भागलपुर छोड़ो आन्दोलन की अवधि में जयप्रकाश नारायण के द्वारा आजाद दस्ता के गठन के आह्वान पर तिलकपुर भागलपुर के निवासी सियाराम सिंह के नेतृत्व में सियाराम दल का गठन हुआ, जो ¨हिसा में विश्वास रखता था।
सियाराम सिंह के नेतृत्व में सियाराम दल का गठन किया गया था। सियाराम सिंह सुल्तानगंज के तिलकपुर गांव के रहने वाले थे नित्य सिंह सेना से इस्तीफा देकर आए थे। इसका कार्य गुप्त क्रांतिकारी आंदोलन में भाग लेना और अंग्रेजों के विरुद्ध गोरिला युद्ध तथा छापामार युद्ध करना। विंदेश्वरी सिंह इस दल के प्रमुख निशानेबाज थे, भुभनेश्वर ठाकुर अस्त्र शस्त्र जुटाने का कार्य करते थे। तिलकपुर में सियाराम सिंह का प्रतिमा बना है। थैंक्स सर nice session।
bhagalpur .....traditional silk or cotton k kpdo k liye famous h .....yha vibrant rang & traditional desine b hote hain...Or ye 1930 ki iski history h❤
सियाराम दल की स्थापना भागलपुर में 1930 के दशक में हुई थी। यह एक सामाजिक और धार्मिक संगठन था जिसका उद्देश्य दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना था। सियाराम दल की स्थापना भागलपुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता और दलित नेता बाबू जगजीवन राम द्वारा की गई थी। जगजीवन राम ने दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम किया और उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए। सियाराम दल के मुख्य उद्देश्य थे: 1. दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के अधिकारों की रक्षा करना। 2. उनके सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना। 3. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देना। 4. सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देना। सियाराम दल ने भागलपुर में कई कार्यक्रम चलाए, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं: 1. शिक्षा कार्यक्रम: सियाराम दल ने दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के लिए शिक्षा कार्यक्रम चलाए। 2. स्वास्थ्य सेवाएं: सियाराम दल ने दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की। 3. आर्थिक सहायता: सियाराम दल ने दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान की। 4. सामाजिक न्याय: सियाराम दल ने दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम किया। सियाराम दल की स्थापना भागलपुर में एक महत्वपूर्ण कदम था जिसने दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम किया और उनके सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया। Thank you so much guru ji 🙏
महादेव लाल सर्राफ़ साल 1930 में भागलपुर में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व महादेव लाल सर्राफ़ ने किया था. वे गांधी जी के विचारों से प्रभावित थे. रास बिहारी लाल रास बिहारी लाल असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, और बिहपुर सत्याग्रह में सक्रिय रहे. राजेंद्र प्रसाद राजेंद्र प्रसाद की अगुवाई में बिहपुर आंदोलनकारियों का केंद्र बना था. बिहपुर में नमक सत्याग्रह के दौरान पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया था. सियाराम सिंह चौधरी सियाराम सिंह चौधरी भागलपुर जिला कांग्रेस के कमेटी के अध्यक्ष चुने गए थे. वे अगस्त क्रांति में शामिल थे.
Very nice session gurudev 🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️
भागलपुर छोड़ो आन्दोलन की अवधि में जयप्रकाश नारायण के द्वारा आजाद दस्ता के गठन के आह्वान पर तिलकपुर भागलपुर के निवासी सियाराम सिंह के नेतृत्व में सियाराम दल का गठन हुआ, जो ¨हिसा में विश्वास रखता था।
Very good session sir ❤❤❤❤
Yes sir 30th day revision please sir
Yes sir
After history please start guru jee Bihar geography
सियाराम सिंह के नेतृत्व में सियाराम दल का गठन किया गया था। सियाराम सिंह सुल्तानगंज के तिलकपुर गांव के रहने वाले थे नित्य सिंह सेना से इस्तीफा देकर आए थे।
इसका कार्य गुप्त क्रांतिकारी आंदोलन में भाग लेना और अंग्रेजों के विरुद्ध गोरिला युद्ध तथा छापामार युद्ध करना।
विंदेश्वरी सिंह इस दल के प्रमुख निशानेबाज थे, भुभनेश्वर ठाकुर अस्त्र शस्त्र जुटाने का कार्य करते थे।
तिलकपुर में सियाराम सिंह का प्रतिमा बना है। थैंक्स सर nice session।
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Nice sir 🙏🙏👍❤️
Thanks!
सियाराम दल की स्थापना भागलपुर में 1930 के दशक में हुई थी। यह एक सामाजिक और धार्मिक संगठन था जिसका उद्देश्य दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना था।
सियाराम दल की स्थापना भागलपुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता और दलित नेता बाबू जगजीवन राम द्वारा की गई थी। जगजीवन राम ने दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम किया और उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए।
सियाराम दल के मुख्य उद्देश्य थे:
1. दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के अधिकारों की रक्षा करना।
2. उनके सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
3. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देना।
4. सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देना।
सियाराम दल ने भागलपुर में कई कार्यक्रम चलाए, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
1. शिक्षा कार्यक्रम: सियाराम दल ने दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के लिए शिक्षा कार्यक्रम चलाए।
2. स्वास्थ्य सेवाएं: सियाराम दल ने दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की।
3. आर्थिक सहायता: सियाराम दल ने दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान की।
4. सामाजिक न्याय: सियाराम दल ने दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम किया।
सियाराम दल की स्थापना भागलपुर में एक महत्वपूर्ण कदम था जिसने दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम किया और उनके सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया।
Thank you so much guru ji 🙏
महादेव लाल सर्राफ़
साल 1930 में भागलपुर में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व महादेव लाल सर्राफ़ ने किया था. वे गांधी जी के विचारों से प्रभावित थे.
रास बिहारी लाल
रास बिहारी लाल असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, और बिहपुर सत्याग्रह में सक्रिय रहे.
राजेंद्र प्रसाद
राजेंद्र प्रसाद की अगुवाई में बिहपुर आंदोलनकारियों का केंद्र बना था. बिहपुर में नमक सत्याग्रह के दौरान पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया था.
सियाराम सिंह चौधरी
सियाराम सिंह चौधरी भागलपुर जिला कांग्रेस के कमेटी के अध्यक्ष चुने गए थे. वे अगस्त क्रांति में शामिल थे.
भागलपुर छोड़ो आन्दोलन की अवधि में ,भागलपुर के निवासी सियाराम सिंह के नेतृत्व में सियाराम दल का गठन हुआ, जो हिंसा में विश्वास रखते थे
Jay Ram das daulat ram
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