ये एक तकनीक है जिसके द्वारा संभावित मुद्रा लगती है बाद में और आज्ञा चक्र खुलता है । सीधे तरीक़े से संभावि मुद्रा लगाना बहुत मुश्किल होता है इसलिए नाक की सीध में दोनों आँखों से देखने से मूलाधार चक्र पहले ऐक्टिव होता है और फिर आँखें संभावि मुद्रा में आसानी से चली जाती है और फिर आज्ञा चक्र ऐक्टिव होता है । सुई के फाँक को नाक की सीध में देखने से भी यही कार्य होता है । नाक की चोटी का संबंध मूलधार चक्र से होता है और फिर आँखों को सम्भावि मुद्रा के लिए प्रैक्टिस भी हो जाती है और फिर संभावि मुद्रा लगती है आज्ञा चक खुलता है और दिव्यादृष्टि प्राप्त होती है
@@i.kjoshi4203 ye mai swayam practice karta hun..ek plastic bottle ki cap ke upar ek medium size ka needle chubhakar cap ko ek chair ke oopar rakhkar white wall facing karke apne nose tip height ke level pe arrange karke dhyan karta hun. Dono haath free rehte hai
😬प्रामाणिक ऐतिहासिक रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि जब भी कोई राष्ट्र या समाज यौन रूप से अनैतिक हो जाता है और अपने शारीरिक सुखों को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के कृत्यों में संलग्न हो जाता है, तो सभी प्रकार के नैतिक पंथों को त्यागने के अपने उत्साह के कारण, उन्होंने अनिवार्य रूप से किसी भी प्रकार के नैतिक पंथ में भगवान के धर्म और विश्वास को छोड़ दिया है। शुद्ध प्रेम और शुद्धता. धर्म त्यागने के एक दशक के भीतर, उन देशों ने खुद को नश्वर पीड़ा और खतरों में पाया। पहले और दूसरे विश्व युद्ध की भयावहता अभी भी हममें से कई लोगों के दिमाग में ताज़ा है, और इसमें कोई संदेह नहीं है कि 1900 के दशक में यूरोप और उत्तरी अमेरिका में मौत और विनाश की भयावहता उनके आवारा यौन क्रांतिकारी तरीकों के कारण थी, और भी अधिक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत के लोगों पर अप्रत्यक्ष पीड़ा पड़ी। हालाँकि भारत सीधे तौर पर युद्ध में शामिल नहीं था, लेकिन उनके लोगों को भुखमरी से अनकहा आतंक और दर्द का सामना करना पड़ा क्योंकि पूरे क्षेत्र को सदी के सबसे खराब अकाल का सामना करना पड़ा। भारत में स्थानीय इतिहासकारों ने बताया कि प्रथम विश्व युद्ध के अंत से, लाखों भारतीय जो हाल ही में मुट्ठी भर विलासिता की वस्तुओं के आदी हो गए थे, जो आधुनिक तकनीक ने उन्हें प्रदान की थी, वे खुश हो गए और कई लोग अपने यौन जीवन में अत्यधिक लिप्त हो गए, और हालांकि अधिकांश विवाहित जोड़े के बीच यौन मुठभेड़ हुई, आनंद की अधिकता और मानव मांस के आनंद और शोषण के कारण वे अपनी आत्मा खो बैठे और लापरवाह हो गए। जल्द ही, उन्हें भीषण अकाल और सूखे का सामना करना पड़ा जिसके कारण लाखों लोगों की मृत्यु हो गई। इसे बाद में 1943 के बंगाल अकाल के रूप में जाना गया और ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत में इस मानवजनित अकाल में कम से कम 50 लाख लोग प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से कुपोषण और जोखिम से भुखमरी से मर गए। भारत के बुजुर्गों और गुरुओं ने इस बात पर शोक व्यक्त किया था कि वहां के लोग बहुत अधिक कामुक थे और इसके कारण उन्हें इतनी तीव्र पीड़ा झेलनी पड़ी। इतिहास में कहीं भी ऐसा एक भी स्थान या क्षेत्र नहीं मिलेगा जहां लोगों ने एक-दूसरे के साथ यौन आनंद लेने के लिए रचनात्मक तरीके ईजाद करके यौन संबंधों में अत्यधिक लिप्त होने के बाद बहुत अधिक पीड़ा न झेली हो। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, भारतीयों को जो कठिनाई हुई, वह उनकी यौन संकीर्णता के कारण थी, ठीक उसी तरह, उसी समय के दौरान रूस में जो भयानक युद्ध हुआ, वह उनकी यौन भोग-विलास की अधिकता के कारण था। आर्थिक इतिहासकारों ने बंगाल के अकाल के पीछे के वास्तविक कारण की जांच करने की कोशिश की है, लेकिन वे शायद ही किसी एक विशेष कारण पर सहमत हो पाए हैं। हालाँकि, वे इस बात पर ज़ोर देते हैं कि इस दावे की पुष्टि नहीं की जा सकती कि उपनिवेशवाद के कारण अकाल पड़े, क्योंकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पहले अकाल कम पड़ते थे या कम घातक होते थे। लेकिन जैसे-जैसे कई भारतीय क्षेत्रों में यौन गतिविधियाँ बढ़ीं, जनसंख्या बढ़ी और आपदा ने उन पर बेरहमी से हमला किया, और भले ही उन्होंने विश्व युद्ध में शामिल नहीं होने का फैसला किया था, फिर भी उन्हें उन तीन मिलियन लोगों के समान भाग्य का सामना करना पड़ा जो लगभग भूख से मर गए थे। लेनिनग्राद की घेराबंदी. कुछ दावों के विपरीत, अंग्रेजों ने अकाल की शुरुआत नहीं की। भूगोल ने ऐसा किया और ऐसा उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के अत्यधिक यौन भोग के कारण हुआ।
भगत जी मैंने तो ये जाना है कि जीवन में अगर पूर्ण गुरु मिल जाएं तो,वो हमारी दिव्य दृष्टि मात्र 15 से 60 सेकंड में ही खोल सकते हैं, बशर्ते गुरु पूर्ण हों जैसे कि भगवान श्री राम,भगवान श्री कृष्ण,श्री गुरु नानक देव जी और श्री रामकृष्ण परमहंस जी इत्यादि ।
गुरुजी मैंने yesi ही एक त्राटक साधना की लगभग 35दिन बाद मेरा ध्यान लगा और बंद आखों मस्तक में देखनेसे एक दिव्य प्रकाश दिखाई दिया पर कुछ ही समय के लिए , मेरा विश्वास और बढ़ाया और मैं पिछले उसे लगभग 5 महीनो से कर रहा हु आपने भी यही शक्ति का वर्णन किया पर मैं सुई के बजाय बिंदु त्राटक करता हुआ। मेरे सामने जो इंसान होता है मैं कुछ हद तक भूत काल देख सकता हु पर मैं उसे आपने हिसाब से नही देख पाता शक्ति जो दिखाती है वही दिख ta है इस शक्ति को पूर्ण रूप से प्राप्त करने और जो चाहे us काल का भूत कल केसे। दिखेगा कृपया मार्गदर्शन करे
Guru ji maine kisi ko kuch kabhi btaya nhi lekin mai kabhi kabhi kisi kisi ke bare me usko dekhte hi uske bare me sab pta chal jata hai, lekin ye sab chije bahut paresan karta hai kya karu aur kese sab sahi hoga.
Sirf Bhagwan nam ka Jaap kro karma achhe Karo...... koi purn satguru se nam mantr prapt kro......kisi Sadhana ki jrurt nhi pdegi bhaiyo .....JAI SIYA RAM JI
Jab dristi khul jaegi aur tablog tumhe pagal bolenge,,,kyuki tumhe wo sab dikhega Jo kisi ko ni dikhegaa,,,fIR doondo ge us ko Jo ise band kar SAKE,,,been there done that🎉🎉🎉
ये एक तकनीक है जिसके द्वारा संभावित मुद्रा लगती है बाद में और आज्ञा चक्र खुलता है । सीधे तरीक़े से संभावि मुद्रा लगाना बहुत मुश्किल होता है इसलिए नाक की सीध में दोनों आँखों से देखने से मूलाधार चक्र पहले ऐक्टिव होता है और फिर आँखें संभावि मुद्रा में आसानी से चली जाती है और फिर आज्ञा चक्र ऐक्टिव होता है । सुई के फाँक को नाक की सीध में देखने से भी यही कार्य होता है । नाक की चोटी का संबंध मूलधार चक्र से होता है और फिर आँखों को सम्भावि मुद्रा के लिए प्रैक्टिस भी हो जाती है और फिर संभावि मुद्रा लगती है आज्ञा चक खुलता है और दिव्यादृष्टि प्राप्त होती है
आपने किया हे की सुना हे
@@i.kjoshi4203 ye mai swayam practice karta hun..ek plastic bottle ki cap ke upar ek medium size ka needle chubhakar cap ko ek chair ke oopar rakhkar white wall facing karke apne nose tip height ke level pe arrange karke dhyan karta hun. Dono haath free rehte hai
आपने खोला क्या ओर खोलने के बाद आपने क्या किया..
Jay Sita Raam Gurudeb ji
Jai ma bhawani 🙏🏻
मै तो भगवती शाकुम्भरी और भगवती महाकाली का भक्त हुँ उन्हीं के दर्शन करना चाहता हुँ
भगवान आपकी मनोकामना पूरी करें जय सियाराम
Contact me
जय मां शाकाम्बरी सकराय माता जी
Jai shree Ram Charan sparsh guru ji
Ji thanks g ji parnam aagya de g ji parnam ❤
ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय ओमनमः शिवाय ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय ओम नमःशिवाय ओम नमः शिवाय ओम नमःशिवाय ओम नमः शिवाय गुरुजी आपका प्रवचन सुनने काधन्यवाद
जय गुरुदेव 🙏🏽🌻 जय मां दक्षिणे कालिके
गुरु जी आपके चरणों में मेरा प्रणाम सच्ची शिक्षा प्रदान करने केलिए आपका बहुत बहुत आभार
💐"धन्यवाद"🍰
आपने कुछ और ज्यादा जानकारी ग्यान बढादिया, त्राटक सम्मोहन विद्या मे मेरे लिए।😊
ग्यान नहीं। ज्ञान।
बढ़ादिया नहीं। बढ़ा दिया।
महंत जी आपको साहेब बंदगी
चरण स्पर्श गुरु जी बहुत बहुत बढ़िया है जी धन्यवाद जी
Maharaj ji mujhe bhi kholni hai tersrea netr
Jay shree ram. Kripa kia, guru bina in mantra lav hoga .Please batay. ..
जय सियाराम गुरुदेव कोटि-कोटि वंदन निम्न🙏🙏🙏
जय गुरूदेव
जय श्री सीताराम बहुत बहुत धन्यवाद आपको ज्ञान बढाने के लिए दंडवत प्रणाम 🙇🏻🙇🏻🙇🏻
Ram Ram Ji❤
जय सियाराम
aadrniye wpujniye guru dev ji ke charno mai koti koti parnam
गुरुजी को प्रेम नमन आपका ध्यान और प्रेम बाटने का प्रयास सफल हो
आज शनिवार हैं मेरे प्रभु दयाकरो जय श्री राधे राधे कृष्ण जय श्री राम जय श्री राम
Maine kai bar sadhna ki h aur hr bar safalta mili h
मेरे से बात करके सलाह ले सकते हो
Apko call krunga guruji @@MantraGyanguruji
Pranam Guruji 🙏
Gurudev lottery number pota korneki koi sadharon upay bataye guruji please 🙏😭😭
😂 wah
Kisi ko pata chale to batana
Jai Sai Ram ram ge
Pranam gurujii
Mene sapne mein mahadev ke darsan kare h, Monday ko varath bi rahta hu, main kar sakta hu guru ji
shri guru Charan saroj Raj smurti sumiran bani rahe yahi arji jay siyaa ❤
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री हनुमान जी महाराज जी प्रणाम करता हूं बंगाराम में पुरी तरह से हार गया हुं खाटु श्याम बाबा पुरी तरह से हार गया हुं
Guru dev mare set sat pernam Jay shree Ram Jay shree Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram siya ram siya ram
Om namah Shivay ❤
जय जय श्री गुरदेव महराज जी, आपको मेरा सादर प्रणाम। 🌹🌹❣️❣️🙏🙏.
😬प्रामाणिक ऐतिहासिक रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि जब भी कोई राष्ट्र या समाज यौन रूप से अनैतिक हो जाता है और अपने शारीरिक सुखों को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के कृत्यों में संलग्न हो जाता है, तो सभी प्रकार के नैतिक पंथों को त्यागने के अपने उत्साह के कारण, उन्होंने अनिवार्य रूप से किसी भी प्रकार के नैतिक पंथ में भगवान के धर्म और विश्वास को छोड़ दिया है। शुद्ध प्रेम और शुद्धता. धर्म त्यागने के एक दशक के भीतर, उन देशों ने खुद को नश्वर पीड़ा और खतरों में पाया। पहले और दूसरे विश्व युद्ध की भयावहता अभी भी हममें से कई लोगों के दिमाग में ताज़ा है, और इसमें कोई संदेह नहीं है कि 1900 के दशक में यूरोप और उत्तरी अमेरिका में मौत और विनाश की भयावहता उनके आवारा यौन क्रांतिकारी तरीकों के कारण थी, और भी अधिक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत के लोगों पर अप्रत्यक्ष पीड़ा पड़ी। हालाँकि भारत सीधे तौर पर युद्ध में शामिल नहीं था, लेकिन उनके लोगों को भुखमरी से अनकहा आतंक और दर्द का सामना करना पड़ा क्योंकि पूरे क्षेत्र को सदी के सबसे खराब अकाल का सामना करना पड़ा। भारत में स्थानीय इतिहासकारों ने बताया कि प्रथम विश्व युद्ध के अंत से, लाखों भारतीय जो हाल ही में मुट्ठी भर विलासिता की वस्तुओं के आदी हो गए थे, जो आधुनिक तकनीक ने उन्हें प्रदान की थी, वे खुश हो गए और कई लोग अपने यौन जीवन में अत्यधिक लिप्त हो गए, और हालांकि अधिकांश विवाहित जोड़े के बीच यौन मुठभेड़ हुई, आनंद की अधिकता और मानव मांस के आनंद और शोषण के कारण वे अपनी आत्मा खो बैठे और लापरवाह हो गए। जल्द ही, उन्हें भीषण अकाल और सूखे का सामना करना पड़ा जिसके कारण लाखों लोगों की मृत्यु हो गई। इसे बाद में 1943 के बंगाल अकाल के रूप में जाना गया और ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत में इस मानवजनित अकाल में कम से कम 50 लाख लोग प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से कुपोषण और जोखिम से भुखमरी से मर गए। भारत के बुजुर्गों और गुरुओं ने इस बात पर शोक व्यक्त किया था कि वहां के लोग बहुत अधिक कामुक थे और इसके कारण उन्हें इतनी तीव्र पीड़ा झेलनी पड़ी। इतिहास में कहीं भी ऐसा एक भी स्थान या क्षेत्र नहीं मिलेगा जहां लोगों ने एक-दूसरे के साथ यौन आनंद लेने के लिए रचनात्मक तरीके ईजाद करके यौन संबंधों में अत्यधिक लिप्त होने के बाद बहुत अधिक पीड़ा न झेली हो। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, भारतीयों को जो कठिनाई हुई, वह उनकी यौन संकीर्णता के कारण थी, ठीक उसी तरह, उसी समय के दौरान रूस में जो भयानक युद्ध हुआ, वह उनकी यौन भोग-विलास की अधिकता के कारण था। आर्थिक इतिहासकारों ने बंगाल के अकाल के पीछे के वास्तविक कारण की जांच करने की कोशिश की है, लेकिन वे शायद ही किसी एक विशेष कारण पर सहमत हो पाए हैं। हालाँकि, वे इस बात पर ज़ोर देते हैं कि इस दावे की पुष्टि नहीं की जा सकती कि उपनिवेशवाद के कारण अकाल पड़े, क्योंकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पहले अकाल कम पड़ते थे या कम घातक होते थे। लेकिन जैसे-जैसे कई भारतीय क्षेत्रों में यौन गतिविधियाँ बढ़ीं, जनसंख्या बढ़ी और आपदा ने उन पर बेरहमी से हमला किया, और भले ही उन्होंने विश्व युद्ध में शामिल नहीं होने का फैसला किया था, फिर भी उन्हें उन तीन मिलियन लोगों के समान भाग्य का सामना करना पड़ा जो लगभग भूख से मर गए थे। लेनिनग्राद की घेराबंदी. कुछ दावों के विपरीत, अंग्रेजों ने अकाल की शुरुआत नहीं की। भूगोल ने ऐसा किया और ऐसा उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के अत्यधिक यौन भोग के कारण हुआ।
సుత్తి ఎక్కువ అయింది అసలు విషయం చెప్పండి
guruji apke ek mantra ne meri bhramand ko leke samjh hi badal di , kaafi darshan mila
❤प्रणाम जी हरीॐ शिवाय नमा जय माॅ कुलदेवता कालीका माताय नमा ॐसो्हंहंसा गुरुदेव दत्तात्रेय नमा
महाराज जी आपकी दृष्टि खुली है तो कोई प्रयोग बताए, ये ज्ञान तो सभी जगह भर भर के बाट रहे है पर कोई प्रयोग कर नही बता रहा।
❤❤❤🎉🎉🎉
Kha ho guruji me milna chahta hu aapse
जय गुरुदेव धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद
जय हो।श्री।।
ॐ नमः शिवाय 🙏🙏जय श्री राम 🙏🙏जय हनुमान जी प्रणाम 🙏🙏
Dhanywad guruji mujhe bhi sab dikhane laga
meri dibya dristi khul gai hai....jai mahakal..🙏
Kaise khuli please tel me
Please rply kitne din kia
Sahi me
Jai guruji
गुरु जी चरण स्पर्श गुरु जी कृपा मेरी कुलदेवी जीका त्रिबाचा खुलवा देन आपकी बड़ी कृपा होगी जी
जय गुरुदेव 🙏🏽🌻 जय मां दक्षिणे कालिके
Har Har Mahadev........Hari Ohm
Waheguru g
Radhe Radhe Jai SiyaRam Maharaj ji pranam🙏🙏
जय श्री राम ❤🙏
6:04 video start... Thanx mer later
Jai Sri Shyam ji ki Jai ho Jai Sri Hanuman ji ki Jai ho
Ye ek manoranjan ke liye h ❤❤
Baba Namskar
Jai Ho Shiv parivaar ki jai ho
👍शत शत नमन गुरु जी. 🌹
Naman gurudev .Aapko sat sat naman .ok.thank you
शिव भक्तों के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम।
जय श्री राम 🚩🙏
Bharat ke sadhu santo ke charno me pranam🙏🙏
जय श्री गुरु गोबिंद 🙏🙏🙏🙏🙏
Harhar mahadev ji❤❤❤
सीताराम सीतारामगुरुजी
Jaya guru dave
Bina Guru Ke Nahi Ho Sakta...
Thank you guruji
जय मांकाली जय गुरुदेव जय गुरुदेव प्रणाम
जय जय श्री राम जय सियाराम जय जय श्री सीताराम
जय जय श्री राम जय बजरंग बली कि जय हो हर हर महादेव जी कि जय हो
Jayshrram
जय नागा बाबा की
अपनी मन मर्जी से आंख नही खुल सकती,,यह तो सिर्फ पूर्ण गुरु की कृपा से ही खुलती है।
गुरु ही सब कुछ होता है
Jay Shree Ram 🙏
ऊं नमः शिवाय ऊं
श्रद्धेय नमन है आपको
Jai Ho mahraj ji
भगत जी मैंने तो ये जाना है कि जीवन में अगर पूर्ण गुरु मिल जाएं तो,वो हमारी दिव्य दृष्टि मात्र 15 से 60 सेकंड में ही खोल सकते हैं,
बशर्ते गुरु पूर्ण हों
जैसे कि भगवान श्री राम,भगवान श्री कृष्ण,श्री गुरु नानक देव जी और श्री रामकृष्ण परमहंस जी इत्यादि ।
भाई मिलते ही नहीं है मै पता नहीं किस किस से मिला हूँ
मिलते है भाई ,भाई वो आपको परख कर देते है, मेरे dp me lga hai unka tasweer
जी 15 से 60 सेकंड समय ज्यादा बताया है पर पूर्ण वक्त का संत ही ऐसा कर सकता पर सामने वाले के पास इतनी छमता भी होनी चाहिए नहीं तो वोह बावला हो जायेगा
@@Sadhnaewamsiddhi1987 तो हमारा भी मार्गदर्शन कराओ
Kshamata kaha miltihe
Unke pas nahi milta@@prateekkumar7963
Bhut sundar hai
Jai shri mhakal
Ram Ram
Jay shree ram jay gurudev
गुरु जी दिव्य दृष्टि खोलने का दच्छना कितने लेते है गुरु जी
Gurudev sadar pranam jay ho
Ankh band karke karna h ya ankh khol ke bataya dada ji
गुरुजी मैंने yesi ही एक त्राटक साधना की लगभग 35दिन बाद मेरा ध्यान लगा और बंद आखों मस्तक में देखनेसे एक दिव्य प्रकाश दिखाई दिया पर कुछ ही समय के लिए , मेरा विश्वास और बढ़ाया और मैं पिछले उसे लगभग 5 महीनो से कर रहा हु
आपने भी यही शक्ति का वर्णन किया पर मैं सुई के बजाय बिंदु त्राटक करता हुआ। मेरे सामने जो इंसान होता है मैं कुछ हद तक भूत काल देख सकता हु पर मैं उसे आपने हिसाब से नही देख पाता शक्ति जो दिखाती है वही दिख ta है इस शक्ति को पूर्ण रूप से प्राप्त करने और जो चाहे us काल का भूत कल केसे। दिखेगा कृपया मार्गदर्शन करे
मेरे से बात कर सकते हैं
Kya aap sach bol Raha hai
Guru ji maine kisi ko kuch kabhi btaya nhi lekin mai kabhi kabhi kisi kisi ke bare me usko dekhte hi uske bare me sab pta chal jata hai, lekin ye sab chije bahut paresan karta hai kya karu aur kese sab sahi hoga.
Sirf Bhagwan nam ka Jaap kro karma achhe Karo...... koi purn satguru se nam mantr prapt kro......kisi Sadhana ki jrurt nhi pdegi bhaiyo .....JAI SIYA RAM JI
Aap kitni der tak karte the.
Radha swami ji
Ram Ram Baba ji
प्रणाम❤सुवामी जी❤❤❤❤
Ram Ji sb se bde hain Jai Shree Ram.
Jay sitaram guruji
हरी ओम तत्सत।।
Jai gurudav
Hari om gurudev
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Vah
Apki Divya drashti khul gai kya?
गुरु जी प्रणाम करता हूं आप को राम यादव मुंबई
Jab dristi khul jaegi aur tablog tumhe pagal bolenge,,,kyuki tumhe wo sab dikhega Jo kisi ko ni dikhegaa,,,fIR doondo ge us ko Jo ise band kar SAKE,,,been there done that🎉🎉🎉
Aapko dikhta h
Guru g parnam mujhey ashirwad chaiyey.parnam
भगवान आपकी रक्षा करें जय सियाराम
Third eye opening k baad bhoot pret b dikhne lagte hai.. Isliye soch samjh kr krna he sab
હરિ ઓમ્ તત સતજયઞુરૂદતનમોનમઃ
गुरु जी जिसे कम दिखता हो या नेत्र हीन हे वो केसे देखेगा कृपया बताएं
हमारे कई महात्मा ऐसे हैं धरती पर जिनकी दोनों आंखें नहीं है लेकिन दिव्य दृष्टि है
पूर्ण परमात्मा सतगुरु कबीर साहेब जी को sat sahib
Very. Good
Jai ho mharaj jee