अद्भुत रचना किनी रे दाता श्रष्टि रचायके || पं० घनश्याम प्रेमी ||Vedic Bhajan Satsang ||Arya Samaj ||

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  • Опубликовано: 29 окт 2024

Комментарии • 5

  • @shivkumarshastri3185
    @shivkumarshastri3185 8 месяцев назад +3

    बहुत ही मधुर भजन

  • @munnalal-ui6lb
    @munnalal-ui6lb 7 месяцев назад +1

    🎉 वेदों में निराकार साकार ब्रह्म का ज्ञान है। लेकिन जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का ज्ञान वेदों में नहीं है। लेकिन वेद उसे ही ग्रहण कर ने आज्ञा दे रहे हैं।
    🎉 पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद को जानने के लिए भागवत बिना संभव नहीं है। भागवत को बुध शाखा कलयुग में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक श्री प्राणनाथ जी ने खोला है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है जिसका सतयुगादि से इंतजार था उस साक्षात जाग्रत ज्ञान को प्राप्त कर के अखंड मोक्ष प्राप्त कर के सदा सदा के लिए धन्य का पात्र बनें।🎉🎉

  • @munnalal-ui6lb
    @munnalal-ui6lb 7 месяцев назад +1

    🎉 वेदों में निराकार साकार का ज्ञान है। पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड जो संसार से अलग है इसका ज्ञान वेदों में नहींहै। उसके लिए वेदकहते हैं न इति।
    🎉 पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का ज्ञान जानना है तो चारों वेदों का सर भागवत लेना पड़ेगा। बिना भागवत ब्रह्मांड के कोई पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद का ज्ञान नहीं जान सकता।

  • @sarvandhull3114
    @sarvandhull3114 7 месяцев назад

    नमस्ते जी🙏 कैथल हरियाणा

  • @rampalsingh9106
    @rampalsingh9106 7 месяцев назад

    राम पाल सिंह आर्य समाज पिलानी