तन्हाई में फरियाद तो कर सकता हूं वीराने को आबाद तो कर सकता हूं जब चाहू तुम्हे मिल नहीं सकता लेकिन जब चाहू तुम्हे याद तो कर सकता हूं कोई हँसे तो तुझे गम लगे हसी ना लगे के दिल लगी भी तेरे दिल को दिल लगी ना लगे तू रोज़ रोया करे उठ के चाँद रातो में खुदा करे तेरा मेरे बगैर जी ना लगे अच्छी सूरत को सवरने की जरुरत क्या है सादगी में भी क़यामत की अदा होती है तुम जो आ जाते हो मस्जिद में अदा करने नमाज़ तुमको मालूम है कितनो की कज़ा होती है ये जो दीवाने से दो चार नज़र आते है इनमे कुछ साहिबे असरार नज़र आते है तेरी महफ़िल का भरम रखते है सो जाते है वरना ये लोग तो बेदार नज़र आते है मेरे दमन में तो काँटों के सिवा कुछ भी नहीं आप फूलों के खरीदार नज़र आते है हश्र में कोन गवाही मेरी देगा सागर सब तुम्हारे ही तरफदार नज़र आते है कासिद पयामे ख़त को देना बहुत ना तुल बस मुख़्तसीर ये कहना की आंखे तरस गई कहना गतल गलत तो छुपाना सही सही कहना गतल गलत तो छुपाना सही सही कहना गतल गलत तो छुपाना सही सही कासिद कहा जो उसने बताना सही सही ये सुबहो सुबहो चेहरे की रंगत उडी हुई कल रात तुम कहा थे बताना सही सही मैंने पूछा के कल शब कहा थे पहले शर्माए फिर हंस के बोले बात क्यू ऐसी तुम पूछते हो जो बताने की काबिल नहीं है कल रात तुम कहा थे बताना सही सही ये उडी उडी सी रंगत ये खुले खुले से केसू तेरी सुबह के रही है तेरी शाम का फ़साना कल रात तुम कहा थे बताना सही सही ना हम समझे ना तुम आए कही से पसीना पूछिए अपनी जबी से कल रात तुम कहा थे बताना सही सही दिल लेके मेरा हाथ में कहते है मुझसे वो क्या लोगे इसके दाम बताना सही सही आंखे मिलाओ गैर से दो हमको जाम-ए-मय साकी तुम्हे कसम है पिलाना सही सही नशा पिला के गिराना तो सबको आता है मज़ा तो तब है के गिरतो को थाम ले साकी साकी तुम्हे कसम है पिलाना सही सही नशा इमान होता है सुराही दीन होती है जवानी की इबादत किस कदर रंगीन होती है शराब-ए-नाब को दो आतेशा बना के पिला शराब कम है तो साकी नज़र मिला के पिला शराब का कोई अपना सरीह रंग नहीं शराब तज जिआए एहतसाब करती है जो एहले दिल है बढाती है आबरू उनकी जो बे शऊर है उनको खराब करती हैसाकी तुम्हे कसम है पिलाना सही सही ऐ मय फरोश भीड़ है तेरी दुकान पर ग्राहक है हम भी माल दिखाना सही सही साजिद तो जानो दिल से फक्त आपका है बस क्या आप भी है उसके बताना सही सही कहना गतल गलत तो छुपाना सही सही
Buhat fetemun yar buhat pheky yar kya bat hai apki nusrat sab ki Qwali brbad krny ki apny ghoreban main mun dhalo aur dekho aike not b lgya hai apny sae trha
Bekar.....Nusrat sahb k scale tak yeh ni ponch saktay chahay yeh 10 dfa paida ho kar aa jayen.........saray sur kachay hain.....practice ki bahut ziyada zaroorat hai.....
Kya baat shahbaz bhai, lots of love from punjab india❤❤❤
दिल से गाया भाई लोग
Boht Alaa❤❤❤
Shukrya janab
Boht. Alaa jnab ❤❤❤
❤️❤️
तन्हाई में फरियाद तो कर सकता हूं
वीराने को आबाद तो कर सकता हूं
जब चाहू तुम्हे मिल नहीं सकता लेकिन
जब चाहू तुम्हे याद तो कर सकता हूं
कोई हँसे तो तुझे गम लगे हसी ना लगे
के दिल लगी भी तेरे दिल को दिल लगी ना लगे
तू रोज़ रोया करे उठ के चाँद रातो में
खुदा करे तेरा मेरे बगैर जी ना लगे
अच्छी सूरत को सवरने की जरुरत क्या है
सादगी में भी क़यामत की अदा होती है
तुम जो आ जाते हो मस्जिद में अदा करने नमाज़
तुमको मालूम है कितनो की कज़ा होती है
ये जो दीवाने से दो चार नज़र आते है
इनमे कुछ साहिबे असरार नज़र आते है
तेरी महफ़िल का भरम रखते है सो जाते है
वरना ये लोग तो बेदार नज़र आते है
मेरे दमन में तो काँटों के सिवा कुछ भी नहीं
आप फूलों के खरीदार नज़र आते है
हश्र में कोन गवाही मेरी देगा सागर
सब तुम्हारे ही तरफदार नज़र आते है
कासिद पयामे ख़त को देना बहुत ना तुल
बस मुख़्तसीर ये कहना की आंखे तरस गई
कहना गतल गलत तो छुपाना सही सही
कहना गतल गलत तो छुपाना सही सही
कहना गतल गलत तो छुपाना सही सही
कासिद कहा जो उसने बताना सही सही
ये सुबहो सुबहो चेहरे की रंगत उडी हुई
कल रात तुम कहा थे बताना सही सही
मैंने पूछा के कल शब कहा थे
पहले शर्माए फिर हंस के बोले
बात क्यू ऐसी तुम पूछते हो
जो बताने की काबिल नहीं है
कल रात तुम कहा थे बताना सही सही
ये उडी उडी सी रंगत ये खुले खुले से केसू
तेरी सुबह के रही है तेरी शाम का फ़साना
कल रात तुम कहा थे बताना सही सही
ना हम समझे ना तुम आए कही से
पसीना पूछिए अपनी जबी से
कल रात तुम कहा थे बताना सही सही
दिल लेके मेरा हाथ में कहते है मुझसे वो
क्या लोगे इसके दाम बताना सही सही
आंखे मिलाओ गैर से दो हमको जाम-ए-मय
साकी तुम्हे कसम है पिलाना सही सही
नशा पिला के गिराना तो सबको आता है
मज़ा तो तब है के गिरतो को थाम ले साकी
साकी तुम्हे कसम है पिलाना सही सही
नशा इमान होता है सुराही दीन होती है
जवानी की इबादत किस कदर रंगीन होती है
शराब-ए-नाब को दो आतेशा बना के पिला
शराब कम है तो साकी नज़र मिला के पिला
शराब का कोई अपना सरीह रंग नहीं
शराब तज जिआए एहतसाब करती है
जो एहले दिल है बढाती है आबरू उनकी
जो बे शऊर है उनको खराब करती हैसाकी तुम्हे कसम है पिलाना सही सही
ऐ मय फरोश भीड़ है तेरी दुकान पर
ग्राहक है हम भी माल दिखाना सही सही
साजिद तो जानो दिल से फक्त आपका है बस
क्या आप भी है उसके बताना सही सही
कहना गतल गलत तो छुपाना सही सही
Sir sir saare gum bhula de........❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🤕🤕🤕
ruclips.net/video/A5yKODDDC64/видео.html
Killer song....😭❤️❤️❤️❤️❤️
😣😣😣
😢😢😢
Buhat fetemun yar buhat pheky yar kya bat hai apki nusrat sab ki Qwali brbad krny ki apny ghoreban main mun dhalo aur dekho aike not b lgya hai apny sae trha
Internal intaction bahut khrab hai. Practice kam h
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Bilkul sahi
Tabla wala is not good... Proper theka nahi Baja raha
I love this song sir..........❣️
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ماشاءاللہ
خوبصورت کلام
Kya btt
Bekar.....Nusrat sahb k scale tak yeh ni ponch saktay chahay yeh 10 dfa paida ho kar aa jayen.........saray sur kachay hain.....practice ki bahut ziyada zaroorat hai.....