता है मन को संतुष्ट करने वाला होता है... 🙏🙏ॐ श्रींमन्नारायणाय नमः ।।
इस तरह से बड़ा मनोवैज्ञानिक करम है, शोकातुर परिवार इस प्रकार शोक से उभरते है🕉
आप की जय हो पूज्यवर शंकराचार्य जी। मुझे आशीर्वाद दिजिए कि मै अपने माता-पिता को सभी सुख दे पाऊं।
शांकराचार्या जी महाराज को शत: शत: नमन
महाराज जी आपके द्वारा प्रश्न उत्तर का जो शिल सीला चलाया गया है यह सनातन धर्म के लिये बहुत जरुरी है
विशेष आपके द्वारा दिये गये सटीक उतरों से इस धर्म की जितनी क्षति हुई है उसकी पूर्ति निश्चित होंगी
गुरु महाराज जी को सादर प्रणाम 🙏 मैरा मानना है कि जब कोई भी हिन्दू संस्कृति में प्रथा चल रही है वह सभी सत्य है क्योंकि घर में आएं हुए अतिथि के समान मैं भोज रखा जाता है क्योंकि हमारा धर्म हमें यह सिखाता है कि अतिथि देवो भव जो दूरी तय करके आते हैं उन्हें खाली पेट नहीं भेजा जाता है इसलिए मृत्यु भोज श्रेष्ठ जय सनातन संस्कृति 👏🚩🙏💐📿🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩हरि ॐ नमो नारायण जी
बहुत सही, सुंदर विवेचन, उपयुक्त मार्गदर्शन 🙏
आदरणीय शंकराचार्य जी ने सभी समस्याओं का उत्तर दे दिया..शास्त्र के अतिरिक्त दिखावे के लिए की गई महंगी भोज जिसमे कई प्रकार के पकवान बहुत सारे लोगो को परोसे जाते है...इससे निश्चित ही ऐसे लोगो पे दबाव पड़ता है जो अभावग्रस्त होते है..
हे धर्म रक्षक आपके श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन करते हैं।
परम पूज्य शंकराचार्य जी के शिष्य महाराज जी बहुत सही एवं सटीक जानकारी देने के लिए साधुवाद ||
जय श्री महाकाल ओम् जय श्री महाकाल
महाराज श्री को मेरा दण्डवत प्रणाम 🙏
आज आपने मेरी शंका का समाधान कर दिया।
मृत्यु संस्कार से उत्पन्न दुख के छेदन और आत्मा के कल्याण हेतु घर को आनन्दमय, सुखमय, व्यवहारमय बनाने के लिए यह शास्त्र विधान है. सुरीति.
महाशय जिस परिवार मे खुद ही खाने को ना हो उसको इस रीति को करने के लिए कर्ज लेना पड़ता ऐसे मे दुख छेदन नही और भार बड़ता हैं
@@rajkumarashre1763 यह भी शास्त्रों में विदित है।
श्री गुरुवर शंकराचार्यजी आपने बताया कि ग्यारहावे दिन महापात्र को भोजन करवाना चाहिए। इस विधान में महापात्र से क्या तात्पर्य है ,कृपया मार्गदर्शन करने की कृपा करें।🙏
राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे🇮🇳⚛️🔱🔱🔱🇮🇳🛐🕉️❤❤❤❤❤❤
श्रद्धेय संत जी के श्रीचरणों में नमन, 🙏🙏🙏🙏🙏
नमस्ते के साथ गुरुजी आपका बात तो सत्य हैं परंतु बिहार के पंडितों ने इतने पाखंड फैला रखा है दान पूर्ण करने का श्राद्ध कर्म में की चप्पल से लेकर कपड़े लाता बिछड़ना तकिया खटिया तंबाकू और अनाज में भूसे वाला और बगैर भूसे वाला और इसके उपरांत में रुपया पैसा सारे चीज का दान का विधान बना लिया है और मेरे साथ भी 12 मार्च को यही होने जा रहा है इससे बचने का उपाय बताइए
चरण स्पर्श 🙏, बहुत सुन्दर तरीके से विश्लेषण किया है आपने, बहुत - बहुत आभार 💐
आपका उत्तर प्रसन्न करने वाला है।
सनातन धर्म ही पूर्ण सत्य है और इसके विधान ही धर्म और कर्म का सर्वोत्तम मार्ग है । हर हर महादेव।
गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
मृत्यु भोजन अवश्य कराना चाहिए. सटीक जानकारी दी आपने.
ॐ नमः शिवाय।
परम् संतोष की अनुभूति हुई, महाराज जी।
सुंदर वचन
दिखावे के लिए कर्ज लेकर नही करे. जो शास्त्रों के अनुसार जरूरी हो वही करे. बहुत सुन्दर तरिके से समझाया गया है शकरराचार्य जी दौरा नमन
सत्य रूप में आप सनातन के सच्चे पथ प्रदर्शक है...सादर प्रणाम
महाराज जी के चरणों मे शत शत प्रणाम.!!🙏🌷🙏
शंकराचार्य जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
बहुत अद्भुत दुर्लभ आदरणीय सत् सत् नमन
शहरीकरण जो हुआ है उसमे ये कुरीति बन गई गांवों मे सहयोग किया जाता है दुखी परीवार को हर प्रकार उचित होता है
मृत्यु भोज कभी भि कू रीति नहीं हो सकता । स्वामी जी का उपदेश सर्वथा ग्रहण योग्य ।
महाराज श्री जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
गुरुजी आपके चरणों में सादर प्रणाम... 🙏🙏
मेरा पहला प्रश्न यह है कि ...
क्या शौच जाने के बाद संध्या मंत्र जाप करने के लिए स्नान करना जरूरी है.
मेरा दूसरा प्रश्न यह है कि...
मैं अपने छात्र जीवन से सरस्वती मंत्र का जाप करता आ रहा हूं. वर्तमान समय में शिक्षक की नौकरी कर रहा हूं. किंतु मैंने गुरु मंत्र भी लिया है. अब मैं गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने वाला हूं. मुझे आगे किस मंत्र का जाप करना चाहिए.
प्रणाम 🙏🙏🙏
Hari Om. Excellent Answers by Jagadguru. My Pada Namaskarams to Pujya Swamyji. Om namo Narayanaya
उचित मार्गदर्शन के लिए साधुवाद 🙏🏻
धनवान लोग तो अपनी मान बड़ाई के लिए सब कुछ कर लेते हैं लेकिन समस्या हो जाती है किसी निर्धन व्यक्ति को,जो कर्ज लेने की नौबत पर आ जाता है और इसी रीति रिवाज ने दहेज प्रथा को बहुत अधिक बढ़ावा दिया है जिससे कुछ बेचारे निर्धन लोग बेटी की शादी के बाद कई वर्षों तक कर्ज के तले दबे रहते हैं
Very good news Pandit ji 👍👍👍 Namaste sir ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🍒🍒🍒🌻🌻🌻🌹🌹🌹🌴🌴🌴🍓🍓🍓🌲🌲🌲🍋🍋🍋🍈🍈🍈 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩🇮🇳🚩🚩🚩
6:00 very true. when we lost our family members // my mother //we felt the same. once we did the bhojan, my mothers family came and consoled us and that filled up the gap / i felt the sinking feelings gone. In bhoj we did simple "'dal-chawal'' only but that was satisfactory to all. when peoples comes a far they stay over night, some half days and some full day that feels up emptyness of house. then once again we are socially accepted. subh karma starts over. for a full month ( say 3 month ) we reduced puja karams temple visits as we ourselves were feeling un-clean. gradually we got cleaned up and started behaving normal. it takes times and lots of efforts.
शंकराचार्य जी के चरणों में कोटि कोटि नमन
सतगुरु देव जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम.
Aapke shree charno mai KOTI KOTI NAMAN
राधे राधे महाराज जी प्रणाम कोटि कोटि प्रणाम जय श्री राधे 🙏🙏🚩🚩
Respectful pranaamas..Welcome.
सभी को एक जगह एकत्रित होकर श्रद्धांजलि देना चाहिए अगर साथ देना है तो मृत्यु भोज नहीं होना चाहिए एक निर्धन परिवार पहले से ही अपने प्रियजनों की मृत्यु तथा क़र्ज़ में डूबा रहता है ऐसे में मृत्यु भोज नहीं होना चाहिए यह समय की मांग है धार्मिक सुधार आवश्यक है।
Guru dev bhagwan jii ke shree Charan me koti koti pranam 🙏🙏
Fir se hamare Rashtra me gurukul vidyalay shuru ho jane chahiye aur ap jaise shikshak hone chahiye pranam
परम पूज्य स्वामी जी के श्री चरणों में दंडवत प्रणाम कोटि कोटि प्रणाम
Guru ji aap bahut ache se answer dete ho
Jay Sanatan hamen Apne Sanatan Garv hai Maharaj Jay Siyaram Maharaj Shri ke charno mein dandvat pranam
उत्तम विचार श्री शंकराचार्य जी 🙏
महाराज को नमन 🙏🙏🙏
गुरुदेव के श्री चरणों में प्रणाम
Aap kitni sahi baat kahte hai guru ji .....Jai shri ram
❤❤❤❤❤ अति सुंदर हर हर महादेव ओम नमः शिवाय ओम
पुज्य स्वामीजी के पावन चरणों में वंदन 🙏🏼🙏🏼
बहुत ही अच्छा ,अस्पस्ट सब्जेक्ट स्पस्ट हो गया
महाराज जी के चरणों मे प्रणाम। हमारे यहां जम्मू में बहुत बहुत बहुत अंधविश्वास है। जैसे कि औरते और लड़कियों को भगवान शिव जी के ऊपर जल नही चढ़ाना नही होता, जबकि 99 प्रतिशत लोगों को यह भी पता भी की शिवलिंग पर जल क्यों चढ़ाया जाता है ।किसी की मृत्यु के बाद चाहे कर्ज़ भी लेना पड़े पर किसी चारजी को बहुत सारा सामान देना और लोगों को भोजन करवाना (just a party) पीपल को बढ़ का पेड़ कहना और मानना,
Shree charno me pranam
आदिकाल में विदेशों में भी 12 दिनों का अवकाश होता था |
आज भी हॉलीवुड अमेरिका की फिल्मों में ऐसे कहानी में दिखाया जाता है उदहारण फिल्म का नाम है Troy, युवराज सेनापति Hector के मृत्यु भोज में 12 दिन का राजकीय शोक, भोज और त्यौहार, जिससे मृत आत्मा को सुख शान्ति और आनन्द से मुक्ति मिले |
गुरु जी को कोटि कोटि नमन
आपने सारा भ्रम दूर कर दिया
स्वामी जी आपके विचार हमें बहुत अच्छे लगते हैं कृपा करके आप अपने मत का पता बताइए ताकि हम आपके चरण स्पर्श कर सकें मैं शिव शंकर उपाध्याय मुरादाबाद
हे परम् आचार्य हे जगत गुरु आप से निवेदन है, आप वर्ण व्यवस्था पर प्रकास डालिये, क्यूंकि वेद उपनिषद गीता से kuch विद्वानों द्वारा suna है, जन्म से वर्ण नहीं होता, तो फिर जन्म से ब्राम्हण कैसे हो रहे है,
मैं गुरूदेव श्री आचार्य से समर्थित हूँ,
नमस्कार। वीडियो के पूर्व भाग में आपके विवेक का दर्शन हुआ। यद्यापि गुरु/सन्यासी आदि का निर्वाह गृहस्थ का उत्तरदायित्व है, कृपया उसके लिए भिक्षा शब्द न प्रयोजे। हमें गर्व है आप जैसे गुरुजनों पर, और अपने कर्तव्य पर। सनातन धर्म की रक्षा के लिए जो भी सेवा हो, आज्ञा करिएगा।
भिक्षा बुरा शब्द नही है , शास्त्रों में साधु इसी नाम से भोजन प्राप्त करते है । भिक्षाम देहि...ऐसा कहा जाता है ।
Jai Siya Ram 🙏
Guru ka sahi margdarsan Joy sri Krishna
Guruji Bhagwan Shankaracharya ji Ko pranam.
Bahut sundar gurudev pranaam
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🔱🌷💐🥀🪔🕉️🌼🌹🚩🏵️🌺🌻 શિવ શ્રી શ્રી શ્રી સ્વરૂપ જ્ઞાન સ્વરૂપ ભક્તિ સ્વરૂપ આદિ જગતગુરુ શંકરાચાર્ય સ્વરૂપ સદગુરુ ભગવાન દત્તાત્રેય સ્વરૂપ
हमारे गुजरात में भी कुछ लोगो में ऐसा रिवाज है की सव यात्रा में जो जाते है तेर वे दिन उन सभी को मृत्यु भोज के लिए बुलाया जाता है उनका ऋण उतरने के लिए मगर मेरा मानना हे की हम किसकी सव यात्रा मे जातेहे वो तो हमरा कर्तव्य हे. में इस लिए मृत्यु भोज में नहीं जाता. और मेरी अंगत मान्यता ये है की मृत्यु भोज शास्त्र मुजब ही करना चाहिए और जो सार्वजनिक मृत्य भोज के बदले गौ माता को अपने हाथोसे भोज कराया जाय जिसे मृतक आत्मको भी पुण्य मिलेगा और इस प्रकार से गौ माता की सेवा भी करसकेंगे.
Shri shri ke charano m koti koti naman ,har har mahadev
महाराज जी आप को कोटि कोटि प्रणाम निवेदित है। मेरा भी एक सवाल है,कि लोग कहते हैं कि जिस वर्ष घर में शादी हो और माता पिता जो घर के बड़े होते हैं,वहीं शादी में जो मंत्री पूजा वगैरह सम्पन्न करते हैं उन्हें वर्ष भर किसी के यहां मृत्यु भोज नहीं करना चाहिए तो क्या एक बेटी अपने पिता के मृत्यु भोज भी नहीं कर सकती। 🙏🙏🙏
अति उत्तम विचार गुरूदेव 🙏
Har Har Mahadev.
Jai shivshakti❤️🙏
।।जय जय श्री गुरूदेव।।
बहुत सुंदर गुरु देव 🙏
Maharaj ji 🙏
Jai shree ram
हर हर महादेव ❤
Great explaination..but ab 13vi samaj me majburi bam gyi hai..specially in rural areas
Jay shree gurudev 🙏🌿
Jai shree krishna 🙏🙏
परमादरणीय आपकी बातों से मैं पुरी तरह संतुष्ट हूं। किंतु कुछ प्रश्न मन में उठ रहे हैं , महापात्र जिस तरह जोर जबरदस्ती करता है वो बहुत गलत प्रतीत होता है , और जिन 13 ब्राह्मणों को भोज कराया जाय क्या उनकी कोई योग्यता होना जरूरी नही क्या वह ब्राह्मण के घर जन्म लेने वाला बालक भी हो सकता है क्या कोई व्यक्ति जो मदिरापान करता है मांस मछली खाता है लेकिन केवल ब्राह्मण के घर जन्म लिया हो वह इस पात्र है की उसे ब्रह्मभोज का अधिकारी माना जाए । मेरे प्रश्न में को दृष्टता हो तो क्षमा करे । और मेरा मार्गदर्शन करें।🙏
Mujhe ey jankar atayent harsh ho raha hai....mujhe ek bigya mila jo sastr sammat uchit anuchit bata sake aur tamma jigyasa shan't karte hai.
Maharaj shree ke charno me koti koti pranam
Hamare sanatani log agyan ke karan sab kuchh karte rahte hn.jankari nahi rahti h. Hamari pithadhis ab sab ki jankari ke liye yeh karykram start kiya h jo sabhi ki jigyasaon ka nirakaran karengi.dhanyvad
स्वामी जी चरण स्पर्श पृणाम
Dhanyawad 🙏 gurudev
जय श्री सीताराम
Har school me hindu bachho ko sanatan dharm ki shiksha dene k liye extra course class complsery honi chahiye.kyuki aaj k samay me gurukul kholne per bhi parents apne bachho ko gurukul me nahi padhayenge.krupya is or prayas kare🙏🙏
Thanks swamiji
Bhagvan shankracharyji ke charno me kotikoti pranam hamara ek prashna he to teno javab apva krupa karsho 1-manushya na mrutyu pachhi uttarkriya ketla divas pachhi karvi joiye amuk loko atyare samay ni kami ke karan 5 day 7 day 9day kari nakhe chhe mane to 12 day sacha lage chhe pan bija bhai tark ma pahonchva deta nathi to krupa kari javab apsho thodi bhasha ni bhul hoy khshama karsho
Om namo narayan gurugi
हरे कृष्ण जी महाराज जी
कोटि-कोटि चरण वंदन 🌹🌹🙏🙏
जो व्यक्ति स्वर्गवास हो गया, उसके कार्यक्रम में , तिथियां को घटा बड़ा सकते हैं, जैसें नौवीं तिथि , बारहवीं तिथि,या तेरहवीं तिथि,,इसे बताने की कृपा करें 🌹🙏
Hare Krishna 🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत ही सुन्दर
Swami shri ko 🙏🙏🙏
Sadar charan sparsh guruji
Jai Gurudev Jai Sanatan
प्रंतु आज पता नहीं चलता किन्हे कहें, जो लोग जन्म से ब्राह्मण है वे मांस का सेवन करते हैं।
तो गुरूदेव सच्चे ब्राह्मण किन्हें कहा जाए?