(भक्तिसूत्र-1) भक्ति प्रेम है, और प्रेम बिना ज्ञान नहीं ||आचार्य प्रशांत, कार्यशाला (2023)
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- Опубликовано: 7 фев 2025
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वीडियो जानकारी: 29.04.23, आचार्य प्रशांत कार्यशाला, ग्रेटर नॉएडा
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य प्रशांत जी भक्ति और ज्ञान के बीच के संबंध पर चर्चा करते हैं। वे बताते हैं कि भक्ति और ज्ञान दोनों का महत्व है, और कैसे भक्ति का मार्ग प्रेम से शुरू होता है। आचार्य जी यह स्पष्ट करते हैं कि भक्ति में प्रेम का होना आवश्यक है, और जब प्रेम होता है, तो व्यक्ति अपने दुखों को समझने और उनसे मुक्त होने की कोशिश करता है।
आचार्य जी उदाहरण देते हैं कि कैसे भक्ति और ज्ञान के बीच का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। वे यह भी बताते हैं कि भक्ति का वास्तविक अर्थ तब समझ में आता है जब व्यक्ति अपने अहंकार को छोड़कर आत्मा की पहचान करता है।
वीडियो में यह भी बताया गया है कि भक्ति का मार्ग कठिनाइयों से भरा हो सकता है, लेकिन सच्ची भक्ति में व्यक्ति अपने दुखों को समझकर उन्हें पार कर सकता है। आचार्य जी यह सुझाव देते हैं कि भक्ति और ज्ञान का समन्वय ही सच्ची मुक्ति की ओर ले जाता है।
प्रसंग:
~ वास्तविक प्रेम कैसा होता है? सच्चे प्यार की क्या कसौटी है?
~ भक्ति और ज्ञान को कैसे समझें?
~ भक्ति मार्ग और ज्ञान मार्ग में संबंध
~ प्रेम ही मूल है, कैसे समझें?
~ प्रेम की कमी क्यों महसूस होती है?
~ What is love?
~ सच्चा प्यार कहते किसे हैं?
~ प्रेम क्या है?
~ असली प्रेम कैसा?
~ वास्तविक प्रेम कैसा होता है?
~ सच्चे प्यार की क्या कसौटी है?
संगीत: मिलिंद दाते
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