हस के उठे वि हस के माता, जा चंदन पर थार भवानी, नींबू जटा, जटा पर नारियर, आस पास नारियर के बाड़ी, केकती केवड़ा सदा सरवर, सरवर देखत हंस विराजे, हंस म दाई के पहुना साजे, पहुना ऊपर दाई विराजे, दाई के संग मा भैरव साजे, भैरव संग लंगूर विराजे, अन्नस मन्नस कुंज निवारे, धर्म ध्वजा लहराए.... लहराए ओ मैया, सेवा में बाग लगाए हो मां... सेवा में बाग लगाए... लगाए हो मैया, सेवा में बाग लगाए हो मां।
हस के उठे वि हस के माता जा चंदन पर थार भवानी, नींबू जटा, जटा पर नारियर, आस पास नारियर के बाड़ी, केकती केवड़ा सदा सरवर , सरवर देखत हंस विराजे, हंस म दाई के पहुना साजे, पहुना ऊपर दाई विराजे, दाई के संग मा भैरव साजे, भैरव संग लंगूर विराजे, अन्नस मन्नस कुंज निवारे, धर्म ध्वजा लहराए.... लहराए ओ मैया, सेवा में बाग लगाए हो मां ... सेवा में बाग लगाए... लगाए हो मैया, सेवा में बाग लगाए हो मां। हा जब इंद्र लोक ले उतरे लंगुरवा, खैरा घोड़ा भैये सांवरिया, हाथ चंदन तोर पांव खड़ऊवा, गंगा जमुना खड़ा पखारे, सवा हाथ धरती तोरे पाटे, उठे गुलेलवा हाथ कमनिया, रहीई खायें कुंजनिवारे, कारी बदन तोरे भय महामाई, पान खाते मुख लाल भवानी जिभिया हा तोरे ललियारे ललियाये हो मईया, सेवा में बाग लगाए हो मां | जब कोख नगर ले उतरे भवानी सोंन सिंहासन भवर पालकि छत्तीसगड ले जाके आये एक लाख देवता सेवा गए ताल बजे महूर बाजे झांझ बाजे मंजीरा बाजे दानव मारे असुर सहारे जहाँ भुय्या पर तै तो ठहरे जाहन पड़ गे आठ सैकड़ा जहां निरंजन ते तो खेले चार कूट में छत्र तने हैं शासन अपन चलाएं... चलाएं ओ मैया सेवा में बाग लगाए हो मां जब लोपुर ले ते उतरे लोहांजर मांग भर सिंदूर नयन में काजर हाथ में संकर वेद बतावे कौरव पांडव बात सुनावे नव दस पालकी लिए सजाए बाएं उंगली तोर उठे भवानी खड्ग चाड खप्पर में डारे कोटि कोटि मुख तब उड़ जावे जपे पुजारी पूजा पावे घोरि घोरि चंदन महल लिपाये सर्प सोन के कलश मढ़ाए ( सिंहासन आए) दाई टोला उमा बुलाए भैरव तोरी पालकी सजाए लंगूरे हल्दिया न लगाए लगाए हो मईया सेवा में बाग लगाए हो मा जब गढ़ाई कुलछले उतरे लंगूरवा डम डम डम डम बजे डमरूवा कारिया घोड़ा भए सांवरिया पांव में पायल हाथ खड़गवा गंगा तीर मा खड़ा पखारे तै हर तो रणजीत कहाये बात चिन्ह| चिन्ह तै ह चिन्हये चार कूट में धुनही गड़ाए देवता आए मंगल गए ऋषि मुनि सब यज्ञ कराए ब्रह्मा आए वेद उच्चारे विष्णु आए शंख बजाए सदाशिव तोर धुनी रमाए क्षमा धर तोर दिया जराये मदन जस तोर गाये ह गाये हो मईया सेवा में बाग लगाए हो मां न सेवा बल बुद्धि पराक्रम नहीं अति बल मति मोह जग तारन जग रक्षा कारण सब विधि होय सहाय सहाय हो मईया सेवा में बाग लगाए हो मां सब सेवक मिल अरज करत है जय जय बोल तुम्हारे मोर माता री भीख भगति मईया भीख भगति दे जग तारे मोरी माया मोरी माता हो
पहली बार जीवन में कोई ऐसा कोई बहन मिला है जिसको सुनकर मन अत्यधिक प्रसन्न हुआ है मैंने यह कल्पना भी नहीं की थी किए भजन मेरे मन को इतना भा जाएगा। जय माता दी जय माँ कालका का जय माँ काली जय माँ भद्रकाली
सेवा में बाग लगाए हो मैया सेवा में बाग लगाए हस के उठे विहस के माता जा चंदन पर थाड़ भवानी नींबू जटा , जटा पर नारियर आसपास नारियर के बाडी केकती केबड़ा सदा ना सरवर सरवर देखत हंस विराजे हंस में दाई के पहुना साजे पहुंना ऊपर दाई विराजे दाई के संग मा भैरव साजे भैरव संग लंगूर विराजे अन्नस मन्नस कुंज निवारे धर्म ध्वजा लहराए, लहराए हो मैया सेवा में बाग लगाए जब इंद्रलोक ले उतरे लंगूरवा खैरा घोड़ा भए सांवरिया हाथ चंदन तोर पांव खड़उवा गंगा जमना खड़ा पखारे सवा हाथ धरती तोरे पाटे उठे गुलेलवा हाथ कमनिया रहीई खाए कुंज निवारे कारी बदन तोरे भय महामाई पान खात मुख लाल भवानी जीभिया हा तोरे ललियाए ललियाये हो मैया सेवा में बाग लगाए जब कोट नगर ले उतरे भवानी सोन सिंहासन भंवर पालकी छत्तीसगढ़ ले जाके आए लख लख देवता सेवा गाए ताल बजे महुर बाजे झांझ बजे मंजीरा बाजे दानव मारे असुर संहारे जहां भुइया पर ते तो ठहरे जाहन पड़ गे आठ सैकड़ा जहां निरंजन ते तो खेले चार कूट में छत्र तने हैं शासन अपन चलाए चलाए हो मैया सेवा में बाग लगाए जब लौपुर ले ते उतरे लोहांजर मांग सिंदूर नयन में काजर हाथ में शंकर वेद बतावे कौरव पांडव बात सुनावे नव दस पालकी लिए सजाए बाएं उंगली तोरे उठे भवानी खड्ग चाड़ खप्पर में डारे कोटि कोटि मुख तब उड़ जावे जपे पुजारी पूजा पावे घोरि घोरि चंदन महल लिपाए सर्प सोन के कलश मढ़ाए (सिंहासन आए ) भैरव तौरी पालकी सजाए लंगूरे हल्दिया ना लगाए लगाए हो मैया सेवा में बाग लगाए जब हिंगलाज ले उतरे लंगूरवा डम डम डम डम बजे डमरूवा कारिया घोड़ा भए सांवरिया पांव में पायल हाथ खड़गवा गंगा तीर म खड़ा पखारे ते हर तो रणजीत कहावे चार कूट में धुनही गड़ाए देवता आए मंगल गाए ऋषि मुनि सब यज्ञ कराए ब्रह्मा आए वेद उच्चारे विष्णु आए शंख बजाए सदाशिव तोहरी धूनी रमाए छमा धर तोर दिया जलाए दीपक जस तोर गाए हां गाए हो मैया सेवा में बाग लगाए ना सेवा बल बुद्धि पराक्रम नहीं अति बल मति मोह जग तारण जग रक्षा कारण सब विधि होय सहाय, सहाय हो मैया सेवा में बाग लगाए सब सेवक मिल अरज करत हैं जय जय बोल तुम्हारी मोरी माता भीख भगत दे भीख भगति दे हो मैया जग तारे मोरी माया मोरी माता हो सेवा में बाग लगाए। भीख भगत दे ......
हस के उठे वि हस के माता, जा चंदन पर थार भवानी, नींबू जटा, जटा पर नारियर, आस पास नारियर के बाड़ी, केकती केवड़ा सदा सरवर, सरवर देखत हंस विराजे, हंस म दाई के पहुना साजे, पहुना ऊपर दाई विराजे, दाई के संग मा भैरव साजे, भैरव संग लंगूर विराजे, अन्नस मन्नस कुंज निवारे, धर्म ध्वजा लहराए.... लहराए ओ मैया, सेवा में बाग लगाए हो मां... सेवा में बाग लगाए... लगाए हो मैया, सेवा में बाग लगाए हो मां।
Aap pura likha plesse
Wah yaar boss.bahut dhanyawad..is shabawali ko samjhane k liye🙏🙏
Waaaaaaah
आभार ❤@@satishchaudhary3772
❤
हस के उठे वि हस के माता
जा चंदन पर थार भवानी,
नींबू जटा, जटा पर नारियर,
आस पास नारियर के बाड़ी,
केकती केवड़ा सदा सरवर
, सरवर देखत हंस विराजे,
हंस म दाई के पहुना साजे,
पहुना ऊपर दाई विराजे,
दाई के संग मा भैरव साजे,
भैरव संग लंगूर विराजे,
अन्नस मन्नस कुंज निवारे,
धर्म ध्वजा लहराए.... लहराए ओ मैया,
सेवा में बाग लगाए हो मां ... सेवा में बाग लगाए... लगाए हो मैया, सेवा में बाग लगाए हो मां।
हा जब इंद्र लोक ले उतरे लंगुरवा,
खैरा घोड़ा भैये सांवरिया,
हाथ चंदन तोर पांव खड़ऊवा,
गंगा जमुना खड़ा पखारे,
सवा हाथ धरती तोरे पाटे,
उठे गुलेलवा हाथ कमनिया,
रहीई खायें कुंजनिवारे,
कारी बदन तोरे भय महामाई,
पान खाते मुख लाल भवानी
जिभिया हा तोरे ललियारे ललियाये हो मईया,
सेवा में बाग लगाए हो मां |
जब कोख नगर ले उतरे भवानी
सोंन सिंहासन भवर पालकि
छत्तीसगड ले जाके आये
एक लाख देवता सेवा गए
ताल बजे महूर बाजे
झांझ बाजे मंजीरा बाजे
दानव मारे असुर सहारे
जहाँ भुय्या पर तै तो ठहरे
जाहन पड़ गे आठ सैकड़ा
जहां निरंजन ते तो खेले
चार कूट में छत्र तने हैं
शासन अपन चलाएं... चलाएं ओ मैया
सेवा में बाग लगाए हो मां
जब लोपुर ले ते उतरे लोहांजर
मांग भर सिंदूर नयन में काजर
हाथ में संकर वेद बतावे
कौरव पांडव बात सुनावे
नव दस पालकी लिए सजाए
बाएं उंगली तोर उठे भवानी
खड्ग चाड खप्पर में डारे
कोटि कोटि मुख तब उड़ जावे
जपे पुजारी पूजा पावे
घोरि घोरि चंदन महल लिपाये
सर्प सोन के कलश मढ़ाए ( सिंहासन आए)
दाई टोला उमा बुलाए
भैरव तोरी पालकी सजाए
लंगूरे हल्दिया न लगाए लगाए हो मईया
सेवा में बाग लगाए हो मा
जब गढ़ाई कुलछले उतरे लंगूरवा
डम डम डम डम बजे डमरूवा
कारिया घोड़ा भए सांवरिया
पांव में पायल हाथ खड़गवा
गंगा तीर मा खड़ा पखारे
तै हर तो रणजीत कहाये
बात चिन्ह| चिन्ह तै ह चिन्हये
चार कूट में धुनही गड़ाए
देवता आए मंगल गए
ऋषि मुनि सब यज्ञ कराए
ब्रह्मा आए वेद उच्चारे
विष्णु आए शंख बजाए
सदाशिव तोर धुनी रमाए
क्षमा धर तोर दिया जराये
मदन जस तोर गाये ह गाये हो मईया
सेवा में बाग लगाए हो मां
न सेवा बल बुद्धि पराक्रम
नहीं अति बल मति मोह
जग तारन जग रक्षा कारण
सब विधि होय सहाय सहाय हो मईया
सेवा में बाग लगाए हो मां
सब सेवक मिल अरज करत है
जय जय बोल तुम्हारे मोर माता री
भीख भगति मईया भीख भगति दे
जग तारे मोरी माया मोरी माता हो
❤️❤️❤️❤️❤️
Bahut badhiya bhau❤
Bhot bhot bhot dhanyabad bhaiya ji 😊
❤
बहुत-बहुत sunder
पहली बार जीवन में कोई ऐसा कोई बहन मिला है जिसको सुनकर मन अत्यधिक प्रसन्न हुआ है मैंने यह कल्पना भी नहीं की थी किए भजन मेरे मन को इतना भा जाएगा।
जय माता दी जय माँ कालका का जय माँ काली जय माँ भद्रकाली
Mene reel me dekha ye geet bhut accha laga ❤❤❤❤jai bhawani
Bhai ye Bhajan sun le atma sarir se nikal kr nachti hai kon kon log sahemat hai like kare
सेवा में बाग लगाए हो मैया सेवा में बाग लगाए
हस के उठे विहस के माता
जा चंदन पर थाड़ भवानी
नींबू जटा , जटा पर नारियर
आसपास नारियर के बाडी
केकती केबड़ा सदा ना सरवर
सरवर देखत हंस विराजे
हंस में दाई के पहुना साजे
पहुंना ऊपर दाई विराजे
दाई के संग मा भैरव साजे
भैरव संग लंगूर विराजे
अन्नस मन्नस कुंज निवारे धर्म ध्वजा लहराए, लहराए हो मैया
सेवा में बाग लगाए
जब इंद्रलोक ले उतरे लंगूरवा
खैरा घोड़ा भए सांवरिया
हाथ चंदन तोर पांव खड़उवा
गंगा जमना खड़ा पखारे
सवा हाथ धरती तोरे पाटे
उठे गुलेलवा हाथ कमनिया
रहीई खाए कुंज निवारे
कारी बदन तोरे भय महामाई
पान खात मुख लाल भवानी
जीभिया हा तोरे ललियाए
ललियाये हो मैया
सेवा में बाग लगाए
जब कोट नगर ले उतरे भवानी
सोन सिंहासन भंवर पालकी
छत्तीसगढ़ ले जाके आए
लख लख देवता सेवा गाए
ताल बजे महुर बाजे
झांझ बजे मंजीरा बाजे
दानव मारे असुर संहारे
जहां भुइया पर ते तो ठहरे
जाहन पड़ गे आठ सैकड़ा
जहां निरंजन ते तो खेले
चार कूट में छत्र तने हैं
शासन अपन चलाए
चलाए हो मैया
सेवा में बाग लगाए
जब लौपुर ले ते उतरे लोहांजर
मांग सिंदूर नयन में काजर
हाथ में शंकर वेद बतावे
कौरव पांडव बात सुनावे
नव दस पालकी लिए सजाए
बाएं उंगली तोरे उठे भवानी
खड्ग चाड़ खप्पर में डारे
कोटि कोटि मुख तब उड़ जावे
जपे पुजारी पूजा पावे
घोरि घोरि चंदन महल लिपाए
सर्प सोन के कलश मढ़ाए
(सिंहासन आए )
भैरव तौरी पालकी सजाए
लंगूरे हल्दिया ना लगाए
लगाए हो मैया सेवा में बाग लगाए
जब हिंगलाज ले उतरे लंगूरवा
डम डम डम डम बजे डमरूवा
कारिया घोड़ा भए सांवरिया
पांव में पायल हाथ खड़गवा
गंगा तीर म खड़ा पखारे
ते हर तो रणजीत कहावे
चार कूट में धुनही गड़ाए
देवता आए मंगल गाए
ऋषि मुनि सब यज्ञ कराए
ब्रह्मा आए वेद उच्चारे
विष्णु आए शंख बजाए
सदाशिव तोहरी धूनी रमाए
छमा धर तोर दिया जलाए
दीपक जस तोर गाए हां गाए हो मैया
सेवा में बाग लगाए
ना सेवा बल बुद्धि पराक्रम
नहीं अति बल मति मोह
जग तारण जग रक्षा कारण
सब विधि होय सहाय, सहाय हो मैया
सेवा में बाग लगाए
सब सेवक मिल अरज करत हैं
जय जय बोल तुम्हारी मोरी माता
भीख भगत दे भीख भगति दे हो मैया
जग तारे मोरी माया मोरी माता हो सेवा में बाग लगाए।
भीख भगत दे ......
कीर्तन भजन इसे कहते हैं भक्ति में सराबोर मधुर आवाज 🙏🙏🙏🙏
Jai mata ji ❤
Aapne ise upload Kiya...aapko bahut bahut dhanyabad ❤
Yah gana Chhattisgarh me gaya gaya hai bahut sundar mahraj ji pranam ji
इस गीत का कोई wirriting अपलोड कीजिए प्लीज
I got my goosebumps... After listening this...
Bahut bahut hi sundar maharaj gi
Great flow and great voice and great bhakti, aadesh aadesh jai mata di
Jai Mata di guru ji ke charno me koti koti pranam 🙏🌺🙏
जय माता दी गुरु देव आनंद और भोर विभोर कर देते हो आप 🌹🌹
❤proud be छत्तीसगढ़िया
Bahut sundar Bhajan man nhi bharat raha hai man Kar raha hai sunte jaye
Bahot hi sundar mata rani ki Bhajan 🥳🥳
Ye gana jitni baar bhi sunta hu man nhi bharta
सेवा मे बाग़ लगाये ये हो मा ....❤
Veer ras ka geet 01 veer ka putra hi ga sakta jay ho maharaj ji jay devi ma
Gorakhpur Tak aa gaya hai bhai log iss bhajan ko saport karte raho
❤️❤️
Love for Barhalganj❤
आपके कंठ में मां सरस्वती विराजमान🎉 साथी साथी ही संगीतकार को भी धन्यवाद🎉🎉
Jai maa aadishakti har har mahadev Koti koti pranam bahut hi aacha jas git hai man aur aatma dono ko sukun milta hai dhanyavad maharaj ji
Jay Mata di 🙏🚩🙏🔱
जय माँ विंध्यवासिनी ❤
Jai mata di energetic bhajan
Aati adhbhut bhajan
जय माता दी ❤❤❤
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤जय माता दी
Jai mata di 😊
महराज श्री के चरण स्पर्श ❤❤♥️♥️🙏🙏🙏🙏♥️♥️
Ujjain aa gya hai❤
Maharashtra bhusawal tak pohach gaya hai bhai
जय मां धर्म की हानि बहुत हुई है, सब सही होगा राधे राधे
Jai Maa 🙏🪷🌹🚩🙏
Wah vahi moj kardi 😅😅😅😅❤🎉😂
Awesome ❤ Bhajan
जय माता दी❤❤❤❤❤
Dil se aapko ma ke darshan ho
3:06 yellow sari wali anty🤣🤣😌😌
Bahut sundar ❤
जादू हे गुरूवर आपके आवाज मे,,,
जय मां भवाणी ❤❤🙏🙏
Aadesh aadesh aadesh jai mata di
3.33 line miss hai
Jai mata di 🚩🌺🙏
Ye hai bhojpuri ❤❤❤
Jay mata ji❤❤❤
Jai mata g 🙏👌
गुरुदेव के चरणो मे प्रणाम
Jay mata di♥️🙏
Jay mata di❤❤❤
Jai maata di
Jai mata di 🙏🙏
प्रतापगढ़ मै बहुत पसंद है
Pernaam Gurudev
Subah se 100 bar se adhik sun cheka reel par dhudhte hue yaha aaya❤❤
Jay mata di 🙏🙏🥰
Guru ji se katha karne ke liye kaise samprak kare
Radhe radhe Guru ji
Jay ho Dai
Jagdamba ❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉
Jay maa
Jai maa Kali
Jai mata di
Jai maa Bhavani
2025 माँ काली का जय हो
Jai mata rani
Jai avdhi jai bhavani
जय काली मैया
Aapke karykram kaha par hai bataihe
❤❤❤❤❤❤❤❤
Palagu mharaj ❤❤❤
❤
Maa❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉
❤❤maa ke laal ,, bahut pyara geet
🙏🙏🙏
Pachra humaray up bihar kay khaas krkay gaanv may gaya jata hai ye sb
Please likha huaa bhej sakte hai guru ji
Iska pura lyrics
🎉🎉🎉
Kya yah Hindi bhasha me hai
Ha
Ha
Nhi ye Chhattisgarhi bhasha me hi
@PinkiRajak-kd2fi thanks 👍
नहीं ग यें हर हमर छत्तीसगढ़ी भाखा हरे😊
Yish se zyada achha kux nhi yo yo ki gane vi
❤❤❤❤❤❤ जए माता दी
I want lyrics
Sunte he Jos a jata hai
Full sound
Ha
ruclips.net/user/shortshZK9MChiEbk?si=wetWwpBYsRd2SMSY
Jay mata Di 🌺🙏🙏🚩
Jagdamba❤❤❤❤😮😮😮😢😢😢
Jai maa bhawani