Enlightenment, या आत्मज्ञान, तक पहुँचने में अक्सर बाहरी बाधाएँ नहीं बल्कि आंतरिक मानसिक अवरोध होते हैं। यहाँ दो महत्वपूर्ण चीजें हैं जो आपको Enlightenment के करीब जाने से रोक सकती हैं: 1. अहंकार (Ego): अहंकार वह अहसास है जो हमें दूसरों से अलग करता है। यह हमें यह मानने पर मजबूर करता है कि हम सबसे अलग हैं, खास हैं। परंतु आत्मज्ञान की यात्रा पर, अहंकार एक बड़ा अवरोध बन जाता है। आत्मज्ञान में यह समझ शामिल है कि हर चीज एक ही चेतना का हिस्सा है। जब तक हम अहंकार को नहीं छोड़ते, तब तक हम सच्चे ज्ञान और शांति को अनुभव नहीं कर सकते। 2. अज्ञान (Ignorance): अज्ञान का मतलब है सच्चे स्वभाव या वास्तविकता से अनजान होना। हम अक्सर बाहरी भौतिक चीजों, इच्छाओं, और सामाजिक पहचान में उलझे रहते हैं और यह नहीं समझ पाते कि सच्चा आनंद और शांति अंदर से आती है। वास्तविकता को न जानना, और मोह-माया में उलझे रहना हमें आत्मज्ञान के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ने देता। ज्ञान, ध्यान और आत्म-अवलोकन से ही हम इस अज्ञान को दूर कर सकते हैं। इन दोनों को समझने और छोड़ने से, व्यक्ति Enlightenment के करीब पहुँच सकता है और आत्मिक शांति का अनुभव कर सकता है।
Freedom from the known kya hota hy? Itana kitabe itana knowledge kis liye ikttha kr rahe hy? Kya chhodne ke liye buri aur bakwas bate agr dimag se delete ho jati hy to koi baat bt achi baate knowledge ki baate guruo ki baate kya oose b chhodna jaruri hy. Ye prasana mere mind me kafi dino se tha hy
Thank you sir for sharing this video.
Enlightenment, या आत्मज्ञान, तक पहुँचने में अक्सर बाहरी बाधाएँ नहीं बल्कि आंतरिक मानसिक अवरोध होते हैं। यहाँ दो महत्वपूर्ण चीजें हैं जो आपको Enlightenment के करीब जाने से रोक सकती हैं:
1. अहंकार (Ego): अहंकार वह अहसास है जो हमें दूसरों से अलग करता है। यह हमें यह मानने पर मजबूर करता है कि हम सबसे अलग हैं, खास हैं। परंतु आत्मज्ञान की यात्रा पर, अहंकार एक बड़ा अवरोध बन जाता है। आत्मज्ञान में यह समझ शामिल है कि हर चीज एक ही चेतना का हिस्सा है। जब तक हम अहंकार को नहीं छोड़ते, तब तक हम सच्चे ज्ञान और शांति को अनुभव नहीं कर सकते।
2. अज्ञान (Ignorance): अज्ञान का मतलब है सच्चे स्वभाव या वास्तविकता से अनजान होना। हम अक्सर बाहरी भौतिक चीजों, इच्छाओं, और सामाजिक पहचान में उलझे रहते हैं और यह नहीं समझ पाते कि सच्चा आनंद और शांति अंदर से आती है। वास्तविकता को न जानना, और मोह-माया में उलझे रहना हमें आत्मज्ञान के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ने देता। ज्ञान, ध्यान और आत्म-अवलोकन से ही हम इस अज्ञान को दूर कर सकते हैं।
इन दोनों को समझने और छोड़ने से, व्यक्ति Enlightenment के करीब पहुँच सकता है और आत्मिक शांति का अनुभव कर सकता है।
Thanks..❤
Thank you sir, for such an insightful video 🙏
Wonderful,. thank you so much
So informative sir, perfectly explained.. thank you so much Sir!
This is very important subject for me 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Thank you sir 🙏
Seek freedom from repression
Thank you, sir ❤
19:50
Gratitude sir.
Meri consciousness bhi bikhar rahi hai.. i am not in control of my train of thoughts. I needed answer to my questions.
Illusionary idea of happiness is a true situation
🌹🙏🙏🌹
What is the name of the book that you are reading?
I am that
Acharya praashant shi boltey hai
🙏🙏🙏
Freedom from the known kya hota hy? Itana kitabe itana knowledge kis liye ikttha kr rahe hy? Kya chhodne ke liye buri aur bakwas bate agr dimag se delete ho jati hy to koi baat bt achi baate knowledge ki baate guruo ki baate kya oose b chhodna jaruri hy. Ye prasana mere mind me kafi dino se tha hy
🙏💯🤍
Sir simple bat hai hum insan kise eik insaan sath pore zindagi nahi guzar sakty . Chahy male ho ya female , shadi neuter ki khilaf jana hai
Thanks sir ji 🙏