कैसे ख़त्म हुआ कत्यूरी राजवंश का महान साम्राज्य ?? |

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  • Опубликовано: 30 янв 2025

Комментарии • 8

  • @kunwarsinghrawat3732
    @kunwarsinghrawat3732 Год назад +2

    Nice 👍 information

  • @who_rakesh_koli
    @who_rakesh_koli Год назад +4

    Really in depth detailed video 📹 👌

  • @sureshjantwal5180
    @sureshjantwal5180 16 дней назад

    Guru Dev Aapko Bahut Kam Jankari hai, Katyuro ke Bare mai Jankari lo .

  • @PrajwalPal
    @PrajwalPal 6 месяцев назад +2

    भाईसाहब हम askote (पिथौरागढ़) के पाल हैं। हम ही कत्युरी साम्राज्य के वंशज हैं। हमारे पाल वंश के संस्थापक अभय पाल देव थे। हमें ही कत्युरी राजा त्रिलोक पाल देव ने (ब्रह्म देव के पौत्र) अपने पुत्र अभय पाल देव को 1279 ई. में कार्तिकेयपुर (कत्युर ) छोड़कर अस्कोट कि ओर भेजा था। अभय पाल देव ने अपना उपनाम देव छोड़ दिया और पाल मध्यम नाम को उपनाम में लाया,इस पाल नाम को अपनाने के पीछे भी एक कहानी है तब से अस्कोट का पाल राजवंश अस्तित्व में आया।
    हमें basically कैलाश मानसरोवर कि यात्रा करने वाले साधु संतो, तीर्थ यात्रीयों कि सुरक्षा करने के लिए नियुक्त किया था। क्यूंकि कैलाश मानसरोवर यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रीयो को हूण लोग के द्वारा सताया जाता था। हूण लूटपाट व हत्या कर देते थे साधुसंतो व तीर्थ यात्रियों कि जिससे साधुओ ने कत्युरी शाशक त्रिलोक पाल देव को कैलाश मानसरोवर यात्रा करने वाले श्री श्री परम पूजनीय साधुओ सन्यासियो ने रक्षा का आदेश दिया। तब राजा त्रिलोक पाल देव ने अपने पुत्र अभयपाल देव को अस्कोट में राज्य स्थापन व साधु संतो कि रक्षा करने कि आज्ञा दी।

    • @Thakur_anand_s
      @Thakur_anand_s 5 месяцев назад

      Katyuri khas clan se sambandhit he kya

    • @sureshjantwal5180
      @sureshjantwal5180 16 дней назад

      Aap or Hum log Katyur hai ,Maa Jiya ke Vanshj.

  • @prataprawat3238
    @prataprawat3238 6 месяцев назад

    चित्र शील का क्या महत्व है कप्या वितार से बतानी की कृपा करें